छपी-अनछपीः श्रीलंका में बनेगी सर्वदलीय सरकार, ’जनसंख्या को कमजोरी नहीं, शक्ति बनाएं’

बिहार लोक संवाद डाॅट नेट, पटना। आज के अखबारों की लीड अलग-अलग है।
श्रीलंका में राष्ट्रपति के भागने और प्रधानमंत्री के निजी आवास में आग लगाये जाने के बाद हालात कुछ सामान्य हो रहे हैं। यही खबर आज हिन्दुस्तान और जागरण की पहली खबर है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र के कल यानी मंगलवार को पटना आने की खबर भी प्रमुखता से छपी है। इसके कारण कल शाम 4 बजे से हार्डिंग रोड समेत दस सड़कें आम लोगों के लिए बंद रखे जाने की सूचना भी छपी है।
गोवा में कांग्रेस के 11 विधायकों में से 6 के भाजपा में शामिल होने की कोशिशों की खबर टाइम्स आॅफ इंडिया की लीड है। हद तो यह है कि कांग्रेस ने जिसे नेता प्रतिपक्ष बनाया था उसे भी हटाना पड़ा है।
हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी सुर्खी हैः राष्ट्पति-प्रधानमंत्री के घरों पर जनता का कब्जा। जागरण ने जानकारी दी हैः श्रीलंका में अब बनेगी सर्वदलीय सरकार। टाइम्स आॅफ इंडिया ने सुर्खी लगायी है कि भारत का सतर्क रवैया, श्रीलंका की जनता के साथ होने की बात कही।
भास्कर की लीड हैः केन्द्रीय नेतृत्व ने मंत्री रामसूरत को चेताया- अपना मुंह बंद रखें। सीओ के तबादले की अपनी सूची सीएम आॅफिस से रद्द किये जाने के बाद से श्री रामसूरत विक्षुब्ध चल रहे हैं। प्रभात खबर ने सूचना दी हैः मंत्री रामसूरत ने पद छोड़ने की पेशकश की, डिप्टी सीएम ने घर पर की मुलाकात।
प्रभात खबर की लीड हैः अगले साल तक कई बड़े बदलाव। इसमें जनसरोकार से जुड़े उन कामों की सूची दी गयी है जो अगले साल होने वाले हैं। इन कामों में सबके सब पटना या आसपास होने वाले सड़कों, रेल और एयरपोर्ट के काम हैं।
हिन्दुस्तान की खास खबर है कि देश के 30 प्रतिशत बच्चे साइबर बुलिंग यानी आॅनलाइन सामग्री से तंग किये जाने से मानसिक तनाव में रह रहे हैं।
खेल की खबरों में टेनिस की खबर छायी है जिसमें बताया गया है निक किर्गियोस को हराकर नोवाक जोकोविच ने सातवीं बार विम्बलडन का खिताब जीत लिया।
अनछपीः आज विश्व जनसख्ंया दिवस है। इस बारे में हिन्दुस्तान और जागरण में छपे दो लेख पढ़े जा सकते हैं। जागरण की हेडलाइन हैः जनसंख्या का लाभ उठाये भारत। हिन्दुस्तान में सुर्खी हैः आबादी को कमजोरी नहीं, शक्ति बनाने का संकल्प लें।
अब दूसरी तरफ दक्षिणपंथी और संघ प्रचार तंत्र को याद करें जो अक्सर जनसंख्या नियंत्रण नीति की मांग करती है। सबको पता है कि उनका मकसद मुसलमानों को चिढ़ाना रहता है, न कि जनसंख्या पर कोई सार्थक चर्चा करना। यह बात लंबे समय से कही जा रही है कि जनसंख्या नियंत्रण को मुसलमानों के खिलाफ हथियार बनाने से देश का भला नहीं होने वाला। इसके दो कारण हैं। पहला, यह कहना कि मुसलमानों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है, यह एक सुनियोजित प्रोपेगैंडा है। इसमें सच्चाई बिल्कुल नहीं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा शिक्षा द्वारा जनसंख्या नियंत्रण की बात कही जाती रही है। दूसरी बात, आबादी को बोझ की जगह संसाधन मानने की नीति से ही देश का भला होना है मगर चूंकि मकदस कुछ और है तो इस बात को चर्चा से बाहर रखा जाता है।

 

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