छपी-अनछपी: नेपाल में फिलहाल सेना का कंट्रोल, फ़्रांस में हजारों लोग सड़कों पर
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। नेपाल में भारी हिंसा और प्रधानमंत्री के इस्तीफा के बाद वहां फिलहाल सेना का कंट्रोल है और पूरे देश में कर्फ्यू लगाया गया है। फ्रांस में बार-बार प्रधानमंत्री बदलने और वेतन व सब्सिडी में कटौती के विरोध में एक लाख लोग सड़कों पर उतरे हैं। पटना के कंकड़बाग में राजद नेता को दौड़ा दौड़ा कर गोलियों से भून दिया गया। भारत के साथ संबंधों पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तेवर नरम पड़े हैं।
पहली ख़बर
हिन्दुस्तान के अनुसार भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ भड़के प्रदर्शनों के बीच नेपाल की सेना ने हालात संभालने के लिए मोर्चा संभाल लिया है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के अगले दिन बुधवार को सेना ने पूरे देश में प्रतिबंधात्मक आदेश और कर्फ्यू लागू कर दिया। सेना ने कहा कि इन कदमों का मकसद लूटपाट, आगजनी और तोड़फोड़ जैसी घटनाओं को रोकना है। सेना ने चेतावनी दी कि कर्फ्यू के दौरान किसी भी तरह का प्रदर्शन, हिंसा या सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना आपराधिक कृत्य माना जाएगा और सख्त कार्रवाई होगी। सेना ने यह भी स्पष्ट किया कि इस दौरान केवल एंबुलेंस, दमकल, स्वास्थ्यकर्मी और सुरक्षा बल जैसी आवश्यक सेवाओं को छूट दी जाएगी। कर्फ्यू गुरुवार सुबह छह बजे तक लागू रहेगा लेकिन इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है ।वहीं, नेपाल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि प्रदर्शनों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 25 हो गई है। मंत्रालय ने कहा कि अब तक 633 लोग घायल हुए हैं। सेना ने अपील की है कि प्रदर्शन के दौरान लूटे गए हथियार और गोलियां तुरंत नजदीकी पुलिस चौकी या सुरक्षा बलों को सौंप दें, वरना कानूनी कार्रवाई होगी।
भारतीयों की वापसी की कोशिशें
भारत सरकार ने नेपाल में फंसे अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने की तैयारी पूरी कर ली है। काठमांडू में हवाईअड्डा खुलने के बाद बुधवार को इस मुद्दे पर विदेश मंत्रालय की बैठक में यह निर्णय लिया गया। केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जोधपुर में मीडिया से बातचीत में यह जानकरी दी। उधर, वायु सेना के सूत्रों ने कहा कि मामले पर विदेश मंत्रालय की नजर है। वायु सेना के दो विमान नागरिकों को लाने के लिए तैयार रखे गए हैं। जबकि नागरिक विमान पहले से काठमांडू हवाईअड्डे पर हैं। एयर इंडिया-इंडिगो अतिरिक्त उड़ान भेजेंगी।
हिन्दू राष्ट्र बनाने की मांग
जागरण के अनुसार नेपाल में सेना की मध्यस्थता के बाद जेन ज़ी प्रदर्शनकारियों और राजनीतिक दलों की बैठक में अंतरिम सरकार के गठन पर सहमति बन गई है। इसमें नेपाल की पूर्व और प्रथम महिला प्रधान न्यायाधीश सुशीला कार्की को प्रधानमंत्री बनाने का प्रस्ताव है। काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह ने एक बयान जारी कर उनके नाम का समर्थन किया है। जेन ज़ी की वर्चुअल बैठक में नेपाल को हिंदू राष्ट्र बनाने के साथ कई प्रस्ताव पास किए गए हैं।
फ्रांस में एक लाख लोग सड़कों पर
भास्कर के अनुसार पहले इंडोनेशिया, फिर नेपाल और अब फ्रांस बड़े आंदोलन का सामना कर रहा है। राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों 20 माह में ही एक के बाद एक पांच प्रधानमंत्री नियुक्त कर चुके हैं लेकिन सड़कों पर विरोध और गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा। बुधवार को एक ओर जहां नए पीएम सेबेस्टियन लेकॉर्न ने पदभार संभाला वहीं वेतन और सब्सिडी कटौती के मुद्दे पर पूरे फ्रांस में ‘लेट्स ब्लॉक एवरीथिंग’ आंदोलन में एक लाख प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे। मैक्रों ने 80000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया। प्रदर्शनकारियों ने पेरिस, ल्यों, तुलुज और नान्तो तक सड़क, रेलवे और एयरपोर्ट सेवाएं बाधित कीं। पेरिस में प्रदर्शनकारियों ने कई जगहों पर सड़क को जमकर आग लगा दी।
राजद नेता को दौड़ा दौड़ा कर गोलियों से भूना
हिन्दुस्तान के अनुसार पटना में कंकड़बाग के चित्रगुप्त नगर रोड नम्बर 17 में बुधवार की रात करीब 10 बजे राजद नेता और जमीन कारोबारी राजकुमार यादव उर्फ आला राय की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। दो अपराधियों ने राजद नेता को दौड़ा-दौड़ाकर छह गोलियां दाग दीं। इसके बाद दोनों अपराधी पैदल ही वहां से भाग गए। आनन-फानन में स्थानीय लोग और पुलिस उन्हें पीएमसीएच ले गई, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद परिवार वालों में चीख-पुकार मच गई। पुलिस के मुताबिक, प्रथमदृष्टया हत्या के पीछे जमीन विवाद और पैसों के लेन-देन की बात सामने आ रही है। पूर्वी सिटी एसपी परिचय कुमार ने कहा कि राजकुमार के चालक से पूछताछ की जा रही है।
ट्रंप ने मोदी को फिर दोस्त बताया
भास्कर के अनुसार भारत के साथ संबंधों पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तेवर नरम पड़े हैं। ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बहुत अच्छा मित्र बताया। साथ ही कहा कि ट्रेड बैरियर पर उनसे बात करेंगे। जवाब में मोदी ने कहा कि उन्हें भी बातचीत का इंतजार है। ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा, “भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड बैरियर खत्म करने पर बातचीत जारी है। आने वाले हफ्तों में मैं बहुत अच्छे दोस्त पीएम मोदी से बातचीत के लिए उत्सुक हूं। सफल नतीजे पर पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।” पीएम मोदी ने ट्रंप की पोस्ट शेयर करते हुए लिखा भारत और अमेरिका करीबी मित्र और स्वाभाविक साझेदार हैं।
ट्रंप ने यूरोपियन यूनियन से कहा- भारत और चीन पर 100% टैरिफ लगाए
हिन्दुस्तान के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूरोपीय संघ से भारत एवं चीन पर 100 प्रतिशत तक शुल्क लगाने का अनुरोध किया है, ताकि रूस पर यूक्रेन युद्ध समाप्त करने के लिए आर्थिक दबाव बढ़ाया जा सके। फाइनेंशियल टाइम्स ने बुधवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने मंगलवार को वाशिंगटन में वरिष्ठ अमेरिकी और यूरोपीय अधिकारियों की एक बैठक में शुल्क बढ़ाने का आह्वान किया। इस बैठक में रूस पर युद्ध का आर्थिक भार बढ़ाने के उपायों पर चर्चा हुई। फाइनेंशियल टाइम्स ने एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से कहा कि अमेरिका यूरोपीय संघ द्वारा भारत एवं चीन पर लगाए गए किसी भी शुल्क को समान रूप से लागू करने के लिए तैयार है।
कुछ और सुर्खियां:
- सीवान के पत्रकार राजदेव हत्याकांड में तीन को उम्रक़ैद
- नेपाल में तीन दिनों से जारी हंगामा के बीच 18 जिलों से तेरह हजार कैदी फरार
- नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री झालानाथ खनाल की पत्नी गंभीर हालत में अस्पताल में हैं, उनके मरने की गलत खबर दी गई थी
- बिहार में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए एक करोड़ लाभुकों को भेजी गई राशि
- बर्खास्त राजस्व कर्मचारियों ने पटना में भारतीय जनता पार्टी के दफ्तर पर प्रदर्शन किया, पुलिस ने लाठी चार्ज से भगाया
अनछपी: नेपाल से अच्छी खबर यह है कि दो दिन की हिंसा और आगजनी के बाद फिलहाल वहां स्थिति नियंत्रण में है लेकिन जैसा कि भारतीय समाज में कहा जाता है, वहां स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है। नेपाल में इस हिंसक विरोध के लिए जिस जेन ज़ी का नाम लिया जा रहा है अब उस पर गंभीर सवाल भी उठाए जाएंगे। पहली बात तो यह है कि इस जेन ज़ी आंदोलन की शुरुआत के बारे में शायद ही किसी को अता-पता हो। शायद एक सप्ताह पहले तक कम से कम भारत के लोगों में इस नाम की कोई चर्चा नहीं थी। बहुत से लोग यह सवाल भी कर रहे हैं कि जिस तरह और जिस पैमाने पर वहां की संसद को जलाया गया, सुप्रीम कोर्ट में आग लगाई गई और होटल व दूसरी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया और इसके पीछे जेन ज़ी को बताया जा रहा है तो उन्हें हिंसा के लिए कौन भड़का रहा था? क्या वह कहीं और से निर्देशित हो रहे थे? क्या उनकी शिकायत केवल भ्रष्टाचार और नेताओं की अय्याशी है या इसके पीछे पुरानी राजशाही की वापसी और हिंदू राष्ट्र की स्थापना को शह देने वाले लोग भी हैं? इसके बारे में कोई दो राय नहीं हो सकती कि नेपाल सरकार को प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए गोलियां चलाने के बदले कोई और रास्ता ढूंढना चाहिए था। शायद वहां की सरकार को इसके पीछे के तत्वों का अंदाजा नहीं रहा होगा और उसे यह समझने में चूक हुई होगी कि सोशल मीडिया बैन के विरोध के नाम पर ऐसी हिंसा हो सकती है। भारत के समाचार माध्यमों में इस बात की बहुत चर्चा है कि जिस जेन ज़ी के नाम पर आंदोलन और उसके साथ-साथ हिंसा हुई है उसकी मांगों में एक मांग हिंदू राष्ट्र की स्थापना भी है। यह भी याद रखने की बात है कि बताया जाता है कि नेपाल में आरएसएस भी अपना काम करता है तो ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या इस आंदोलन और हिंसा के पीछे आरएसएस या उससे जुड़े किसी और संगठन का भी हाथ है? फिलहाल नेपाल में वैसे आम लोग भी बहुत चिंतित और परेशान हैं जो इस आंदोलन में तो शामिल नहीं हैं लेकिन इस आंदोलन की हिंसा की आंच उन तक पहुंच सकती है। कहीं ऐसा तो नहीं कि भ्रष्टाचार के विरोध में आंदोलन का लबादा ओढ़े यह हिंसा दरअसल नेपाल में लोकतंत्र को समाप्त करने और बरास्ते राजशाही हिन्दू राष्ट्र के और कठोर रूप की स्थापना के लिए है?
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