छपी-अनछपीः आम चुनाव तक मिलेगी 10 लाख नौकरियां, जदयूू ने जहरबोले प्रवक्ता को हटाया
बिहार लोक संवाद डाॅट नेट, पटना। केन्द्र सरकार द्वारा 10 लाख नौकरी देने का ऐलान आज के अखबारों की सबसे खास खबर है। जाहिर है कि बहाली प्रक्रिया पूरी होते होते 2024 का आम चुनाव नजदीक आ जाएगा। इस बात को टाइम्स आॅफ इंडिया ने उजागर किया है। नौकरी की बहस में अक्सर यह याद दिलाया जाता है कि मोदी सरकार ने दो करोड़ नौकररियों का वादा किया था। इस वक्त भारत में लगभग साढ़े पांच करोड़ लोग बेरोजगार बताये गये हैं।
हिन्दुस्तान ने सीधी हेडिंग लगायी है- केन्द्र डेढ़ साल में देगा 10 लाख नौकरियां। जागरण- डेढ़ साल मे 10 लाख नौकरियां। प्रभात खबर ने नौकरी किसी प्रकार की होगी इसका इशारा इस हेडिंग में किया है- अब तीनों सेनाओं में संविदा पर की जाएगी ’अग्निवीरों’ की भर्ती। भास्कर ने इसे जबर्दस्त बचाने के चक्कर में हेडिंग के साथ प्रयोग करते हुए लिखा है- 10 लाख का जाॅबरदस्त आॅफर।
अखबारों के अनुसार दो दिसंबर 2021 को संसद में दी गयी जानकारी के अनुसार रेलेव में 2 लाख 37 हजार 295 पद खाली हैं। इसी प्रकार गृह विभाग में 1 लाख 28 हजार 842, सिविल डिफेंस में 2 लाख 47 हजर 502, डाक विभाग में 90 हजार 50 अैर रेवन्यू में 76 हजार 327 पद खाली थे। ’हिन्दुस्तान’ के अनुसार देश में हर साल एक करोड़ 20 लाख लोग नौकरी की उम्र को पहुुुंच जाते हैं। सभी अखबारों ने इस विषय पर संपादकीय में इस कदम की सराहना की है लेकिन इसके पेच पर कम बात की है। जैसे सेना में बहाली को ठेके पर करने पर सवाल उठाये जा रहे हैं लेकिन इसका जिक्र नहीं मिलता।
मोकामा के राजद विधायक और कई संगीन मामलों में आरोपित अनंत सिंह को एमपी एमएलए कोर्ट ने मंगलवार को प्रतिबंधित हथियारा एके-47 राइफल कारतूस और ग्रेनेड की बरामदगी मामे में दोषी करार दे दिया। यह खबर सभी अखबारोें में प्रमुखता से छपी है। इसमें उन्हें सात साल जेल से उम्रकैद तक की सजा हो सकती है।
बिहार में शिक्षकों की बहाली के लिए अब टीईटी का आयोजन नहीं होगा। इसकी जगह अब सीटीईटी के रिजल्ट को ही बहाली का आधार बनाया जाएगा। यह खबर भी सभी अखबारों में प्रमुखता से छपी है। इसके अलावा राहुल गांधी से ईडी की लगातार दूसरे दिन भी मैराथन पूछताछ की खबर सभी अखबारों में प्रमुख खबर है।
अनछपीः आज जदयू के बारे में दो खबरें ऐसी हैं जिसका एंगल जरा पेचीदा है। एक खबर यह है कि जदयू यह मानता है कि जनसंख्या नियंत्रण का नीतीश माॅडल बिहार में सफल है। यह असल में उस मांग का जवाब है जो सत्ता में साझीदार भाजपा के सदस्य बिहार में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कर रहे हैं। नीतीश माॅडल यह है कि शिक्षा से बिहार में प्रजनन दर कम हुई है और अभी और होगी।
इसी तरह जदयू ने अपने प्रवक्ता अजय आलोक को पार्टी से बाहर कर दिया है। अजय आलोक जदयू के प्रवक्ता रहते हुए ऐसे बयान देते आ रहे थे जो नीतीश कुमार के मिजाज के बिल्कुल खिलाफ थे और भाजपा की नीतियों के ऐन मुताबिक। ऐसे में जदयू ने काफी देर बाद उन्हें पार्टी से निकालकर अपनी गलती की भरपाई की कोशिश की है। अब अजय आलोक को भाजपा से काफी हमदर्दी मिल रही है जिसका इसका कारण समझा जा सकता है।
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