छ्पी-अनछ्पी: मोदी बोले- अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं बोला, रईसी की मौत पर शोक में ईरान
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। अपने विवादित चुनावी भाषणों के लिए चर्चा में चल रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब बयान दिया है कि उन्होंने कभी अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं बोला। हेलीकॉप्टर हादसे में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी की मौत के बाद वहां 5 दिन का शोक मनाया जा रहा है। पांचवें चरण के लोकसभा चुनाव में भी वोटिंग का प्रतिशत कम रहा है। आज के अखबारों की यह अहम खबरें हैं।
जागरण के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि उन्होंने अल्पसंख्यकों के खिलाफ कभी एक शब्द नहीं बोला। उनके अनुसार “भाजपा आज ही नहीं बल्कि कभी भी अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं रही है। हम सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं। लेकिन हम किसी को विशेष नागरिक मानने को तैयार नहीं है बल्कि सभी को समान मानते हैं।” सत्ता में लौटने पर एक राष्ट्र, एक चुनाव और समान नागरिक संहिता को लागू करने का संकेत देते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार चुनाव घोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा भी करती है। समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए साक्षात्कार में उन्होंने अल्पसंख्यकों से लेकर मौजूदा चुनाव में भाजपा की संभावनाओं की आकलन और कश्मीर से लेकर बेरोजगारी तक कई विषयों पर अपनी बात रखी।
रईसी की मौत पर शोक में ईरान
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की एक हेलीकॉप्टर हादसे में मौत हो गई। ईरान की समाचार एजेंसी आईआरएनए ने सोमवार सुबह यह जानकारी दी। उनकी मौत पर ईरान में पांच दिन का राष्ट्रीय शोक मनाया जा रहा है। ईरान के उत्तर-पश्चिम स्थित वरजानकन के दुर्गम पहाड़ी इलाके में हेलीकॉप्टर का मलबा मिला, जिसके बाद 63 वर्षीय रईसी, विदेश मंत्री अमीर अब्दुल्लाहियन समेत नौ लोगों की मौत की पुष्टि हुई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रविवार शाम को पूर्वी अजरबैजान से बांध का उद्घाटन करके लौटते समय रईसी का हेलीकॉप्टर लापता हो गया था। हेलीकॉप्टर के जले अवशेष सुबह बरामद हुए।
भारत में एक दिन का शोक
ईरान के दिवंगत राष्ट्रपति रईसी के सम्मान में मंगलवार को भारत में एक दिवसीय राजकीय शोक मनाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संदेश में कहा कि वह इब्राहीम रईसी के निधन से बहुत दुखी हुए। उन्होंने कहा कि भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।
नहीं बढ़ा मतदान
हिन्दुस्तान और जागरण की सबसे बड़ी खबर कम मतदान पर है। बिहार में लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में सोमवार को पांच सीटों पर शाम छह बजे तक 55.85 प्रतिशत मतदान हुआ। इन पांच सीटों पर 2019 के लोकसभा चुनाव में 57.07 फीसदी वोटिंग हुई थी। इस लिहाज से पिछले बार के मुकाबले 1.22 प्रतिशत कम मतदान हुआ है। इस बार मुजफ्फरपुर में सबसे अधिक 58.10 प्रतिशत और मधुबनी में सबसे कम 52.20 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड किया गया। इस चरण में आठ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 49 सीटों के लिए 59.73 प्रतिशत मतदान हुआ। पिछले चार चरणों के मुकाबले यह सबसे कम है। चौथे चरण में 69.16 फीसदी मतदान हुआ था, जबकि 2019 में पांचवें चरण में 62.01% वोटिंग हुई थी।
इलाज के लिए आये बांग्लादेश के सांसद लापता
प्रभात खबर के अनुसार बांग्लादेश के सांसद अनवारुल अजीम चार दिनों से लापता हैं। उनके मोबाइल फोन का अंतिम लोकेशन मुजफ्फरपुर में मिला है। उनकी खोज में कई एजेंसी जुटी है। बताया जाता है कि वह इलाज कराने भारत आए थे। दिल्ली से कोलकाता पहुंचने के बाद से वह गायब हो गए। उनकी बेटी ने इस संबंध में ढाका मेट्रोपोलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच से सहायता करने की अपील की है। बेटी ने बांग्लादेश में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि उनके अब्बा, जो तीन बार के सांसद हैं और कालीगंज उप जिला में अवामी लीग के अध्यक्ष हैं, उनका कुछ पता नहीं चल पा रहा है। वह एक कान से नहीं सुन पाते हैं और उसी के इलाज के लिए भारत गए थे।
मोदी पटना पहुंचे, सुशील मोदी को श्रद्धांजलि
प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय बिहार के दौरे पर सोमवार की देर शाम पटना पहुंचे। आठ दिनों के अंतराल पर दूसरी बार पटना प्रवास पर पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी एयरपोर्ट से सीधे पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे दिवंगत सुशील मोदी के आवास पर जाकर उनके परिजनों से मुलाकात की। इसके बाद प्रदेश भाजपा कार्यालय के अटल सभागार में कार्यकर्ताओं से बातचीत कर उनका हौसला बढ़ाया। प्रधानमंत्री ने सुशील कुमार मोदी की पत्नी जेसी जॉर्ज, बेटे उत्कर्ष तथागत व अक्षय अमृतांशु को ढांढ़स बंधाते हुए कहा कि दुख की इस घड़ी में हम आपके साथ खड़े हैं। श्री मोदी आज महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र के गोरिया कोठी और मोतिहारी में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे।
जज जो संघ में थे
प्रभात खबर की सुर्खी है: विदाई भाषण में बोले कोलकाता हाई कोर्ट के जज, मैं संघ में था। कोलकाता हाई कोर्ट के न्यायाधीश पद से सोमवार को रिटायर हुए न्यायमूर्ति चितरंजन दास ने कहा कि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सदस्य थे। अपने विदाई समारोह को संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति दास ने कहा कि यदि संगठन उन्हें किसी भी सहायता या किसी ऐसे काम के लिए बुलाता है जिसमें वह सक्षम हैं, तो वह संगठन में वापस जाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को भले ही अच्छा ना लगे मुझे यहां स्वीकार करना होगा कि मैं आरएसएस का सदस्य था और हूं। उन्होंने अपने काम की वजह से करीब 37 साल तक संगठन से दूरी बनाकर रखी।
कुछ और सुर्खियां
● बेगूसराय के सिमरिया में गंगा में नहा रहे पांच युवकों की डूबने से मौत
● कश्मीर के बारामूला में 40 साल बाद 50% से अधिक हुआ मतदान
● नए आपराधिक कानून के खिलाफ सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
● प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन पर 4 घंटे बंद रहा बेली रोड, पूरा पटना शहर जाम
● कोसी और सीमांचल में बारिश, हीट वेव से राहत, तीन दिन नहीं चढ़ेगा पारा
● गुजरात पुलिस ने प्रतिबंधित संगठन इस्लामिक स्टेट से जुड़े चार श्रीलंकाई नागरिकों को अहमदाबाद में गिरफ्तार किया
● नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने सोमवार को संसद में विश्वास मत हासिल किया
अनछपी: अदालतों से इंसाफ की उम्मीद की जाती है लेकिन महाराष्ट्र के पुणे में एक अदालत ने जो फैसला दिया है उससे यह समझ पाना मुश्किल है कि यह इंसाफ है या इंसाफ का मजाक। हिंदी अखबारों में इसकी चर्चा कम ही हुई है। नशे में 200 किलोमीटर की रफ्तार से लग्जरी कार चलाने की वजह से हुए हादसे के लिए जिम्मेदार नाबालिग़ को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने चार शर्तों पर जमानत दे दी। पुणे में रविवार को तड़के नाबालिग़ ने लग्जरी कार पोर्शे से बाइक को टक्कर मार दी थी। इससे बाइक से जा रहे दो आईटी पेशेवरों अनीस दूधिया और अश्विनी कोस्टा की मौत हो गई थी। पुलिस ने नामी बिल्डर के 17 साल के बेटे को गिरफ्तार कर लिया था। उसे रविवार को ही जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में पेश किया गया था। पुलिस ने उस आरोपी पर बालिग की तरह कार्रवाई की मांग की जिसे जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नामंजूर कर दिया। बोर्ड ने उस आरोपी को कार हादसे पर 300 शब्दों का निबंध लिखने और ट्रैफिक पुलिस के साथ 15 दिन काम करने का आदेश दिया। पुलिस ने पोर्शे के मालिक यानी नाबालिग़ के पिता और उस नाबालिग़ को शराब परोसने वाले पब के खिलाफ भी आईपीसी की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। जिस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई उसके मुजरिम को ऐसी शर्तों पर जमानत दी गई जिसे किसी भी तरह सजा नहीं माना जा सकता। सच पूछा जाए तो शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले नाबालिग़ को इस मामले में जमानत देने की कोई गुंजाइश नहीं थी जिसकी वजह से दो लोगों की मौत हुई। एक तो उसकी उम्र नहीं थी कि वह गाड़ी चलाए, दूसरे उसने शराब पी रखी थी और 200 किलोमीटर की स्पीड से गाड़ी चला रहा था जिससे दो लोगों की जान चली गई। ऐसा जुर्म करने वाले के साथ किसी मुरव्वत की गुंजाइश नहीं थी। इस मामले में पुलिस की यह बात सही लगती है कि महज एक साल बाद बालिग़ होने वाले इस मुजरिम को बालिग़ की तरह ही माना जाना चाहिए था। देखना यह है कि इस मुजरिम के पिता पर क्या केस होता है जो उस गाड़ी के मालिक हैं जिससे यह हादसा हुआ। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने जिन शर्तों पर उस कार चालक को जमानत दी है उससे शहरों में बड़े लोगों के बिगड़ैल बच्चों को बहुत ही गलत संदेश मिलता है। इंसाफ की मांग तो यह है कि जमानत को रद्द कर कम से कम कुछ महीनो तक उसे सुधारगृह में रखा जाए।
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