छपी-अनछपी: बच्चों से भीख मंगवाने वाले गिरोह पर एक्शन का ऑर्डर, होम लोन की ईएमआई पर राहत नहीं

बिहार लोक संवाद डॉट, पटना। पटना के महावीर मंदिर के आसपास बच्चों से भीख मंगवाने वाले गिरोह के खिलाफ पटना हाई कोर्ट ने सख्त कार्रवाई का ऑर्डर पास किया है। इस बारे में जागरण अखबार ने लगातार खबर छापी जिसके बाद हाईकोर्ट ने यह आर्डर पास किया है। आरबीआई ने रेपो रेट में कोई कमी नहीं की जिसकी वजह से होम लोन लेने वालों को कम से कम एक साल तक बढ़ी हुई ईएमआई पर भुगतान करना होगा। इस बारे में भास्कर अखबार ने अहम जानकारी दी है। मुंबई के पास लिव-इन पार्टनर को काटकर कुत्तों को खिलाने की भयावह खबर भी सभी जगह है।

जागरण की सबसे बड़ी सुर्खी है: बच्चों से भिक्षावृत्ति के अपराध में लिप्त लोगों पर करें ठोस कार्रवाई: हाई कोर्ट। पटना हाईकोर्ट ने बच्चों से भीख मंगवाने के मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए गुरुवार को गिरोह चलाने वाले माफिया के विरुद्ध कार्रवाई करने का आदेश दिया। हाईकोर्ट ने दैनिक जागरण में प्रकाशित समाचार पर संज्ञान लेते हुए गिरोह का संचालन करने वालों को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया। दैनिक जागरण ने ‘खतरे में बचपन’ अभियान के तहत महावीर मंदिर के आसपास बच्चों से भीख मंगवाने की जानकारी छापी थी। पटना हाई कोर्ट जुवेनाइल जस्टिस मॉनिटरिंग कमिटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार ने इस पर स्वत संज्ञान लेते हुए समाज कल्याण विभाग के सचिव पटना के जिलाधिकारी और एसएसपी के साथ बैठक कर इस तरह के अपराध में संलिप्त व्यक्तियों पर ठोस कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

होम लोन वालों की परेशानी

भास्कर की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: रेपो रेट नहीं बदला, एक साल की ईएमआई घटने के आसार नहीं। रिजर्व बैंक ने गुरुवार को भी रेपो रेट नहीं बदला। यह अप्रैल से 6.5% है। इस फैसले से लोन महंगे नहीं होंगे लेकिन यह माई भी नहीं घटेगी। ध्यान रहे कि पिछले दिनों रेपो रेट में इजाफे के बाद बैंकों ने ईएमआई भी बढ़ा दी है। ऐसे में होम लोन और दूसरे लोन लेने वालों की परेशानी जारी रहेगी।

लिव इन पार्टनर से दरिंदगी

जागरण की खबर है: लिव इन पार्टनर को काटा, कुकर में उबाला, फिर मिक्सी में पीसकर कुत्तों को खिलाया। मुंबई के पास ठाणे स्थित मीरा रोड निवासी 56 वर्षीय मनोज साने ने अपनी लिव-इन पार्टनर 32 वर्षीय सरस्वती वैद्य को मारकर उसके शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए। महिला के शव को ठिकाने लगाने के लिए उन टुकड़ों को कुकर में उबालें फिर मिक्सी में पीसा और आसपास के कुत्तों को खिला दिया। पुलिस ने मनोज को गिरफ्तार कर लिया है। कोर्ट ने आरोपित को 16 जून तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। यह हत्या 4 जून को की गई थी। पुलिस अधिकारी जैन ध्वज बल्ले के अनुसार मनोज के घर से लगातार बदबू आने पर पड़ोसियों ने बुधवार शाम 7:00 बजे पुलिस को सूचना दी थी।

इंदिरा हत्याकांड की झांकी

हिन्दुस्तान की खबर है: इंदिरा गांधी हत्याकांड की झांकी पर चेताया। भारत ने कनाडा के ब्रैम्पटन में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या को दर्शाते हुए कथित तौर पर झांकी निकाले जाने की घटना के दृश्य सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कनाडा को चेतावनी दी है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अलगाववादियों और चरमपंथियों को महत्व देने को लेकर कनाडा पर निशाना साधा। जयशंकर ने संवाददाताओं से कहा कि कनाडा का अपनी जमीन से भारत विरोधी तत्वों को काम करने की अनुमति देना न केवल उसके लिए बल्कि द्विपक्षीय संबंधों के लिए भी ठीक नहीं है। नई दिल्ली में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरन मैके ने ट्वीट कर मामले पर सफाई दी। कहा, “कनाडा में एक कार्यक्रम की खबरों से मैं स्तब्ध हूं, जिसमें दिवंगत पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की हत्या का उत्सव मनाया गया। कनाडा में हिंसा या घृणा का महिमामंडन करने के लिए कोई स्थान नहीं है।”

शिक्षकों की हाजिरी

भास्कर की सबसे बड़ी खबर है शिक्षक अब रोज विभाग को बताएंगे…उपस्थित श्रीमान। राज्य के सभी सरकारी स्कूलों से लेकर कॉलेज व विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति और पढ़ाई की जानकारी लेने के लिए रोज मॉनिटरिंग होगी। इसके लिए विभाग में अलग सेल भी बनाने की तैयारी है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने गुरुवार को कार्यभार संभालते ही अधिकारियों को शिक्षकों की उपस्थिति की रोजाना मॉनिटरिंग का टास्क सौंपा।

मदरसों को चलाएगी प्रबंध समिति

जागरण अखबार में एक छोटी सी खबर है: बिहार में मान्यता प्राप्त अनुदानित मदरसों को चलाएगी प्रबंध समिति। राज्य में मौलवी स्तर तक के गैर सरकारी मान्यता प्राप्त अनुदानित मदरसों के लिए प्रबंध समिति का गठन अनिवार्य किया गया है। मदरसों के संचालन को लेकर प्रबंध समिति को व्यापक अधिकार दिए गए हैं। इससे संबंधित नई नियमावली को लागू कर दिया गया है। इसके मुताबिक प्रबंध समिति में हेड मौलवी, उनके द्वारा नामित दो वरिष्ठ शिक्षक, दो भूमि दान दाता, मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों के दो अभिभावक, अरबी या फ़ारसी के न्यूनतम फ़ौकानिया की योग्यता वाले 2 सदस्य तथा मदरसा बोर्ड द्वारा नामित एक शिक्षा पदाधिकारी सदस्य होंगे।

कुछ और सुर्खियां

  • पटना में भीषण गर्मी, 44 डिग्री पहुंचा तापमान
  • केरल में मानसून की दस्तक बिहार में 18-19 जून को पहुंचने के आसार
  • विपक्षी दलों की बैठक में मांझी को न्योता नहीं, फिर भी समर्थन
  • विदेश में भारत की निंदा करना राहुल की आदत है: जयशंकर
  • रोहतास जिले के नासरीगंज में पिलर में फंसे लड़के को 30 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद भी नहीं बचाया जा सका
  • जमीन सर्वे में आएगी तेजी; 10101 पदों पर बहाली का रिजल्ट जुलाई में, अब हर अंचल में होंगे सीओ

अनछपी: हमारे समाज में दरिंदगी किस हद तक आ गयी है, इसका ताजा उदाहरण मुंबई में लिव इन पार्टनर की जघन्य हत्या है। कुछ महीने पहले की बात है कि आफताब नाम के एक सनकी ने श्रद्धा वल्कर की इसी तरह जघन्य हत्या कर दी थी। ऐसा नहीं है कि अन्य संबंधों में हत्या नहीं होती है लेकिन लिव इन पार्टनर की इस तरह के हत्या से लिव इन रिलेशनशिप के बारे में भी गंभीर सवाल उठते हैं। हमारी अदालतें लिव इन रिलेशनशिप को बढ़ावा देते हुए नजर आती हैं लेकिन इस तरह के संबंध में होने वाली परेशानियों की तरफ उनका ध्यान कम नजर आता है। बहरहाल रिलेशनशिप चाहे जिस तरह की हो लेकिन उसमें हत्या और इस तरह की दरिंदगी लोग कहां से सीखते हैं, इसकी चर्चा जरूरी है। आफताब और श्रद्धा वल्कर वाले मामले में अफसोसनाक बात यह रही कि उस अपराध से ज्यादा इसकी चर्चा हुई कि मारने वाले का धर्म क्या था। हमारे टीवी चैनल और अखबारों ने शायद ही इस अपराध के पीछे की मानसिकता पर लोगों को जागरूक किया हो। हां उनकी यह कोशिश जरूर रही कि इस हत्या के बहाने एक समुदाय विशेष के खिलाफ माहौल बंदी की जाए। एक अहम बात यह है कि ऐसी हत्याओं के पीछे हत्यारे का यह विश्वास होता है कि उसे कोई पकड़ नहीं पाएगा। समाज में बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो यह मानते हैं कि अगर पुलिस उन्हें नहीं भी देखें तो ऊपरवाला देख रहा है और इस डर से बहुत सारे अपराध नहीं होते। यह बात भी ध्यान दिलाने की है कि ऐसा नहीं है कि धार्मिक और परंपरा पर चलने वाले लोग हत्याएं नहीं करते लेकिन लिव इन रिलेशनशिप में इस बात की शायद ही गुंजाइश रहती हो कि ऐसे लोग यह भी सोचें  कि उनकी हरकतों को इंसानों के अलावा कोई और भी देखने वाला है। मुंबई की घटना ऐसी है जिसके बारे में लिखना भी बहुत मुश्किल काम है। हैरत होती है कि किसी इंसान का दिल उसे ऐसी दरिंदगी के लिए कैसे तैयार करता है।

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