छपी-अनछपी: सोशल मीडिया पर गलत पोस्ट के नतीजे भुगतने होंगे, माइनॉरिटी स्कॉलरशिप में धांधली पकड़ाई
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट डालने वालों को अब परिणाम भुगतना पड़ेगा क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में टिप्पणी की है। इस खबर को अच्छी अहमियत मिली है। अल्पसंख्यकों को मिलने वाली छात्रवृत्ति में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े की बात सामने आई है। इस खबर को भी पहले पेज पर जगह मिली है।
जागरण की सबसे बड़ी खबर है: इंटरनेट मीडिया पर गलत पोस्ट के भुगतने होंगे परिणाम: सुप्रीम कोर्ट। सुप्रीम कोर्ट ने इंटरनेट मीडिया का इस्तेमाल करने वाले लोगों को उसके प्रभाव और पहुंच के बारे में सावधान रहने की नसीहत दी है। अदालत ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति को इंटरनेट मीडिया के इस्तेमाल करना आवश्यक लगता है तो उसे परिणाम भुगतने के लिए भी तैयार रहना चाहिए। जस्टिस बी आर गवई और पीके मिश्रा की पीठ ने अभिनेता और तमिलनाडु के पूर्व विधायक एसवी शेखर की याचिका खारिज करते हुए यह टिप्पणी की। 2018 में महिला पत्रकारों के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणियों वाला फेसबुक पोस्ट साझा करने के मामले में एसवी शेखर मुकदमों का सामना कर रहे हैं। शीर्ष अदालत मद्रास हाई कोर्ट के 14 जुलाई के उस आदेश के खिलाफ शेखर की ओर से दायर याचिका की सुनवाई कर रही थी जिसमें आपराधिक मुकदमा रद्द करने संबंधी उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी। शेखर के वकील ने दलील दी कि घटना के दिन शेखर ने अपनी आंखों में कुछ दवा डाली थी जिसके कारण वह साझा किए गए अपने पोस्ट की विषय वस्तु नहीं पढ़ सके थे। पीठ ने कहा कि इंटरनेट मीडिया के इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतनी होती है।
अल्पसंख्यक स्कॉलरशिप में फर्जीवाड़ा
जागरण की ही दूसरी सबसे बड़ी खबर है: अल्पसंख्यक संस्थानों में छात्रवृत्ति की लूट। भास्कर ने खबर दी है: 8.12 करोड़ अल्पसंख्यकों को दी गई छात्रवृत्ति, इनमें 4.34 करोड़ फर्जी पाए गए। जागरण ने लिखा है कि फर्जी अल्पसंख्यक संस्थाओं और फर्जी छात्रों के जरिए अब तक करोड़ों रुपए लूटे जाने का अंदेशा है। शुरुआती जांच में 100 जिलों के 1572 अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों में से करीब 53% संस्थान फर्जी पाए गए हैं जो या तो अस्तित्व में नहीं है या लंबे समय से बंद है इनमें ज्यादातर मदरसे हैं। इन सभी 830 फर्जी अल्पसंख्यक संस्थाओं को पिछले 5 वर्षों में 144 करोड़ से ज्यादा की छात्रवृत्ति दी गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने इन सभी संस्थाओं के खातों को फ्रीज कर दिया है। जांच सीबीआई को सौंप दी है।
शिक्षक भर्ती का दूसरा चरण
भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: शिक्षक भर्ती का दूसरा चरण साल के अंत तक, आएगी 1.50 लाख वैकेंसी। अख़बार लिखता है कि मध्य विद्यालय को हाई स्कूल में अपग्रेड तो कर दिया गया है लेकिन इसके लिए उनकी स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक नहीं है। राज्य के 75000 स्कूलों में कक्षा 1 से 12 तक शिक्षकों के अभी लगभग ढाई लाख पद रिक्त हैं। अभी बीपीएससी से 1.70 लाख शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। सितंबर में रिजल्ट भी आ जाएगा। यह प्रक्रिया पूरी होते ही बीपीएससी से इस साल के अंत तक ही दूसरे चरण में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। किसी कारण से इस साल के अंत तक वैकेंसी नहीं आ सकी तो 2024 में लोकसभा चुनाव आचार संहिता लागू होने के पहले तक हर हाल में वैकेंसी आ जाएगी। अनुमान है कि 1.70 लाख शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में लगभग 70 से 80 हजार पद खाली रह जाएंगे। इसे दूसरे चरण की बहाली में जोड़ा जाएगा। दूसरे चरण से लगभग 1.50 लाख शिक्षकों की वैकेंसी आने की उम्मीद है।
21 लाख को बिजली अनुदान मिलेगा
हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: तैयारी: 21 लाख कामगारों को बिजली अनुदान मिलेगा। भवन निर्माण से जुड़े राज्य के 21 लाख से अधिक निबंधित कामगारों को बिजली बिल में बड़ी राहत देने की तैयारी है। श्रम संसाधन विभाग में इस पर तेजी से मंथन चल रहा है। जल्द इस बाबत औपचारिक निर्णय लिया जाएगा। दिल्ली और पंजाब समेत देश के कुछ राज्यों में उपभोक्ताओं को निश्चित यूनिट तक मुफ्त बिजली मुहैया कराई जा रही है। इधर, बिहार में भवन निर्माण से जुड़े सभी निबंधित कामगारों को बिजली खपत पर अनुदान देने की कवायद चल रही है। राज्य में भवन निर्माण से जुड़े कामगारों में राजमिस्त्री, हेल्पर, मजदूर, इलेक्ट्रिशियन, प्लम्बर, बढ़ई आदि का निबंधन किया जाता है। इसके लिए बिहार भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड बना हुआ है।
सेना की गाड़ी खाई में गिरी, 9 की मौत
हिन्दुस्तान के अनुसार लद्दाख में शनिवार को एक सैन्य वाहन के खाई में गिरने से भारतीय सेना के नौ जवान शहीद हो गए जबकि एक अन्य घायल हो गया। शहीद जवानों में दो जेसीओ और सात जवान शामिल हैं। लेह के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पीडी नित्या ने कहा कि हादसा कियारी शहर से सात किलोमीटर दूर शाम करीब पौने पांच बजे हुआ। सैनिक कारू गैरीसन से लेह के पास कियारी की ओर बढ़ रहे थे। सेना के वाहन में 10 जवान सवार थे। लेह से न्योमा की ओर जाते समय चालक ने नियंत्रण खो दिया, जिससे सैन्य वाहन खाई में जा गिरा।
पत्रकार हत्याकांड में चार आरोपित गिरफ्तार
जागरण की खबर है: पत्रकार हत्याकांड में 8 नामजद, चार गिरफ्तार, दो अब भी हैं फरार। अररिया जिले के रानीगंज प्रखंड के पत्रकार विमल कुमार यादव हत्याकांड में पुलिस ने चार नामजद आरोपियों को शुक्रवार की रात गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपितों में भरगामा थाना क्षेत्र के भरना गांव निवासी विपिन यादव, रानीगंज के बेलसरा के भवेश यादव, आशीष यादव, कोशिकापुर के उमेश यादव शामिल हैं। यह जानकारी एसपी अशोक कुमार सिंह ने प्रेस वार्ता में दी। एसपी ने कहा कि गिरफ्तार अपराधियों से पुलिस लगातार पूछताछ की जा रही है। एसपी ने कहा कि पत्रकार हत्याकांड में आठ के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गयी है। इनमें दो पहले से ही न्यायिक अभिरक्षा में जेल में बंद हैं।
इमरान की पार्टी के नेता गिरफ्तार
पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी को शनिवार को एक बार फिर गिरफ्तार कर लिया गया। कुरैशी को इमरान खान का प्रमुख सहयोगी माना जाता है। नौ मई को हुई हिंसा मामले में पकड़े जाने के बाद दो महीने पहले ही कुरैशी की रिहाई हुई थी। पीटीआई ने सोशल मीडिया पोस्ट कर कुरैशी की गिरफ्तारी की पुष्टि की। पोस्ट में कहा गया कि कुरैशी को इस्लामाबाद में उनके आवास से गिरफ्तार किया गया है।
कुछ और सुर्खियां
- एमबीबीएस सीटों की संख्या 150 से अधिक नहीं कर सकेंगे नए स्थापित मेडिकल कॉलेज
- बढ़ती कीमतों पर रोक लगाने के लिए प्याज पर 40% निर्यात शुल्क लगेगा
- झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी ने दोबारा भेजा समन
- पूर्णिया में बस ऑटो की टक्कर में 4 की मौत
- बिहार 10.64 फीसद विकास दर के साथ देशभर में फिर अव्वल
अनछपी: हिंदी की एक कहावत है करे कोई, भरे कोई। भारत सरकार द्वारा अल्पसंख्यक छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति पर यह कहावत पूरी तरह लागू होती है। ताजा जानकारी आई है कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा दी जाने वाली छात्रवृत्ति में 144 करोड़ रुपए की हेराफेरी की गई है। यह हेरा फेरी दो तरीके से की गई है। एक तो ऐसे संस्थानों के नाम पर छात्रवृत्ति ली गई है जिनका या तो अता-पता नहीं है या वह वर्षों से बंद है। दूसरी हेराफेरी फर्जी छात्रों के नाम पर की गई है। रिपोर्ट के अनुसार जिन फर्जी संस्थाओं के नाम पर यह धोखाधड़ी की गई है उनमें बड़ी संख्या में मदरसों के नाम शामिल हैं। यानी मदरसों का नाम है हालांकि मदरसे है नहीं। अच्छा है कि सरकार ने इस मामले की जांच के लिए सीबीआई से कहा है। यह भी कहा गया है कि इस फर्जीवाड़ा में अधिकारियों की भी मिली भगत है। जाहिर है कोई भी फर्जीवाड़ा बिना मिलीभगत के संभव नहीं है। ऐसी धोखाधड़ी की चर्चा पहले से चल रही थी लेकिन अफसोस की बात यह है कि इस धोखाधड़ी के कारण जो लोग सही में छात्रवृत्ति के हकदार हैं उन्हें भी बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वेरिफिकेशन के नाम पर पिछले साल की छात्रवृत्ति अब तक नहीं मिली है और एक दो नहीं तीन-तीन बार वेरिफिकेशन के बावजूद छात्रवृत्ति की राशि नहीं जारी की जा रही है। एक तरफ जहां यह जरूरी है कि फर्जीवाड़ा करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाए वहीं दूसरी ओर यह भी जरूरी है कि हकदारों को उनकी छात्रवृत्ति से वंचित नहीं किया जाए। इस मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने ऐसी शर्ते लगा रखी हैं जो व्यावहारिक नहीं है और उन शर्तों पर बहुत ही कम लोगों को छात्रवृत्ति मिलेगी। उदाहरण के लिए जो अधिकतम वार्षिक आय तय है वह काफी पुरानी है और इसकी समीक्षा जरूरी मालूम होती है। इसी तरह छात्रवृत्ति की राष्ट्रीय भी बेहद कम है। इसलिए जरूरी है कि छात्रवृत्ति की शर्तों को नए हालात के लिहाज से व्यावहारिक बनाया जाए ताकि हकदारों को छात्रवृत्ति लेने में कोई परेशानी ना हो।
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