छ्पी-अनछपी: NEET का पेपर लीक तो नहीं हुआ? पैरोल पर निकले अनंत सिंह का रोड शो

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। यह पता लगाने के लिए एफआईआर दर्ज की गई है कि मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट NEET का पेपर लीक हुआ है या नहीं। एक दर्जन मामलों में बेल पर चल रहे अनंत सिंह को पैरोल पर रिहा किया गया है जिन्होंने रोड शो किया है। बिहार की 5 सीटों समेत कुल 94 सीटों पर तीसरे चरण के मतदान का प्रचार थम गया है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कोई बीमारी है। आज के अखबारों की यह चर्चित खबरें हैं।

जागरण की सबसे बड़ी खबर है: नीट प्रश्नपत्र लीक की आशंका। केंद्रीय एजेंटीयों की सूचना पर पटना पुलिस ने रविवार को आयोजित नीट (नेशनल एंट्रेंस कम एलिजिबिलिटी टेस्ट) के प्रश्न पत्र लीक होने की आशंका पर शास्त्री नगर थाने में प्राथमिक की है। साथ ही आठ संदिग्ध भी उठाए हैं। उनसे गुप्त स्थान पर पूछताछ की जा रही है। एसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि पटना पुलिस को प्रश्न पत्र लीक होने की गुप्त सूचना मिली थी। इसके आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर कुछ लोगों से पूछताछ की जा रही है।

बिहारशरीफ गिरोह का हाथ

भास्कर की सुर्खी है: नीट यूजी: बिहारशरीफ के गिरोह ने बैठाया सॉल्वरों को, 5 लाख में सौदा। देशभर में रविवार को हुई नीट यूजी परीक्षा में पुलिस ने फर्जी प्रत्याशियों को गिरफ्तार किया है। बिहार, झारखंड और राजस्थान में असल परीक्षार्थियों की जगह परीक्षा दे रहे 14 सॉल्वरों को गिरफ्तार किया गया है। पकड़े गए सॉल्वरों ने बताया कि परीक्षा पास करने के लिए 5-5 लख रुपए में सौदा हुआ था। बिहारशरीफ के गिरोह ने सॉल्वरों को बैठाया था। उनकी निशानदेही पर रविवार की रात बड़े पैमाने पर पटना में भी छापेमारी हुई।

तीसरे चरण का प्रचार थमा

जागरण के अनुसार लोकसभा चुनाव में आगामी 7 मई को होने वाले तीसरे चरण के मतदान के लिए रविवार शाम 6:00 बजे चुनाव प्रचार थम गया। इस चरण में बिहार की पांच समेत 11 राज्यों की 94 लोकसभा सीटों के लिए मतदान होगा। इस चरण में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय केंद्र मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का भाग्य ईवीएम में कैद हो जाएगा। बिहार में झंझारपुर, अररिया, सुपौल, मधेपुरा और खगड़िया लोकसभा क्षेत्र में मंगलवार को मतदान होना है।

अनंत सिंह का रोड शो

भास्कर ने लिखा है कि चुनावी मौसम में मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह 4 साल 8 माह 12 दिन बाद बेउर जेल से बाहर निकले। बिहार सरकार ने उन्हें पुश्तैनी जमीन जायदाद के बंटवारे के लिए 15 दिन की पैरोल दी है। बाहुबली अनंत सिंह ने जेल से निकलने के बाद रोड शो किया और कहा कि मुंगेर से जदयू के उम्मीदवार ललन सिंह 5 लाख वोट से जीतेंगे। 16 अगस्त 2019 को उनके पुश्तैनी मकान में एक-47, हैंड ग्रेनेड आदि प्रतिबंधित सामान बरामद किए गए थे। इस मामले में उन पर बाढ़ थाने में केस दर्ज किया गया था। बाढ़ पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी कर रही थी। इस बीच अनंत ने 19 अगस्त 2019 को दिल्ली के साकेत कोर्ट में सरेंडर कर दिया। इस केस की जांच कर रही बाढ़ की तत्कालीन एसपी लिपि सिंह दिल्ली गईं और उन्हें पटना लेकर पहुंचीं और जेल में बंद कर दिया। इस केस में उन्हें 10 साल की सजा हुई। अनंत सिंह के वकील सुनील कुमार ने बताया कि वे 13 केस में बेल पर हैं। अनंत सिंह की पैरोल मिलने पर राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि जब तक अनंत सिंह हमारे साथ थे तब तक वह अपराधी थे अब अनंत सिंह जदयू में चले गए तो संत हो गए।

नीतीश को बीमारी हो गई है: लालू

राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कोई बीमारी हो गई है। “ पेट पर हाथ फेरते रहते हैं। हले 4000 सीट जीतने का दावा करते हैं और फिर गलती बोलने के लिए सॉरी कहते हैं। अब हम उन्हें माफ नहीं करेंगे। इस तरह का आदमी हम नहीं देखे हैं। बीमार रहते हुए भी हम महसूस करते हैं बीमार नहीं है और इस चुनाव में उन्हें पराजित करेंगे।” उन्होंने कहा कि यह चुनाव मरने का नहीं जिंदा रहने की लड़ाई का चुनाव है।

भितरघात के खिलाफ कार्रवाई करेंगे नीतीश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी में भितरघात करने वालों को स्पष्ट चेतावनी दी है। समस्तीपुर में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने बिना किसी का नाम लिए हुए कहा कि हम लोगों के उम्मीदवार के साथ कोई बाएं दाएं गड़बड़ी कर रहा है। चुनाव के बाद उससे मुक्ति ले लेंगे। उनके इस चुनावी सभा में स्थानीय जदयू विधायक व मंत्री महेश्वर हजारी नहीं थे। सभा में उपस्थित उनके भाई राजेश्वर हजारी ने मंच से ही निशाना चाहते हुए कहा कि यह गंभीर बात है कि मंत्री रहते हुए महेश्वर हजारी आज दूसरी पार्टी के लिए वोट मांग रहे हैं। बता दें कि समस्तीपुर लोकसभा सीट से जदयू विधायक के पुत्र सन्नी हजारी कांग्रेस से मैदान में है।

हम आपके लिए खप रहे: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरे चरण के लिए प्रचार के अंतिम दिन रविवार को कहा कि सपा और कांग्रेस अपने और अपने बच्चों के भविष्य के लिए चुनाव लड़ती हैं। वहीं मोदी और योगी जनता के लिए, आपके बच्चों के लिए खप रहे हैं। उन्होंने यह बात उत्तर प्रदेश में चुनावी सभा और रोड शो के दौरान कही।

कुछ और सुर्खियां

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 12 मई को पटना में रोड शो
  • शिक्षा विभाग के साथ कुलपतियों की बैठक आज
  • बजरंग पुनिया को डोप टेस्ट के लिए सैंपल नहीं देने पर निलंबित किया गया
  • मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित 11 नवनिर्वाचित विधान पार्षद कल लेंगे शपथ
  • बिहार में आज से 5 दिन आंधी बारिश के आसार
  • आईजीआईएमएस की एक एमआरआई मशीन खराब
  • बिहार की 5 सीटों पर 1.45 लाख मतदाता पहली बार वोट डालेंगे

अनछपी: लोकसभा के चुनावी शोर के बीच बिहार में इलाज की व्यवस्था कितनी जर्जर हो चुकी है इसकी चर्चा नहीं होती। हर दिन नई बिल्डिंग बनने और नई सुविधा मिलने की चर्चा तो अखबारों में होती है लेकिन इसकी खबर कम ही आती है कि किस अस्पताल में कौन सी मशीन कितने दिनों से खराब है। इत्तेफाक की बात है कि आज के अखबारों में पटना के तीन बड़े अस्पतालों की जो खबरें छपी हैं उससे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार के दावे के उलट बिहार में स्वास्थ्य सुविधाएं कितने बुरे हाल में हैं। पीएमसीएच में पिछले 2 साल से पेट की बीमारी का पता लगाने वाली एंडोस्कोपी जांच बंद है। रोचक बात यह है कि इस दौरान भाड़े की भी मशीन लगाई गई लेकिन उससे काम नहीं चला। इसके अलावा पेट की जांच करने वाली एक और मशीन खराब पड़ी है। इस समय अगर कोई पीएमसीएच कैंपस को जाकर देखे तो वहां बड़ी-बड़ी बिल्डिंगों का निर्माण होते देखा जा सकता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई बार यह दावा कर चुके हैं कि पीएमसीएच को एशिया का सबसे बड़ा अस्पताल बनाया जाएगा। वह वहां बेड की संख्या गिनाते हैं लेकिन शायद उनका ध्यान इस बात पर नहीं जाता कि डॉक्टरों, नर्सों और दूसरे मेडिकल स्टाफ की कितनी किल्लत है। पीएमसीएच में कब सीटी स्कैन मशीन खराब हो जाए, कब एक्स-रे मशीन खराब हो जाए और कब एमआरआई और डायलिसिस बंद हो जाए यह कोई नहीं जानता। सर्जरी के समय अक्सर सामान बाहर से मंगाना पड़ता है। डॉक्टर जो दवाई लिखते हैं उनमें अक्सर पीएमसीएच में नहीं मिलती हैं। ऊंची दुकान फीका पकवान का अगर कोई उदाहरण देना हो तो पीएमसीएच इस समय इसकी बेहतरीन मिसाल है। मरीजों की मजबूरी है कि वह महंगे अस्पतालों में नहीं जा सकते इसलिए पीएमसीएच में उनकी भीड़ लगी रहती है हालांकि उन्हें सुविधाएं नहीं मिल पातीं। कुछ डॉक्टर ऐसे जरूर हैं जो इन असुविधाओं के बावजूद अपनी सेवा में लगे रहते हैं लेकिन अक्सर बड़े डॉक्टरों के बारे में शिकायत ही मिलती है। आज की ही खबर है कि आईजीआईएमएस में एक एमआरआई मशीन खराब हो चुकी है। एमआरआई के लिए पटना के सभी बड़े सरकारी अस्पतालों में दो-दो महीनों से अधिक का नंबर लगा होता है। ऐसे में यह व्यवस्था की जा रही थी कि एलएनजीपी जो हड्डी का अस्पताल है वहां एमआरआई की मशीन लगाई जाए। अब इस एलएनजीपी अस्पताल के बारे में खबर है कि यहां जनरेटर की सुविधा सही से काम नहीं करती। यह तीन खबरें तो महज़ बानगी है अगर गंभीरता से पड़ताल की जाए तो सभी अस्पताल बीमार ही नजर आएंगे।  अफसोस की बात है कि स्वास्थ्य का मुद्दा चुनावी मुद्दा नहीं बन पाता है।

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