छ्पी-अनछ्पी: जदयू में बदलाव पर नेताओं की ना, क़तर में आठ भारतीयों की मौत की सज़ा क़ैद में बदली

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। दिल्ली में आज हो रही जनता दल यूनाइटेड की कार्यकारिणी की बैठक से पहले संगठन में फेरबदल की बात से इंकार की खबर को सभी अखबारों ने पहले पेज पर अच्छी जगह दी है। कतर में मौत की सजा पाए 8 भारतीयों की सजा को कैद में बदलने की खबर की भी अच्छी कवरेज है।

प्रभात खबर की सबसे बड़ी सुर्खी है: एक साथ पार्टी दफ्तर पहुंचे नीतीश व ललन, कहा- यह सामान्य बैठक। हिन्दुस्तान ने लिखा है: जदयू में फेरबदल की खबरों को पार्टी नेताओं ने नकारा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह समेत तमाम नेताओं ने पार्टी में फेरबदल की खबरों को नकारा है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक से एक दिन पहले दिल्ली में जुटे तमाम नेताओं ने कहा कि यह एक सामान्य बैठक है, जो हर साल होती है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने कयासों को भाजपा का एजेंडा करार दिया और दावा किया कि जदयू एकजुट है और रहेगा।

एनडीए में जाने का सवाल

जागरण की सबसे बड़ी सुर्खी है: एनडीए में जाने का सवाल टाल गए नीतीश। जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की दिल्ली में शुक्रवार को होने वाली बैठक के एक दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को इस संदर्भ में कहा कि सब कुछ सामान्य है। दिल्ली की बैठक को उन्होंने एक नॉर्मल बैठक कहा। मुख्यमंत्री से उस चर्चा के संबंध में पूछा गया कि राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा चल रही है कि वह एनडीए में जा रहे हैं। इस सवाल को टालते हुए मुख्यमंत्री आगे बढ़ गए।

ललन सिंह का तंज

भास्कर लिखता है कि जदयू के लिए गुरुवार का पूरा दिन कमोबेश यही बताने में गुजरा कि उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ‘ललन’ पद पर बने रहेंगे, नहीं हटेंगे। इस्तीफा देने के सवाल पर ललन सिंह ने मीडिया पर ही तंज कसा, “मैं आप लोगों से पूछ कर ही इस्तीफा दूंगा। आप बीजेपी से मेरे इस्तीफा का ड्राफ्ट पूछ लीजिएगा। मैं अपने इस्तीफा में वही लिखूंगा।” इतने के बावजूद उनके इस्तीफा की चर्चा खत्म नहीं हुई।

मौत की सज़ा क़ैद में बदली

हिन्दुस्तान के अनुसार भारत की तरफ से लड़ी जा रही कानूनी लड़ाई और कूटनीतिक प्रयास से कतर की अपीलीय अदालत ने नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों की मृत्युदंड की सजा को कम कर कैद में बदल दिया है। हालांकि, इस बाबत विस्तृत फैसले का इंतजार किया जा रहा है। ये अधिकारी एक साल से भी अधिक समय से कतर की जेल में हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि हदरा ग्लोबल मामले में कतर की अपीलीय अदालत के फैसले पर हमने गौर किया है, जिसमें सजाएं कम की गई हैं। विस्तृत फैसले की प्रतीक्षा है।

आधार में बदलाव का काउंसलिंग पर असर

भास्कर की खबर है: आधार में 6 माह में फोटो-नाम बदलने वाले अभ्यर्थियों की काउंसलिंग नहीं। शिक्षा विभाग ने वैसे शिक्षक अभ्यर्थियों की काउंसलिंग रोकने को कहा है जिन्होंने बीते 6 महीने में अपने आधार कार्ड में अपना फोटो-नाम बदला है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी डीईओ को ऐसे मामलों को संदेहास्पद श्रेणी में रखने को कहा है। ऐसे लोगों की काउंसलिंग स्थगित की जाए। केके पाठक की डीईओ के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का सबसे बड़ा एजेंडा काउंसलिंग था।

कांग्रेस ने कहा- हैं तैयार हम

कांग्रेस ने 139वें स्थापना दिवस पर गुरुवार को नागपुर से चुनावी शंखनांद किया। कांग्रेस ने ‘हैं तैयार हम’ रैली के जरिये अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए अभियान की शुरुआत की। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी समेत तमाम वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। हालांकि, सोनिया गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा रैली में शामिल नहीं हुईं। रैली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन के सत्ता में आने पर महिलाओं, गरीबों के सशक्तीकरण के लिए न्याय योजना लागू की जाएगी।

मनी लॉन्ड्रिंग में प्रियंका का नाम

भास्कर की खबर है: मनी लॉन्ड्रिंग की चार्जशीट में पहली बार प्रियंका का नाम। ईडी ने दिल्ली की एक कोर्ट में प्रीवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग ऐक्ट के तहत चार्जशीट दाखिल की है। इसमें उसने कहा है कि वह जमीन के उन दो सौदों की जांच कर रही है जो कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के साथ ही उनकी पत्नी प्रियंका गांधी ने हरियाणा में एक रियल एस्टेट एजेंट से किए थे। वाड्रा और गांधी के नाम आरोपी के रूप में नहीं है लेकिन यह पहली बार है कि चार्जशीट में प्रियंका का नाम है।

कुछ और सुर्खियां

  • दिल्ली, यूपी में कोहरा ने ट्रेन और विमान की रफ्तार रोकी, नई दिल्ली से 14 घंटे लेट आई तेजस राजधानी
  • भारत ने पाकिस्तान से लश्करे तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद को सौंपने की मांग की
  • बिहार में बिजली की दर 40 पैसे प्रति यूनिट बढ़ाने का प्रस्ताव
  • अयोध्या के राम मंदिर का पहला तल्ला तैयार, कल मोदी का रोड शो
  • 53 देशों के बौद्ध श्रद्धालु बोधगया पहुंचे, दलाई लामा का शिक्षण सत्र आज से

अनछपी: जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष ललन सिंह को पद से हटाया जाएगा या वह खुद पद से हटेंगे या नहीं, इसकी पुष्टि आज हो जाएगी लेकिन मीडिया पर यह आरोप है कि उसने बीजेपी नेताओं की फैलाई गई अफवाहों को फैलाकर गलतफहमी पैदा करने की कोशिश की है। बिहार की राजनीति का इस समय दिलचस्प पहलू यह है कि भारतीय जनता पार्टी के नेता अपनी पार्टी के बारे में कम,  जनता दल (यूनाइटेड) और महागठबंधन या इंडिया अलायंस के बारे में ज्यादा बात कर रहे हैं। भाजपा नेता सुशील मोदी हों या गिरिराज सिंह, उन दोनों ने लगातार जदयू पर ही बयानबाजी की है। इन दोनों नेताओं की बात को ही आगे बढ़ाकर मीडिया के बड़े वर्ग ने एक बार फिर इसका उदाहरण पेश किया है कि उसे गोदी मीडिया क्यों कहा जाता है। ललन सिंह के कथित इस्तीफा को इस तरह पेश किया जा रहा है कि जैसे यह कोई पहली घटना हो। मीडिया ने पहले यह खबर चला दी कि ललन सिंह ने इस्तीफा दे दिया है लेकिन बाद में उसे इस खबर को वापस लेना पड़ा। इसी तरह मीडिया ने यह अटकल भी लगानी शुरू की कि नीतीश कुमार एक बार फिर एनडीए के साथ जा सकते हैं। वास्तव में नीतीश कुमार ने इतनी बार पलटी मारी है कि कई बार लोगों को इस अफवाह पर यकीन भी हो जाता है। इस समय भाजपा के नेता भी चाहते हैं कि नीतीश कुमार के बारे में जो अविश्वास का माहौल बना रहता है, उसे और गहराया जाए। खुद भारतीय जनता पार्टी के नेता अमित शाह कह चुके हैं कि नीतीश कुमार के लिए भाजपा के दरवाजे बंद हो चुके हैं। ऐसे में कौन लोग हैं जो नीतीश कुमार को एक बार फिर एनडीए में शामिल होते हुए देख रहे हैं? सच्चाई यह है कि नीतीश कुमार के लिए अब महागठबंधन या इंडिया अलायंस को छोड़ने का विकल्प बहुत ही सीमित है। दूसरा सवाल यह भी है कि क्या भारतीय जनता पार्टी नीतीश कुमार को वापस एनडीए में लेने को तैयार होगी? कुछ राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि भाजपा इसके लिए इसलिए तैयार होगी ताकि इंडिया अलायंस को नुकसान पहुंचाने की उसकी नीति कामयाब हो। कहा यह जा रहा है कि नीतीश कुमार अगर इंडिया अलायंस से बाहर गए तो इसमें कुछ बचेगा नहीं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इस मुद्दे पर भाजपा दो हिस्सों में बंटी हुई नहीं है? कुल मिलाकर लगता यह है कि नीतीश कुमार को अविश्वसनीय बनाने की भाजपा की कोशिश में मीडिया भी शामिल है। अब यह नीतीश कुमार पर निर्भर करता है कि वह खुद को विश्वसनीय बनाने वाला कदम उठाते हैं या पलटू राम के आरोप को सच साबित करते हैं।

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