छ्पी-अनछ्पी: ग़ज़ा के अस्पताल पर हमले के बाद इसराइल की सीनाजोरी, चौथा कृषि रोडमैप जारी

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। ग़ज़ा में अस्पताल पर मिसाइल हमले में 500 लोगों की मौत के बाद इसराइल सीनाजोरी कर कह रहा कि यह हमला उसने नहीं किया। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन इसराइल का दौरा कर चुके हैं। इससे जुड़ी खबरों को अच्छी कवरेज मिली है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों बिहार के चौथे कृषि रोड मैप को जारी किए जाने की खबर पहले पेज की पहली खबर है।

हिन्दुस्तान की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: ग़ज़ा की जंग में मजलूमों की मौत से दुनिया दहली। गजा के अस्पताल पर हुए हमले में सैकड़ों मजलूमों की मौत पर दुनियाभर में आक्रोश है। कई अरब मुल्कों ने इस हमले के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि, इसराइल का कहना है कि अस्पताल पर जो रॉकेट गिरा वह हमास का था। संयुक्त राष्ट्र में 22 अरब देशों के समूह अरब लीग ने कहा कि इजरायल को हमले तत्काल बंद करने होंगे। बुधवार को दुनिया के कई देशों में इसराइल के खिलाफ बड़े पैमान पर विरोध प्रदर्शन हुए। वहीं, अमेरिका ने साफ किया कि वह पूरी तरह इसराइल के साथ है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि इसराइल और हमास के बीच संघर्ष में आम नागरिकों का हताहत होना गंभीर चिंता का विषय है। गजा के अस्पताल पर हमले की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए।

अमेरिका तक विरोध

गजा के अल-अलही-अरब अस्पताल में मिसाइल गिरने से हुई 500 के करीब मौतें के बाद दुनियाभर में आक्रोश व्याप्त है। अरब से लेकर अमेरिका तक घटना के विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए। विभिन्न देशों में भी मंगलवार और बुधवार को विरोध-प्रदर्शन हुआ। इसराइल- हमास में चल रही जंग में अमेरिका इसराइल के साथ खड़ा है। वहीं दूसरी ओर न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के छात्रों ने मंगलवार को फलस्तीन के समर्थन में न्यूयॉर्क सिटी के वाशिंगटन स्कवॉयर पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों की मांग थी कि अमेरिकी सरकार इजरायल सरकार से बात कर गाजा पर हो रहे हमला रोकने की कोशिश करे।

कृषि रोडमैप जारी

भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: जैसा कृषि रोड मैप बनाया उसी तरह बिहार के समेकित विकास का रोड मैप बनाएं: मुर्मू। प्रभात खबर, जागरण और हिन्दुस्तान की लीड भी इससे मिलती-जुलती है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि समेकित विकास से ही बिहार विकसित राज्य बनेगा। राज्य के नीति निर्माताओं और जनता को बिहार की प्रगति के लिए एक रोडमैप तैयार कर उसपर चलना होगा। राष्ट्रपति बुधवार को बापू सभागार में चतुर्थ कृषि रोडमैप का लोकार्पण करने के बाद लोगों को संबोधित कर रही थीं। राष्ट्रपति ने कहा कि विकसित भारत का सपना पूरा करने में बिहार का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है।

आज़म खान, बीवी-बेटे को सज़ा

जागरण की खबर है: पुत्र व पत्नी समेत आजम को 7 साल की सजा। समाजवादी पार्टी के महासचिव आजम खान, पत्नी पूर्व सांसद तजीन फातिमा व पुत्र पूर्व विधायक अब्दुल्लाह आजम बुधवार को फिर जेल पहुंच गए। अब्दुल्लाह आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में तीनों को एमपी एमएलए कोर्ट ने 7-7 साल की सजा सुनाई है। साथ ही 50-50 हज़ार रुपये जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट में सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें हिरासत में लेकर वहीं से जेल भेज दिया गया। आजम परिवार के सदस्य विभिन्न मामलों में लंबे समय तक पहले भी जेल में रह चुके हैं। आजम खान ने कोर्ट से जेल जाते समय मीडिया से कहा कि इंसाफ और फैसले में फर्क होता है। “आज फैसला हुआ है”, इसके बाद वह कुछ नहीं बोले और पुलिस की गाड़ी में बैठकर जेल चले गए।

सत्ता में आए तो अदानी मामले की जांच होगी: राहुल

जागरण की खबर है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अब कोयला आयात में दोगुनी बिलिंग को लेकर अदानी समूह को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसकी आड़ में बिजली महंगी कर जनता को ठगा जा रहा है। अब तक 12000 करोड रुपए की लूट की जा चुकी है। राहुल ने कहा कि सत्ता के संरक्षण के कारण किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो रही है और 2024 में “हम सत्ता में आए तो अदानी समूह के मामलों की जांच कराएंगे।” उन्होंने कहा कि जैसे ही आप घर में पंखा या बल्ब के बटन दबाते हैं आपका पैसा सीधे अदानी की जेब में चला जाता है।

शिक्षक भर्ती: एक लाख 22 हज़ार सफल

शिक्षक भर्ती परीक्षा में कितने प्रतिशत उम्मीदवार सफल हुए उसको लेकर अलग-अलग अखबारों में अलग-अलग संख्या लिखी है। हिंदुस्तान ने 72% तो भास्कर ने 93% रिजल्ट निकलने की बात कही है। प्रभात खबर की सुर्खी है: प्राथमिक शिक्षक पद के लिए 72419 डीएलएड डिग्रीधारकों का रिजल्ट जारी। बीपीएससी ने शिक्षक भर्ती परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया है। कुल एक लाख 22 हजार 324 अभ्यर्थी सफल घोषित किये गए हैं। उच्च माध्यमिक में 23701, माध्यमिक में 26204 और प्राथमिक में 72419 अभ्यर्थियों को सफलता मिली है।

खाली रह गए 48137 पद

शिक्षक भर्ती परीक्षा एक लाख 70 हजार 461 पदों के लिए हुई थी। उच्च माध्यमिक में 57602, माध्यमिक 32916 और 79943 रिक्तियां थीं। इसमें 48137 सीटें खाली रह गईं। आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने बुधवार को कार्यालय कक्ष में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रिजल्ट औपबंधिक है। अंतिम रिजल्ट तब माना जाएगा जब प्रमाण-पत्रों की जांच हो जाएगी।

कुछ और सुर्खियां

  • 37 जिलों में 20 सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति बनी, तेजस्वी पटना के अध्यक्ष
  • केंद्रीय कर्मियों का डीए चार प्रतिशत बढ़ा, रेलवे में 78 दोनों का बोनस
  • शहाबुद्दीन का बेटा ओसामा हमला और रंगदारी मामले में 30 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में
  • सेंसेक्स 66000 के नीचे पहुंचा, निवेशकों के 2.4 लाख करोड़ डूबे
  • 22 से 24 के बीच राज्य में गिरेगा दिन व रात का तापमान, सुबह में हल्की धुंध भी छाएगी
  • झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ओडिशा के राज्यपाल बनाए गए

अनछपी: इसराइल ग़ज़ा में चोरी के साथ सीनाज़ोरी भी कर रहा है। पहले तो इसराइल ने ग़ज़ा के अस्पताल पर हमला किया और जब दुनिया भर में उसके इस युद्ध अपराध का विरोध हुआ तो उसने इस हमले से पल्ला झाड़ते हुए इसका आरोप हमास पर ही मढ़ दिया। यह बात ऐसे ही नहीं कही जाती कि युद्ध में पहला शिकार सच्चाई होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार इस हमले की आलोचना कर भारत के रवैया को संतुलित बनाने की कोशिश की है। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी ने इसराइल का नाम नहीं लिया लेकिन उन्होंने इस हमले की जिम्मेदारी तय करने की बात कही है। इस मामले में सबसे अफसोसनाक रवैया अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का है जिन्होंने इसराइल को यह सर्टिफिकेट दे दिया कि उसने ग़ज़ा के अस्पताल पर हमला नहीं किया है। उन्होंने कहा कि हमले में दूसरी टीम का हाथ है यानी वह भी इसराइल की तरह यह आरोप लगा रहे हैं कि इसमें हमास का हाथ है। इसराइल क्योंकि यह बात साबित नहीं कर सकता कि यह हमास का हमला है इसलिए वह कह रहा है कि हमास का रॉकेट गलती से उस अस्पताल पर गिर गया है। राष्ट्रपति जो बाइडन ने यह जरूर कहा है कि इसराइल उन गलतियों को नहीं दोहराए जो 9/11 के बाद अमेरिका ने गुस्से में की थी। लेकिन असल बात यह है कि अमेरिका लगातार यह कह रहा है कि वह इसराइल के साथ खड़ा है और कभी उसके द्वारा बेदद अमानवीय हमलों की निंदा नहीं की गई है। अमेरिका और दूसरे देशों को यह सोचना चाहिए कि दुनिया भर में इसराइल के हमले के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं तो इसराइल की निंदा क्यों नहीं की जानी चाहिए। भारत को भी चाहिए कि वह इसराइल से अपनी दोस्ती का हवाला देना कम करे और इसराइल को यह समझाए कि उसके अमानवीय हमले किसी भी तरह मंजूर नहीं किया जा सकते हैं। इंसाफ का तकाजा तो यह था कि इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामीन नेतन्याहू पर युद्ध अपराध का मामला चले लेकिन अमेरिका के रहते ऐसा होना संभव नहीं है। अमेरिका खुद को लोकतंत्र का सबसे बड़ा समर्थक घोषित करता है लेकिन हर जगह वह आम लोगों की भावनाओं के खिलाफ काम करता है। इससे पहले अमेरिका ने इराक में वेपन ऑफ़ मास डिस्ट्रक्शन की बात कह कर वहां हमला किया था हालांकि वहां ऐसा कोई हथियार उसे नहीं मिला था। यह देखना दिलचस्प होगा कि अरब देश राष्ट्रपति जो बाइडन पर कितना दबाव डाल पाते हैं कि वह इसराइल को हम लोग से रोकने को कहें।

 

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