छ्पी-अनछ्पी: सैनिकों को गलतियों से बचने की सलाह, राहुल न्याय यात्रा निकालेंगे

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। पुंछ में सेना की कस्टडी में हुई तीन ग्रामीणों की मौत के बाद वहां का दौरा कर रहे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान की कवरेज ध्यान देने वाली है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के बाद अब भारत न्याय यात्रा पर निकलेंगे। इस खबर को भी प्रमुखता मिली है।
पहले पेज हिन्दुस्तान की सुर्खी है: सैनिकों को ‘गलतियों’ से बचने की सलाह। भास्कर में अंदर के पेज पर हेडिंग है: कश्मीर: मारे गए लोगों के परिवारों से मिले राजनाथ, बोले- न्याय मिलेगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार को जम्मू कश्मीर पहुंचे। उन्होंने पुंछ हमले के बाद मारे गए तीन नागरिकों के परिवारों से मुलाकात की और भरोसा दिलाया कि न्याय जरूर मिलेगा। राजनाथ ने घायलों से भी मुलाकात की। उन्हें भी सेना ने हिरासत में लिया था। इससे पहले सेना के अधिकारियों से कहा कि सेना को ऐसी कोई गलती नहीं करनी चाहिए जिससे किसी नागरिक को ठेस पहुंचे। उन्होंने कहा कि आप (सेना) देश के रक्षक है पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के अलावा लोगों का दिल जीतने की भी जिम्मेदारी आपकी है।
राहुल की न्याय यात्रा 14 से
कांग्रेस ने राहुल की भारत जोड़ो यात्रा के बाद अब दूसरी यात्रा निकालने की घोषणा की है। कांग्रेस ने इस यात्रा का नाम भारत न्याय यात्रा रखा है, जो 14 जनवरी से शुरू होगी और 20 मार्च को समाप्त होगी। मणिपुर से मुंबई तक होने वाली यह यात्रा 85 जिलों में 6,200 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे। कांग्रेस की यह यात्रा पहले की तरह पूरी पैदल नहीं होगी। इस मेगा यात्रा में बस का भी इस्तेमाल होगा। यह यात्रा 14 राज्यों के 85 जिलों से गुजरेगी। करीब 6200 किमी की यात्रा मणिपुर, नगालैंड, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात व महाराष्ट्र से गुजरेगी।
राजभवन-शिक्षा विभाग में टकराव
भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: राजभवन ने सरकार से कहा- मौलिक अधिकार हनन वाले असंवैधानिक आदेश फौरन वापस लें। विश्वविद्यालय और कॉलेज के लिए शिक्षा विभाग के हालिया कई आदेशों के बाद राजभवन और सरकार आमने-सामने आ गए हैं। शिक्षा विभाग द्वारा विश्वविद्यालय को दिए जा रहे कई आदेशों पर राजभवन ने कड़ी आपत्ति जताई है। राज्यपाल एवं कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के निर्देश पर उनके प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थु ने अफसरों की मनमानी की शिकायत करते हुए बिहार सरकार के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है और तत्काल आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया है। पत्र में राजभवन ने राज्य सरकार से कहा है कि राज्य के विश्वविद्यालय से जुड़े शिक्षा विभाग के उन आदेशों के मामले में सुधारात्मक निर्णय ले जो अलोकतांत्रिक, असंवैधानिक व मौलिक अधिकार के हनन वाले हैं। शिक्षा विभाग से जिन आदेशों की वापसी के लिए कहा गया है उसमें शिक्षक कर्मचारियों के संघ को मान्यता और मीडिया से कुछ बोलने आदि का मसला है।
सरपंच ही जारी करेंगे वंशावली सर्टिफिकेट
हिन्दुस्तान की पहली खबर है कि राज्य में वंशावली प्रमाण पत्र सरपंच ही जारी करेंगे। इस संबंध में पंचायती राज विभाग ने बुधवार को आदेश जारी कर दिया। विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह ने सभी जिलाधिकारियों, उप विकास आयुक्तों, जिला परिषद और जिला पंचायत राज पदाधिकारियों को पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि जिस व्यक्ति को वंशावली प्रमाणपत्र की आवश्यकता है, वह शपथपत्र पर अपनी वंशावली का विवरण और स्थानीय निवासी होने के साक्ष्य के साथ लिखित आवेदन संबंधित ग्राम पंचायत के सचिव को देंगे। सचिव अधिकतम सात दिनों के अंदर जांच करने के बाद इसकी अनुशंसा ग्राम कचहरी को करेंगे। वंशावली बनाने के लिए आवेदन के साथ नकद दस रुपये पंचायत कार्यालय में देने होंगे। पंचायत सचिव इस शुल्क के एवज में आवेदक को रसीद देंगे।
दीघा-सोनपुर के बीच नया पुल
जागरण और प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर गंगा पर जेपी सेतु के समानांतर दीघा से सोनपुर के बीच 6 लेन पुल बनाने से संबंधित है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बिहार में दीघा और सोनपुर के बीच गंगा नदी पर 4.56 किमी लंबे छह लेन के पुल निर्माण को मंजूरी प्रदान की है। पुल के निर्माण पर करीब 3064 करोड़ की लागत आएगी और इसे 42 महीनों के भीतर तैयार कर लिया जाएगा। इसके निर्माण से उत्तर और दक्षिण बिहार के इलाके सभी प्रकार के भारी वाहनों के आवागमन के लिए जुड़ जाएंगे।
अयोध्या में क्या हो रहा
भास्कर की खबर है: अयोध्या में 13 किलोमीटर के रामपथ की हर दुकान पर लिखा गया जय श्री राम, शटर पर स्वास्तिक चिन्ह भी। 22 जनवरी को अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा है। इस आयोजन से पहले अयोध्या हिंदू धर्म की थीम पर सज गया है। बिरला धर्मशाला से नया घाट को जोड़ने वाले 13 किलोमीटर लंबे राम पथ के दोनों और की सभी दुकानों पर जय श्री राम, सीता राम के नारे लिख दिए गए हैं। दुकानों की शटर पर बड़े आकार के स्वास्तिक बनाए गए हैं। रात में दुकानें बंद होने पर हर शटर एक जैसी नजर आती है। इस बीच विश्व हिंदू परिषद ने बताया है कि सवा लाख कार सेवक आ रहे हैं। 80000 ट्रेन तो 45000 बस व निजी गाड़ियों से आ रहे हैं।
कुछ और सुर्खियां
● जमुई में विचाराधीन कैदी की मौत पर बवाल, थानाध्यक्ष समेत चार जख्मी
● यूजीसी ने छात्रों को किया आगाह, एमफिल मान्यता प्राप्त डिग्री नहीं रही
● जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक कल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज जाएंगे दिल्ली
● समन के बाद भी ईडी के सामने पेश नहीं हुए लालू, सेहत का हवाला दिया
● इसरायली दूतावास के पास धमाके के मामले में संदिग्धों के फुटेज मिले
● केंद्र ने मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर पर प्रतिबंध लगाया
अनछपी: बड़ी-बड़ी राजनीतिक खबरों के बीच यह खबर कम चर्चित है की रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उन परिवारों से मुलाकात की है जिनके तीन लोगों की सेना की कस्टडी में मौत हो गई थी। राजनाथ सिंह भाजपा के उन गिने चिन्ह नेताओं में से हैं जिन्हें काफी संवेदनशील माना जाता है। पूछताछ के लिए नागरिकों को बुलाना सेना के लिए सामान्य बात है लेकिन उसकी कस्टडी में मौत हो जाए तो यह बात सेना की छवि पर सवालिया निशान बन जाती है। जम्मू कश्मीर के स्थानीय नेताओं जैसे फारूक व उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती आमतौर पर ऐसी मौत के बाद बयान तो जारी कर देते हैं लेकिन पीड़ित परिवारों से मिलने की खबरें कम ही आती हैं। वैसे भी जम्मू कश्मीर के स्थानीय नेता इस समय अपनी समस्याओं से ही परेशान हैं। इन नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 पर फैसले के दिन अपनी नजरबंदी करने का आरोप लगाया था। इसके बावजूद उनसे उम्मीद की जाती है कि वह स्थानीय लोगों के दुख दर्द को बांटने उनके घर पहुंचेंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के हवाले से यह भी कहा गया कि उन्होंने सेना को गलतियों से बचने की सलाह दी है। रक्षा मंत्री ने कहा है कि सेना का काम लोगों का दिल जीतना भी है। क्या रक्षा मंत्री इस बात की इशारा कर रहे थे कि जिन तीन ग्रामीणों की मौत हुई है, उन्हें बचाया जा सकता था? इस बात का पता शायद उस कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी की रिपोर्ट के बाद मालूम हो जिसे सेना ने उन तीन ग्रामीणों की मौत की जांच के लिए बनाया है। भारतीय सेना को दुनिया की सबसे अनुशासित सेना में माना जाता है, ऐसे में उस पर अगर निर्दोष लोगों की मौत का इल्जाम लगता है तो यह उसके अनुशासन पर भी सवाल उठने जैसा है। एक दूसरा सवाल यह भी है कि जिस तरह रक्षा मंत्री ने संवेदनशीलता का परिचय दिया है क्या भारतीय जनता पार्टी के दूसरे नेता भी ऐसा ही दिल रखते हैं। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर अक्सर यह आरोप लगता है कि उन्हें कश्मीर से प्यार है, कश्मीरियों से नहीं। भाजपा नेता चाहें तो अपने ही वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह की संवेदनशीलता से कुछ सीख सकते हैं ताकि कश्मीरियों का जख्म भरा जा सके।

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