छ्पी-अनछपी: अमेरिका में मोदी का मीगा-मागा, रूस ने यूक्रेन के न्यूक्लियर प्लांट पर हमला किया
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। एक तरफ भारत के आप्रवासियों को अमेरिका बेड़ियों में वापस भेज रहा है तो दूसरी तरफ अमेरिका पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मीगा-मागा’ के बोल गढ़े हैं। रूस ने यूक्रेन के न्यूक्लियर प्लांट पर हमला किया है। बिहार के विश्वविद्यालयों में फिजिक्स के टीचर नहीं मिल पा रहे हैं और जो बहाल हुए हैं उनमें से 40% बिहार के बाहर के हैं। 2025-26 के लिए बिहार के बजट का आकार 3.25 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान।
और जानिएगा कि विदेशों में रह रहे कितने बिहारियों ने ऑनलाइन मैरेज रजिस्ट्रेशन कराया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा पर ज्यादातर अखबारों ने उनकी तारीफ के पुल बांधे हैं। प्रभात खबर की सुर्खी है: अमेरिका में ग्रेट मोदी शो। भास्कर की हेडलाइन है: मोदी बोले भारत-अमेरिका 1 और 1 ग्यारह। हिन्दुस्तान ने लिखा- आतंकवाद पर वार, चार गुना कारोबार का संकल्प। जागरण ने लिखा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकसित भारत के लिए मीगा (मेक इंडिया ग्रेट अगेन) विजन को ट्रंप के मागा (मेक अमेरिका ग्रेट अगेन) नारे से जोड़ा। मोदी ने कहा कि मेगा और मागा का संयुक्त विजन समृद्धि के लिए विशाल साझेदारी बनाएगा।
समझौता क्या हुआ
राष्ट्रपति ट्रंप और पीएम मोदी के बीच हुई मुलाकात में अगले 10 वर्षों के लिए भारत और अमेरिका के रिश्तों का खाता तैयार कर दिया है। मुंबई हमले के प्रमुख साजिशकर्ता में एक तहव्वुर राना को भारत लाने, खालिस्तान समर्थक गतिविधियों पर रोक लगाने, ग़ैर कानूनी तौर पर भारतीयों को अमेरिका में घुसपैठ कराने वाले लोगों के खिलाफ साझा निर्णायक कार्रवाई करने, रक्षा क्षेत्र में अगले 10 वर्षों के लिए सहयोग का रोड मैप बनाने, भारत को अत्याधुनिक एफ 35 युद्धक विमान बेचने, अमेरिका से ज्यादा तेल व गैस की खरीद करने, मिलकर परमाणु ऊर्जा के छोटे बड़े रिएक्टर का निर्माण करने को लेकर सहमति बनी है। ट्रंप ने यह भी साफ कर दिया कि पारस्परिक टैक्स लगाने को लेकर भारत को कोई छूट नहीं मिलेगी।
रूस का चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट पर हमला
भास्कर की खबर है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेन्सकी ने शुक्रवार को दावा किया कि रूस के एक ड्रोन ने चेर्नोबिल न्यूक्लियर पावर प्लांट के सुरक्षात्मक ढांचे को निशाना बनाया। जेलेन्सकी ने हमले को दुनिया के लिए खतरा बताते हुए कहा कि दुनिया में रूस इकलौता देश है जो परमाणु स्थलों पर हमला कर सकता है, उन्हें अपने कब्जे में ले सकता है और युद्ध को इस हद तक पहुंचा सकता है। जेलेन्सकी ने हमले के बाद पुतिन की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि रूस किसी भी प्रकार की शांति वार्ता के लिए गंभीर नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन इस मामले की जानकारी अमेरिका और यूरोपीय नेताओं के म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में देगा।
बिहार में नहीं मिल रहे फिजिक्स के प्रोफ़ेसर
हिन्दुस्तान की ख़ास ख़बर है कि विश्वविद्यालयों में सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया जारी है। नियुक्ति में विज्ञान संकाय में योग्य शिक्षक कम मिल रहे हैं। जितने पद हैं उसके हिसाब से योग्य शिक्षक नहीं मिल रहे। खासकर विश्वविद्यालयों में भौतिकी विषय के सहायक प्राध्यापक रिक्त सीट से भी कम मिले हैं। वहीं स्कूली शिक्षा में भी खासकर उच्च माध्यमिक में सबसे कम शिक्षक भौतिकी में ही मिले हैं। भौतिकी विषय में सहायक प्राध्यापकों की तीन सौ रिक्तियों में 215 ही योग्य शिक्षक मिले। इसमें करीब 40 प्रतिशत दूसरे राज्यों के हैं। तीसरे चरण की शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में 1961 में सिर्फ 441 भौतिकी विषय के शिक्षक ही सफल हो सके। शेष सीटें 1520 सीटें बची रह गईं।
3.25 लाख करोड़ का होगा बिहार का बजट
भास्कर के अनुसार वर्ष 2025-26 के लिए 3 मार्च को बिहार का बजट पेश होगा। यह बजट लगभग 3.25 लाख करोड़ रुपए का होगा। यानी यह बजट वित्तीय वर्ष 2024- 25 की तुलना में 45-47 हजार रकरोड़ रुपये अधिक का होगा। उम्मीद की जा रही है कि शिक्षा, स्वास्थ्य, पथ निर्माण, ग्रामीण पथ, रोजगार और बाढ़ प्रबंधन पर विशेष फोकस होगा। केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में बिहार को 2025-26 में 1,43, 069 करोड़ रुपए मिलेंगे बजट का आधा हिस्सा तो यहीं से पूरा हो जाएगा।
ऑनलाइन मैरेज रजिस्ट्रेशन में विदेश में रह रहे बिहारी आगे
हिन्दुस्तान के अनुसार ऑनलाइन मैरेज रजिस्ट्रेशन की सुविधा का सबसे ज्यादा लाभ विदेश में रहने वाले बिहार के लोग उठा रहे हैं। तीन महीने पहले ई-निबंधन की सुविधा शुरू की गयी थी। अब तक छह हजार से अधिक लोग विवाह पंजीकरण के लिए ई-निबंधन पर आवेदन कर चुके हैं, इसमें 60 फीसदी यानी 4065 राज्य के उन लोगों ने आवेदन किया है जो अभी विदेश में रह रहे हैं। बता दें कि ई-निबंधन में ऑनलाइन आवेदन करना होता है। सारे कागजात भी ऑनलाइन ही अपलोड करने होते हैं। आवेदन को संबंधित जिले के निबंधन कार्यालय के वेबसाइट पर करनी होती है। इसके बाद सारी प्रक्रिया संबंधित जिला निबंधन कार्यालय की ओर से की जाती है। सारी प्रक्रिया की जानकारी संबंधित लोग को दी जाती है। जब प्रमाण पत्र निर्गत किया जाता है तो फिर बुलाया जाता है। इस प्रक्रिया में एक महीने से तीन महीने का समय लगता है।
कुछ और सुर्खियां:
- नालंदा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के ओटी में नाले का पानी घुसा, डेढ़ दर्जन ऑपरेशन टले
- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ऐलान, जहानाबाद में मेडिकल कॉलेज अस्पताल बनेगा
- बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर के तत्कालीन रजिस्ट्रार की बर्खास्तगी को हाई कोर्ट ने अवैध करार दिया
- कोलकाता हाई कोर्ट ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की कोलकाता में होने वाली सभा की सशर्त अनुमति दी
- सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा आज से
अनछपी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्य सिंह बिष्ट उर्फ योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में मुसलमानों के खिलाफ जो भेदभावपूर्ण और नफरती रवैया अपनाया गया है उसका एक बड़ा उदाहरण संभल से मिलता है। और इस बात को समझने के लिए हमें 6 दिसंबर 1992 को याद करना होगा जब देश के संविधान के दुश्मनों ने सुप्रीम कोर्ट में दी गई शपथ की धज्जियां उड़ाते हुए बाबरी मस्जिद को गिरा दिया लेकिन उन उपद्रवियों को कार सेवक कहा गया। अभी सरकार या सांप्रदायिक लोगों की मुस्लिम विरोधी हरकतों के विरोध में जब प्रदर्शन किया जाता है तो उन्हें कई नाम से पुकारा जाता है जिसमें एक पत्थरबाज भी है। संभल कुछ दिनों पहले तक एक शांत शहर हुआ करता था लेकिन वहां की जामा मस्जिद पर जब से नफरतियों और समाज दुश्मन तत्वों ने नजर गड़ाई है तब से इनका विरोध करने वाले वहां के बेकसूर लोग पुलिस की फायरिंग में मारे गए हैं और जेलों में ठूसे गए हैं। सबको पता है कि यह तमाम हरकतें प्लेसेज़ ऑफ़ वरशिप एक्ट के खिलाफ हो रही हैं लेकिन सरकार दोषियों पर कार्रवाई करने के बदले निर्देशों को निशाना बना रही है। ताजा जानकारी यह है कि संभल की पुलिस ने शुक्रवार को उसी जामा मस्जिद की दीवार पर उन लोगों के फोटो लगा दिए जिन्हें वह पत्थरबाज कहती है। बेहद महत्वपूर्ण सवाल यह है की जामा मस्जिद की दीवारों पर ऐसे पोस्टर लगाने का अधिकार पुलिस को किसने दिया? यह साफ तौर पर एक धार्मिक स्थल के विरूपण का मामला है। मस्जिद पुलिस या सरकार की संपत्ति नहीं है और उस पर उसका कोई अधिकार नहीं है। इस तरह मस्जिद की दीवार को अपवित्र करना धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला है। अभी कोई सरकार की इमारत की दीवार पर पोस्टर लगा दे तो उसे जेल भेज दिया जाएगा। पुलिस की यह कार्रवाई आदित्य सिंह बिष्ट सरकार की बेहद नफरती हरकत है और इस पर अदालत को स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करनी चाहिए।
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