छपी-अनछपी: 21391 सिपाहियों की भर्ती के लिए 20 जून से आवेदन, कई ज़िलों में पारा 45℃ के करीब

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। टीचर बहाली के बाद अब बिहार में सिपाहियों की भर्ती के लिए एप्लीकेशन मांगा गया है। यह जानकारी पहले पेज की पहली खबर है। पटना समेत कई जिलों का पारा 45 डिग्री सेंटीग्रेड के आसपास पहुंचने की खबर भी पहले पेज पर है। बख्तियारपुर में दो ई रिक्शा पर ट्रक के पलटने से 6 लोगों की मौत की खबर भी प्रमुख है।

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: बिहार में 21391 पदों पर सिपाहियों की बहाली होगी। राज्य में इतनी बड़ी संख्या में पहली बार पुलिसकर्मियों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई है। केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) ने इससे संबंधित विज्ञापन जारी कर दिया है। इसे पर्षद की वेबसाइट पर भी देखा जा सकता है। ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 20 जून से शुरू होगी। आवेदन करने की अंतिम तिथि 20 जुलाई है। अभ्यर्थियों का चयन लिखित परीक्षा और शारीरिक दक्षता परीक्षा के आधार पर होगी। अंतिम तारीख तक प्राप्त सभी आवेदनों की जांच के बाद लिखित परीक्षा के लिए प्रवेश-पत्र जारी किया जाएगा। लिखित परीक्षा का स्तर बिहार बोर्ड से 10वीं पास या समकक्ष रखा गया है। लिखित परीक्षा 100 अंकों की होगी, जिसमें 100 प्रश्न पूछे जाएंगे।
पटना @44.4℃
भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: पटना के तापमान 44.4°, 12 साल का रिकॉर्ड भी टूटा। अखबार लिखता है कि बिहार में राजस्थान से आने वाली गर्म हवाओं के प्रभाव से पूरे प्रदेश में हीटवेव का असर है। शुक्रवार को पटना में अधिकतम तापमान 44.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो 12 वर्षों के दौरान सबसे अधिक है। बिहार में सबसे ज्यादा तापमान 44.8° वैशाली में दर्ज किया गया। भोजपुर में 44.6 और पश्चिम चंपारण व शेखपुरा में 44.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अपनी गर्मी के लिए बदनाम गया का अधिकतम तापमान 43.3 डिग्री सेल्सियस था। भोजपुर में न्यूनतम तापमान सबसे अधिक 29.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। उधर ओडीशा के झारसुगड़ा का तापमान सबसे अधिक 45.6 डिग्री रिकॉर्ड किया गया।
ओवरटेक करने में छह की मौत
हिन्दुस्तान की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: हादसा: दो ई-रिक्शा पर पलटा ट्रक, छह की मौत। स्थानीय लोगों ने बताया कि ट्रक से ओवरटेक करने में दोनों ई-रिक्शा आपस में टकरा गए। ई-रिक्शा को बचाने के दौरान ही ट्रक चालक ने गाड़ी एकाएक दूसरी ओर घुमायी, जिससे अनियंत्रित होकर वह पलट गई। बख्तियारपुर थाना क्षेत्र के लखनपुरा गांव के समीप एसएच 106 पर शुक्रवार की दोपहर 12 बजे तेज रफ्तार मिनी ट्रक दो ई-रिक्शा पर पलट गया। इस दौरान ई-रिक्शा पर सवार छह यात्रियों की मौत हो गई। हादसे की खबर मिलते ही बख्तियारपुर, सालिमपुर सहित कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई। स्थानीय ग्रामीणों की मदद से ट्रक के नीचे दबे लोगों को बाहर निकाला गया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक ई-रिक्शा पर सवार तीन लोगों की दबने से मौत हो गई। जबकि गंभीर रूप से जख्मी एक बच्चे सहित सात लोगों को इलाज के लिए पटना भेजा गया, जिनमें तीन ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
मणिपुर में विधायक के घर ग्रेनेड हमला
मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। भास्कर के अनुसार शुक्रवार को आदिवासी कुकी बहुल गांव में भड़की ताजा हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई। कुकी लोगों के स्वतंत्र आदिवासी लीडर्स फोरम के एक नेता ने बताया कि जब सुरक्षा बल कांबिंग ऑपरेशन चला रहे थे उस वक्त अज्ञात हमलावरों ने गोलीबारी की जिसमें 3 ग्रामीण की मौके पर ही मौत हो गई जबकि एक ने बाद में दम तोड़ा। राज्य में 3 मई से जारी हिंसा में अब तक 105 लोगों की मौत हो चुकी है। करीब 40000 लोग विस्थापित हुए हैं। इससे पहले गुरुवार देर रात बाइक सवार दो बदमाशों ने इंफाल में भाजपा विधायक शीशम के बी के घर के गेट पर ग्रेनेड फेंका हालांकि इसमें किसी के घायल होने की सूचना नहीं है।
ट्रंप पर जासूसी एक्ट में चलेगा केस
2024 का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर एक और मुकदमा दर्ज किया गया है। उनके आवास से गोपनीय दस्तावेज मिलने के मामले में कदम उठाया गया है। आरोप है कि 2021 में चुनाव हारने के बाद ट्रंप कुछ अहम गोपनीय दस्तावेज अपने साथ ले गए थे, उनपर सात आरोप तय किए गए हैं। इस केस को लेकर ट्रंप को 13 जून में पेश होना है।
क्या इमरान का कोर्ट मार्शल होगा?
पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने कहा कि मेरे कोर्ट मार्शल की तैयारी पूरी कर ली गई है। उन्हें पता था कि एक सैन्य अदालत द्वारा उनकी सुनवाई की जाएगी। इमरान गुरुवार को कोर्ट में पेश होने के बाद पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने सैन्य अदालत में एक असैनिक की सुनवाई को पाकिस्तान में लोकतंत्र और न्याय का अंत बताया। खान ने कहा कि सैन्य अदालत में जो भी मुकदमा उनके खिलाफ चलेगा वो अवैध होगा। सरकार पर निशाना साधते हुए इमरान ने कहा कि वे लोग जानते हैं कि मेरे खिलाफ दर्ज 150 से अधिक मामले निराधार हैं और इन फर्जी मामलों में मुझे दोषी ठहराए जाने की कोई संभावना नहीं है, इसलिए उन्होंने सैन्य अदालत में मेरा मुकदमा चलाने का फैसला किया है।
कुछ और सुर्खियां
● ईडी ने बालू कंपनियों के खिलाफ 250 करोड़ की गड़बड़ी पकड़ी
● शरद पवार व संजय रावत को हत्या की धमकी
● शिक्षा विभाग में सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से शाम 3:00 बजे तक मांगी रोजाना हाजिरी रिपोर्ट
● 40 दिनों में हर्ष फायरिंग की 25 घटनाएं, 10 मौतें, 12 घायल गिरफ्तारियां हुईं लेकिन अभी तक एक भी लाइसेंस रद्द नहीं
● पटना में खुले दो साइबर थाने यहां डाक और मेल से भी दर्ज हो सकेगी शिकायत
● नफरती बोल के मामले में पहलवानों को राहत, कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण घिरे
अनछपी: ई-रिक्शा जिसे आम भाषा में हम टोटो भी कहते हैं, ट्रैफिक के लिए एक बड़ी समस्या बन गए हैं। अखबारों ने ई-रिक्शा पर ट्रक गिरने से 6 लोगों की मौत की खबर को अच्छी कवरेज दी है। आमतौर पर हम सड़क दुर्घटना में होने वाली मौत की खबर पर बहुत तवज्जो नहीं देते हैं। शहरों में कई बार सड़कों पर सिर्फ ई रिक्शा ही नजर आते हैं और चलने वाले को यह समझ में नहीं आता कि वह गाड़ी पर चल रहे हैं या पैदल। ई-रिक्शा का चलना माहौल के लिहाज से बेहतर है लेकिन उसकी खरीदारी और ड्राइविंग पर जो नियंत्रण होना चाहिए उसकी भारी कमी है। अधिक ई-रिक्शा चलना समाज में बेरोजगारी की भी निशानी है लेकिन क्योंकि बैंकों से आसानी से कर्ज मिल जाता है इसलिए जो चाहता है ई-रिक्शा खरीद कर सड़क पर ले आता है। पिछले दिनों पटना में ई-रिक्शा के रूट को तय करने की कोशिश की गई तो ई रिक्शा वालों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस हादसे के बाद यह होना चाहिए कि ई-रिक्शा हाईवे पर नहीं चलें क्योंकि तेज रफ्तार ट्रकों के बीच उनका चलना खतरे से खाली नहीं होता। ई रिक्शा चलाने वालों की ट्रेनिंग भी अधूरी होती है क्योंकि उसके लिए लाइसेंस लेने की कोशिश नहीं की जाती और ना ही पुलिस वाले उसके ड्राइवरों के लाइसेंस की जांच करते हैं। ई-रिक्शा से आगे कोई और बड़ी दुर्घटना नहीं हो इसलिए जरूरी है कि ट्रैफिक पुलिस इस बारे में ठोस नीति बनाए और ई रिक्शा चलाने वालों के लाइसेंस की भी जांच करें। इसके अलावा सरकार को भी ई रिक्शा खरीदारी के लिए नियंत्रण के कानून बनाने चाहिए। अफसोस की बात है कि हमारे यहां सड़क दुर्घटनाओं में हुई मौतों पर बहुत ज्यादा चिंता व्यक्त नहीं की जाती है हालांकि हर दिन सड़क हादसे में मौत की खबर आती रहती है।

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