छ्पी-अनछ्पी: ना-ना के बाद नीतीश फिर जदयू अध्यक्ष, अयोध्या में मोदी का रोड शो आज

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। तमाम ना-ना के बावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए हैं जिसकी खबर सभी अखबारों में लीड है। अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रोड शो की खबर और विज्ञापन को भी अच्छी जगह मिली है।

भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: नीतीश तीसरी बार जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष, बोले- पार्टी के आग्रह पर जिम्मेदारी संभाली। प्रभात खबर ने लिखा है: ललन का इस्तीफा, नीतीश को फिर जदयू की कमान। जागरण की सुर्खी है फिर नीतीश के हाथ में जदयू की कमान। हिन्दुस्तान की पहली खबर है: नीतीश तीसरी बार जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हैं। वह तीसरी बार यह पद संभालेंगे। दिल्ली में शुक्रवार को हुई जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सर्वसम्मति से उन्हें अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पारित हुआ। इसके बाद पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में इसका अनुमोदन भी हो गया। कार्यकारिणी की बैठक में निवर्तमान अध्यक्ष ललन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा देते हुए स्वयं नीतीश कुमार का नाम नये अध्यक्ष के लिए प्रस्तावित किया। बैठक के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि हम फिर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद को स्वीकार कर चुके हैं। सब काम आगे किया जाएगा। नीतीश कुमार ने बैठक में पार्टी नेताओं से कहा कि 2024 का लोकसभा चुनाव हमलोगों को मजबूती से भाजपा के खिलाफ लड़ना है। देश की हालत आज ठीक नहीं है।

चार प्रस्ताव

जदयू की बैठकों में चार प्रस्ताव पारित किये गये। इनमें एक राजनीतिक प्रस्ताव है। दूसरे प्रस्ताव में जाति आधारित गणना को बिहार की ऐतिहासिक पहल बताया गया है। तीसरे प्रस्ताव में संसद के शीतकालीन सत्र में सासंदों के निलंबन की निंदा की गई है। वहीं, चौथे प्रस्ताव में 2024 के लोकसभा चुनाव और ‘इंडिया’ गठबंधन के घटकदलों के साथ सीटों के तालमेल, उम्मीदवारों के चयन आदि के लिए नीतीश कुमार को अधिकृत किया गया है।

एनडीए में नहीं जा रहे: त्यागी

भास्कर की सुर्खी है: राजनीति में कोई दुश्मन नहीं, लेकिन हम एनडीए में नहीं जा रहे: त्यागी। जदयू के मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि राजनीति में कोई दुश्मन नहीं होता लेकिन हम एनडीए में नहीं जा रहे हैं। उनसे जदयू के भाजपा या एनडीए में जाने को लेकर सवाल पूछा गया था। उन्होंने कहा कि भाजपा से पुराने दोस्ती है लेकिन अब इसका रंग बिल्कुल फीका हो गया है। हालांकि एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा- राजनीति में मतभेद होता है, मनभेद नहीं। असहमति होती है, दुश्मनी नहीं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नए साल में जनजागरण के लिए निकलेंगे। इसकी शुरुआत झारखंड से होगी। बैठक में इस पर भी चर्चा हुई।

अयोध्या में आज रोड शो

जागरण की खबर है: रामनगरी के इतिहास में आज कई अध्याय जोड़ेंगे प्रधानमंत्री। अख़बार लिखता है कि रामनगरी अयोध्या के इतिहास में शनिवार को कई नए अध्याय जुड़ जाएंगे। अयोध्या आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मिथिला से रामनगरी को रेल मार्ग से जोड़ने की संतों की बहु प्रतीक्षित इच्छा को पूरा करेंगे वही हवाई उड़ान का सपना भी धरातल पर उतरेगा। साथ ही रेलवे स्टेशन के नए भवन का लोकार्पण करेंगे। प्रधानमंत्री एयरपोर्ट से अयोध्या धाम जंक्शन पहुंचने के बीच रोड शो करेंगे।

कोहरे से परेशानी

हिन्दुस्तान की दूसरी सबसे बड़ी सुर्खी है: ट्रेन विमान की गति पर कोहरे का कहर। जागरण की हेडिंग है: प्रदेश के 13 जिलों में कोहरे का ऑरेंज अलर्ट, हवाई व रेल यात्रा प्रभावित। घने कोहरे के कारण शुक्रवार को हवाई एवं रेल यात्रा पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। वही मौसम विज्ञान केंद्र ने शनिवार को पटना सहित 13 जिलों में घने कोहरे का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है जबकि 18 जिलों में मध्यम दर्जे के कोहरे की चेतावनी है। हजार मीटर से कम विजिबिलिटी के कारण शुक्रवार को पटना एयरपोर्ट पर लखनऊ की पहली फ्लाइट 12:28 पर लैंड कर सकी।

असम में शांति समझौता

भारत सरकार, यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) और असम सरकार के बीच त्रिपक्षीय शांति समझौते पर शुक्रवार को हस्ताक्षर हो गए। गृहमंत्री अमित शाह ने इस समझौते को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इससे असम में शांति का नया द्वार खुलेगा। एक समिति बनाकर समझौते का समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा। इसके तहत शांति का रास्ता अपनाने वालों को रोजगार मुहैया कराया जाएगा, उनके पुनर्वास के लिए विशेष पैकेज दिया जाएगा, साथ ही उनके सांस्कृतिक हितों का संरक्षण किया जाएगा।

पुल के नीचे हवाई जहाज़ की बॉडी

मुंबई से प्लेन की बॉडी लेकर जा रहा ट्रक ट्रेलर मोतिहारी के पास पिपरा कोठी मुख्य चौराहा पर फ्लाईओवर के नीचे से निकलने में फंस गया। इसे काफी मशक्कत के बाद निकाला जा सका। इसके कारण डेढ़ घंटे तक एनएच की एक लेन में आवागमन बाधित रहा। मोतिहारी से मुजफ्फरपुर जानेवाली लेन पर इस दौरान आवागमन पूरी तरह बाधित रहा। बताया गया कि प्लेन की बॉडी को कबाड़ में खरीद कर मुंबई से असम ले जाया जा रहा था।

असम के मुख्यमंत्री की माफी

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने अपने सोशल मीडिया मंच पर जातिवादी टिप्पणी वाला एक पोस्ट अपलोड करने पर माफी मांगी है और कहा है कि उनकी टीम ने भगवद् गीता के श्लोक का ‘अशुद्ध अनुवाद’ किया है। सरमा ने ‘एक्स’ और फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा कि वह अपने सोशल मीडिया हैंडल पर हर दिन सुबह भगवद् गीता का एक श्लोक अपलोड करते हैं जो 668 श्लोक हो चुके हैं। उनके अनुसार हाल में उनकी टीम के एक सदस्य ने अठारहवें अध्याय के 44वें श्लोक को गलत अनुवाद के साथ पोस्ट कर दिया।

कुछ और सुर्खियां

  • उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की यात्रा स्थगित
  • यूक्रेन पर रूस के मिसाइल हमले में 31 लोगों की मौत
  • केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इंस्टाग्राम फॉलोअर्स एक करोड़ पार
  • झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी का आखिरी समन, कहा- दो दिन में बताएं तिथि, समय और जगह बताएं
  • राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में सोनिया गांधी व मल्लिकार्जुन खड़गे के शामिल होने पर अभी फैसला नहीं
  • सीआईएसएफ की डायरेक्टर जनरल बनीं नीना सिंह हैं दरभंगा की मूल निवासी

अनछपी: पॉलिटिक्स में दलील ढूंढना सबसे आसान कामों में से एक है। जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक से पहले इसके निवर्तमान अध्यक्ष ललन सिंह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यह समझाते रहे कि पार्टी में कोई फेरबदल नहीं होने वाला है लेकिन हुआ यह कि नीतीश कुमार तीसरी बार जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए। नीतीश कुमार के अनुसार उन्होंने यह पद पार्टी के आग्रह पर स्वीकार किया है। यह नीतीश कुमार की पार्टी पर पकड़ का असर ही है कि जहां अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं होता बल्कि उनसे आग्रह किया जाता है। उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते ही उन दो अफवाहों में एक सच साबित हुई जो पिछले कई दिनों से फैली हुई थी। एक अफवाह तो ललन सिंह को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटाने की थी और दूसरी अफवाह यह है कि नीतीश कुमार एक बार फिर एनडीए के साथ जा सकते हैं। फिलहाल तो नीतीश कुमार भाजपा से लड़ने और इंडिया गठबंधन के साथ मजबूती से खड़े होने का दावा कर रहे हैं लेकिन जिस तरह राजनेताओं की दलील समय के साथ बदल जाती है और जैसा नीतीश कुमार का इतिहास रहा है बहुत से लोगों को इस बात पर शक होता है कि वह अपने कहे पर कायम रहेंगे। बहुत से विश्लेषक तो यह भी कह रहे हैं कि 14 जनवरी को खरमास की समाप्ति के साथ ही नीतीश कुमार कोई बड़ी घोषणा करेंगे। यह भी कहा जा रहा है कि वह इसके लिए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का दिन 22 जनवरी को चुन सकते हैं। नीतीश कुमार की स्थिति उस पलटी हुई गाड़ी की हो गई है जो कई बार गैराज जाकर बाहर निकली है। सवाल यह है कि अगर एक बार फिर गाड़ी पलटी मारेगी तो वह गैराज जाकर लौटेगी या कबाड़खाने में बिकेगी। मतलब यह कि क्या नीतीश कुमार के लिए भाजपा में जाने का विकल्प बचा है। नीतीश कुमार 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ थे और बाद में उन्होंने यह इल्जाम लगाया था कि भाजपा ने उनकी पीठ में छुरा भोंका है। 2020 में जिस भाजपा ने जदयू को कमजोर किया क्या वह 2024 के चुनाव में जदयू को मजबूत करने के लिए अपने साथ लाएगी? सच्चाई यह है कि नीतीश कुमार इस समय बहुत फिसलन भरी राजनीति कर रहे हैं और अगर वह कोई ऐसा कदम उठाते हैं जिससे उनकी विश्वसनीयता पर शक हो तो उनका राजनीतिक करियर कितना नीचे गिरेगा इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है।

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