छ्पी-अनछ्पी: दूसरे फेज में भी कम पड़े वोट, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ईवीएम सही

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार और देश के दूसरे हिस्सों में 2019 की तुलना में औसत मतदान दूसरे फेज में भी कम हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम को सही करार देते हुए बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग खारिज कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अररिया और मुंगेर की अपनी चुनावी सभाओं में बैलट पेपर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बहाने विपक्ष पर हमला बोला है। दरभंगा के गांव में शादी के दौरान लगी आग से छह लोगों की मौत हो गई है। आज के अखबारों की यह अहम खबरें हैं।

भास्कर की पहली खबर है: वोटिंग पर गर्मी का असर। लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 13 राज्यों की 88 सीटों पर 66.83% मतदान हुआ। त्रिपुरा में सबसे ज्यादा 79% और यूपी में सबसे कम 54% मतदान हुआ। लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में पिछली बार के मुकाबले 6% कम मतदान हुआ। 2019 में 13 राज्यों की 88 सीटों पर 73% मतदान हुआ था। प्रभात खबर के अनुसार बिहार में दूसरे चरण के पांच लोकसभा क्षेत्रों किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, बांका और भागलपुर में शाम 6:00 बजे तक 58.58% मतदान हुआ। इन पांच लोकसभा क्षेत्रों में 2019 के आम चुनाव में 62.92% की तुलना में करीब सवा चार प्रतिशत कम मत पड़े।हालांकि 19 अप्रैल को हुए पहले चरण के मतदान की तुलना में करीब 10% अधिक लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। किशनगंज और कटिहार में सबसे अधिक 64% मतदान हुआ। भागलपुर में सबसे कम 51% मत पड़े। पूर्णिया में 59.94% और बांका में 54% वोट पड़े।

ईवीएम सही: सुप्रीम कोर्ट

हिन्दुस्तान के अनुसार देश में चुनाव ईवीएम से ही होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ईवीएम में दर्ज सभी मतों को वीवीपैट पर्चियों से मिलान करने की याचिकाओं और मतपत्र से चुनाव कराने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया। शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि किसी भी प्रणाली पर आंख बंद करके अविश्वास करना चुनाव में अनुचित संदेह पैदा कर सकता है। जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने अलग-अलग लिखे सहमति वाले दो फैसले दिए। जस्टिस खन्ना ने दोनों फैसले के निष्कर्ष का हवाला देते हुए कहा कि हम फिर से मतपत्र से मतदान कराने, ईवीएम में दर्ज 100 मतों को वीवीपैट पर्चियों से मिलान और वीवीपैट पर्चियां मतदाताओं को देने और बाद में मतपेटी में डालने की सभी मांगों को खारिज कर रहे हैं।

विपक्ष ईवीएम को बदनाम करता है: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहां की आज पूरी दुनिया भारत की चुनावी प्रक्रिया की तारीफ करती है। लेकिन ‘इंडिया’ के लोग ईवीएम को लेकर को दुष्प्रचार करते हैं। “विपक्ष के लोग ईवीएम को बदनाम कर हटाना चाहते थे। आज इन्हीं लोगों के मुंह पर देश की सर्वोच्च न्यायालय ने करारा तमाचा मारा है। इन लोगों को अब देश से माफी मांगनी चाहिए। प्रधानमंत्री बिहार के अररिया और मुंगेर में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कर्नाटक में धर्म आधारित आरक्षण को देशभर में लागू करना चाहती है। “ओबीसी समाज के 27% कोट की चोरी की है। इनका आरक्षण काट कर रातों-रात मुस्लिम को ओबीसी बना दिया गया।”

दरभंगा में आग से छह की मौत

प्रभात खबर के अनुसार दरभंगा के अलीनगर प्रखंड के अरौंट गांव में बारातियों की आतिशबाजी से निकली चिंगारी से घर में आग लग गई। इससे एक ही परिवार के 6 लोगों की मौत हो गई। इनमें तीन बच्चे भी शामिल हैं। घटना गुरुवार की देर रात की है। बारात छगन पासवान की बेटी के लिए आई थी। केवटी प्रखंड के छतवन से आए बारातियों के ठहरने व खाने का प्रबंध रामचंद्र पासवान के आवासीय परिसर में किया गया था। बारात के पहुंचने के बाद जमकर आतिशबाजी की जाने लगी। बताया जा रहा है कि इसकी एक चिंगारी शामियाने पर आ गिरी। देखते ही देखते शामियाना जलने लगा। इसके बाद गैस सिलेंडर में भी आग लग गई। इस तरह भड़की आग से घिरकर छह लोगों की मौत हो गई।

नीतीश नहीं मेरे प्रयास से बना ‘इंडिया’: खड़गे

हिन्दुस्तान को दिए इंटरव्यू में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि उनके प्रयासों से ही इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) का गठन हुआ। इतना ही नहीं, उनकी सलाह पर ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में पहली बैठक बुलाई थी। ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह दावा बेबुनियाद है कि इंडिया गठबंधन उन्होंने बनाया था। अपने सरकारी आवास 10, राजाजी मार्ग पर ‘हिन्दुस्तान’ के साथ बातचीत करते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उन्होंने और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सभी पार्टियों के नेताओं को बुलाकर बातचीत की। 25-26 पार्टियों के नेताओं के साथ जब गठबंधन पर सहमति बन गई, तो यह प्रश्न आया कि पहली बैठक कहां करनी है। खड़गे कहते हैं कि उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पटना में इंडिया गठबंधन की पहली बैठक करने की सलाह दी थी, क्योंकि वह सरकार में थे।

मोदी डरे हुए, आंसू बहा सकते हैं: राहुल

कांग्रेस की आलोचना के लिए पीएम नरेंद्र मोदी पर पलटवार करते हुए पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि वह (मोदी) डरे हुए हैं। वह आंसू भी बहा सकते हैं। पीएम ने हालिया रैलियों में कांग्रेस को मंगलसूत्र, संपत्ति पुनर्वितरण व विरासत कर जैसे आरोपों से घेरने का प्रयास किया है। राहुल ने कांग्रेस शासित कर्नाटक के विजयपुरा जिला मुख्यालय में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, आपने मोदी का भाषण सुना होगा। मोदी ध्यान भटकाने का प्रयास करते हैं।

कुछ और सुर्खियां

  • पटना होटल अग्निकांड: दोनों होटलों के मालिक़ों पर सख्त धाराएं लगाई गईं
  • सीबीएसई बोर्ड परीक्षा साल में दो बार करने की तैयारी
  • एक ट्रेन के इंजन का एक्सेल जाम होने के कारण सहरसा-पूर्णिया-कटिहार रेलखंड पर 8 घंटे तक ट्रेन सेवा ठप रही
  • पश्चिम चंपारण में बोलेरो ने ओवरटेक करने में ट्रक में टक्कर मार दी, चार लोगों की मौत
  • फलस्तीन के समर्थन में एक दर्जन अमेरिकी यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन, 543 छात्र गिरफ्तार
  • पश्चिम बंगाल की बीरभूमि लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी देवाशीष का नामांकन रद्द

अनछपी: अखबारों के पन्नों पर आए दिन किसी ने किसी खुदकुशी की खबर छपी रहती है। ऐसे ही दोहरी सुसाइड की खबर आज के अखबारों में छपी है जिस पर चर्चा करना जरूरी है। फुलवारी शरीफ से लिखी गई इस खबर में बताया गया है कि बेउर में दशरथा गांव में पति ने बीमारी से जूझ रही पत्नी को खाने में जहर देकर मार डाला। उसके बाद अपने हाथ की नस काट कर पंखे की हुक से लटक कर आत्महत्या कर ली। जिस व्यक्ति ने पंखे से झूल कर जान दी उनका नाम पप्पू राय है और उनकी उम्र 42 साल थी। वे सीतामढ़ी के रहने वाले थे और पटना में एक निजी कंपनी में काम कर रहे थे। वह  38 साल की पत्नी पूजा कुमारी और 7 साल की बेटी सानवी के साथ किराए के मकान में रह रहे थे। खबर में बताया गया है कि आर्थिक रूप से कमजोर पप्पू राय ठीक से पत्नी का इलाज नहीं करा पा रहे थे। पप्पू ने अपने सुसाइड नोट में अपने दोस्त पिंटू कुमार को लिखा, “तुमसे आखिरी उम्मीद है कि मेरे दोस्त, मेरे नहीं रहने पर मेरी बेटी को कहीं अनाथ आश्रम में पहुंचा देना या पाल लेना।” उन्होंने सुसाइड नोट में यह भी लिखा, “मेरे मरने के बाद मेरे ससुराल वालों को इसकी जानकारी मत देना क्योंकि पत्नी की आखिरी इच्छा यही थी।” अखबारों की रिपोर्ट में छपी यह बात अगर सही है कि इस सुसाइड के पीछे इलाज न करने की मजबूरी है तो यह हमें इस बात पर सोचने को मजबूर करती है कि हमारी सरकार और हमारा समाज आखिर किस दिन के लिए है। सरकार आयुष्मान कार्ड के तहत 5 लाख तक के इलाज के बारे में बहुत प्रचार करती है लेकिन इस प्रचार के बावजूद लोग इलाज की कमी से आखिर सुसाइड के लिए क्यों मजबूर हो रहे हैं? अगर इस दंपति को आयुष्मान कार्ड की सुविधा नहीं थी तो सवाल यह है कि ऐसे लोगों के इलाज के लिए सरकार क्या करेगी जो इसके लिए पैसे खर्च करने में सक्षम नहीं हैं और इस कारण सुसाइड करने तक की नौबत आ जाती है? एक दूसरी बात यह है कि इस समाज में तड़क-भड़क और दिखावे के लिए बेतहाशा पैसे खर्च किए जाते हैं लेकिन ऐसे जरूरतमंदों को मदद नहीं मिल पाती है। इस मामले में शायद परिवार वाले ने भी साथ नहीं दिया। यही कारण है कि सुसाइड नोट दोस्त के नाम लिखा गया। उस दोस्त से भी पूछा जाना चाहिए कि आखिर उसने इस परिवार की कितनी मदद की। पुलिस इस बात की भी जांच करेगी कि इस सुसाइड का कारण वही है जो सुसाइड नोट में बताया गया है या इसका कोई और पहलू भी है। जो भी हो हमारे समाज में बढ़ती सुसाइड की घटनाओं पर सोच विचार की जरूरत है।

 

 

 

 

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