BIHAR में हज़ारों PHARMACISTS बेरोज़गार, सरकार ने दिया JOB का आश्वासन

बिहार लोक संवाद डॉट नेट

पटना सिटी के अगमकुआं स्थित राजकीय फार्मेसी कॉलेज में शनिवार को वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे पूरे धूमधाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर समाज और स्वास्थ्य के क्षेत्र में फार्मासिस्ट की भूमिका और समस्याओं पर पर चर्चा की गई।

बिहार की आबादी लगभग 12 करोड़ है। लेकिन यहां फार्मेसी के सिर्फ दो संस्थान हैं। इनमें गवर्नेंट फार्मेसी इंस्टीच्यूट और बिहार कॉलेज ऑफ फार्मेेसी शामिल हैं। ये दोनों राजधानी पटना में हैं लेकिन इनकी हालत बहुत बेहतर नहीं है। यही वजह है कि फार्मेसी के छात्र बिहार के बाहर डिग्री लेने को मजबूर हैं। जिन्होंने यहां से डिग्री ली भी है, उनके पास नौकरी नहीं है। हालांकि सरकारी अस्पतालों में लगभग 5 हजार फार्मासिस्ट की जरूरत है। जबकि वर्षों से उनकी नियुक्ति नहीं हो रही है। वहीं, बिहार में लगभग 65 हजार मेडिकल स्टोर्स हैं। इनमें से 90 फ़ीसद दुकानें बिना फार्मासिस्ट के चल रही हैं। हालांकि ‘द ड्रग कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 का साफ़ कहना है कि हरेक रिटेल मेडिसिन शॉप में एक फार्मासिस्ट का होना जरूरी है।

फार्मासिस्ट और उसकी भूमिका के बारे में मोहम्मद अमैल आमिश ने बिहार लोक संवाद को विस्तार से बताया। अमैल आमिश गाज़ियाबाद के आईटीएस कॉलेज आफ फार्मेसी के विद्यार्थी हैं।

फार्मासिस्ट डे के मौके पर राजकीय फार्मेसी कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में बिहार के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद भी मौजूद थे। उन्होंने सरकारी नौकरी को लेकर फार्मासिस्ट की बहाली प्रक्रिया जल्द शुरू किए जाने का भरोसा दिलाया।

उम्मीद की जानी चाहिए कि डिप्टी सीएम ने जो आश्वासन दिया है, सरकार उसको अमली जामा भी जल्द पहनाएगी। कैमरापर्सन शीश अहमद के साथ सैयद जावेद हसन, बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना।

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