छ्पी-अनछपी: सभी डीईओ का वेतन रुका, कोविड टीके से रिस्क 10 लाख में एक

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। शिक्षकों के वेतन भुगतान में लापरवाही बरतने के आरोप में बिहार के सभी डीईओ और डीपीओ के वेतन पर रोक लगा दी गई है। कोविड के टीके से रिस्क के मामले में विशेषज्ञों का कहना है कि यह 10 लाख में से एक को हो सकता है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की टाइमिंग के बारे में सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया है। आज के अखबारों की यह अहम खबरें हैं।

हिन्दुस्तान, जागरण और भास्कर की पहली खबर जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के वेतन पर रोक की है। हिन्दुस्तान के अनुसार शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों (डीईओ) और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ स्थापना) के अप्रैल के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी है। बिहार लोक सेवा आयोग से नियुक्त शिक्षकों और पूर्व से नियोजित शिक्षकों के समय पर वेतन भुगतान नहीं होने के कारण यह कार्रवाई विभाग ने की है। विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के स्तर से वेतन भुगतान की हुई समीक्षा में अफसरों की घोर लापरवाही सामने आयी है। राज्य में तीन लाख से अधिक नियोजित शिक्षक हैं।

कोविड टीके से कितना रिस्क

भास्कर की बड़ी खबर है: वैक्सीन से रिस्क 10 लाख में महज एक… इसलिए घबराएं नहीं। अखबार ने इस खबर में तीन विशेषज्ञों की राय शामिल की है। एम्स, नई दिल्ली के कम्युनिटी मेडिसिन विशेषज्ञ डॉक्टर संजय राय का कहना है कि वैक्सीन ने कोविड की घातकता 80 से 90% तक घटाई है और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ा दी है। उनका कहना है कि हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि जब महामारी फैली तो उसके दायरे में आने वाली प्रति 10 लाख आबादी में से 15 हज़ार पर जान का खतरा था। रांची स्थित रिम्स के न्यूरो सर्जन डॉक्टर विकास कुमार का कहना है कि वैक्सीन के साइड इफेक्ट 6 महीने में सामने आते हैं, अब तो 2 साल हो गए हैं, इसलिए इसकी आशंका कम हो गई है। हार्वर्ड मेडिसिन स्कूल के वैज्ञानिक डॉक्टर राम उपाध्याय का कहना है कि सबका मेटाबॉलिज्म एक जैसा नहीं होता है। उनके अनुसार किसी को वैक्सीन का साइड इफेक्ट जीरो होता है तो किसी को 100%। इसलिए वैक्सीन से जान जाने का रिस्क 10 लाख में एक को ही है। अब सवाल यह है कि अपनी देखभाल कैसे करें। उन्होंने हफ्ते में दो बार एक वक्त खाना खाने और S1 और S2 प्रोटीन की जांच करने की सलाह दी है।

केजरीवाल की गिरफ्तारी के समय पर सवाल

हिन्दुस्तान के अनुसार आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के समय पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ईडी से जवाब मांगा है। शीर्ष अदालत ने कहा कि किसी की भी स्वतंत्रता बहुत महत्वपूर्ण है, आप इससे इनकार नहीं कर सकते। शीर्ष अदालत ने ईडी से यह भी बताने को कहा कि गिरफ्तारी लोकसभा चुनाव से पहले क्यों हुई। जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशलय से कहा कि कोई आपराधिक कार्यवाही अकेले नहीं हो सकती, जब तक कि किसी तरह की कुर्की/जब्ती, न हो।

सेक्स स्कैंडल के मामले में सांसद प्रज्वल पार्टी से सस्पेंड

प्रभात खबर के अनुसार जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) ने कथित सेक्स स्कैंडल में संलिप्त के लिए हासन से सांसद और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना को मंगलवार को पार्टी से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। पार्टी की कोर समिति ने राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेगौडा से रेवन्ना के निलंबन की सिफारिश की थी जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया। ध्यान रहे कि प्रज्वल इस बार भी अपनी पार्टी के उम्मीदवार थे जिन्हें भारतीय जनता पार्टी का समर्थन प्राप्त था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रज्वल के लिए वोट मांगे थे।

टी 20 वर्ल्ड कप की भारतीय टीम

अमेरिका और वेस्टइंडीज में 2 जून से होने वाले टी-20 विश्व कप के लिए मंगलवार को 15 सदस्यीय भारतीय टीम का ऐलान कर दिया गया। विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत, संजू सैमसन, ऑलराउंडर शिवम दुबे और स्पिनर युज्वेंद्रा चाहल को जगह मिली है। पूरी टीम: रोहित शर्मा (कप्तान), हार्दिक पांड्या (उपकप्तान), यशस्वी जायसवाल, विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव, ऋषभ पंत, संजू सैमसन, शिवम दुबे, रवींद्र जडेजा, अक्षर पटेल, कुलदीप यादव, युज्वेंद्रा चाहल, अर्शदीप सिंह, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज।

सेना भी नहीं चाहती मोदी की अग्निपथ योजना: राहुल

जागरण के अनुसार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को भिंड में जनसभा को संबोधित करते हुए अग्निवीरों की भर्ती पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मोदी की अग्निपथ योजना सेना भी नहीं चाहती है। “सेना के अधिकारी भी इससे खुश नहीं हैं।” उन्होंने कहा कि सरकार ने जवानों को दो भागों में बांट दिया है। “एक जवान वह जिसे पेंशन, कैंटीन, अच्छी सैलरी और अन्य सुविधाएं मिलेंगी और दूसरे वह जिन्हें इन सुविधाओं से वंचित रखा जाएगा।”

कांग्रेस फैला रही फ़र्ज़ी वीडियो: शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया पर प्रसारित अपने एडिटेड वीडियो को लेकर मंगलवार को कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि मेरे फर्जी वीडियो के पीछे कांग्रेस है। गुवाहाटी में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आज कांग्रेस के एक प्रमुख नेता पर आपराधिक मामला चल रहा है। “यह कार्रवाई उनकी हताशा और निराशा का संकेत है।”

बेटा-बेटी को बढ़ा रहे ‘वो’: नीतीश

प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर है: पहले पत्नी व बेटे को, अब अपनी बेटियों को बढ़ा रहे आगे: नीतीश। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को सहरसा, मधेपुरा व झंझारपुर में चुनावी सभा व रोड शो कर आरजेडी पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि कोई इतना बच्चा पैदा करता है क्या। “पहले तो 9-9 बच्चे पैदा किया। फिर अपने परिवार को आगे बढ़ाने के लिए काम किया। पहले अपनी पत्नी व बेटे को आगे बढ़ाया। फिर अभी अपनी बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। वह सिर्फ अपने परिवार के बारे में सोचते हैं। मेरे लिए पूरा बिहार मेरा परिवार है।”

फलस्तीन के पक्ष में प्रदर्शन

भास्कर की खबर है कि अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी से शुरू हुए इसराइल विरोधी प्रदर्शनों ने उग्र रूप ले लिया है। यूनिवर्सिटी प्रशासन और न्यूयॉर्क पुलिस की कैंपस खाली करने की चेतावनी के बावजूद प्रदर्शनकारी कैंपस खाली करने को तैयार नहीं है। मंगलवार को सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी की इमारत पर कब्जा कर लिया। छात्रों ने यूनिवर्सिटी के प्रवेश द्वार को बैरिकेडिंग करके बंद कर दिया और यूनिवर्सिटी में कई स्थानों पर फलस्तीन के झंडा लगा दिए।

कुछ और सुर्खियां

  • रोहतास में तूफान से राइस मिल की चिमनी गिरी, दो लोगों की मौत
  • बीएड प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन 3 मई से, परीक्षा 25 जून को
  • छत्तीसगढ़ में मुठभेड़ में 10 नक्सलियों के मारे जाने का दवा
  • पटना में सीजन का सबसे गर्म दिन, पारा 42.8 डिग्री पहुंचा, 13 ज़िलों में तापमान 45 डिग्री पार
  • विकासशील इंसान पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी की वाई सुरक्षा हटी

अनछपी: मणिपुर में बड़े पैमाने पर मार काट और महिलाओं के साथ अमानवीय सलूक आखिर चुनावी मुद्दा क्यों नहीं बन पाया? विपक्ष ने इस मुद्दे को एक हद तक उठाने की कोशिश की लेकिन मीडिया ने इससे संबंधित खबरों को पूरी दबा दबा दिया और इस पर कोई विस्तृत चर्चा नहीं की। आज एक छोटी सी खबर छपी है जिसमें बताया गया है कि मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर भीड़ द्वारा घुमाने के मामले में सीबीआई ने आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। इस आरोप पत्र में सीबीआई ने कहा है कि कुकी समुदाय की दो महिलाओं को पुलिस कर्मियों ने ही भीड़ के हवाले किया था जिसने उन्हें निर्वस्त्र कर घुमाया था। सीबीआई ने कहा है कि इन महिलाओं ने पुलिसकर्मियों से शरण मांगी थी लेकिन उन्होंने दोनों महिलाओं को करीब 1000 मेईती दंगाइयों की भीड़ के हवाले कर दिया। यह बात याद दिलाने की है कि मणिपुर के हाई कोर्ट ने एक आदेश दिया था जिसमें मेईती समुदाय को एसटी का दर्जा दिए जाने के बारे में निर्णय लेने को कहा गया था। इसके विरोध में वहां हिंसा भड़की और 3 मई 2023 से शुरू हुआ हिंसा का दौर इस तरह फैला कि आज भी यह पता नहीं चलता कि वहां शांति व्यवस्था का क्या हाल है। इस हिंसा में 130 से अधिक लोग मारे गए और 60 हज़ार से ज्यादा लोग विस्थापित हुए। इस हिंसा के शिकार अधिकतर कुकी समुदाय के लोग रहे। इस दौरान चार सौ चर्चों को भी बर्बाद कर दिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर डबल इंजन की सरकार की बात करते हैं और यह इत्तेफाक है कि मणिपुर में भी डबल इंजन की सरकार है। डबल इंजन सरकार से उनका मतलब रहता है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार केंद्र में भी हो और राज्य में भी। केंद्र में और राज्य में दोनों जगह भारतीय जनता पार्टी की सरकार रहते हुए इतने बड़े पैमाने पर हिंसा हुई और अब सीबीआई ने भी उस हिंसा के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें कही हैं तो क्या इसके लिए किसी की जिम्मेदारी भी तय होगी? किसी से नैतिक आधार पर इस्तीफा भी मांगा जाएगा? लोकसभा चुनाव के लिहाज से सीटों की कम संख्या होने के कारण मणिपुर की जातीय हिंसा के मुद्दे को शायद राष्ट्रीय पैमाने पर चर्चा का विषय नहीं बनाया गया लेकिन देश के एक हिस्से में इतना जघन्य अपराध हुआ यह सब के लिए शर्म की बात है। प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय जनता पार्टी के नेता दावा करते हैं कि उनकी सरकार मजबूत सरकार है तो इस मजबूत सरकार में महिलाएं इतनी मजबूर क्यों बना दी गईं? मीडिया के बारे में जब भी चर्चा होगी तो यह सवाल जरूर उठेगा की मणिपुर की हिंसा को इसने कैसे दबा कर रखा।

 

 

 

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