छ्पी-अनछ्पी: सिटी-सेंटर के हिसाब से नीट रिज़ल्ट अपलोड होगा, बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन-25 मरे

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। नीट यूजी पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि इसका रिजल्ट सिटी और सेंटर के हिसाब से शनिवार तक अपलोड किया जाए। बांग्लादेश में रिजर्वेशन के खिलाफ आंदोलन हिंसक होने के कारण इसमें 25 लोगों की मौत हो गई। यूपी के गोंडा में चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस की दुर्घटना में तीन लोगों की मौत हो गई।

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एनटीए को 20 जुलाई दोपहर 12 बजे तक नीट-यूजी 2024 के परिणाम केंद्रवार और शहरवार वेबसाइट पर घोषित करने के निर्देश दिए। हालांकि, शीर्ष अदालत ने छात्रों की पहचान गुप्त रखने को भी कहा। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने यह आदेश नीट पेपर लीक सहित अन्य अनियमितता के आरोपों के आधार पर परिणाम रद्द करने और नए सिरे से परीक्षा आयोजित करने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया। शीर्ष अदालत ने कहा, ऐसा प्रतीत होता है कि पेपर लीक पटना और हजारीबाग तक ही सीमित था।

सरकार का विरोध

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्रवार परिणाम घोषित करने के आदेश पर आपत्ति दर्ज कराई। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि ‘पटना और हजारीबाग केंद्रों में पेपर लीक होने की बात स्वीकार की गई है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि लीक उन्हीं केंद्रों तक सीमित है, परिणामों के संपूर्ण डेटा का विश्लेषण बहुत जरूरी था। इस पर मेहता ने कहा कि इससे छात्रों की निजता के उल्लंघन का खतरा है तो पीठ ने कहा कि पहचान छिपाने के लिए डमी रोल नंबर आवंटित किए जा सकते हैं।

बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन, 25 मरे

प्रभात खबर के अनुसार बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के विरोध में चार दिनों से जारी प्रदर्शन गुरुवार को हिंसक हो गया। देशव्यापी आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारी छात्रों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प में 25 और लोगों की मौत हो गई जबकि 2500 से अधिक छात्र घायल हो गए। मृतकों में से अधिकतर छात्र हैं। प्रदर्शन कार्यो ने गुरुवार को ढाका के रामपुर इलाके में स्थित सरकारी चैनल बीटीवी के दफ्तर में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। इसके अलावा दफ्तर के बाहर खड़े दर्जनों वाहनों को आज के हवाले कर दिया। बांग्लादेश में इस समय सरकारी नौकरी में 56% आरक्षण है जबकि छात्रों की मांग है कि इसे 10% किया जाए। इस आरक्षण में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के नायकों की संतानों के लिए 30% का आरक्षण शामिल है।

गोंडा के ट्रेन हादसे में तीन की मौत

हिन्दुस्तान के अनुसार चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस (15904) यूपी के गोंडा जिले में गुरुवार को पटरी से उतर गई। हाद?से में तीन लोगों की मौत हो गई और 48 घायल हैं। मृतकों में अररिया के सरोज कुमार सिंह (31) और बरेली के राहुल शामिल हैं। जबकि, तीसरे की शिनाख्त होनी अभी बाकी है। सरोज कुमार सिंह अररिया में पहुंसी कौड़ी के वार्ड नंबर नौ के निवासी थे। दुर्घटना में तीन एसी कोच समेत 15 बोगियां पटरी से उतरीं। इनमें से तीन पलट भी गईं। ज्यादातर घायल यात्री एसी कोच के बताए गए हैं। दो यात्रियों के पैर भी काटने पड़े हैं।

सेप्टिक टैंक में दम घुटने से चार की म

जागरण की खबर है कि पूर्वी चंपारण के ढाका थाना क्षेत्र के एक गांव में गुरुवार की दोपहर करीब 1:00 बजे नो निर्मित शौचालय की टंकी साफ करने गए चार मजदूरों की दम घुटने से मौत हो गई। मरने वालों में देवेंद्र यादव, वसी अंसारी, हसनैन अंसारी और अबू बकर शामिल थे। दूसरे अखबारों ने लिखा है कि टैंक की शटरिंग खोलने के दौरान एक-एक कर चार लोगों की मौत हुई। घटना के बाद ढाका रेफरल अस्पताल पहुंचे बेहोश मजदूरों को इलाज नहीं मिलने के कारण लोगों ने जमकर हंगामा किया और तोड़फोड़ की। दो घंटे तक सड़क जाम राखी। ग्रामीणों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया उनका कहना था कि अस्पताल में डॉक्टर थे, नहीं एंबुलेंस का चालक। ऑक्सीजन भी खत्म था।।

बिहार पुलिस का दावा, आधी हुई हत्या की दर

जागरण की खबर है कि बिहार पुलिस मुख्यालय ने दावा किया है कि राज्य में हत्या की घटनाओं में लगातार कमी आई है। पिछले 24 सालों में हत्या की दर आधी हो गई है। जो हत्याएं हो भी रही हैं उनमें 71% का कारण बेहद निजी हैं। एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने गुरुवार को प्रेस वार्ता में बताया कि वर्ष 2001 में प्रति लाख आबादी पर राज्य में हत्या की दर 4.4 थी जो अब घटकर 2.2 हो गई है। हालांकि कुल संख्या के लिहाज से ऐसी बात नहीं है। 2001 में बिहार में 3619 हत्याएं हुई थी जबकि 2023 में 2844।

कुछ और सुर्खियां

  • विंडशील्ड पर फास्ट टैग नहीं लगा तो दुगना देना पड़ेगा टोल टैक्स
  • क्रिकेट हार्दिक पांड्या ने नताशा से तलाक का एलान किया, चार साल चली शादी
  • सूर्या कुमार यादव बने भारतीय टी 20 क्रिकेट टीम के कप्तान
  • किशनगंज के बहादुरगंज प्रखंड में पुल का पाया धंसा, भारी वाहनों का आवागमन बंद
  • गेमिंग ऐप से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में पटना और बिहारशरीफ में ईडी का छापा
  • गया के डोभी में ताजिया जुलूस देखने हंटरगंज जा रहे हैं तीन युवकों की सड़क हादसे में मौत

अनछपी: बांग्लादेश में इस समय आरक्षण के मुद्दे पर जो गुस्सा पाया जाता है वह दरअसल केवल नौकरियों का मामला नहीं बल्कि प्रधानमंत्री शेख हसीना की लंबी तानाशाही के खिलाफ आम लोगों और छात्रों का गुस्सा उजागर करता है। शेख हसीना ने विपक्ष को सर उठाने का मौका नहीं दिया है और इस कारण लोगों का दबा गुस्सा पूरी तरह बाहर आ रहा है। विपक्ष को पूरी तरह दबाकर एक तरफा चुनाव में प्रधानमंत्री बनने वाली शेख हसीना को अंतरराष्ट्रीय आलोचना का आविष्कार होना पड़ा है लेकिन उन्होंने अपनी हठधर्मी नहीं छोड़ी है। इधर भारत सरकार ने बांग्लादेश में पढ़ रहे हैं अपने छात्रों को एडवाइजरी जारी कर कहा है कि वह सतर्कता भरते हैं और बिना जरूर बाहर न निकले हैं। शेख हसीना पर एक बड़ा आरोप यह है कि उन्होंने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को अदालत की मदद से या तो जेल में डाले रखा है या फांसी के फंदे पर चढ़ा दिया है। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस आंदोलन के बाद देश के नाम अपने संदेश प्रसारित किया लेकिन बताया जाता है कि इसके बाद आंदोलनकारी छात्र और भड़क उठे हैं। आंदोलनकारी छात्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री एक और तो छात्रों से शांति और संयम बरतने को कह रहे हैं लेकिन दूसरी और पुलिस उनके साथ ज़्यादती कर रही है। शेख हसीना की हर धर्मी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बुधवार को उनके भाषण में आंदोलनकारी के साथ बातचीत का कोई उल्लेख नहीं था। प्रधानमंत्री शेख हसीना शायद यह समझ रही हैं कि जिस तरह उन्होंने अब तक विपक्ष को बल प्रयोग से दबाए रखा है, उसी तरह छात्रों के आंदोलन को भी बल प्रयोग से दबा देंगी। स्थिति यह है कि बांग्लादेश सरकार को इंटरनेट बंद करना पड़ा है और रेल सेवा भी बंद पड़ी है। दूसरी ओर आंदोलनकारियों का कहना है कि इस पूरी स्थिति के लिए सरकार जिम्मेदार है जिसने बातचीत की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी है। सच्चाई यह है कि शेख हसीना के हाथ खून से सने हुए हैं और उनके लिए भलाई की बात यही होगी कि वह जल्द से जल्द अपने हठधर्मी रवैए कुछ छोड़कर सब से बात करें और बांग्लादेश को अशांत होने से बचाएं।

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