छ्पी-अनछपी: कश्मीर में सेना के काफिले पर हमला-चार की मौत, दाना तूफान से 500 ट्रेनें रद्द

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। कश्मीर में सेना के एक काफिले पर हमले में दो जवानों सहित चार लोगों की मौत हो गई। चक्रवर्ती तूफान के कारण 500 ट्रेनें रद्द की गई हैं। उत्तर बिहार की 256 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के दोहरीकरण को मंजूरी दी गई है। केंद्र सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने की तैयारी कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उम्र तय करने के लिए आधार कार्ड वैलिड दस्तावेज नहीं है।

भास्कर के अनुसार दो महीने पहले तक जम्मू रीजन में सेना और स्थानीय लोगों पर हमले कर रहे आतंकी फिर कश्मीर पहुंच गए हैं। वह 9 दिन में चार हमले कर चुके हैं। इनमें दो हमले गुरुवार को हुए। आतंकियों ने सुबह दक्षिण कश्मीर में एक गैर कश्मीरी को निशाना बनाया तो शाम को पर्यटन स्थल गुलमर्ग के पास सेना के काफिले को घेर कर फायरिंग की। इनमें दो जवानों की मौत हो गई जबकि सेना की मदद कर रहे दो पोर्टर की जान भी चली गई। तीन जवान घायल बताए गए हैं। पहला हमला दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा के बटगुंड में उत्तर प्रदेश के एक 19 वर्षीय मजदूर प्रीतम सिंह पर हुआ। उन्हें हाथ में गोली लगी है। दूसरा हमला शाम करीब 7:30 बजे उत्तर कश्मीर में बारामूला के पास बोटापथरी में हुआ। यह इलाका गुलमर्ग और पाकिस्तान से सटी एलओसी से महज पांच किलोमीटर पहले है। 18 राष्ट्रीय राइफल्स का चार वाहनों का काफिला बोटापथरी जा रहा था। काफिले में एक वाहन बिना बुलेट प्रूफ था। आतंकियों ने इसी पर फायरिंग की।

दाना तूफान से 500 ट्रेनें रद्द, बिहार में अलर्ट

हिन्दुस्तान के अनुसार चक्रवाती तूफान ‘दाना’ ने गुरुवार देर रात ओडिशा के तट पर दस्तक दी। इसके मद्देनजर ओडिशा और बंगाल आने-जाने वाली 500 से ज्यादा ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। दोनों राज्यों में 16 घंटे के लिए उड़ानों पर रोक लगा दी गई है। प्रभावित इलाकों से करीब चार लाख लोगों को निकाला गया है। इधर, बिहार में दाना का प्रभाव दिखने लगा। राज्य में कई जगहों पर तेज हवाओं का प्रवाह जारी है। बादलों की आवाजाही के बीच राज्य के 11 जिलों में गुरुवार को बारिश हुई। सर्वाधिक बारिश पूर्णिया के रूपौली में 101 मिमी दर्ज की गई। कटिहार में 85 मिमी बारिश हुई है। बांका, जमुई, खगड़िया, नवादा, लखीसराय, मधेपुरा, सुपौल, मुंगेर और बेगूसराय में कुछ जगहों पर मध्यम और आंशिक बारिश हुई है। शुक्रवार को भागलपुर, बांका और जमुई में एक-दो जगहों पर भारी बारिश का येलो अलर्ट है।

256 किलोमीटर रेल लाइन दोहरी होगी

जागरण के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को कैबिनेट कमिटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स की बैठक में दो रेलवे प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई। इनमें से एक रेल प्रोजेक्ट बिहार का है। फैसले के तहत नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर रूट पर रेल लाइन का दोहरीकरण किया जाएगा। इसकी लंबाई 256 किलोमीटर होगी और इस पर 4553 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। खास बात यह है कि नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा रेल रूट का दोहरीकरण हो जाने से गोरखपुर के रास्ते सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी के पुनौरा धाम से अयोध्या जाना आसान हो जाएगा। इस रेलवे लाइन के दोहरीकरण से उत्तर बिहार और उत्तर प्रदेश को काफी फायदा होगा।

यूनिफॉर्म सिविल कोड की तैयारी

हिन्दुस्तान के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को केंद्र सरकार ने कहा कि वह देशभर में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने पर विचार कर रही है। इस बारे में संसद जल्द ही फैसला लेगी। केंद्र सरकार ने मुस्लिम को भी भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम के दायरे में लाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत को यह जानकारी दी। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्य भाटी ने यह जानकारी दी।

आधार कार्ड से नहीं तय होगी उम्र

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के एक आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें सड़क हादसे के पीड़ित को मुआवजा देने के लिए आयु निर्धारित करने के लिए आधार कार्ड को स्वीकार किया गया था। पीठ ने कहा कि किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 94 के तहत मृतक की आयु स्कूल छोड़ने के प्रमाण पत्र में उल्लिखित जन्म तिथि से निर्धारित की जानी चाहिए। पीठ ने कहा कि हमें लगता है कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने परिपत्र संख्या 8/2023 के माध्यम से, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा 20 दिसंबर, 2018 को जारी एक कार्यालय ज्ञापन के संदर्भ में कहा है कि आधार कार्ड, हालांकि पहचान स्थापित करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन जन्म तिथि का प्रमाण नहीं है।

दो लाख 11 हज़ार वैकेंसी जल्द आएगी

प्रभार खबर की सबसे बड़ी खबर है कि बिहार के सामान्य प्रशासन विभाग ने रोस्टर क्लियर करते हुए विभिन्न संवर्गों में दो लाख ग्यारह हजार से अधिक पदों पर भर्ती के लिए वैकेंसी की लिस्ट संबंधित अयोगों को भेज दी है। यह नियुक्तियां दो दर्जन विभागों से अधिक में होनी है। सबसे ज्यादा 1,38, 833 बहाली शिक्षा विभाग में होनी है। इसके अलावा गृह विभाग में 22730 और सिपाही भर्ती में 21391 पद हैं। स्वास्थ्य विभाग में 12169 और जल संसाधन विभाग में 4939 पद पर बहाली होगी।

कुछ और सुर्खियां

  • जस्टिस संजीव खन्ना अगले चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया नियुक्त, 11 नवंबर को लेंगे शपथ
  • सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बिहार के 1 लाख से अधिक लोगों की सदस्यता बहाल
  • मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जून तक बिहार के सभी पंचायत सरकार भवन को बनाने का दिया निर्देश
  • बिहार के 6 लाख शिक्षकों और कर्मियों की ई-सर्विस बुक बनेगी
  • भारत-चीन सीमा पर डेपसांग और डेमचौक से सेनाओं का पीछे हटना शुरू

अनछपी: भारत के संविधान के तहत सब के प्रति समान भाव रखने की शपथ लेने वाले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने जब हिंदू स्वाभिमान यात्रा की घोषणा की थी तो तभी लोगों को इससे होने वाले तनाव की आशंका हो गई थी और अब अररिया से जो खबर आ रही है उससे पता चलता है कि वहां काफी गुस्सा फैला हुआ है। इस गुस्से का कारण हालांकि सीधे तौर पर दगिरिराज सिंह के विवादित बयान नहीं हैं लेकिन उनके साथ चल रहे अररिया के सांसद प्रदीप सिंह ने जो बयान दिया उसको लेकर स्थानीय लोगों के बीच काफी गुस्सा पाया जाता है। नतीजा यह है कि वहां सांसद का पुतला फूंकने, प्रदर्शन और रोड जाम करने का आंदोलन चल रहा है। इस आंदोलन में कोई नेता नहीं है और जनता हिस्सा ले रही है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के नेतृत्व में निकाली गई हिंदू स्वाभिमान यात्रा 20 अक्टूबर को अररिया पहुंची थी। यहां उनकी मौजूदगी में भारतीय जनता पार्टी के अररिया सांसद प्रदीप सिंह ने दूसरी बातों के अलावा यह भी कहा कि अररिया में रहना है तो हिंदू बनना होगा। प्रदीप सिंह का यह बयान इंटरनेट पर वायरल हो गया और इससे अररिया के माहौल में तनाव पैदा हो गया। हालांकि बाद में प्रदीप सिंह ने फेसबुक के जरिए यह बताया कि उन्होंने ‘समुदाय विशेष’ को आहत करने वाली कोई बात नहीं की है लेकिन सवाल यह है कि अररिया में रहने के लिए हिंदू होने की शर्त लगाने का अधिकार उन्हें कानून की किस धारा के तहत मिला है? लोकतंत्र में परंपरा यह है कि एक बार जीतने के बाद सांसद या अन्य जनप्रतिनिधि सभी का जनप्रतिनिधि होता है। लेकिन सांसद प्रदीप सिंह ने जिस तरह का बयान दिया है वह धार्मिक भावना को भड़काने वाला और समाज में दुश्मनी पैदा करने वाला है। कायदे से इस मामले में सांसद प्रदीप सिंह पर क़ानून के तहत केस होना चाहिए। लेकिन जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से सरकार चला रहे हैं तो उनके लिए यह मुश्किल होगा कि वह भाजपा सांसद प्रदीप सिंह पर कोई प्राथमिकी दर्ज कराएं। नीतीश कुमार सरकार की चाहे जो मजबूरी हो लेकिन गिरिराज सिंह और प्रदीप सिंह के बयानों से क्षेत्र में बहुत तनाव फैला है और इसकी जिम्मेदारी सरकार को लेनी पड़ेगी। अभी मौका है कि सांसद प्रदीप सिंह पर समाज में दुश्मनी फैलाने और धार्मिक भावना भड़काने के आरोप में प्राथमिक की दर्ज कर उन्हें कानून का सामना कराया जाए।

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