छ्पी-अनछपी: सीरिया के राष्ट्रपति असद देश से भागे? काम सिपाही का और किचन 27 लाख का

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। सीरिया में विद्रोहियों के राजधानी दमिश्क़ तक बढ़ने के बीच यह चर्चा आम है के राष्ट्रपति बशर अल असद देश छोड़कर भाग गए हैं। सीबीआई ने आरपीएफ के कांस्टेबल के खिलाफ छापेमारी की है जिसके बारे में कहा जाता है कि उसने 27 लाख का केवल किचन बना रखा है। इंटरमीडिएट की परीक्षा एक और मैट्रिक की परीक्षा 17 फरवरी से शुरू होगी। महाराष्ट्र में विधानसभा सदस्यों ने विपक्ष ने शपथ ग्रहण का बायकॉट किया है।

आज के अखबारों से यह अहम खबरें हैं।

भास्कर के अनुसार सीरिया में इन दोनों हालात बेकाबू हैं। पिछले एक हफ्ते में विद्रोहियों ने देश के तीन बड़े शहरों पर कब्जा कर लिया है। इनमें अलेप्पो, होम्स और डेरा शहर शामिल हैं। इस बीच आशंका जताई जा रही है कि विद्रोहियों के दर से राष्ट्रपति बशर अल असद के परिवार ने देश छोड़ दिया है। सभी ने भाग कर रूस की शरण ली है। कुछ रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रपति बशर देश छोड़ चुके हैं हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है। रॉयटर्स ने दो वरिष्ठ सीरियाई अधिकारियों के हवाले से बताया कि राष्ट्रपति बशर अल-असद दमिश्क से चले गए हैं, लेकिन ये साफ नहीं है कि वो कहां गए हैं। बशर की कमजोर होती पकड़ और विद्रोहियों के उभार से देश में गृह युद्ध की आशंका है। अब तक 3.70 लाख लोग विस्थापन के शिकार हुए हैं।

दमिश्क़ की सड़कें सुनसान

बीबीसी ने लिखा है कि सीरिया में विद्रोही समूह उत्तर, पूर्व और दक्षिण की तरफ से राजधानी दमिश्क पर कब्ज़ा करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। दमिश्क में रहने वाली पत्रकार ज़ैना शाहला ने बीबीसी को बताया कि शनिवार की रात राजधानी की सड़कें सुनसान थीं। उन्होंने कहा जैसे-जैसे विद्रोहियों के साथ लड़ाई की ख़बरें सामने आ रही हैं, दमिश्क में सुबह बड़ी संख्या में लोग ज़रूरी सामान इकट्ठा करने के लिए सड़कों पर उमड़ पड़े।

विदेश मंत्रालय ने कहा- सीरिया न जाएं

हिन्दुस्तान के अनुसार सीरिया में जारी हिंसा के मद्देनजर भारत ने अपने नागरिकों को वहां की यात्रा से बचने की सलाह दी है। साथ ही सीरिया में रह रहे नागरिकों से अत्यंत सावधानी बरतने तथा आवाजाही सीमित करने को कहा। विदेश मंत्रालय ने एक परामर्श में हिंसा प्रभावित देश में रह रहे भारतीयों से कहा कि यदि संभव हो तो वे जल्द से जल्द वाणिज्यिक उड़ानों से लौट आएं। बता दें, इस्लामी विद्रोहियों ने गुरुवार को देश के सबसे बड़े शहर अलेप्पो के अधिकांश हिस्से पर कब्जा करने के बाद मध्य सीरिया के शहर होम्स पर लगभग कब्जा कर लिया है। हजारों लोगों ने होम्स को छोड़ दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, सीरिया में रह रहे भारतीयों से अनुरोध है कि वे हेल्पलाइन नंबर और आधिकारिक ईमेल आईडी के माध्यम से दमिश्क में भारतीय दूतावास के संपर्क में रहें। भारत ने कहा कि वह सीरिया के हालात पर नजर रखे हुए है। उन्होंने कहा कि सीरिया में लगभग 90 भारतीय नागरिक हैं जिनमें से 14 संयुक्त राष्ट्र के संगठनों में काम कर रहे हैं।

कमाई सिपाही की, घर का किचन 27 लाख का
प्रभात खबर के अनुसार पूर्व मध्य रेल के दीनदयाल उपाध्याय (मुगलसराय) रेल मंडल स्थित नबीनगर (औरंगाबाद) रेलवे स्टेशन पर पदस्थापित आरपीएफ कांस्टेबल अखिलेश कुमार सिंह के खिलाफ सीबीआई ने आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया है। सीबीआई की जांच में आरपीएफ कांस्टेबल के पास उसकी शुद्ध आय से 84% अधिक की संपत्ति मिली है। सीबीआई की एंटी करप्शन ब्यूरो यूनिट ने आगे की जांच को लेकर सीबीआई एसपी को जांच अधिकारी बनाते हुए केस की कमान सौंपी है। एफआईआर में कहा गया है कि अखिलेश कुमार सिंह 1 जनवरी 2018 से लेकर 31 जनवरी 2024 तक आरपीएफ कांस्टेबल के तौर पर विभिन्न जगहों पर रहे। इस अवधि में सैलरी सहित अन्य स्रोतों से उनकी सुविधा 80 लाख रुपए रही। मगर जांच में उनके व उनके नजदीकी लोगों के पास 1.40 करोड़ रुपए की संपत्ति पाई गई। सीबीआई ने अनुमान लगाया है कि इस अवधि में आरोपी हवलदार ने सिर्फ किचन पर एक तिहाई यानी 27 लाख रुपए खर्च किए तो उनकी बचत 53 लाख होनी चाहिए थी।

इंटर-मैट्रिक परीक्षा फ़रवरी में

जागरण के अनुसार बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा 1 फरवरी से 15 फरवरी तक और मैट्रिक की परीक्षा 17 से 25 फरवरी तक दो पालियों में आयोजित होंगी। परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने शनिवार को परीक्षा कैलेंडर जारी करते हुए बताया कि दोनों परीक्षाओं के परिणाम जारी करने का लक्ष्य अभी ही निर्धारित कर दिया गया है। इसके अनुसार मार्च में इंटर तो अप्रैल में मैट्रिक का रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा। इसके साथ ही बोर्ड ने इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा 2025 में तीनों संकायों में टॉप फाइव आने वाले और मैट्रिक परीक्षा में टॉप 10 वाले विद्यार्थियों को मिलने वाली पुरस्कार राशि दुगनी कर दी है। अब टॉपर को एक लाख की बजाय दो लाख रुपये मिलेंगे। वहीं दूसरा स्थान प्राप्त करने वालों को डेढ़ लाख व तीसरे स्थान पर रहने वाले परीक्षार्थी को एक लाख की राशि दी जाएगी। लैपटॉप सभी पुरस्कृत विद्यार्थियों को मिलेंगे।

महाराष्ट्र में शपथ ग्रहण का बायकॉट

हिन्दुस्तान के अनुसार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के दो दिन बाद शनिवार को देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार के साथ विधायक के रूप में शपथ ली। वहीं विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी ने ईवीएम के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए समारोह का बहिष्कार किया। विपक्षी सदस्यों ने सदन के तीन दिवसीय विशेष सत्र के पहले दिन विधानसभा के सदस्य के रूप में शपथ लेने से इनकार कर दिया और उन्होंने सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के जनादेश और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए।

कुछ और सुर्खियां

  • प्लेसेज़ ऑफ़ वरशिप ऐक्ट 1991 की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बनाई विशेष बेंच
  • महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार को ईडी से राहत, 1000 करोड़ की जब्त संपत्तियां मुक्त
  • ईडी ने महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी मामले में करीब 388 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की
  • बीपीएससी नॉर्मलाइजेशन मामले में छात्र नेता दिलीप कुमार समेत 250 पर दंगा भड़काने की कोशिश का केस
  • खान सर के ग्लोबल स्टडीज के एक्स हैंडल पर केस दर्ज
  • गोपालगंज में एक लाख लीटर क्षमता का डेयरी प्लांट बनेगा
  • कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर की परीक्षा में धांधली के मामले में पांच दर्जन फर्जी आधार कार्ड जब्त

अनछपी: हमारे समाज में घूसखोरी किस स्तर तक फैली हुई है इसके उदाहरण रोज-रोज मिलते रहते हैं। नौकरी बिहार सरकार की हो या केंद्र सरकार की वहां के कर्मचारियों और अधिकारियों के बारे में यह खबर आती रहती है कि उन्होंने कितना घूस लिया। ताजा खबर यह है कि आरपीएफ के एक कांस्टेबल ने घूसखोरी से इतने पैसे जमा किए कि उसने केवल अपने किचन पर 27 लाख रुपये लगा दिए। अगर इस सिपाही ने केवल अपनी नौकरी के दौरान इतने पैसे कमाए हैं तो यह सोचकर हैरत होती है कि पैसे कमाने का जरिया क्या होगा यानी उसने जो घूस कमाए वह किस तरह के लोगों से लिए। आखिर एक आरपीएफ जवान के पास ऐसा कौन सा काम आता होगा जिससे उसने इतनी बड़ी अवैध कमाई जमा कर ली? एक दिन पहले ही हमने आरपीएफ ट्रेंनिंग सेंटर के नाम पर फर्जीवाड़े के बारे में लिखा है। इस कथित ट्रेनिंग सेंटर पर एक-एक उम्मीदवार से 5-5 लाख लिए गए थे और समझा जाता है कि इसके धंधेबाजों ने कई करोड़ रुपए कमा लिए हैं। सीबीआई को अभी कांस्टेबल के मामले में जांच करनी है तो उसे यह भी देखना होगा की कहीं उसका कनेक्शन ऐसे फर्जीवाड़ा गिरोह से तो नहीं है? कहा जाता है कि ऐसे सिपाहियों का कनेक्शन अपने शीर्ष अधिकारियों से होता है और घूसखोरी में उन्हें हिस्सेदारी मिलती है। दूसरी सच्चाई यह भी है कि ऐसे घूसखोरों में से कुछ ही लोगों पर कार्रवाई हो पाती है जिनके नाम किसी वजह से सामने आ जाते हैं। इसी तरह का मामला बिहार में राजस्व विभाग से जुड़े कर्मचारियों और अधिकारियों का भी है। आए दिन हमें सीओ या राजस्व कर्मचारी की घूसखोरी की खबरें सुनने को मिलती हैं। यहां तक कि डिप्टी कलेक्टर लैंड रिफॉर्म या डीसीएलआर के बारे में भी ऐसी शिकायतें मिलतीं हैं। वहां भी सच्चाई यह है कि घूसखोरी जितने बड़े पैमाने पर जारी है उसका बहुत छोटा सा हिस्सा हमारे सामने आ पाता है। इसलिए ऐसी इक्का-दुक्का कार्रवाइयों से संतुष्ट नहीं हुआ जा सकता और ऐसे मामलों की व्यापक पैमाने पर लंबे समय तक जांच जरूरी है।

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