नीतीश की पाती जनता के नाम: अब बिहारी कहलाना अपमान नहीं
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य की जनता के नाम खुला पत्र लिखा है। उन्होंने सेवा का मौका देने के लिए राज्य की जनता को धन्यवाद दिया है और अपने भावी सपने साझा किए हैं। लिखा है कि जनता के आशीर्वाद से वह राज्य को और ऊंचाइयों पर ले जाएंगे, स्वावलंबी बनाएंगे और सात निष्चय पार्ट 2 के संकल्पों को लागू करेंगे। उन्होंने राज्य की जनता को सेवा का मौका देने के लिए धन्यवाद भी दिया है।
मुख्यमंत्री ने लिखा है…
वर्ष 2005 से मुझे बिहार की सेवा करने का मौका दिया। हमलोगों ने समाज में अमन-चैन और भाईचारे का वातावरण बनाया, डर का माहौल खत्म हुआ और सभी क्षेत्रों में विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ।
हमने शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया है। छात्र-छात्राओं को साइकिल, पोशाक, छात्रवृत्ति दी गई। अस्पतालों में इलाज की बेहतर व्यवस्था की गई। हजारों सड़कों और पुलों का निर्माण किया गया, जिससे 6 घंटे में राज्य के सबसे दूरस्थ इलाकों से भी पटना पहुंचना संभव हो सका। विकसित बिहार के 7 निश्चयों के तहत हर घर में बिजली पहंुचा दिया। हर घर में शौचालय का काम, हर टोले तक संपर्कता का काम लगभग पूर्ण है। 83 प्रतिशत घरों में पीने का पानी और अधिकांश घरों तक पक्की गली नालियां बन गई हैं। लक्ष्य लगभग पूरा हुआ है, बचे हुए कार्य भी शीघ्र पूर्ण होंगे। पंचायती राज संस्थाओं तथा नगर निकायों में 50 प्रतिशत आरक्षण के अलावा महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। 10 लाख से अधिक जीविका समूहों के माध्यम से 1 करोड़ 20 लाख महिलाओं को जोड़ा गया। इससे उनमें चेतना आई। काम तो हमने हर समुदाय और समाज के सभी वर्गों के लिए किया। खासकर महिला, अनुसूचित जाति-जनजाति, अति पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यकों को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए कई कल्याणकारी कार्यक्रम चलाए गए हैं। किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चलाई गई है। पूर्ण शराबबंदी लागू की गई। शराबबंदी के लिए तथा बाल विवाह, दहेज प्रथा के विरूद्ध सामाजिक अभियान चलाया गया है।
लोक शिकायत निवारण कानून के उपयोग से लोगों की समस्याओं का समाधान हो रहा है। जल जीवन हरियाली अभियान के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के खतरों से निपटने के लिए काम हो रहा है। कोविड महामहारी के काल में लोगों को राहत पहंुचाने, जांच एवं चिकित्सा व्यवस्था के लिए हमने लगभग 10 हजार करोड़ रूपए से अधिक की राशि खर्च की है। हमें अभी भी सजग और सचेत रहने की जरूरत है। आपदा प्रबंधन में हमारे पहले कोई खास काम नहीं होता था, हमने ही लोगों को राहत पहुंचाना शुरू किया। हम जमीन पर काम करने में यकीन करते हैं, प्रचार में नहीं।
यदि हमें अगली बार सेवा का मौका मिलता है तो हम 7 निश्चय के द्वितीय चरण को लागू करेंगे। इन निश्चयों में युवा शक्ति को हुनरमंद बनाने, महिलाओं को सक्षम एवं स्वावलंबी बनाने, हर खेत तक सिंचाई का पानी पहंुचाने, स्वच्छ एवं समृद्ध गांव तथा शहर बनाने, महत्वपूर्ण स्थानों तक सुलभ संपकर्ता पहुंचाने के साथ-साथ मनुष्यों एवं पशुओं के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने का संकल्प है।
अब बिहारी कहलाना अपमान नहीं, बल्कि गर्व का विषय है। हमने जो काम किया, वह सब आपके सामने है। लोगों की सेवा करना ही हमारा धर्म है। मुझे विश्वास है कि आपके सहयोग और आशीर्वाद से आनेवाले दिनों में हम राज्य को विकास की और ऊंचाइयों तक पहुंचाते हुए सक्षम एवं स्वावलंबी बिहार बनाएंगे।
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