छ्पी-अनछपी: झारखंड के मंत्री आलमगीर गिरफ्तार, दुबई में प्रॉपर्टी खरीदने में भारतीय नंबर वन

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। दुबई में प्रॉपर्टी खरीदने में सबसे आगे भारतीय हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि अगर इंडिया गठबंधन की सरकार बनती है तो वह गरीबों को 10 किलो अनाज देगी। आज के अखबारों की यह अहम खबरें हैं।

हिन्दुस्तान, प्रभात खबर और जागरण की सबसे बड़ी खबर झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम की गिरफ्तारी है। जागरण के अनुसार टेंडर घोटाले की जांच कर रही ईडी ने लगातार दो दिनों तक लंबी पूछताछ के बाद बुधवार शाम झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को गिरफ्तार कर लिया। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बाद आलमगीर आलम ईडी के हाथों गिरफ्तार हुए झारखंड की गठबंधन सरकार के दूसरे मंत्री हैं। आलमगीर आलम कांग्रेस के विधायक हैं। हालांकि दोनों की गिरफ्तारी अलग-अलग मामलों में हुई है। हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी जमीन घोटाले मामले में हुई है जबकि आलमगीर आलम पर ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं के टेंडर देने के बदले ठेकेदारों से कमीशन के तौर पर करोड़ों रुपए वसूलने का आरोप है। टेंडर कमीशन घोटाले में ईडी अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। एक सप्ताह पहले ईडी ने रांची में मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव कुमार लाल और उसके नौकर समेत कुछ ठेकेदारों के घर छापेमारी कर 38 करोड़ रुपए से अधिक बरामद किए थे।

दुबई में सबसे ज़्यादा प्रॉपर्टी भारतीयों के

हिन्दुस्तान के अनुसार दुबई में विदेशियों द्वारा संपत्ति खरीदने के मामले में भारतीय पहले स्थान पर हैं। यहां 29,700 भारतीय कुल 35 हजार संपत्तियों के मालिक हैं। इनकी कुल कीमत 17 अरब डॉलर आंकी गई है। सेंटर फॉर एडवांस्ड डिफेंस स्टडीज (सी4एडीएस) ने दुबई में विदेशियों की संपत्ति को लेकर यह खुलासा किया है। दुबई में संपत्ति खरीदने के मामले में नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के नागरिक दूसरे नंबर पर हैं। 17 हजार पाकिस्तानी दुबई में 23 हजार संपत्तियों के मालिक हैं। इनकी कीमत 12.5 अरब डॉलर है। सूची में तीसरे स्थान पर ब्रिटेन है, जिसके नागरिकों के पास 22 हजार संपत्तियां हैं। यह रिपोर्ट वर्ष 2020-22 के बीच के संपत्ति के डाटा पर तैयार की गई।

10 किलो मुफ्त अनाज का वादा

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को लखनऊ में कहा कि चार जून को देश में ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार बनने जा रही है। यह सरकार आरक्षण की सीमा बढ़ाएगी और मुफ्त राशन भी दोगुना कर देगी। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, प्रधानमंत्री कहते हैं कि देश के 80 करोड़ गरीबों को हम मुफ्त अनाज दे रहे हैं। उन्होंने यह नहीं बताया कि खाद्य सुरक्षा कानून तो यूपीए सरकार लाई थी। उन्होंने कहा, ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार आएगी तो हम गरीबों को प्रति माह 10 किलो अनाज मुफ्त देंगे।

3820 लोग बिहार से हज पर जाएंगे

जागरण की खबर है कि हज यात्रा 2024 की शुरुआत कोलकाता, मुंबई व हैदराबाद से शुरू हो गई है। वहीं गया से यात्रा 26 मई से शुरू होगी। इस बार बिहार से कुल 3820 लोग हज यात्रा पर जाएंगे। इनमें दो बच्चे भी शामिल हैं। बिहार के हज यात्री हर साल सबसे अधिक किराया देखकर हज पर जाते हैं। इस वजह से बिहार के करीब 2000 हज यात्री बिहार के बाहर से अपनी उड़ान भरना पसंद करते हैं। हज यात्रा पर जाने के लिए सबसे कम किराया मुंबई का बताया गया है।

पीएमसीएच से चोरी गया बच्चा कैसे मिला?

भास्कर के अनुसार पीएमसीएच से मंगलवार को चोरी हुए नवजात को पुलिस ने 32 घंटे के अंदर बुधवार शाम 4:00 बजे पटना के राजापुर मैनपुरा से बरामद कर लिया। पुलिस ने आरोपी महिला बख्तियारपुर की करौटा निवासी प्रियंका कुमारी को भी मौके से गिरफ्तार कर लिया। पीरबहोर थानेदार अब्दुल हलीम ने बताया कि जांच के दौरान प्रसूति विभाग के तीमारदार विश्राम गृह में लोदीपुर के रेस्टोरेंट का एक पैकेट मिला। पता चला कि जिस महिला ने बच्चे को चुराया है वह अपने साथ खाने का एक पैकेट लाई थी। पुलिस उस रेस्टोरेंट में पहुंची और वहां से उस महिला की साफ तस्वीर मिली जिसके बाद उसकी पहचान हुई और उसे गिरफ्तार किया गया।

फरवरी से यूनिवर्सिटी को नहीं मिल रहे वेतन के पैसे

बिहार के विश्वविद्यालयों को शिक्षा विभाग की ओर से फरवरी से वेतन मद में कोई राशि नहीं मिली है। कुलपतियों द्वारा राजभवन को भेजी रिपोर्ट से पता चलता है कि शिक्षा विभाग ने जनवरी महीने से पेंशन मद में और फरवरी से वेतन मद में कोई राशि नहीं दी है। फिलहाल विश्वविद्यालय आंतरिक संसाधन से भुगतान कर रहे हैं।

मोदी के भाषण में फिर हिन्दू-मुसलमान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस अपने पिछले शासन के दौरान सरकारी बजट का 15 फीसदी हिस्सा अल्पसंख्यकों के लिए आवंटित करना चाहती थी। साथ ही उन्होंने धर्म के आधार पर बजट को बांटने और नौकरियों या शिक्षा में आरक्षण की अनुमति नहीं देने का संकल्प लिया। प्रधानमंत्री ने उत्तर महाराष्ट्र में नासिक जिले के पिंपलगांव बसवंत में महायुति उम्मीदवारों केंद्रीय मंत्री भारती पवार (भाजपा) और हेमंत गोडसे (शिवसेना) के समर्थन में एक चुनावी रैली को संबोधित किया। मोदी ने कहा कि आंबेडकर धर्म आधारित आरक्षण के खिलाफ थे लेकिन कांग्रेस एससी, एसटी और अन्य ओबीसी के आरक्षण के अधिकार छीनकर मुसलमानों को देना चाहती है। कहा, मोदी समाज के वंचित तबके के अधिकारों का चौकीदार है और

कुछ और सुर्खियां

  • यूएपीए में गिरफ्तार न्यूजक्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ रिहा, सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी को अवैध बताया
  • बिहार के 18 जिलों में आज से लू चलेगी
  • सीएए के तहत 14 लोगों को मिली भारत की नागरिकता
  • मध्य यूरोपीय देश स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री रॉबर्ट फ़िको को गोली मारी, हालत गंभीर
  • 12 दिनों में जेवराती सोना 1700 तो चांदी 4516 रुपए महंगी हो गई
  • मेडिकल प्रदेश परीक्षा ‘नीट’ के पेपर लीक होने के मामले की सीबीआई जांच करने के लिए हाईकोर्ट में अर्जी
  • बिहार के सरकारी स्कूलों में 1 जुलाई से मिड डे मील में बच्चों को मिलेगा डेढ़ सौ ग्राम दूध

अनछपी: पिछले 10 सालों में बेकसूर लोगों की गिरफ्तारी का इतना लंबा सिलसिला है कि सब के बारे में चर्चा करना मुश्किल है। ऐसा नहीं है कि इससे पहले की सरकारों में बेकसूर लोगों को गिरफ्तार नहीं किया गया लेकिन हाल के वर्षों में गिरफ्तार होने वाले ऐसे लोगों की संख्या बड़ी है जो या तो सामाजिक कार्यकर्ता हैं या पत्रकार हैं। ऐसे में वेब पोर्टल न्यूज़लिंक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी और सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनकी रिहाई की खबर की चर्चा जरूरी है। दिल्ली पुलिस ने उन पर आतंकवादी निरोधी कानून यूएपीए लगाया था। सरकार की एजेंसियों और सरकार समर्थक लोगों ने यह दावा किया था की न्यूज़ लिंक को चीन से पैसे आते हैं और इस वजह से वह सरकार और देश विरोधी रिपोर्टिंग करता है। प्रबीर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी के बाद न्यूज़क्लिक की व्यवस्था छिन्न भिन्न हो गई थी और उससे जुड़े पत्रकारों के सामने बेरोजगारी की समस्या खड़ी हो गई थी। इससे पहले 13 अक्टूबर 2023 को दिल्ली हाईकोर्ट ने उनके पुलिस रिमांड के खिलाफ दी गई याचिका को खारिज कर दिया था। पुरकायस्थ इस मामले में खुशकिस्मत है कि उन्हें 7 महीने बाद ही रिहाई मिल गई वर्ना यूएपीए में गिरफ्तार लोग कई वर्षों तक जेल में सड़ते रहते हैं। फिर भी, गोदी मीडिया के इस दौर में प्रबीर पुरकायस्थ जैसे पत्रकारों का इस तरह जेल के अंदर रहना पत्रकारिता की चुनौती को समझने के लिए बेहतरीन उदाहरण है। सरकार और पुलिस ऐसे आरोप लगाती है कि आम लोग भी असमंजस में पड़ जाते हैं। पुरकायस्थ के मामले में यह कहना कि उनका समाचार संगठन चीन से पैसे लेता है किसी के लिए भी शक की स्थिति उत्पन्न करता है। उन्हें सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल तो रिहाई मिल गई है लेकिन उनके बारे में आम लोगों तक जो गलत संदेश गया उसका क्या होगा? इन सात महीनों के दौरान न्यूज़क्लिक के पत्रकारों ने जो मानसिक प्रताड़ना झेली उसका कौन हिसाब देगा? वर्तमान सरकार में पत्रकारों की प्रताड़ना की जब भी चर्चा होगी तो न्यूज़क्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ का मामला भी याद रहेगा।

 

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