छपी-अनछपी: औरंगाबाद में मॉब लिंचिंग में तीन मरे, देश में 41% लोग अब भी बेघर

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। औरंगाबाद में पार्किंग विवाद में एक व्यक्ति की गोली लगने से हुई हत्या के बाद भीड़ ने तीन लोगों को पीट-पीट कर मार डाला। इसकी खबर सभी अखबारों में प्रमुखता से ली गई है। नीति आयोग की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में अभी 41% लोग बेघर रह रहे हैं।

भास्कर की खबर है: कार खड़ी करने के विवाद में मर्डर, भीड़ ने तीन युवकों को पीट कर मार डाला। औरंगाबाद के नवीनगर थाना क्षेत्र के तेतरिया मोड़ पर सोमवार को दुकान के सामने कार पार्किंग को लेकर विवाद में चार लोगों की मौत हो गई। इसमें बुजुर्ग रामशरण चौहान को गोली मारी गई जबकि पलामू के हैदर नगर थाना क्षेत्र के ब्लॉक रोड निवासी मोहम्मद मुजाहिद, मोहम्मद अरमान और मोहम्मद अरमान उर्फ चमन को ग्रामीणों ने पीट-पीटकर मार डाला। कार मलिक हैदर नगर निवासी मोहम्मद वकील और अजीत शर्मा गंभीर रूप से घायल हैं। अख़बार लिखता है कि तेतरिया मोड़ पर एक दुकान के आगे कार खड़ी करने को लेकर दुकानदार और कार में बैठे लोगों के बीच बहस हो गई। तू तू मैं मैं इतनी बढ़ गई कि कार में बैठे एक व्यक्ति ने पिस्तौल निकाल दुकानदार पर गोली चला दी। गोली दुकानदार के बगल में बैठे रामशरण चौहान को लगी और उनकी मौत हो गई। इधर घायल मोहम्मद वकील ने बताया कि पांच दोस्तों के साथ कार से सासाराम घूमने जा रहे थे। तेतरिया मोड़ के पास एक युवक ने उनकी कर के आगे बाइक लगा दी। उसे हटाने के लिए बोला तो युवक ने हाथ चला दिया। इसी दौरान किसी ने गोली चला दी लेकिन ग्रामीणों को लगा कि गोली उन लोगों ने चलाई है।

सासाराम में भी भीड़ हत्या

हिन्दुस्तान के अनुसार सासाराम में रविवार देर रात अगरेर थाना क्षेत्र के अकाशी गांव में तीन वर्षीय बच्चे के शव को पड़ोसी के घर के पास मिलने से गुस्साए लोगों ने पड़ोस की महिला को डायन का आरोप लगा पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया। घर में भी आग लगा दी। अन्य परिजनों ने किसी तरह भाग कर अपनी जान बचायी। रविवार शाम पांच बजे घर से बाहर खेलने गया शिवम लापता हो गया था। परिजनों ने गांव में खोजबीन की, लेकिन वह कहीं नहीं मिला। इस दौरान रात में साढ़े नौ बजे पड़ोसी चिंता देवी (दशरथ सिंह की पत्नी) के घर के पीछे बोरे में बच्चे का शव मिला। इसके बाद आक्रोशित लोग चिंता देवी (55) पर डायन का आरोप लगा उसे पीटने लगे। बीच-बचाव के लिए पहुंचे महिला के घरवालों को भी भीड़ ने पीटा। जैसे-तैसे घरवाले जान बचाकर भाग निकले। वहीं लोगों ने पीट-पीटकर चिंता देवी की हत्या कर दी।

देश में 41% लोग बेघर

देश में 9 साल में 24.82 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। अब 11.28 प्रतिशत लोग गरीब हैं। भास्कर की इस खबर में बताया गया है कि बिहार में सबसे ज्यादा 26.59% आबादी अब भी गरीब है। केरल में सबसे कम गरीबी है। यह आंकड़े सोमवार को नीति आयोग द्वारा जारी नेशनल मल्टी डाइमेंशनल पॉवर्टी इंडेक्स में सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार 41.3% लोग बेघर हैं। स्वच्छ भारत अभियान के बावजूद 31% टॉयलेट सुविधा से वंचित है। तमाम प्रयासों के बावजूद 44% लोगों के पास रसोई गैस कनेक्शन नहीं है।

बिहार में 3.77 करोड़ लोग गरीबी से निकले

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर में बताया गया है कि नीति आयोग ने सोमवार को एक रिपोर्ट में कहा कि गरीबी में सबसे ज्यादा कमी उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में आई है। बिहार में 3.77 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 2005-06 से 2019-21 के बीच बिहार में 44.52 प्रतिशत आबादी बहुआयामी गरीबी से बाहर आयी है।

बीपीएससी 68वीं के टॉप 10 में छह लड़कियां

प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर है: बीएससी टॉप 10 में 6 लड़कियां, पटना सिटी की प्रियांगी मेहता टॉपर। बिहार लोक सेवा आयोग ने सोमवार की रात 68वीं संयुक्त परीक्षा का अंतिम परिणाम घोषित कर दिया। आयोग ने परिणाम वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। आयोग के सचिव रवि भूषण ने बताया कि अंतिम रूप से 322 उम्मीदवारों को सफल घोषित किया गया है। इसमें पटना सिटी की प्रियांगी मेहता राज्यभर में अव्वल रहीं। उन्हें रिवेन्यू सर्विस मिली है। वहीं, अरवल के अनुभव को दूसरा रैंक प्राप्त हुआ है। तीसरे स्थान पर प्रेरणा सिंह रही हैं। भभुआ के आसिम खान को छठी रैंक मिली है। टॉप फाइव में तीन व टॉप 10 में 6 लड़कियां शामिल हैं।

पहली कोशिश में ही टॉपर

हिदुस्तान के अनुसार पटना के संदलपुर की रहने वाली प्रियांगी मेहता ने पहले प्रयास में बीपीएससी टॉप किया है। वह यूपीएससी का मेन्स उत्तीर्ण कर साक्षात्कार की तैयारी में जुटी हैं। सत्यम इंटरनेशनल स्कूल से दसवीं, अरविंद महिला कॉलेज से 12वीं और बीएचयू से राजनीति विज्ञान में स्नातक है। पिता मिथिलेश कुमार इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की रिपेयरिंग शॉप चलाते हैं।

बिहार बोर्ड लेगा सक्षमता परीक्षा

जागरण की सबसे बड़ी खबर है: बिहार बोर्ड लेगा नियोजित शिक्षकों की साक्षमता परीक्षा। राज्य में कार्यरत 3.5 लाख नियोजित शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है। 13 जनवरी को गांधी मैदान में आयोजित शिक्षक नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा राज्य के नियोजित शिक्षकों को जल्दी राज्य कर्मी का दर्जा देने की घोषणा के बाद शिक्षा विभाग ने नियोजित शिक्षकों की साक्षमता परीक्षा कराने के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को अधिकृत कर दिया। सोमवार को शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव संजय कुमार की ओर से इसकी अधिसूचना जारी की गई।

मौसम की मार

हिन्दुस्तान की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: पटना की 18 उड़ानें रद्द, 24 ट्रेनें भी लेट। कोहरे ने विमान और ट्रेनों की सेवाओं को बेपटरी कर दिया है। पटना की उड़ानें लगातार रद्द हो रही हैं और ट्रेनों की चाल गड़बड़ा गई है। सोमवार को पटना आने-जाने वाले 18 विमान रद्द रहे। इनके रद्द होने से लगभग 3000 यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी। एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग के बगल में काउंटरों पर वैकल्पिक विमानों की जानकारी के लिए टिकट रद्द कराने को यात्रियों की भीड़ दिखी। वहीं, तेजस राजधानी, संपूर्ण क्रांति, मगध जैसी ट्रेनों के लेट होने से रेलयात्रियों की मुसीबत भी बढ़ गई है। रविवार को शाम 5.10 बजे नई दिल्ली से खुलने वाली तेजस राजधानी 13 घंटे 55 मिनट की देरी से सोमवार की सुबह 7.05 बजे खुली। रास्ते में यह ट्रेन 17 घंटे लेट हो गई। वहीं, संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस 14 घंटे देरी से चली।

अभी ठंड से राहत नहीं

प्रभात खबर ने लिखा है कि पश्चिमी विकशॉप के साथ साइबेरिया से आ रही सर्द हवाओं की वजह से बिहार कोल्ड आयलैंड में तब्दील हो गया है। अगले दो दिनों में भी ठंड से राहत मिलने वाली नहीं है। लगातार शीत लहर चल रहने के आसार हैं। हालांकि इसके बाद न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री तक की गिरावट संभव है। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को करीब करीब पूरे राज्य में साइबेरियन हवा से शीत लहर का दौर जारी रहा।

मणिपुर की मुसीबत जाने देश: राहुल

भास्कर लिखता है कि 10 साल से रूठी चुनावी किस्मत पलटने की आशा लेकर चली कांग्रेस की 6700 किलोमीटर की भारत जोड़ो न्याय यात्रा सोमवार को मणिपुर में मैतेई बहुल इलाके से निकलकर कुकी हिल्स की ओर बढ़ गई। इसके बाद यात्रा ने शाम को नगालैंड में प्रवेश कर लिया। यात्रा का जगह-जगह स्वागत राहुल राहुल राहुल के नारों से हुआ। कांगपोकपी के एक चौराहे पर जमा भीड़ में राहुल गांधी बोले- मणिपुर से यात्रा शुरू करने का मकसद यही है कि पूरे देश को पता चले कि यह राज्य किस मुसीबत से गुजरा है। मणिपुर के साथ न्याय हो और प्रेम का संदेश यहां से पूरे देश में जाए।

कुछ और सुर्खियां

  • झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ईडी को भेजा जवाब, कहा- 20 जनवरी की दोपहर पूछताछ के लिए घर पर आ जाएं
  • नया नियम: फ्लाइट में 3 घंटे से ज्यादा देरी तो उड़ान रद्द कर सकेंगी कंपनियां
  • पहली बार 73000 के पार बंद हुआ सेंसेक्स
  • जम्मू कश्मीर नागालैंड आसाम से बनवाए गए सभी आर्म लाइसेंस की जांच होगी
  • अस्पतालों में अब सूरज डूबने के बाद भी हो सकेगा पोस्टमार्टम
  • बहुजन समाज पार्टी का ऐलान, अकेले लड़ेगी लोकसभा चुनाव

अनछपी: औरंगाबाद और सासाराम में मोब लिंचिंग की घटनाएं बेहद चिंताजनक हैं। औरंगाबाद में पार्किंग के छोटे से विवाद में गोली चलती है और एक व्यक्ति की मौत हो जाती है जिसके जवाब में पांच लोगों पर भीड़ टूट पड़ती है और तीन लोगों का मर्डर कर देती है। औरंगाबाद में किसकी पिस्टल से गोली चली इस पर दो राय है। एक रिपोर्ट के अनुसार गोली कार चला रहे लोगों में से किसी एक ने चलाई तो दूसरी ओर कार मलिक का कहना है की भीड़ में किसी और ने गोली चलाई है। इसी तरह सासाराम में डायन होने के आरोप में एक महिला की भीड़ ने हत्या कर दी। केंद्र ने जो नए कानून बनाए हैं उसमें मॉब लिंचिंग में मर्डर पर काफी सख्त सजा की घोषणा की गई है। बिहार में मॉब लिंचिंग पर किसी विशेष कानून का उल्लेख नहीं मिलता लेकिन क्या यह सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं है कि भीड़ के ऐसे तत्वों की पहचान करे और उसे सख्त सख्त सजा दिलाए। औरंगाबाद के मामले में प्रशासन को यह भी पता लगाना चाहिए कि किसने पिस्टल से गोली चलाई जिसमें एक बुजुर्ग की मौत हो गई। गाड़ी खड़ी करने के मामूली विवाद में इतनी बड़ी घटना हो जाना पूरे समाज के लिए सवालिया निशान है। अफसोस की बात यह है कि ऐसी घटनाओं पर ज्यादा चर्चा नहीं होती और लोग इसे जल्द ही भूल जाते हैं। इत्तेफाक यह है कि औरंगाबाद में भीड़ हिंसा में मारे गए तीनों लोग अल्पसंख्यक समुदाय के हैं जिससे गलतफहमी फैलती है कि उन्हें इसी कारण मारा गया। क्या हमारा समाज इतना असहिष्णु हो गया है कि वह मुलजिमों का धर्म देखकर उस पर हमला करता है? भीड़ में असामाजिक तत्व भी शामिल होते हैं लेकिन आम लोगों को भी लगता है कि उनका कुछ नहीं होगा इसलिए वह जिस तरह चाहते हैं मुलजिम की पिटाई कर देते हैं। ऐसे तत्वों को अगर सख्त से सख्त सजा मिले तो समाज में एक मिसाल कायम हो जिससे भीड़ हिंसा को रोकने में शायद कुछ हद तक कामयाबी मिल सके। कहने को तो हम 21वीं सदी में जी रहे हैं और भारत विकसित राष्ट्र बनने जा रहा है लेकिन सासाराम जैसे डायन होने के आरोप में महिला की हत्या समाज और देश दोनों के लिए कलंक है।

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