छ्पी-अनछपी: बिहार में कांग्रेस की 10 सीटों की मांग, मुखिया-सरपंच का मानदेय दोगुना होगा

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर चल रहे मंथन के बीच यह खबर आई है कि कांग्रेस ने बिहार में अपने लिए 10 या 11 सीटों की मांग की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुखिया और सरपंच आदि का भत्ता बढ़ाने की घोषणा की है। इन दोनों खबरों को सभी अखबारों में प्रमुखता मिली है।

भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: कांग्रेस ने अपनी 10 सीटों की डिमांड राजद को सौंपी, राजद 17 पर लड़ेगा।  प्रभात खबर की सुर्खी है: इंडिया गठबंधन में मकर संक्रांति बाद हो सकती है सीट शेयरिंग की घोषणा। कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन के तहत बिहार की कुल 40 लोकसभा सीटों में से अपनी डिमांड वाली 10 सीटों की सूची राजद को सौंप दी है। पिछली बार लड़ी गई मुंगेर, वाल्मीकि नगर और पटना साहिब को अपने लिए कमजोर सीट बताते हुए कांग्रेस इस बार वहां से नहीं लड़ना चाहती है, इसलिए दावेदारी से हट गई है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक कन्हैया कुमार को दिल्ली से लड़ाने पर विचार किया जा रहा है। राजद सांसद डॉ. मनोज झा को कांग्रेस अलायंस कमेटी के संयोजक मुकुल वासनिक ने रविवार को अपने घर पर बुलाया था जहां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश कुमार सिंह और प्रभारी मोहन प्रकाश भी उपस्थित थे। मुकुल वासनिक के समक्ष बिहार कांग्रेस ने साफ कहा कि वह इन 10 सीटों पर मजबूती से लड़ सकती है। वहीं बिहार की लोकसभा सीटों को लेकर औपचारिक रूप से कांग्रेस और राजद के बीच हुई इस पहली बैठक में राजद की तरफ से भी 17 सीटों पर लड़ने की बात की गई।

मानदेय होगा दोगुना

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: मुखिया से सरपंच तक का भत्ता दोगुना होगा। मुखिया, उपमुखिया, वार्ड सदस्य, सरपंच, उपसरपंच और पंचों का मासिक भत्ता दोगुना होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ग्राम पंचायत और ग्राम कचहरी के इन प्रतिनिधियों को नये साल का बड़ा तोहफा दिया है। उन्होंने रविवार को इनके भत्ते में सम्मानजनक वृद्धि की घोषणा की और पंचायती राज विभाग के पदाधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री के इस ऐलान के बाद पंचायती राज मंत्री मुरारी प्रसाद गौतम ने जानकारी दी कि इन प्रतिनिधियों के भत्ते में राज्य सरकार दोगुनी वृद्धि करने जा रही है। इस समय मुखिया और सरपंच को भत्ता के मद में 2500 रुपये मिलते हैं। उपमुखिया और उपसरपंच को 1200 और ग्राम पंचायत सदस्य व ग्राम कचहरी पंच को 500 रुपये मिलते हैं।

मालदीव में मोदी के अपमान पर कड़ा जवाब

जागरण की सबसे बड़ी खबर है: मोदी के अपमान पर भड़का भारत। राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज़्ज़ु के सत्ता में आने के बाद से ही मालदीव सरकार भारत विरोधी रवैया अपनाए हुए है। इसकी बानगी फिर दिखाई दी जब उसके मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां कीं। इसके बाद इंटरनेट मीडिया पर भारत की नामी हस्तियों समेत अन्य लोगों ने इसकी तीखी आलोचना की। मोदी के लक्षद्वीप दौरे पर की गई टिप्पणियों पर भारतीय भड़क उठे। नाराज करीब 4000 भारतीयों ने मालदीव में होटल बुकिंग रद्द कर दी। 3000 हवाई टिकट भी रद्द कराई गई। दिन ढलते ढलते भारतीय उच्चायुक्त ने भी मालदीव सरकार के समक्ष कड़ी आपत्ति दर्ज कराई। भारत के सख्त रुख के बाद मालदीव सरकार ने अपने उन तीन उप मंत्रियों को निलंबित कर दिया।

शेख हसीना की जीत की घोषणा

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री 76 वर्षीय शेख हसीना ने इकतरफा चुनाव में लगातार चौथी बार और कुल मिलाकर पांचवीं बार रिकॉर्ड जीत हासिल की है। उनकी अवामी लीग पार्टी ने छिटपुट हिंसा और मुख्य विपक्षी बीएनपी और उसके सहयोगियों के बहिष्कार के कारण हुए आम चुनावों में दो-तिहाई सीटें जीतीं। हसीना की पार्टी ने 300 सीटों वाली संसद में 200 सीटें जीतीं, जबकि रविवार को वोटिंग खत्म होने के बाद गिनती अभी जारी है। चुनाव आयोग के एक प्रवक्ता ने कहा कि पहले से उपलब्ध परिणामों के आधार पर अवामी लीग को विजेता कह सकते हैं लेकिन अंतिम घोषणा बाकी निर्वाचन क्षेत्रों में वोटों की गिनती खत्म होने के बाद की जाएगी। चुनाव में 40 प्रतिशत वोटिंग हुई।

बाप-बेटे का संपत्ति विवाद

हिन्दुस्तान के अनुसार पटना हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि माता-पिता की संपत्ति पर जबरन कब्जा करने वाली संतान को वरिष्ठ नागरिक संरक्षण कानून के तहत बेदखल नहीं किया जा सकता। लेकिन, जबरन कब्जे की गई संपत्ति का मासिक किराया और मासिक भरण-पोषण संतान को देना होगा। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ ने पुत्र रविशंकर की ओर से दायर अपील पर सुनवाई कर उसे निष्पादित करते हुए यह फैसला दिया। यह मामला राजेश्वर प्रसाद राय का है जो राजेंद्र नगर रेलवे स्टेशन के समीप एक रेस्ट हाउस के मालिक हैं। उनके सबसे छोटे बेटे ने गेस्ट हाउस के तीन कमरों पर जबरन कब्जा कर लिया और उन्हें किराये की आय के साथ-साथ एक कमरे के आवास से वंचित कर दिया। कोर्ट ने वरिष्ठ नागरिक अधिनियम के तहत बेदखली के लिए ट्रिब्यूनल के आदेश को रद्द करते हुए मामले को डीएम के समक्ष पेश करने का आदेश दिया।

इस साल भारत से 1.75 लाख हज यात्री

जागरण की खबर है: इस साल भारत के 1.75 लाख लोग कर सकेंगे हज यात्रा। भारत और सऊदी अरब ने रविवार को द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत 2024 की वार्षिक हज यात्रा के लिए भारत के 175025 यात्रियों का कोटा आवंटित किया गया है। अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी ने विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन के साथ सऊदी अरब के हज व उमरा मंत्री तौफीक बिन फौज़ान के साथ द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए। आधिकारिक बयान के अनुसार हज समिति के लिए 140020 सीट आरक्षित की गई है और 35005 यात्रियों को निजी ऑपरेटरों के माध्यम से यात्रा की अनुमति प्रदान की जाएगी।

कुछ और सुर्खियां

  • केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी 10 जनवरी को आएंगी पटना, भाजपा की मीडिया कार्यशाला में होंगी मुख्य अतिथि
  • 13 जनवरी को पीएम नरेंद्र मोदी का बिहार दौरा रद्द, खरमास के बाद आएंगे
  • अभी कोहरे के आगोश में रहेगा बिहार, तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट होगी
  • पीजी मेडिकल की काउंसलिंग सिर्फ ऑनलाइन होगी
  • बिहार की 8067 पंचायतों में लगाए जाएंगे 1.77 करोड़ पौधे

अनछपी: भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी वैसे तो राजनीतिक व्यक्ति हैं लेकिन आजकल अयोध्या के मामले में वह दूसरे लोगों की धार्मिक आस्था पर टीका टिप्पणी कर रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि वह खुद कह रहे हैं कि अयोध्या जाने के आमंत्रण की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए और इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। सुशील कुमार मोदी को यह बात कौन समझाए कि दरअसल धर्म पर राजनीति वही कर रहे हैं, दूसरा कोई और नहीं। उनका कहना है कि राजद, जदयू और विपक्षी गठबंधन के लोगों का वाल्मीकि के राम से दूरी बनाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यदि सभी आस्थाओं का सम्मान करते हैं, कभी चादरपोशी करते हैं और कभी गुरुद्वारा में मत्था टेकने जाते हैं तो उन्हें अयोध्या धाम की यात्रा करने में क्या संकोच होना चाहिए। सुशील मोदी इस मामले में अकेले भाजपा नेता नहीं है बल्कि पूरी बीजेपी और आरएसएस की सोच यही है। कौन, कब और कहां कैसे अपनी आस्था व्यक्त करेगा इसका निर्धारण करने का अधिकार सुशील कुमार मोदी को किसने दे दिया? कौन श्री राम के निकट है और कौन दूरी बना रहा है इसका फैसला सुशील मोदी कैसे कर सकते हैं? वास्तविकता यह है कि सुशील कुमार मोदी और पूरा संघ परिवार आस्था के नाम पर लोगों से जबर्दस्ती करने पर तुला हुआ है। भाजपा और संघ परिवार ने अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को पूरी तरह अपने राजनीतिक लाभ के लिए शुरू से इस्तेमाल किया है। अयोध्या कौन जाएगा, कब जाएगा या नहीं जाएगा यह एक व्यक्तिगत फैसला होना चाहिए। मगर धर्म की राजनीति करने वाले सुशील मोदी और उनकी पार्टी लोगों को जबर्दस्ती अयोध्या भेजना चाहती है। उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी इस मामले में घेरने की तैयारी की जा रही है। सुशील कुमार मोदी को बताना चाहिए कि आखिर धर्म और राजनीति को अलग करने की नीति का क्या हुआ? सुशील कुमार मोदी जिन नेताओं की धार्मिक आस्था को सवालों के घेरे में डाल रहे हैं उन्हें साफ तौर पर कहना चाहिए कि आस्था उनके लिए निजी मामला है और वह जब चाहेंगे जहां चाहेंगे अपनी मर्ज़ी से जाएंगे।

 

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