छ्पी-अनछ्पी: नियोजित शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट से झटका, अमेरिका का आरोप- भारत में बढ़ी हेट स्पीच
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। सुप्रीम कोर्ट ने नियोजित शिक्षकों के लिए सक्षमता परीक्षा रद्द करने की मांग की अर्जी खारिज कर दी है। अमेरिका ने भारत में हेट स्पीच बढ़ने का आरोप लगाते हुए इस पर चिंता जताई है। नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई ने पटना से दो लोगों को गिरफ्तार किया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि पेपर लीक के दोषी बख्शे नहीं जाएंगे। अमेरिका के आरोप को छोड़कर बाकी खबरों को सभी अखबारों ने प्रमुखता दी है।
जागरण की सबसे बड़ी खबर सुप्रीम कोर्ट का फैसला है: देनी होगी सक्षमता परीक्षा, नियमों से नहीं चलते हैं तो छोड़ दें नौकरी। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले नियोजित शिक्षकों को बड़ा झटका देते हुए स्पष्ट किया कि सरकार के नियमों के अनुसार नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा देनी होगी। यदि वह नियमों के अनुसार नहीं चलते हैं तो उन्हें नौकरी छोड़ देनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बीवी नागरत्ना एवं जस्टिस उज्जवल भुयान की वेकेशन बेंच ने गुरुवार को परिवर्तनकारी शिक्षक संघ और बिहार प्रारंभिक शिक्षक संघ की याचिका को रद्द करते हुए यह निर्णय सुनाया। प्रारंभिक शिक्षक संघों द्वारा सक्षमता परीक्षा रद्द करने की मांग की गई थी। इससे पहले अप्रैल में पटना हाई कोर्ट ने ऐसी मांग को रद्द कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट केस निर्णय से बिहार के लगभग चार लाख नियोजित शिक्षकों को बड़ा झटका लगा है। नई शिक्षक नियमावली के अनुसार नियोजित शिक्षकों को अगर राज्य कर्मी का दर्जा प्राप्त करना है तो उन्हें सक्षमता परीक्षा पास करनी होगी।
अमेरिका का आरोप: भारत में बढ़ी हेट स्पीच
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भारत में धर्मांतरण विरोधी कानूनों और नफरत फैलाने वाले भाषणों में वृद्धि होने का आरोप लगाया है। इसके साथ उन्होंने कहा कि धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के घरों और प्रार्थना स्थलों को ध्वस्त करने के मामलों में चिंताजनक वृद्धि हुई है।
नीट पेपर मामले में सीबीआई ने दो को गिरफ्तार किया
प्रभात खबर की सबसे बड़ी सुर्खी है: नीट: सीबीआई ने उत्तर रटाने के लिए जगह देने वाले दो को पटना से किया गिरफ्तार। नीट यूजी 2024 पेपर लीक मामले में सीबीआई ने गुरुवार को पहली बार पटना में दो गिरफ्तारियां की हैं। परीक्षार्थियों के लिए खेमनी चक में लर्न एंड प्ले स्कूल बुक करने वाले मनीष प्रकाश और उन्हें सुविधा उपलब्ध कराने वाले आशुतोष को गुरुवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। सीबीआई सूत्रों का कहना है कि मनीष प्रकाश और आशुतोष कुमार ने परीक्षा के पहले अभ्यर्थियों को सुरक्षित परिसर मुहैया कराया और उन्हें लीक हुए प्रश्न पत्र तथा उत्तर पुस्तिकाएं दीं। यहां परीक्षार्थियों को प्रश्न का जवाब रटवाना और उन्हें परीक्षा केंद्र तक पहुंचाने की जिम्मेदारी इन्हीं दोनों की थी।
पेपर लीक के दोषी बख्शे नहीं जाएंगे: राष्ट्रपति
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गुरुवार को कहा कि सरकार पेपर लीक की घटनाओं की जांच कराने और दोषियों को सजा दिलाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। राष्ट्रपति ने अभिभाषण में आपातकाल का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि संविधान पर कई हमलों के बावजूद देश ने असंवैधानिक ताकतों पर विजय पाई है। 18वीं लोकसभा में पहली बार संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में पेपर लीक का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि सरकार पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त उपाय कर रही है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित सत्तापक्ष के सदस्य देर तक मेज थपथपाते दिखे, वहीं विपक्षी सदस्यों ने नीट-नीट के नारे लगाए।
टी 20 वर्ल्ड कप: भारत फाइनल में
वर्षा से प्रभावित सेमीफाइनल मैच में भारत ने इंग्लैंड को हराकर टी 20 वर्ल्ड कप के फाइनल में जगह बना ली जहां उसका मुकाबला दक्षिण अफ्रीका से होगा। भारत ने पहले खेलते हुए रोहित शर्मा के 57 और सूर्यकुमार यादव के 47 रनों की बदौलत 7 विकेट पर 171 रन बनाए। जवाब में इंग्लैंड के टीम 16.4 ओवर में ही ढेर हो गई और सिर्फ 103 रन बना सकी। भारत की ओर से कुलदीप यादव और अक्षर पटेल ने तीन-तीन विकेट लिए जबकि जसप्रीत बुमराह को दो विकेट मिले।
कस्टडी में मौत, 15 लाख मुआवजा का आदेश
बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग ने फुलवारीशरीफ थाना में एक युवक जीतेश कुमार की पुलिस हिरासत में हुई मौत पर पीड़ित परिवार को 30 दिनों के भीतर 15,75,400 रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया है। आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) एएम बदर ने पुलिसकर्मियों के इस कृत्य को सभ्य समाज पर बड़ा धब्बा बताया है। आदेश में आयोग ने कहा, युवक के पिता श्रीराम सिंह को बतौर क्षतिपूर्ति यह राशि दें। समय पर राशि का भुगतान नहीं करने पर 12 प्रतिशत ब्याज देना होगा। कोर्ट ने एसएसपी को निर्देश दिया कि क्षतिपूर्ति की राशि दोषी पुलिसकर्मियों से वसूली जाए। अनुमंडल पुलिस अधिकारी के फुलवारीशरीफ थाने में युवक जीतेश कुमार को लाया गया था। जहां उसने पुलिस हिरासत में दम तोड़ दिया था। यह घटना 31 मार्च 2024 को हुई थी। इस मामले में युवक के पिता श्रीराम सिंह ने 1 अप्रैल 2024 को पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी। बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान लेकर जांच की जिम्मेदारी आयोग के एसपी को दिया था।
कुछ और सुर्खियां
- पटना में झमाझम बारिश, बिहार के 18 जिलों में पहुंचा मानसून
- मधुबनी में कमला नदी लाल निशान के पार, पूर्वी चंपारण में डायवर्सन बहा
- नीट पेपर लीक मामले में वांटेड संजीव मुखिया सिपाही भर्ती पेपर लीक का भी मास्टरमाइंड
- जियो ने मोबाइल सेवा की दर 12 फ़ीसद से 27 फ़ीसद तक बढ़ाई
- आम चुनाव के लिए सर्वे में पिछड़ते दिख रहे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक
- आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह का 11 माह बाद निलंबन खत्म
- मंत्री रेणु देवी ने पूछा, रोक के बावजूद बिहार में कैसे बिक रही है मांगुर मछली
अनछपी: हिंदी के अखबारों में सरकार के लिए अप्रिय खबरों को कैसे दबाया जाता है इसका ताजा उदाहरण अमेरिकी विदेश मंत्री का वह बयान है जो उन्होंने भारत में अल्पसंख्यकों के बारे में दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि भारत में धर्मांतरण विरोधी कानून, हेट स्पीच और अल्पसंख्यकों के धर्मस्थलों को गिराने की घटनाएं चिंताजनक रूप से बढ़ रही हैं। लेकिन इस खबर को अक्सर अखबारों ने या तो छिपाकर छापा है या उनके बयान की निंदा को प्रमुखता दी है। अखबार के संपादकों की यह नीति रहती है कि जब किसी खबर को दबाना हो तो उसे आखिरी पन्ने के आखिरी हिस्से में कोने में छाप दिया जाए ताकि नहीं छापने का आरोप भी ना लगे। अमेरिकी विदेश मंत्री ने दरअसल दुनिया भर में धार्मिक स्वतंत्रता पर विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने भेदभावपूर्ण राष्ट्रवादी नीतियों को बढ़ावा देने का काम किया जिससे समाज में नफरत को बढ़ावा मिला है। यह रिपोर्ट कहती है कि मुसलमानों, ईसाइयों, सिखों, दलितों, यहूदियों और आदिवासियों की खिलाफ हो रही सांप्रदायिक हिंसा से निपटने में बीजेपी सरकार नाकाम रही है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में यूएपीए, एफसीआरए, सीएए, धर्मांतरण विरोधी और गौ हत्या को लेकर जो कानून हैं उनके चलते धार्मिक अल्पसंख्यकों और उनकी वकालत करने वाले लोगों को निशाना बनाया गया है। एक तरफ संविधान धर्म चुनने और उस पर चलने की आजादी देता है तो भारत के 10 राज्यों में धर्म परिवर्तन के खिलाफ सख्त कानून बनाए गए हैं। अक्सर अमेरिका की इस तरह की रिपोर्ट को भारत सरकार खारिज करती है और सरकारी पार्टी के समर्थक भी इसकी आलोचना करते हैं लेकिन याद रखने की बात यह है कि जब भारत की प्रशंसा में कोई बात अमेरिका करता है तो उसे सब आसानी से स्वीकार करते हैं। धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी अमेरिका की रिपोर्ट वास्तव में भारत के अल्पसंख्यकों की चिताओं को ही दर्शाती है लेकिन मीडिया ऐसी खबरों को दबा देता है।
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