छपी-अनछपी: बिहार का बजट 2,61, 855 करोड़ का, हत्याकांड में मंत्री इसराइल की भूमिका जांची जाएगी
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार के बजट में रोजगार और नौकरी पर जोर होने की बात सभी अखबारों की सुर्खियां बनी हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांटी के विधायक और मंत्री इसराइल मंसूरी पर हत्या के मामले में लगे आरोपों की जांच की बात कही है। यह खबर भी चर्चित है। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन ने इस्तीफा दे दिया है जिसकी अच्छी कवरेज है। लखनऊ में बम धमाकों की साजिश में 7 आईएस आतंकियों को फांसी की सजा सुनाने की खबर भी प्रमुखता से ली गई है।
भास्कर ने बिहार के बजट पर दो शब्दों की हेडलाइन लगाई है: रोजगार विहार। जागरण की सुर्खी है: नौकरी रोजगार से होगा बिहार निहाल। हिन्दुस्तान की हेडिंग है: बिहार में रोजगार की बारी। वित्तमंत्री विजय कुमार चौधरी द्वारा मंगलवार को पेश 2023-24 के बजट में सरकार के नौकरी और रोजगार देने के वादों पर अमल दिखा। चालू वित्तीय वर्ष की तुलना में राज्य के बजट का आकार 24194 करोड़ रुपए बढ़ा है और 2023-24 में यह 2 लाख 61885.40 करोड़ रुपए अनुमानित है। पिछले वर्ष बिहार का बजट 237691.19 करोड़ का था। इस तरह बजट में 10.18 फीसदी की वृद्धि हुई है।
नौकरी कहां कहां
महागठबंधन सरकार के पहले बजट में तकरीबन चार लाख नौकरियों का ब्योरा पेश किया गया, जिनकी बहाली होनी है या प्रक्रिया चल रही है। इनमें बीपीएससी को 49 हजार, बीएसएससी को 2900 और तकनीकी सेवा आयोग को 12 हजार नियुक्ति की ज़रूरत भेजी गयी है। पुलिस में 75543 पदों पर बहाली होनी है। प्रारंभिक शिक्षकों के 48762, शारीरिक शिक्षा सह हेल्थ इंस्ट्रक्टर के 5886, प्रधान शिक्षक के 40506, माध्यमिक शिक्षकों के 44193, उच्च माध्यमिक शिक्षकों के 89734, उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 6051 प्रधानाध्यापक, कम्प्यूटर शिक्षकों के पद पर 7360, विशेष शिक्षकों के 270, इंजीनियरिंग व पॉलिटेक्निक संस्थानों में शिक्षकों के 2499, नये पाठ्यक्रम के संचालन के लिए 217 शिक्षक, नर्सिंग ट्यूटर के 165 तथा एएनएम के 10550 पद शामिल हैं।
बिहार बजट की कुछ और जानकारी
- वित्तीय वर्ष 2023-24 मई 33000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें बनेंगी
- स्वास्थ सेवा में होगा विस्तार, बजट में 832 रुपये करोड़ की वृद्धि
- जदयू के पास एक विभाग ज्यादा, पर राजद के विभागों का बजट 37 करोड़ अधिक
- रेन हार्वेस्टिंग वाले घरों को होल्डिंग टैक्स में 5% छूट मिलेगी
मर्डर और मंत्री इसराइल का मामला
हिन्दुस्तान ने यह खबर प्रमुखता से छापी है: कांटी हत्याकांड में मंत्री इसराइल की भूमिका जांची जाएगी सीएम। मुजफ्फरपुर के कांटी में हुई हत्या के मामले में आईटी मंत्री इसराइल मंसूरी की भूमिका पर मंगलवार को विधानसभा में विपक्ष के शोरशराबे के बाद सदन के नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी घोषणा की। कहा कि विपक्ष ने कागजात दिए हैं। पूरे प्रकरण की जांच होगी। मुख्यमंत्री ने विधानसभा के कक्ष में सूचना प्रावैधिकी मंत्री इसराइल मंसूरी को बुलाकर उनसे घटना से संबंधित जानकारी ली। मुख्यमंत्री कक्ष से बाहर निकलने के बाद उनसे पत्रकारों ने पूछा कि मुख्यमंत्री ने आपको बुलाया तो कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। “सदन में बात उठती है तो जानकारी मांगी जाती है। आरोप पर मंत्री ने कहा कि क्षेत्र के सारे लोग हमारी छवि को जानते हैं। मेरा इस घटना से लेना देना नहीं है। अपराधी हथियार के साथ पकड़ा गया है। यह जांच का विषय है कि वह किसके साथ जुड़ा हुआ है।”
सिसोदिया व जैन का इस्तीफा
भास्कर ने अपने एक पेज पर यह खबर लीड बनाई है: भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार मनीष सिसोदिया व सत्येंद्र जैन का इस्तीफा। हिंदुस्तान के अनुसार दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और जेल मंत्री सत्येंद्र जैन ने भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच मंगलवार को कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। सिसोदिया को दो दिन पहले ही आबकारी नीति मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। वहीं, सत्येंद्र जैन मई, 2022 से जेल में बंद हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दोनों का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। सिसौदिया के विभाग राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत और जैन के विभाग समाज कल्याण मंत्री राज कुमार आनंद को आवंटित किए गए हैं।
सात आईएस आतंकियों को फांसी की सज़ा
हिन्दुस्तान ने यह खबर प्रमुखता से दी है,: बम धमाकों की साजिश में सात आईएस आतंकियों को मृत्युदंड। लखनऊ की एनआईए की विशेष अदालत ने मंगलवार को प्रतिबंधित संगठन आईएस के सात आतंकियों को फांसी और एक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई । इन पर बम धमाकों की साजिश, देश के विरुद्ध युद्ध छेड़ने व देश विरोधी क्रियाकलापों के आरोपों के अलावा भारी मात्रा में गोला बारूद रखने का आरोप है। एनआईए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने अपने फैसले में फांसी की सजा के साथ-साथ सभी आरोपियों को अलग-अलग अर्थ दंड की सजा भी सुनाई है।
कुछ और सुर्खियां
- पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ गैर जमानती वारंट, हो सकते हैं गिरफ्तार
- तस्कर कार की हेडलाइट में छिपाकर ले जा रहे थे शराब की खेप, गिरफ्तार
- सुन्नी वक्फ बोर्ड: एमएलए-एमएलसी कोटे के सदस्य के चुनाव में लॉटरी से जीते कांग्रेस के शकील अहमद खान
- फॉलोऑन के बाद भी न्यूजीलैंड ने ऑस्ट्रेलिया को 1 रन से हराया, ऐसा करने वाली दूसरी टीम
- मार्च से मई तक जबरदस्त गर्मी के आसार
अनछपी: 2,61, 855 करोड़! इतने करोड़ रुपयोंके बजट के बाद बिहार की बदहाली तेजी से दूर होनी चाहिए लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं कि राज्य को वास्तव में विशेष राज्य के दर्जा की जरूरत है। इस बहस से दूर हटकर अगर बिहार के 2023-24 के बजट को देखा जाए तो कागज पर यह बहुत ही सुंदर सुहाना लगता है। बजट के प्रावधानों को देखने से मोटे तौर पर यह बात पता चलती है कि सरकार का निर्माण कार्यों पर काफी जोर है। इसमें कोई शक नहीं कि सड़क, पुल, इमारतें और अस्पताल वगैरह बनाने पर काफी पैसा खर्च किया जा रहा है। काफी संख्या में नौकरियों का भी ऐलान किया गया है। कागजी बातें अपनी जगह पर लेकिन यह भी समझने की बात है कि बिहार के लोग अपने राज्य में नौकरी नहीं पाने की वजह से बाहर जाते हैं और काफी संख्या में जाते हैं। अस्पतालों की इमारतें तो तैयार हो जाती हैं लेकिन वहां डॉक्टरों और दूसरी जरूरी चीजों की कमी रहती है। यही बात स्कूलों और इंजीनियरिंग व मेडिकल कॉलेजों पर भी लागू होती है जहां पढ़ाई का घोर अभाव देखा जा सकता है। बात सिर्फ बिहार के बजट की नहीं है बल्कि सभी जगह के बजट का लगभग यही हाल है। पर अखबारों में सिर्फ घोषणाओं की चर्चा होती है लेकिन उन घोषणाओं पर कितना अमल हुआ उसका कोई लेखा-जोखा पेश नहीं किया जाता। इस बात की जरूरत महसूस होती है कि हर बजट से पहले पिछले साल के बजट के अनुसार कौन-कौन काम नहीं हुए उसकी भी पड़ताल हो और कागजी बजट लोगों की अमली जिंदगी में भी फायदा पहुंचाने वाला हो।
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