छ्पी-अनछपी: पांच राज्यों के चुनाव का रिजल्ट आएगा 3 दिसंबर को, ग़ज़ा पर हमले तेज

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। राजस्थान, तेलंगाना मिजोरम, छत्तीसगढ़ व मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराने की घोषणा कर दी गई है जिसकी खबर सभी जगह लीड है। हमास के हमले के बाद ग़ज़ा पर इसराइल के हमले और तेज हो गए हैं और उसकी घेराबंदी भी की जा रही है। इसकी खबर भी प्रमुखता से ली गई है।

हिन्दुस्तान की सबसे पहली खबर है: पांच राज्यों में सत्ता संग्राम की तारीखों का ऐलान। जागरण की सबसे बड़ी खबर है: पांच राज्यों में विस चुनाव की घोषणा। भास्कर की सबसे बड़ी हेडलाइन है: पांच राज्यों के 16 करोड़ मतदाता तय करेंगे आगे की सियासी दिशा। निर्वाचन आयोग ने सोमवार को राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी। छत्तीसगढ़ में दो चरणों में, बाकी चार राज्यों में एक चरण में मतदान होगा। सात से 30 नवंबर के बीच वोटिंग होगी और तीन दिसंबर को नतीजे आएंगे। इसके साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है।

कांग्रेस का वादा: देश भर में कराएंगे जातीय गणना

कांग्रेस ने केंद्र में सरकार बनने पर दशकीय जनगणना के साथ राष्ट्रव्यापी जातीय गणना कराने का वादा किया है। कांग्रेस ने ओबीसी, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति को और अधिक हिस्सेदारी देने के लिए 50 फीसदी आरक्षण सीमा हटाने का वादा किया है। कांग्रेस कार्यसमिति ने प्रस्ताव पारित कर कहा कि जनसंख्या के अनुरूप हिस्सेदारी के लिए कानून के जरिए आरक्षण की सीमा को हटाया जाएगा।

ग़ज़ा पर इसराइल का हमला तेज़

हमास के हमले के दो दिन बाद सोमवार को इजरायल ने गाजा पट्टी में हमले तेज कर दिए। युद्ध में अब तक 1400 लोगों की मौत हुई है। इनमें से 900 लोग इजरायल में और 500 लोग गाजा पट्टी में मारे गए। हमलों में इजरायली शहर अश्कलोन में एक भारतीय नर्स भी जख्मी हुई है। इसराइली लड़ाकू विमान गाजा में ताबड़तोड़ बम बरसा रहे हैं। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि क्षेत्र में 78 बच्चों और 41 महिलाओं सहित 493 लोग मारे गए।

ग़ज़ा की घेराबंदी

इसराइल व हमास के बीच जंग सोमवार को तीसरे दिन हमास चरमपंथियों की तलाश में इसराइल ने अपने जवानों को दक्षिण की तरफ रवाना किया है। इस बीच इसराइल ने गाजा की पूर्ण घेराबंदी कर दी है। रक्षा मंत्री योव गैलेंट के आदेश के बाद ग़ज़ा क्षेत्र में बिजली पानी की आपूर्ति बंद कर दी है। भोजन व ईंधन आपूर्ति पर भी रोक लगा दी गई है।

यूरोपीय संघ ने फंडिंग रोकी

जागरण की खबर है: यूरोपीय संघ ने फलस्तीन को सभी फंडिंग रोकी। इसराइल पर हमास के हमले के बाद यूरोपीय संघ ने फलीस्तीन को विकास के लिए दी जाने वाली सभी फंडिंग रोक दी है। यूरोपीय संघ के आयुक्त ओलिवर व्हेली ने सोमवार को कहा कि फलस्तीनियों को विकास कार्यों के लिए किए जाने वाले सभी भुगतान को निलंबित किया जा रहा है। यह राशि 69.1 करोड़ यूरो है।

पंचायतों में काम के लिए टेंडर

हिन्दुस्तान की खास खबर है: पंचायतों में बिना टेंडर काम नहीं कर पाएंगे मुखिया। त्रि-स्तरीय ग्राम पंचायतों द्वारा कराए जाने वाले सभी विकास कार्य अब टेंडर से होंगे। मुखियाजी अपनी मर्जी से किसी को काम आवंटित नहीं कर पाएंगे। हर कार्य के लिए टेंडर जारी होगा और जो सबसे कम पैसे में काम कराएगा, उन्हें ही उसकी जिम्मेदारी मिलेगी। पहली बार यह व्यवस्था बनाई जा रही है। इसको लेकर पंचायती राज विभाग ने कार्य कोड बनाया है। कार्य कोड पर वित्त विभाग की सहमति मिल गई है। जल्द ही इसपर कैबिनेट की स्वीकृति ली जाएगी।

बीएड डिग्रीधारकों को मायूसी

प्रभात खबर ने पहले पेज पर खबर दी है: प्राथमिक शिक्षक भर्ती में कोर्ट से बीएडधारियों को राहत नहीं। बिहार में प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति में बीएड डिग्रीधारी को शामिल करने के मामले में बिहार सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने बिहार सरकार की पटना हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग को खारिज करते हुए किसी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया। इसके बाद बिहार सरकार ने शीर्ष अदालत में दाखिल विशेष अनुमति याचिका वापस ले ली। जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस एमएम सुंदरेश की बेंच में यह सुनवाई हुई।

ग्रामीण इलाक़ों में बिजली संकट

केंद्रीय सेक्टर से कम बिजली मिलने के कारण सोमवार को पूरे बिहार में बिजली संकट कायम रहा। केंद्रीय सेक्टर से मांग की तुलना में लगभग दो हजार मेगावाट बिजली कम मिली। इस कारण तीन दर्जन से अधिक ग्रिड को लोडशेडिंग में रखा गया। हालांकि शहरी इलाकों में बिजली आपूर्ति की स्थिति ठीक रही, लेकिन ग्रामीण व अर्द्धशहरी इलाकों में आठ से दस घंटे की लोडशेडिंग रही। इससे लोगों को काफी परेशानी भी हुई।

अर्थशास्त्र का नोबेल

हार्वर्ड विश्वविद्यालय की प्रोफेसर क्लॉउडिया गोल्डिन को अर्थशास्त्रत का नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। श्रम बाजार में स्त्री-पुरुष के बीच भेदभाव संबंधी समझ को बेहतर तरीके से समझाने के लिए उन्हें यह सम्मान मिलेगा। उन्होंने यह समझाया कि नौकरियों या रोजगार में महिलाओं और पुरुषों के वेतन में अंतर होता है। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज के महासचिव हैंस एलेग्रेन ने सोमवार को पुरस्कार की घोषणा की। क्लॉउडिया गोल्डिन अर्थशास्त्रत्त् के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाली तीसरी महिला हैं।

एनसीपी सांसद फैज़ल को सुप्रीम कोर्ट से राहत

जागरण के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सांसद मोहम्मद फैजल की उस याचिका को खारिज करने के केरल हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी जिसमें हत्या के प्रयास के एक मामले में उन्होंने अपनी दोषसिद्धि को निलंबित करने का अनुरोध किया है। इस आदेश से दूसरी बार लोकसभा सदस्य के रूप में उनकी अयोग्यता रद्द हो सकती है। केरल हाई कोर्ट के 3 अक्टूबर के आदेश पर फैजल को बुधवार को लोकसभा की सदस्यता के अयोग्य घोषित कर दिया गया था। संसद में लक्षद्वीप का प्रतिनिधित्व करने वाले फैजल को इस साल संसद की सदस्यता के लिए दो बार अयोग्य घोषित किया गया है।

कुछ और सुर्खियां

  • विधानसभा चुनाव: राजस्थान में भाजपा ने सात सांसदों को भी मैदान में उतारा
  • शाहरुख खान को मिली वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा
  • मणिपुर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की नियुक्ति की अधिसूचना जल्द होगी जारी
  • उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने विदेश जाने की अनुमति मांगी
  • वर्ष 2024 की मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट’ के लिए पाठ्यक्रम से 18 चैप्टर हटाए गए
  • सिक्किम हादसा में किशनगंज के सात समेत देश के 105 लोग अभी लापता
  • शेयर बाजार में भारी बिकवाली से चार लाख करोड़ डूबे

अनछ्पी: बीएड डिग्रीधारियों को प्राथमिक शिक्षक के तौर पर बहाल किया जाए या नहीं इस पर कोर्ट की लड़ाई जारी है। प्राथमिक शिक्षक यानी पहली से पांचवीं तक की क्लास के लिए शिक्षक बहाली का मामला लंबे समय से लटका चला आ रहा है। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) के नोटिफिकेशन में राज्यों में प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति में बीएड वालों को शामिल करने को कहा गया था। लेकिन बाद में कोर्ट ने 11 अगस्त को फैसले में कहा था कि बीएड डिग्री वालों को प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक नियुक्त नहीं किया जा सकता। इस अदालती लड़ाई में एक तरफ बिहार सरकार परेशान है तो दूसरी और शिक्षक बहाली के उम्मीदवार भी तंग हो रहे हैं। ध्यान रहे कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में राजस्थान में शिक्षक बहाली के मामले में प्राइमरी टीचर के लिए बीएडड की योग्यता को समाप्त कर दिया था। इसके लिए सिर्फ बीटीसी या डीएलएड डिग्री वाले ही योग्य बताए गए थे। बिहार सरकार ने इस मामले पर पटना हाईकोर्ट में अपील दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। अब कहा जा रहा है कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट की विशेष बेंच में सुनवाई के लिए जल्द ही फिर से आवेदन करेगी। यानी यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट की उसे बेंच में रखा जाएगा जिसे बीएड मामले में राजस्थान के संदर्भ में फैसला सुनाया था। इसके अलावा बीएड उम्मीदवारों ने भी हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। बिहार में एक तो इतने दिनों के बाद शिक्षक बहाली के लिए भर्ती निकली थी और उसकी परीक्षा हुई है लेकिन अभी बीएड धारी का मामला ऐसे लटका रहना बेहद मायूसी की बात है। अदालत से यह उम्मीद की जाती है कि लोगों को इंसाफ मिले और बीएड धारी भी अपने लिए इंसाफ की मांग कर रहे हैं। यह अफसोस की बात है कि डिग्री लेने के बाद भी यह बात तय नहीं हो पाती कि वह किसी पद पर बहाली के लिए मान्य है या नहीं है। शिक्षक बहाली परीक्षा का रिजल्ट भी निकलने वाला है इसलिए कोर्ट को चाहिए कि इस मामले में जल्द से जल्द फैसला सुनाए ताकि सबको इंसाफ मिल सके।

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