छ्पी-अनछपी: सिपाही भर्ती की हुई परीक्षा रद्द, ज्यूडिशियल सर्विस में ईडब्ल्यूएस का 10% कोटा

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। एक अक्टूबर को हुई सिपाही भर्ती परीक्षा रद्द कर दी गई है। इसकी खबर सभी जगह प्रमुखता से ली गई है। ज्यूडिशियल सर्विसेज में 10% आरक्षण देने की घोषणा की खबर को भी अच्छी कवरेज मिली है। न्यूज़क्लिक पोर्टल के प्रधान संपादक की गिरफ्तारी की खबर भी सभी जगह है।

सिपाही भर्ती के लिए रविवार को हुई दोनों पालियों की लिखित परीक्षा रद्द कर दी गई है। इसके साथ ही 7 और 15 अक्टूबर को होने वाली दूसरे व तीसरे चरण की लिखित परीक्षाओं को भी स्थगित कर दिया गया है। मंगलवार को केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) के अध्यक्ष एसके सिंघल के कार्यालय ने इस बाबत आदेश जारी किया। कदाचार के कई मामले सामने आने और प्रश्नों के कथित उत्तर परीक्षा से दो घंटे पूर्व ही लीक होने की वजह से यह फैसला लिया गया।

न्यायिक सेवा में ईडब्ल्यूएस कोटा

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: न्यायिक सेवा में आर्थिक रूप से कमजोर को 10% कोटा।  बिहार की न्यायिक सेवा में भी आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को 10 फीसदी आरक्षण मिलेगा। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगी। बैठक के बाद विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण देने के लिए बिहार उच्च न्याय सेवा (संशोधन) नियमावली, 2023 व बिहार असैनिक सेवा (न्याय शाखा) (भर्ती) (संशोधन) नियमावली, 2023 को स्वीकृति दी गयी।

जातीय गिनती का आर्थिक आंकड़ा

प्रभात खबर की सबसे बड़ी सुर्खी है: जाति आधारित गणना का आर्थिक आंकड़ा भी शीतकालीन सत्र तक हो जाएगा जारी। जाति आधारित गणना के आंकड़ा जारी होने के बाद अब राज्य सरकार आर्थिक स्थिति से जुड़े आंकड़े भी आगामी शीतकालीन सत्र तक जारी करेगी। यह जानकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को विधानमंडल के 9 दलों के नेताओं के साथ बैठक में दी। जाति आधारित गणना की रिपोर्ट पर चर्चा के लिए बैठक का आयोजन मुख्यमंत्री के नेतृत्व में मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद’ में किया गया था। बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जाति आधारित गणना की रिपोर्ट में सभी वर्गों की विस्तृत जानकारी दी गई है। अब इस रिपोर्ट के बाद सभी दलों की राय से हम लोग राज्य के हित में इस पर काम करेंगे।

संपादक गिरफ्तार

जागरण की सुर्खी है: न्यूज़क्लिक से जुड़े 100 से अधिक स्थानों पर छापे, प्रधान संपादक समेत दो गिरफ्तार। दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को चीन से फंडिंग के आरोप में ऑनलाइन समाचार पोर्टल ‘न्यूजक्लिक’ के दफ्तर की तलाशी ली। बाद में पोर्टल के प्रधान संपादक सहित दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। यह कार्रवाई गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज एक मामले को लेकर की गई। पोर्टल के 46 कर्मचारियों से घंटों पूछताछ हुई, जबकि कुछ को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। स्पेशल सेल ने समाचार पोर्टल और उसके पत्रकारों से जुड़े 30 ठिकानों की तलाशी ली। दिल्ली पुलिस की जनसंपर्क अधिकारी सुमन नलवा ने बताया कि कुल 37 पुरुष संदिग्धों से पूछताछ की गई, जबकि नौ महिलाओं से उनके घर पर पूछताछ हुई। मामले में पोर्टल के प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया गया है।

प्रधानमंत्री के हिन्दू बोल

जागरण की सुर्खी है: … तो क्या अधिक आबादी वाले हिंदू सारे हक ले लें: प्रधानमंत्री। छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जातिगत गणना पर बड़ा हमला किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अब नया राग अलापना शुरू कर दिया है। वह कह रही है कि जिसकी जितनी आबादी, उसका उतना हक तो क्या सबसे अधिक आबादी वाले हिंदू आगे बढ़कर सारे हक ले ले? “इस देश में अगर सबसे बड़ी आबादी है तो वह गरीब की है। इसलिए गरीब का कल्याण ही मेरा मकसद है।” उन्होंने मंगलवार को जगदलपुर के लाल बाग मैदान में परिवर्तन महा संकल्प रैली के अवसर पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस हिंदुओं को बांटने की कोशिश कर रही है। उन्होंने पूछा कि क्या कांग्रेस मुसलमान के अधिकारों में कटौती करना चाहती है?

फिज़िक्स का नोबेल इनाम

भौतिकी का नोबेल पुरस्कार इस साल पियरे अगस्टीनी, फेरेंस क्रौस और एने लुइलिये को दिया जाएगा। यह सम्मान उन्हें सेकंड के बहुत छोटे हिस्से के दौरान परमाणुओं में इलेक्ट्रॉन का शोध करने के लिए प्रदान किया जाएगा। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज के महासचिव हैंस एलेग्रेन ने मंगलवार को स्टाकहोम में पुरस्कार की घोषणा की। तीनों ने अपने प्रयोगों में दिखाया कि प्रकाश की बेहद छोटी तरंगे कैसे उत्पन्न की जाती हैं।

मालदीव के भारत विरोधी तेवर

चुनाव जीतने के बाद ही मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइजू ने भारत विरोधी रुख दिखाना शुरू कर दिया है। चीन समर्थक मुइजू ने मालदीव से भारतीय सेना को हटाने की बात दोहराई है। उन्होंने कहा कि वह अपने कार्यकाल के पहले ही दिन से मालदीव की धरती से विदेशी सैनिकों को हटाने के प्रयास शुरू करेंगे। दरअसल, मालदीव में हाल ही में हुए राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार मोहम्मद मुइजू ने 53 फीसदी से अधिक वोट हासिल कर शानदार जीत हासिल की।

कुछ और सुर्खियां

  • दिन में 9 से 4:00 के बीच कोचिंग न खोलने के आदेश पर हाई कोर्ट की रोक
  • दिल्ली एनसीआर में लगे भूकंप के तेज झटके नेपाल में था केंद्र
  • एसटीईटी का रिजल्ट निकला, 80% पास
  • झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से ईडी आज करेगी पूछताछ
  • पटना में डेंगू से एक बच्ची की मौत, 68 नए केस मिले
  • कनाडा के 41 राजनयिकों से भारत छोड़ने को कहा गया
  • मुख्यमंत्री उद्यमी योजना में 8000 लाभुक चयनित
  • भभुआ में अस्पताल और स्कूलों में घुसा बाढ़ का पानी

अनछपी: उर्मिलेश और अभिसार शर्मा जैसे नामी पत्रकारों को ईडी के ज़रिए पूछताछ के लिए बुलाना और न्यूज क्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी भारत में प्रेस की आजादी पर एक बेहद गंभीर हमला माना जाएगा। ध्यान रहे कि इससे पहले सरकार की ओर से भास्कर, मीडिया 1 और बीबीसी जैसी संस्थाओं पर भी छापेमारी की जा चुकी है। सरकार और सरकार के समर्थक अक्सर इमरजेंसी का नाम लेते हैं लेकिन पत्रकारों का कहना है कि इमरजेंसी लगाए बिना ही पत्रकारों पर नियंत्रण की कोशिश की जा रही है। पुलिस ने कहा है कि न्यूज़क्लिक से जुड़े इन पत्रकारों को इसलिए पूछताछ के लिए बुलाया गया क्योंकि न्यूज़क्लिक पर चीन से आर्थिक सहायता लेने का आरोप है। इसे देश विरोधी गतिविधि मानते हुए इस मामले में यूएपीए भी लगाया गया है। यह शिकायत की जाती है कि सरकार अलग-अलग वाहनों से पत्रकारों पर नियंत्रण करना चाहती है और अब चीन की आर्थिक सहायता का आरोप लगाकर वही काम किया गया है। जिस यूएपीए कानून को आतंकवाद पर काबू के लिए बनाया गया था उसका इस्तेमाल अब पत्रकारों के खिलाफ हो रहा है यह सोचकर हैरत होती है। न्यूज़क्लिक से जुड़े पत्रकारों को घंटे थाने में बिठाकर पूछताछ की गई और उनके लैपटॉप पर मोबाइल फोन भी ज़ब्त कर लिए गए। यह माना जाता है की न्यूज़क्लिक से जुड़े पत्रकार सरकार के आलोचना में लिखते रहे हैं लेकिन क्या सरकार की आलोचना को देश की आलोचना या देश का विरोध बताया जा सकता है? प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार दरअसल ऐसे काम कर रही है जैसे की उनकी आलोचना या उनका विरोध देश की आलोचना और देश का विरोध है। जहां कई पत्रकार संगठनों ने इस कार्रवाई की निंदा की है वहीं गोदी मीडिया के पत्रकार इसके समर्थन में उतर आए हैं। भारत में पत्रकारों की ऐसी टोली भी मौजूद है जो साथी पत्रकारों पर सरकार की अत्याचारपूर्ण कार्रवाई का भी समर्थन करती है। पूछताछ के बाद वापस आए न्यूज़क्लिक से जुड़े पत्रकारों ने कहा है कि वह अपना काम निडर होकर करते रहेंगे। दूसरी ओर सरकार की मंशा यह नजर आती है कि ऐसी कार्रवाइयों से घबरा कर पत्रकार सरकार के विरोध में कुछ न लिखें बल्कि उसके समर्थन में लिखना शुरू कर दे। न्यूज़क्लिक के पत्रकार अदालत से इंसाफ की गुहार लगाएंगे और उम्मीद की जाती है की अदालत इसका नोटिस लेगी।

 

 

 

 1,024 total views

Share Now

Leave a Reply