छ्पी-अनछपी: शिंदे लगे किनारे-फडणवीस फिर सीएम, यूजी-पीजी में साल में दो बार एडमिशन की व्यवस्था

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की शिवसेना को तोड़कर मुख्यमंत्री बने एकनाथ शिंदे आखिरकार किनारे लगा दिए गए और महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के तौर पर देवेंद्र फडणवीस ने शपथ ले ली। भारत में अब अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स में साल में दो बार एडमिशन लेने की व्यवस्था की जा रही है। अररिया में पैक्स चुनाव के विजय जुलूस पर विरोधियों ने ट्रैक्टर चढ़ा दिया जिसमें एक बच्चे की मौत हो गई। औरंगाबाद में दो मरीजों को अस्पताल से फेंकने के मामले में डिप्टी सुपरिंटेंडेंट और हॉस्पिटल मैनेजर समेत 7 लोगों पर केस दर्ज किया गया है। दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ हटाए जाने के बाद भी सियासी संकट जारी है।

यह हैं आज के अखबारों की अहम खबरें।

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आने के 12 दिन बाद निवर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे किनारे लगा दिए गए और उन्हें ना नुकर के बाद भी उपमुख्यमंत्री बनना पड़ा। शपथ ग्रहण समारोह में बैठने की व्यवस्था में उन्हें मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफी बाद जगह मिली। प्रभात खबर के अनुसार देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। पिछली सरकार में वह उपमुख्यमंत्री थे और एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री थे। एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के दूसरे ऐसे नेता बन गए हैं जिन्होंने मुख्यमंत्री बनने के बाद उपमुख्यमंत्री की शपथ ली है। शरद पवार की पार्टी को तोड़कर अलग हुए अजित पवार ने भी उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। मुंबई के आजाद मैदान में हुए शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, नितिन गडकरी के अलावा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू समेत एनडीए शासित 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री शामिल हुए। उद्योगपति मुकेश अंबानी और कुमार मंगलम बिड़ला तथा अभिनेता शाहरुख खान, सलमान खान और क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर भी समझ में शामिल हुए।

ग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट कोर्स में साल में दो बार एडमिशन

हिन्दुस्तान के अनुसार विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने गुरुवार को विवि और कॉलेजों में साल में दो बार दाखिले सहित कुछ अन्य बदलाव को लेकर गाइडलाइन जारी की। इसमें स्नातक और स्नातकोत्तर कोर्स में व्यापक सुधारों और एक साथ दो डिग्री लेने की व्यवस्था की गई है। यूजी और पीजी के लिए पात्रता को बदल दिया गया है। छात्र अपनी पिछली योग्यता से इतर किसी भी कार्यक्रम का चयन कर सकते हैं। वे वर्ष में दो बार नामांकन कर सकेंगे। यूजीसी ने ‘ग्रेजुएट डिग्री और पोस्टग्रेजुएट डिग्री रेगुलेशन, 2024’ के तहत यह गाइडलाइन तैयार की है। इसमें छात्रों के योग्यता मापदंड और क्रेडिट की न्यूनतम आवश्यकता को आसान बनाया गया है। आयोग ने इस पर लोगों से 23 दिसंबर तक प्रतिक्रिया मांगी है।

अररिया में विजय जुलूस पर ट्रैक्टर चढ़ाया

प्रभात खबर के अनुसार एरिया के भरगामा थाना क्षेत्र की खुटहा बैजनाथपुर पंचायत के तोन्हा गांव में पैक्स चुनाव में जीत के बाद निकाले गए जुलूस पर विरोधियों ने ट्रैक्टर चला दिया। इससे एक बच्चे की मौत हो गई और आठ लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना बुधवार रात 2:00 बजे के आसपास की बताई गई है। घटना की सूचना पर भरगामा के थाना अध्यक्ष राकेश कुमार के नेतृत्व में पहुंची पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार किया। पैक्स अध्यक्ष का चुनाव जीतने वाले जयप्रकाश महतो अपने समर्थकों के साथ विजय जुलूस लेकर लौट रहे थे। इसी दौरान मनीष कुमार मेहता ने लाइट बंद कर तेज रफ्तार से ट्रैक्टर को दौड़ा दिया। इससे पैक्स अध्यक्ष के भतीजे की कुचलने से घटनास्थल पर ही मौत हो गई। ट्रैक्टर के अगले चक्के में बाइक के फंसने से ट्रैक्टर रुक गया वरना और लोगों की जान जा सकती थी।

मरीजों को अस्पताल से फेंकने के मामले में केस

भास्कर के अनुसार औरंगाबाद के सदर अस्पताल में भर्ती दो अज्ञात मरीजों को एंबुलेंस में ले जाकर फेंके जाने के मामले में डिप्टी सुपरिंटेंडेंट और हॉस्पिटल मैनेजर समेत साथ कर्मियों को दोषी पाया गया है। जांच कमेटी द्वारा रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद दोषी कर्मियों के विरुद्ध बारूण थाने में प्राथमिक ही दर्ज की गई है। इसमें अस्पताल उपाधीक्षक डॉक्टर कुमार आशुतोष सिंह, हॉस्पिटल मैनेजर हेमंत राजन और अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। जिन दो मरीजों की लाश अलग-अलग जगह फेंकी गई थी वह स्वास्थ्य विभाग की चादर में लिपटी थी। ग्रामीणों द्वारा पुलिस को यह बताया गया कि मरीजों को एंबुलेंस से फेंका गया है। इस बारे में पुलिस ने जब अस्पताल प्रबंधन से पूछताछ की तो बताया गया कि दोनों मरीजों को अस्पताल से रेफर किया गया है लेकिन इससे संबंधित कागजात की मांग की गई तो कोई कागजात नहीं दिखाए गए। पुलिस ने जब अस्पताल कर्मचारियों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि उपाधीक्षक ने उन्हें आदेश दिया था कि दोनों मरीज मानसिक रूप से बीमार हैं, इसलिए उन्हें उठाकर कहीं बाहर फेंक दें। प्रबंधक के कहने पर सुपरवाइजर शैलेश कुमार मिश्रा ने स्ट्रेचर मैन और एंबुलेंस चालक को बुलाकर दोनों मरीजों को फेंक दिया। बाद में दोनों की मौत हो गई।

दक्षिण कोरिया में सियासी संकट

हिन्दुस्तान के अनुसादक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति द्वारा मार्शल लॉ लगाने के मामले में सियासी संकट जारी है। गुरुवार को राष्ट्रपति यून सुक येओल ने रक्षामंत्री किम योंग ह्युन का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। उनके स्थान पर चोई ब्युंग ह्युक को पद पर नियुक्त किया गया है। विपक्षी दलों ने मार्शल लॉ लागू किए जाने के विरोध में राष्ट्रपति और रक्षा मंत्री के खिलाफ संसद में महाभियोग प्रस्ताव पेश किया है। यून के अन्य प्रमुख सहयोगी मंत्री पद पर बने हुए हैं। चोई एक सेवानिवृत्त चार सितारा जनरल हैं तथा सऊदी अरब में दक्षिण कोरिया के राजदूत हैं। संसदीय सुनवाई के बाद चोई के कार्यभार संभालने तक उप रक्षा मंत्री किम सोन हो कार्यवाहक रक्षा मंत्री होंगे। किम पर आरोप हैं कि उन्होंने यून को मार्शल लॉ लागू करने की सिफारिश की थी।

कुछ और सुर्खियां

  • विधान परिषद के तिरहुत स्नातक क्षेत्र के उपचुनाव में 47.5 फ़ीसद वोट पड़े
  • बिहारशरीफ के पास मानपुर थाना क्षेत्र से 36 लाख रुपए व जेवर के साथ चार साइबर ठग गिरफ्तार
  • झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा के 6, कांग्रेस के चार और राजद के एक मंत्री ने ली शपथ
  • चैंपियंस ट्रॉफी क्रिकेट के अपने सभी मैच भारत पाकिस्तान में नहीं, यूएई में खेलेगा
  • बीपीएससी सिविल सेवा की पॉइंट 13 दिसंबर को, नॉर्मलाइजेशन नहीं होगा
  • बिहार से उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के शहरों के लिए चलेंगी 4967 बसें
  • पटना के गांधी मैदान में पुस्तक मेला आज से
  • फिल्म पुष्पा 2 द रूल की स्क्रीनिंग के दौरान हैदराबाद में भगदड़, एक की मौत, अल्लू अर्जुन के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस

अनछपी: सरकार की कोई भी नई व्यवस्था आम लोगों को आसानी पहुंचने के लिए होनी चाहिए लेकिन कभी-कभी यह परेशानी का कारण बन जाती है। ऐसी ही एक परेशानी आजकल ‘आभा’ कार्ड को लेकर हो रही है। ‘आभा’ कार्ड दरअसल ‘आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट’ कार्ड है। अधिकतर आम आदमी को इस आधार कार्ड के बारे में जानकारी नहीं है और जब वह अस्पताल पहुंचते हैं तो उनसे कहा जाता है कि रजिस्ट्रेशन के लिए ‘आभा’ कार्ड जरूरी है। इसके लिए मरीज को अपना आधार कार्ड और इससे जुड़ा मोबाइल नंबर लेकर आना है। जिनके पास स्मार्टफोन और इंटरनेट कनेक्शन है उनके लिए तो बहुत दिक्कत नहीं लेकिन क्या सरकार को यह बात नहीं मालूम कि हर आदमी अब भी स्मार्टफोन चलाने के लायक नहीं और इंटरनेट की स्पीड हर जगह एक जैसी नहीं रहती है। सरकारी अधिकारियों को अगर इस बात पर यकीन ना हो तो वह आजकल एनएमसीएच यानी नालंदा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल जाकर स्थिति का जायजा ले सकते हैं। पिछले कई दिनों से एनएमसीएच में इसी को लेकर हंगामा हो रहा है और तोड़फोड़ भी हुई है। हंगामा के बाद कर्मचारियों को भगाना भी पड़ा है। अस्पताल के सूत्रों का कहना है की एनएमसी यानी नेशनल मेडिकल काउंसिल ने आदेश दे रखा है के मरीजों का रजिस्ट्रेशन अब 14 अंकों वाले आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता से किया जाएग। अभी यह पता नहीं कि सिर्फ नालंदा मेडिकल कॉलेज में ही ‘आभा’ से रजिस्ट्रेशन हो रहा है या अन्य छोटे अस्पतालों में भी इसे लागू किया गया है या वहां भी लागू किया जाना है। सवाल यह है कि पहले जब आधार कार्ड से रजिस्ट्रेशन हो रहा था तो अब इस नए ‘आभा’ कार्ड की जरूरत क्यों पड़ी। हो सकता है कि नेशनल मेडिकल काउंसिल के पास इसके लिए अपने तर्क हों लेकिन उसे आम आदमी की मजबूरी भी समझनी चाहिए। पहले तो इसके लिए जागरूकता मुहिम चलाई जानी चाहिए और अगर कोई ‘आभा’ कार्ड बनाने में मुश्किल का सामना करना पड़ करता है तो उसे मदद भी की जानी चाहिए। अब हंगामा होने के बाद एनएमसीएच में ‘आभा’ आईडी कार्ड के लिए दो रजिस्ट्रेशन काउंटर बढ़ाने की घोषणा की गई है। यह काम पहले भी हो सकता था। इस काम में एनजीओ की भी मदद ली जा सकती है।

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