छ्पी-अनछपी: वैशाली में सिपाही की हत्या के बाद दो बदमाश ढेर, ग़ज़ा में बूंद बूंद पानी को तरसते लोग

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। वैशाली जिले में पुलिस की हत्या के बाद भाग रहे अपराधियों के मुठभेड़ में मारे जाने की खबर को सभी अखबारों ने प्रमुखता दी है। ग़ज़ा में इसराइल की नाकेबंदी से वहां के लोग बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं और लोगों का पलायन जारी है। इससे जुड़ी खबरों की भी अच्छी कवरेज है।

भास्कर की सबसे बड़ी सुर्खी है: बैंक लुटेरे ने पुलिस जवान की हत्या की, 3 घंटे में ही एनकाउंटर, दो ढेर। प्रभात खबर की मेन हेडलाइन है: बैंक लूटने आए लुटेरों से भिड़े सिपाही की हत्या, 3 घंटे बाद एनकाउंटर में दो बदमाश ढेर। जागरण की हेडिंग है: सिपाही बलिदान, मारे गए दो बदमाश। हिन्दुस्तान की पहली खबर है:, सिपाही की हत्या कर भाग रहे दो बदमाश ढेर। वैशाली जिले के सराय थाना क्षेत्र में सोमवार को वाहन जांच के दौरान सशस्त्र अपराधियों ने एक पुलिसकर्मी की गोली मारकर हत्या दी। घटना को अंजाम देने के बाद लोगों की मदद से दो अपराधी पकड़े गये। पूछताछ के लिए हाजीपुर ले जाने के दौरान इन अपराधियों ने गाड़ी से कूदकर जब भागने की कोशिश की तो पुलिस ने गोली चलायी, जिसमें दोनों बदमाश मारे गये। एक बदमाश अभी फरार है।

वाहन चेकिंग के दौरान हुई हत्या

सोमवार की सुबह सराय थाना क्षेत्र के सूरज चौक के पास लिंक रोड पर जवान अमिता बच्चन थाने के एएसआई संजय कुमार और अन्य साथियों के साथ वाहन चेकिंग के लिए बोलेरो से निकले थे। इसी दौरान सुबह करीब 11:20 बजे यूको बैंक की सराय शाखा के समीप एक बाइक पर सवार तीन अपराधियों ने पुलिस को देखते ही बाइक छोड़कर भागने का प्रयास किया। पुलिस ने बाइक पर पीछे बैठे एक अपराधी को वहीं पकड़ लिया। दूसरा अपराधी भागने लगा, जिसे अमिता बच्चन ने दौड़ाया। करीब 50 मीटर दूर जाने के बाद अपराधी ने अपनी कमर से पिस्टल निकाली और पलटकर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। जवान के सीने में तीन गोलियां लगी और वह वहीं गिर गया। गोली मारने के बाद भाग रहे अपराधी को भीड़ ने पकड़ लिया।

पानी के लिए तरसते ग़ज़ा के लोग

प्रभात खबर की खबर है: बूंद बूंद पानी को तरस रहा ग़ज़ा, 10 लाख लोगों ने किया पलायन। हमास को मटियामेट करने के लिए इसराइल ने ग़ज़ा पट्टी में हमले और तेज कर दिए हैं। इजरायल के जमीनी आक्रमण के मद्देनजर ग़ज़ा में अब तक 10 लाख लोगों से अधिक लोग अपने घर छोड़ चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र समेत अन्य सहायता समूहों ने चेतावनी दी है कि इसराइल की जमीनी हमले से मानवीय संकट बढ़ सकता है। दूसरी तरफ अमेरिकी युद्धपोतों की मदद से बड़ी संख्या में इसराइली बलों की ग़ज़ा सीमा पर तैनाती की गई है। ग़ज़ा में संयुक्त राष्ट्र के शिविरों में भी पानी की आपूर्ति बंद कर दी गई है। लोग बूंद बूंद को तरस गए हैं। क्षेत्र के सबसे बड़े अस्पताल में ईंधन, दवा समेत अन्य बुनियादी चीज खत्म होने से कई मरीजों की मौत होने की आशंका है।

संयुक्त राष्ट्र का त्राहिमाम

संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने कहा कि फलस्तीन के लोग यूएन के स्कूलों और अन्य केंद्रों में शरण ले रहे हैं, जहां पानी की आपूर्ति लगातार घटती जा रही। चेतावनी दी है कि गजा पट्टी में पानी और बिजली खत्म होने वाली है। लोग मरने के कगार पर हैं। पानी का आपूर्ति करीब-करीब ठप हो गई है। शव रखने के बैग भी खत्म हो रहे हैं। हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। गजा का एकमात्र बिजली संयंत्र ईंधन की कमी से पूरी तरह से बंद हो गया है।

बमबारी बंद हो तो छोड़ेंगे बंधक

ईरान ने दावा किया है कि अगर इसराइल ग़ज़ा पट्टी पर हवाई हमले बंद कर दे तो हमास करीब दो सौ बंधकों को रिहा करने के लिए तैयार है। हालांकि, हमास ने इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। वहीं, इसराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने उन खबरों का खंडन किया है, जिसमें दक्षिणी गजा में युद्ध विराम पर सहमति की बात कही गई थी। नेतन्याहू ने सोमवार को इसराइली संसद में ईरान और हिजबुल्ला को चेतावनी देते हुए कहा कि वे हमारी परीक्षा नहीं लें।

निठारी कांड के सजायाफ्ता बरी

नोएडा के चर्चित निठारी कांड में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को आरोपी सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर को निर्दोष करार देते हुए बरी कर दिया। गाजियाबाद की सीबीआई अदालत ने लड़कियों से दुष्कर्म और हत्या के आरोप में दोनों को मृत्युदंड की सजा सुनाई थी। उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति एसएचए रिजवी की पीठ ने यह आदेश पारित किया। पीठ ने कहा कि अभियोजन पक्ष उचित संदेह से परे अपने मामले को सिद्ध करने में विफल रहा। हाईकोर्ट ने सुरेंद्र कोली को 12 और मनिंदर सिंह पंढेर को दो मामलों में मिली फांसी की सजा को रद्द कर दिया। सीबीआई ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है।

क्या था मामला

वर्ष 2006 में निठारी कांड का खुलासा हुआ था। नोएडा के निठारी गांव स्थित एक कोठी के पास नाले में मानव कंकाल पाए गए थे। जांच के बाद पता चला था कि कंकाल आसपास के इलाके की बच्चियों के थे। पंढेर उस मकान का मालिक था और कोली नौकर था।

शहाबुद्दीन का बेटा गिरफ्तार

पूर्व सांसद मरहूम शहाबुद्दीन के पुत्र ओसामा शहाब और उसके दो दोस्तों को सोमवार को राजस्थान के कोटा जिले में उस समय गिरफ्तार कर लिया गया, जब वे एक कार में यात्रा कर रहे थे। ओसामा की गिरफ्तारी शांति भंग करने के आरोप में की गयी है। सोमवार को ओसामा दिल्ली के रजिस्ट्रेशन नंबर की गाड़ी से दो साथियों के साथ वहां थे। जानकारी के मुताबिक ओसामा चुनाव प्रचार करने कोटा गए हुए थे। उसी दौरान राजस्थान पुलिस ने कोटा के ग्रामीण क्षेत्र में उन्हें दो साथियों सैफ और वसीम संग गिरफ्तार किया। उनके खिलाफ धारा-151 के तहत कार्रवाई की गयी है। उन्हें मंगलवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।

अजन्मे बच्चे की धड़कनें

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक विवाहित महिला को उसके 26 सप्ताह के गर्भ को गिराने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा, अजन्मे बच्चे की धड़कनें रोकने की इजाजत नहीं दे सकते। मामले में गठित मेडिकल बोर्ड की जांच में भ्रूण में कोई विसंगति नहीं मिली है। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि महिला जो दो बच्चों की मां है, उसका गर्भकाल 24 सप्ताह से अधिक समय का हो गया है, जो चिकित्सकीय गर्भपात की अनुमति की अधिकतम सीमा है।

कुछ और सुर्खियां

  • डुमरांव में पार्सल वैन बेपटरी, डाउन लाइन पर परिचालन बाधित
  • बिहार विधान मंडल का सत्र 6 नवंबर से
  • दरभंगा में दो की मौत, तीन लोग गंभीर, जहरीली शराब की आशंका
  • जमीन के बदले नौकरी मामले में लालू, राबड़ी व तेजस्वी को पेशी से छूट
  • तेजस्वी यादव को जापान जाने की कोर्ट से अनुमति
  • शिक्षक भर्ती परीक्षा के एक भाग का रिजल्ट आज आ सकता है

अनछपी: विपक्ष के नेताओं को झूठे आरोपों में फंसाने के लिए बदनाम सीबीआई नोएडा में हुए निठारी हत्यकांड के सजायाफ्ता अभियुक्तों का दोष हाई कोर्ट में सिद्ध नहीं कर सकी। इसे सीबीआई की नाकामी ही माना जाएगा कि वह 19 लड़कियों से दुष्कर्म व हत्या के 12 मामलों में आरोपितों के खिलाफ ऐसे सबूत पेश नहीं कर सकी जो हाई कोर्ट में इस लायक़ भी हों कि पहले दोषी करार दिए गए लोग बरी न हो सकें। हाई कोर्ट ने न सिर्फ उनकी सज़ा रद्द की बल्कि उन्हें बरी भी कर दिया। हाई कोर्ट ने टिप्पणी की कि निठारी कांड की जांच के लिए जिम्मेदार एजेंसी का रवैया जनता के साथ विश्वासघात से काम नहीं है। यह मामला इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि मासूम बच्चों और महिलाओं को अत्यंत अमानवीय तरीके से मारा गया। कोर्ट के अनुसार सबूत जुटाने के बुनियादी मानदंडों का भी उल्लंघन हुआ। अब सीबीआई ने कहा है कि वह इस मामले को सुप्रीम कोर्ट लेकर जाएगी लेकिन सवाल यह है कि क्या सुप्रीम कोर्ट में भी वह ऐसे सबूत पेश कर पाएगी कि निचली अदालत द्वारा दी गई फांसी की सजा बरकरार रहे। एक सवाल यह भी है कि सीबीआई में सही सबूत न पेश करने के कारण उसके किस अधिकारी को जिम्मेदार माना जाएगा और क्या उसे सजा होगी? यह पहला मामला नहीं है जब सीबीआई को ऊंची अदालत में सबूत पेश करने में नाकाम करार दिया गया है। चर्चित आरुषि तलवार दोहरी हत्याकांड में भी सीबीआई सही सबूत पेश नहीं कर पाई थी। हाई कोर्ट का यह फैसला एक बार फिर यह बात साबित करता है कि हत्या जैसे गंभीर मामलों में भी मुल्ज़िम को फांसी देने और बरी करने में क़ानूनी दांवपेच का कितना अहम रोल होता है। सवाल यह है कि निचली अदालत के जजों ने आखिर किस बुनियाद पर उन्हें फांसी की सजा सुनाई थी और ऐसा क्या हो गया जिसके कारण उच्च न्यायालय में न उनके सजा रद्द की गई बल्कि उन्हें बरी भी कर दिया गया? सीबीआई के पास अब अंतिम मौका सुप्रीम कोर्ट का है और उम्मीद की जानी चाहिए कि वह अपने सबूत को ठोस शक्ति देकर ही वहां पहुंचेगी।

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