छ्पी-अनछपी: वैशाली पुलिस की कस्टडी में ‘पिटाई’ से बुजुर्ग की मौत, महिला रोजगार योजना के लिए एप्लीकेशन शुरू
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। वैशाली जिले में पुलिस कस्टडी में एक बुजुर्ग नसीर शाह की मौत हो गई और परिवार वालों का कहना है कि इसकी वजह पुलिस की पिटाई है। बिहार में महिला रोजगार योजना के तहत ₹10000 देने के लिए एप्लीकेशन लिए जाने लगे हैं। भारत ने कोरिया को 4-1 से हराकर राजगीर में खेली गई एशिया कप हॉकी जीत ली है। जापान के प्रधानमंत्री ने पार्टी में मतभेद के बीच अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
और, जानिएगा कि भारत के 18 लाख डॉलर के लॉबिस्ट मिलर ने ट्रंप से मुलाकात की।
पहली ख़बर
जागरण के अनुसार वैशाली जिले के राजापाकर थाना क्षेत्र के चौसीमा कल्याणपुर गांव में शुक्रवार की शाम आइसक्रीम की मुफ्त खोरी और विक्रेता की पिटाई की शिकायत पर कार्रवाई करने गई पुलिस की पिटाई मामले ने रविवार की सुबह नया मोड़ ले लिया। पुलिस पर हमले के आरोप में गिरफ्तार पांच आरोपितों में से एक अधेड़ की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई। मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करने के बाद लाश घर वालों को सौंप दी गयी। मामला गर्म होता देख राजापाकर थाना और सदर अस्पताल को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया। मृतक चौसीमा कल्याणपुर गांव के 50 साल के मोहम्मद नसीर शाह हैं। टाइम्स ऑफ़ इंडिया में इनकी उम्र 70 साल बताई गई है। घर वालों ने बताया कि रविवार को ही उनके पुत्र का निकाह होना था। उसी दिन उनकी मौत हो गई। पत्नी समीना खातून ने कहा कि उनके शौहर बेगुनाह थे। वह पुत्र के निकाह की तैयारी कर रहे थे। इस दौरान पुलिस ने उठा लिया था। उन्होंने पुलिस की पिटाई से मौत का आरोप लगाया। इधर हाजीपुर के एसडीपीओ सदर-1 का कहना है कि एक आरोपित की अचानक तबीयत खराब होने पर उसे अनुमंडल अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
महिला रोजगार योजना के लिए एप्लीकेशन शुरू
प्रभात खबर के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना से संबंधित आवेदन लेने की प्रक्रिया और नगर क्षेत्र के आवेदकों के लिए ऑनलाइन पोर्टल का शुभारंभ किया। साथ ही योजना से संबंधित आवेदन फार्म का विमोचन भी किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर संभव प्रयास हो रहा है। इस दौरान सीएम ने ढाई सौ जागरूकता वाहनों को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इन सभी वाहनों से प्रदेश के विभिन्न इलाकों में वीडियो से 20 दिनों तक जानकारी दी जाएगी। इस योजना के तहत आर्थिक सहायता के रूप में बिहार के हर परिवार की एक महिला को सितंबर से ही अपनी पसंद के रोजगार के लिए ₹10000 की राशि प्रथम किस्त के रूप में दी जाएगी।
भारत ने एशिया कप हॉकी जीती
हिन्दुस्तान के अनुसार भारत हॉकी में एशिया का नया सुल्तान बन गया है। रविवार को एशिया कप मेंस हॉकी 2025 के फाइनल में भारत ने दक्षिण कोरिया पर 4-1 से जीत दर्ज कर चौथी बार चैम्पियन बनने का गौरव हासिल किया। शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए भारत ने मैच के पहले मिनट में ही बढ़त बना ली। पहला हाफ खत्म होने से दो मिनट पहले दिलप्रीत सिंह ने गोल दागकर बढ़त को 2-0 कर दिया। तीसरे क्वार्टर में दोनों टीमें गोल नहीं कर सकी। 45वें मिनट में दिलप्रीत ने फिर से गोल कर दिया। 50वें मिनट में अमित रोहिदास ने गोल कर भारत को 4-0 से आगे कर दिया। कोरिया की ओर से एकमात्र गोल डेन सोन ने किया। भारत ने आखिरी बार 2017 में ढाका में एशिया कप का खिताब जीता था।
जापान के प्रधानमंत्री ने इस्तीफा दिया
प्रभात खबर ने लिखा है कि जापान की राजनीति एक बार फिर उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है। प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने रविवार को पद से इस्तीफा दे दिया। 68 वर्षीय इशिबा ने यह कदम अपनी ही पार्टी सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के भीतर बढ़ती कलह और दबाव के चलते उठाया। अक्टूबर 2024 में पीएम बने इशिबा का कार्यकाल बेहद छोटा रहा। गौरतलब है कि चुनावी हार के बाद एलडीपी में इशिबा को हटाने की मांग जोर पकड़ रही थी। पार्टी के कुछ नेताओं और सांसदों ने उनके नेतृत्व पर सवाल खड़े किए थे, जिसके बाद से पार्टी के भीतर विरोध और तेज हो गया था। ट्रंप का टैरिफ, बढ़ती महंगाई और पार्टी में अंदरूनी कलह उनके इस्तीफे का प्रमुख कारण बने। अपने छोटे से कार्यकाल में वह बढ़ती महंगाई और जनता के बढ़ते गुस्से के कारण चुनाव में अपने गठबंधन को बहुमत नहीं दिला सके।
भारत के 18 लाख डॉलर के लॉबिस्ट मिलर ने ट्रंप से मुलाकात की
हिन्दुस्तान के अनुसार राजनीतिक लॉबिस्ट जेसन मिलर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके प्रशासन के कुछ अफसरों से मुलाकात की है। भारत की ओर से रखे गए लॉबिस्ट जेसन मिलर की यह मुलाकात व्यापार और टैरिफ पर भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में आए तनाव की पृष्ठभूमि में हुई है। मिलर एसएचडब्ल्यू पार्टनर्स एलएलसी के प्रमुख हैं। भारतीय दूतावास ने अप्रैल में एक साल के लिए इस फर्म की सेवा ली है। इसके लिए कथित तौर पर 18 लाख अमेरिकी डॉलर का भुगतान किया जाना तय हुआ था। मिलर ने ट्रंप और अन्य अधिकारियों के साथ अपनी मुलाकात का उद्देश्य तो नहीं बताया, लेकिन सोशल मीडिया पर ट्रंप के साथ वाली एक तस्वीर सहित कई तस्वीरें पोस्ट कीं। उन्होंने पोस्ट किया, वाशिंगटन में बहुत ही शानदार सप्ताह रहा, जहां बहुत सारे दोस्त शहर में थे, और सबसे बढ़िया बात यह रही कि हमें यहां रुकने और अपने राष्ट्रपति को काम करते हुए देखने का अवसर मिला।
कुछ और सुर्खियां:
- पटना में बादल छाए रहने की वजह से चंद्र ग्रहण नजर नहीं आया
- झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम में 10 लाख के इनामी नक्सली अमित हांसदा को ढेर करने का दावा
- बिहार में चल रहे एसआईआर पर सुप्रीम कोर्ट में आज फिर सुनवाई
- विश्व की नंबर एक टेनिस खिलाड़ी एरिना सबालेंका ने दूसरी बार यूएस ओपन टेनिस चैंपियनशिप जीती
- पटना में रविवार को पहली बार मेट्रो का ट्रायल हुआ
अनछपी: फुलवारी शरीफ के सैयदाना मोहल्ले की गली में फेंकी गई नींद की गोलियां खाने से एक तीन साल की बच्ची की मौत हमें दवाओं और बच्चों की देखरेख में सावधानी बरतने के लिए नए सिरे से सोचने को मजबूर करती है। वैसे तो हम आम तौर पर घर से एक्सपायर दवाओं को कहीं भी फेंक देते हैं जो इस तरह की घटनाओं का कारण बन सकता है लेकिन यहां मामला थोड़ा अलग है। खबरों में बताया गया कि दरअसल पास में ही एक मानसिक रोगी रहता है जिसका इलाज चल रहा है। बताया गया कि वह दो दिन से घर से लापता है और घर से भागने के साथ ही उसने नींद की गोली समेत अपनी दूसरी दवाएं भी गली में फेंक दी थीं। ऐसे में यह एक गंभीर सवाल है कि जब घर वालों को यह बात मालूम हो गई कि वह रोगी घर से भाग चुका है और उसने दवाएं गली में फेंक दी हैं, तो उन दवाओं को लेकर उन्हें बेहद सावधानी बरतनी चाहिए थी। शायद उस घर के लोगों ने और आसपास के लोगों ने भी यह नहीं सोचा होगा कि वहां फेंकी हुई दवा कोई बच्चा खा भी सकता है। यह हम सभी लोगों के लिए एक सबक है कि अगर कोई दवा एक्सपायर हो गई है तो उसे किसी ऐसी जगह फेंका जाए जहां उसे कोई खा ना ले और खासकर वह बच्चों के हाथ में किसी भी हाल में नहीं पहुंचे। इस मामले में दो बच्चियों ने वह गोलियां उठाकर खा ली थीं लेकिन इसका पता तब चला जब उनकी तबीयत खराब हुई। उनमें से एक बच्ची की तो मौत हो गई और दूसरे का इलाज एम्स पटना में चल रहा है। बच्चों की देखरेख के मामले में इस घटना से यह सबक मिलता है कि बिल्कुल छोटे बच्चों को अकेले बाहर न जाने दिया जाए और अगर बच्चे थोड़े बड़े हों तो उन्हें यह समझाया जाए कि बाहर फेंकी हुई कोई चीज नहीं खानी है। अफसोस की बात यह है कि आजकल मां-बाप भी बच्चों को मोबाइल फोन देकर अपनी जिम्मेदारी भूल जाते हैं और ऐसे में इस तरह की घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है।
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