छ्पी-अनछपी: हाई कोर्ट ने विश्वविद्यालय के खातों से रोक हटाई, राहुल के अमेठी से न लड़ने पर ‘जंग’

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। शिक्षा विभाग द्वारा विश्वविद्यालय के बैंक खातों पर लगाई गई रोक पटना हाई कोर्ट ने हटा दी है। अमेठी सीट से चुनाव न लड़ने के राहुल गांधी के फैसले पर ज़बाननी जंग चल रही है। आज के अख़बारों में सबसे ज़्यादा चर्चा इन्हीं ख़बरों की है। इसके अलावा यह खबर भी अहम है कि बिहार के 458 मदसों की जांच होगी।

जागरण की पहली खबर है: विश्वविद्यालयों के खाते फ्रीज करने के शिक्षा विभाग के आदेश पर रोक। पटना हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश से बिहार के विश्वविद्यालय के बैंक खाते फ्रीज करने के शिक्षा विभाग के आदेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि अगले आदेश तक सभी विश्वविद्यालय और उनके अधिकारियों के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। न्यायाधीश अंजनी कुमार शरण की एकल पीठ ने मगध विश्वविद्यालय समेत 8 अन्य विश्वविद्यालयों की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक को सोमवार 6 मई को सभी विश्वविद्यालयों के आला अधिकारियों के साथ बैठक बुलाने का निर्देश दिया है। यह बैठक पटना के एक होटल में सुबह 11:00 बजे से होगी। कोर्ट ने कहा है कि यदि बिहार के मुख्य सचिव उस दिन फुर्सत में रहते हैं तो उस बैठक की अध्यक्षता कर सकते हैं। बैठक की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। इस मामले की अगली सुनवाई 17 मई को होगी।

अमेठी से नहीं से लड़ेंगे

हिन्दुस्तान के अनुसार रायबरेली और अमेठी सीट को लेकर कायम सस्पेंस शुक्रवार सुबह खत्म हो गया। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ेंगे। वहीं अमेठी से कांग्रेस ने राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के प्रतिनिधि रह चुके किशोरी लाल शर्मा को प्रत्याशी बनाया है। 25 वर्षों में यह पहला मौका है जब गांधी परिवार का कोई सदस्य अमेठी से चुनाव नहीं लड़ रहा है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा की समृति ईरानी ने राहुल गांधी को करीब 55 हजार वोटों से पराजित किया था। राहुल गांधी ने शुक्रवार दोपहर अपना पर्चा दाखिल किया। नामांकन के समय राहुल के साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी के अलावा प्रियंका गांधी, राबर्ट बाड्रा, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी समेत इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों के कई नेता भी थे।

मोदी का तंज़, “भागो मत”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रायबरेली से चुनाव लड़ने के फैसले को लेकर राहुल गांधी पर शुक्रवार को तंज कसा। उन्होंने कहा कि वायनाड से हार सुनिश्चित देख उन्होंने तीसरा ठिकाना ढूंढ़ा है। बर्दवान-दुर्गापुर में शुक्रवार को रैली को संबोधित करते मोदी ने कहा, डरो मत! भागो मत! मालूम हो राहुल वायनाड से मौजूदा सांसद हैं। प्रधानमंत्री ने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर कहा कि उन्होंने पहले ही बता दिया था कि शहजादे वायनाड में हारने वाले हैं। हार के डर से जैसे ही मतदान समाप्त होगा, वह तीसरी सीट खोजने लग जाएंगे।

458 मदरसों की जांच होगी

जागरण की खबर है कि शिक्षा विभाग में 458 मदरसों की जांच करने का आदेश अफसरों को दिया है। शिक्षा विभाग ने एक सप्ताह के अंदर संबंधित मदरसों की जांच रिपोर्ट भी मांगी है। जांच में संबंधित मदरसों की आधारभूत संरचना, शिक्षकों व कर्मचारियों की संख्या, उनकी योग्यता, बच्चों की संख्या और आंतरिक अंकेक्षण को देखा जाएगा। जांच रिपोर्ट आने के बाद विभागीय स्तर पर उसकी समीक्षा होगी। इसके बाद संबंधित मदरसों की मान्यता खत्म करने को लेकर फैसला होगा। शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के माध्यम से संबंधित मदरसों की जांच करने को कहा गया है।

मोदी के लिए पाकिस्तान पसंदीदा शब्द: लालू

राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री पर तंज कसा। बयान जारी कर कहा कि हिन्दी में करीब डेढ़ लाख शब्द हैं पर पीएम को कुछ ही शब्द पसंद है। लालू प्रसाद ने हिन्दी भाषा की शब्दावली का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि अध्ययन की सभी शाखाओं में तकनीकी शब्दों को मिलाकर लगभग 6.5 लाख शब्द हैं। लेकिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पसंदीदा शब्द पाकिस्तान, श्मशान, कब्रिस्तान, हिन्दू-मुसलमान, मंदिर-मस्जिद, मछली-मुगल, मंगलसूत्र, गाय-भैंस हैं। लालू ने कहा कि ऊपर की लिस्ट पहले दो चरणों के चुनाव होने तक की है। सातवें चरण तक इस लिस्ट में कुछ दो-चार नाम और बढ़ सकते हैं।

अतुल अंजान का निधन

भाकपा के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान का लंबी बीमारी के बाद शुक्रवार सुबह निधन हो गया। वह 64 वर्ष के थे। कुछ माह से लखनऊ के निजी अस्पताल में भर्ती थे। अतुल अंजान टीवी डिबेट्स में अपने तर्कों के लिए भी जाने जाते थे।

अमेरिका में कैंपस आंदोलन

भास्कर के अनुसार करीब दो सप्ताह पहले शुरू हुआ इसराइल विरोधी आंदोलन अब अमेरिका की 50 यूनिवर्सिटी में फैल गया है। अभी तक 2300 से ज्यादा छात्रों की गिरफ्तारी हो चुकी है। कुछ यूनिवर्सिटी में प्रशासन छात्रों के साथ सुलह करने में सफल रहा है। वहीं एक दर्जन यूनिवर्सिटी को प्रदर्शनकारियों से कैंपस खाली करने के लिए सुरक्षा बलों का सहारा लेना पड़ा है। इस बीच नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए भी यह बड़ा मुद्दा बन गया है। पूर्व राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने यूनिवर्सिटी कैंपस में अशांति के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन के कमजोर नियंत्रण को जिम्मेदार ठहराया है। इसके चलते राष्ट्रपति बाइडन को सीधे इस मुद्दे पर बयान देना पड़ा।

विदेश में नौकरी के ऑफर से सावधान

हिन्दुस्तान के अनुसार कम्बोडिया और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों से नौकरी का ऑफर है तो उसे परख लें। ऐसे नहीं की आप धोखाधड़ी के शिकार हो जाएं। फर्जी एजेंट इन दिनों सक्रिय हैं जो साइबर अपराध में भी शामिल हैं अपने भारतीय एजेंटों के साथ मिलकर लोगों को धोखा देने की फिराक में लगे हैं। इसको लेकर पटना स्थित विदेश मंत्रालय के प्रवासी संरक्षक कार्यालय ने इन क्षेत्रों में नौकरी की चाह रखनेवालों को सचेत किया है। कंबोडिया समेत दक्षिण पूर्व के देशों में नौकरियों के लिए यात्रा करनेवालों को सलाह दी गई कि केवल भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से अधिकृत एजेंटों के माध्यम से ही संपर्क करें।

कुछ और सुर्खियां

  • आज से उत्तर पूर्व बिहार और नौ मई तक पूरे राज्य में बारिश होने के आसार
  • 12 वर्ष बाद वानखेड़े में केकेआर से हार मुंबई प्लेऑफ की दौड़ से बाहर
  • नीट यूजी कल, बिहार से 1.39 लाख परीक्षार्थी शामिल होंगे
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आज दरभंगा में चुनावी सभा
  • रोहित वेमुला का केस बंद, तेलंगाना पुलिस का दावा- वेमुला दलित नहीं थे
  • खाना बनाने के दौरान पटना के बांस घाट के पास आग लगी, 54 झोपड़ियां राख

अनछपी: राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव न लड़ने के फैसले को समझने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चुनावी हार को याद करना चाहिए। ममता बनर्जी विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम से भारतीय जनता पार्टी के शुभेंदु अधिकारी से हार गई थीं जबकि उनकी पार्टी ने राज्य में भारी बहुमत हासिल किया था। इसलिए चुनाव में किस नेता को कहां कितनी ऊर्जा लगानी चाहिए यह फैसला आसानी से नहीं होता। एक और बात को याद करना चाहिए की 2014 में नरेंद्र मोदी बड़ौदा सीट के अलावा बनारस सीट से भी चुनाव लड़े थे। इसलिए किस सीट से और कितनी सीट से चुनाव लड़ा जाए यह एक रणनीतिक फैसला होता है, इसे समझने की जरूरत है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राहुल गांधी पर इस बात के लिए तंज़ कस रहे हैं कि राहुल ने दो जगह से चुनाव लड़ने का फैसला किया है लेकिन अपनी बात भूल गए। भारतीय जनता पार्टी ने अमेठी में राहुल गांधी को हराने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रखा था और अब वह खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है। मोदी और भाजपा के दूसरे नेता यह आरोप लगा रहे हैं कि राहुल गांधी अमेठी से भाग गए लेकिन कांग्रेस पार्टी यह भी कह सकती है कि दरअसल यह उनकी रणनीति का हिस्सा था। ऐसा बताया जा रहा है कि इस बार स्मृति ईरानी के खिलाफ अमेठी में माहौल बना हुआ है और अगर ऐसे में वहां से कांग्रेस के उम्मीदवार किशोरी लाल शर्मा कोई चौंकाने वाला रिजल्ट दे दें तो भारतीय जनता पार्टी को धक्का लगा सकता है। यह राहुल गांधी की रणनीति है या उनकी हार, हर व्यक्ति अपने-अपने हिसाब से इसकी व्याख्या कर सकता है। लेकिन जिस तरह नरेंद्र मोदी राहुल गांधी पर हमलावर हुए हैं उससे राहुल के महत्व का अंदाजा लग सकता है। नरेंद्र मोदी और भाजपा ने अब राहुल को पप्पू कहना बंद कर दिया है और उनके लिए शहजादे जैसा शब्द का इस्तेमाल जारी रखा है। राहुल गांधी को हमेशा नीचा दिखाने की कोशिश के बावजूद भारतीय जनता पार्टी यह मानती है कि उनके लिए सबसे बड़ा खतरा राहुल गांधी ही हैं। इसीलिए राहुल गांधी के एक-एक शब्द और एक-एक कदम पर भारतीय जनता पार्टी के नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टिप्पणी करने से नहीं चूकते हैं। दूसरी तरफ राहुल गांधी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर सबसे तीखे हमले बोलते हैं। भारतीय राजनीति में शह और मात की चाल कैसे चली और नतीजा क्या निकलता है यह तो 4 जून को पता चलेगा लेकिन इतना तय है कि राहुल गांधी ने इस खेल को एकतरफ़ा होने से बचाया है।

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