छ्पी-अनछपी: वक़्फ़ बिल का विपक्ष बिफरा, मणिपुर में बेपटरी डबल इंजन सरकार-राष्ट्रपति शासन
बिहार लोक संवाद डॉट, नेट। वक़्फ़ संशोधन बिल पर बने जेपीसी की रिपोर्ट में विपक्ष के डिसेंट नोट को हटाए जाने को लेकर संसद में हंगामा हुआ। मणिपुर में भाजपा की डबल इंजन वाली सरकार पटरी से उतर गई और वहां 21 महीनों की हिंसा के बाद राष्ट्रपति शासन लागू किया गया हालांकि इस खबर को प्रमुखता नहीं मिल पाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जैसे को तैसा टैरिफ लगाने की घोषणा की है।
और जानिएगा कि किस जगह 20 लाख से ई लाइब्रेरी तो बन गई लेकिन वहां एक भी छात्र का रजिस्ट्रेशन नहीं।
प्रभात खबर के अनुसार संसद के दोनों सदनों में गुरुवार को वक़्फ़ संशोधन विधेयक पर विचार करने वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट पेश की गई। रिपोर्ट पर विपक्षी सांसदों ने भारी हंगामा किया। लोकसभा में हंगामे के बीच समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने रिपोर्ट को सदन के पटल पर रखा। विपक्ष के सदस्यों का आरोप है कि उनकी असहमति को रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया है। इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से आग्रह किया कि वह विपक्ष की आपत्तियों को जोड़ सकते हैं। इस पर भाजपा को कोई आपत्ति नहीं है।
वक़्फ़ बिल पास हुआ तो होगा आंदोलन: बोर्ड
हिन्दुस्तान के दिल्ली संस्करण के अनुसार ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने गुरुवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक से संबंधित संसदीय रिपोर्ट को धार्मिक भेदभाव पर आधारित तथा संविधान के मूल्यों के खिलाफ करार दिया। बोर्ड ने कहा कि सरकार को ‘सबका साथ, सबका विकास’ के अपने नारे पर अमल करते हुए इस विधेयक को वापस लेना चाहिए। बोर्ड के अध्यक्ष खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि यदि विधेयक को पारित किया गया तो राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन शुरू किया जाएगा तथा अदालती लड़ाई भी लड़ी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि यदि सत्तापक्ष के दो प्रमुख घटक दलों जद(यू) और तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) ने इस विधेयक को पारित होने दिया तो उन्हें सियासी नुकसान उठाना पड़ेगा।
मणिपुर की डबल इंजन सरकार पटरी से उतरी
भास्कर के अनुसार 21 महीना से हिंसा में जल रहे मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया है। ध्यान देने की बात यह है कि यहां कथित डबल इंजन की सरकार थी यानी केंद्र की तरह यहां भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी जिसका कार्यकाल 2027 तक था। इसके साथ ही विधानसभा को भी निलंबित कर दिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संबंध में गुरुवार को अधिसूचना जारी की। इसमें कहा गया कि संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति ने सभी कार्यों और शक्तियों को अपने हाथ में ले लिया है। 3 में 2023 को मैं तेरी कुकी समुदाय के बीच हिंसा के बाद से अब तक ढाई सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। पिछली 9 फरवरी को भाजपा नेतृत्व के निर्देश पर एन बीरेन सिंह ने मुख्यमंत्री पद से तब इस्तीफा दिया था जब उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आने वाला था।
मोदी से मिलने से पहले ट्रंप ने कहा, जैसे को तैसा लगेगा टैरिफ
जागरण के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के लगभग ढाई घंटे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रिसिप्रोकल टैक्स (जैसे को तैसा) लगाने का ऐलान कर दिया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने चुनावी वादे के मुताबिक यह टैक्स लगाया है जिसके तहत अमेरिका अब उन सभी देशों से होने वाले आयात पर उतना ही टैक्स लगाएगा जितना यह देश अमेरिकी उत्पादों या सेवाओं पर लगाते हैं। वैसे राष्ट्रपति ट्रंप का यह फैसला किसी खास देश को लेकर नहीं है लेकिन इसका असर मेक्सिको, चीन के साथ भारत पर भी पड़ने की बात कही जा रही है। वजह यह है कि अमेरिकी उत्पाद पर ज्यादा टैक्स लगाने वाले देशों में भारत भी है।
ज़मीन फ्लैट की रजिस्ट्री से सरकार ने कमाए करोड़
बिहार में जमीन और फ्लैट निबंधन से राज्य सरकार को पिछले साल की तुलना में अब तक 1000 करोड़ से अधिक का राजस्व मिल चुका है। मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग को पिछले साल 2023-24 में दस फरवरी तक करीब 5540 करोड़ राजस्व प्राप्त हुआ था। इस साल अभी तक 6670 करोड़ का रिकार्ड राजस्व प्राप्त हो चुका है। यह अब तक निबंधन से मिला सर्वाधिक राजस्व है। इस वित्तीय वर्ष 2024-25 का लक्ष्य 7500 करोड़ निर्धारित किया गया है। अभी इसमें करीब डेढ़ माह का समय शेष है। विभाग का दावा है कि 31 मार्च तक आसानी से लक्ष्य से अधिक हासिल कर लिया जाएगा।
दिल में छेद वालों के मुफ्त इलाज की व्यवस्था
प्रभात खबर के अनुसार बिहार में 18 साल से अधिक उम्र के जिन लोगों के दिल में छेद है अब उनके भी मुफ्त इलाज की व्यवस्था की जा रही है। अभी तक 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए ही यह सुविधा थी। ऐसे लोगों का ऑपरेशन अहमदाबाद के श्री सत्य साईं हृदय अस्पताल में शुरू होगा। इस प्रस्ताव की नीतिगत सहमति दे दी गई है और इसे जल्द ही पारित किया जाएगा।
20 लाख की लाइब्रेरी, पढ़ने वाले 0
हिन्दुस्तान के अनुसार मुजफ्फरपुर के बीआरएबी विश्वविद्यालय में 20 लाख से बनी ई-लाइब्रेरी में एक भी छात्र नहीं पढ़ते हैं। इस लाइब्रेरी में विवि में पढ़ने वाले पांच लाख छात्रों में एक भी छात्र का रजिस्ट्रेशन नहीं है। ई-लाइब्रेरी का उद्घाटन कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र राय ने जुलाई में किया था। ई-लाइब्रेरी में 42 कंप्यूटर हैं। सेंट्रल लाइब्रेरी के प्रभारी डॉ. कौशल किशोर चौधरी ने बताया कि दो छात्र ई-लाइब्रेरी की सदस्यता के लिए फार्म लेकर गये थे, लेकिन वह वापस नहीं आये हैं। सेंट्रल लाइब्रेरी में पीजी, पीएचडी और कॉलेजों के छात्र सदस्यता लेकर पढ़ सकते हैं। बीआरएबीयू में वर्ष 2018 में सेंट्रल लाइब्रेरी में ई-लाइब्रेरी स्थापित की गई थी।10 करोड़ की राशि से ई-लाइब्रेरी के लिए 50 कंप्यूटर खरीदे गये थे। लेकिन, ये कंप्यूटर कई सालों तक यूं ही बेकार पड़े रह गये।
कुछ और सुर्खियां:
- मणिपुर की राजधानी इंफाल में सीआरपीएफ जवान ने साथियों पर गोली चलाई, दो की मौत, आठ घायल, खुद को भी मारी गोली
- बंगाल पुलिस ने बोर्ड एग्जाम का हवाला देकर आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत की सभा के लिए अनुमति नहीं दी, कोर्ट पहुंचा मामला
- फोन कर बालू मनाने के लिए बिहार सरकार ने जारी किए नंबर- 0612-215360 और मोबाइल नंबर 94722 38821
- तिब्बत के निर्वासित धर्म गुरु दलाई लामा को दी गई जेड श्रेणी की सुरक्षा
- तेज पछुआ हवा के चलते अगले दो दिन में ठंड महसूस होने के आसार
अनछपी: बच्चों और किशोरों के जरिए मोबाइल फोन के इस्तेमाल को लेकर अक्सर चिंता जताई जाती है और बहुत से देश में 15 साल तक के बच्चों के लिए उसके इस्तेमाल पर कई पाबंदियां हैं लेकिन क्या इससे जुड़ा मामला इस हद तक जा सकता है कि दो बहनें आत्महत्या कर लें? पूर्णिया के धमदाहा थाना क्षेत्र के तरौनी गांव से एक खबर आई कि दो बहनों में मोबाइल फोन देखने को लेकर झगड़ा इतना बढ़ गया कि दोनों ने फंदे से लटक कर जान दे दी। 18 और 16 साल की दोनों बहनों के बारे में बताया गया कि बुधवार की रात लगभग ग्यारह बजे वह एक सांस्कृतिक कार्यक्रम देख कर लौटी थीं। परिवार वालों का कहना है कि भोर साढ़े तीन बजे दोनों अपने कमरों में फंदे से लटकी हुई मिलीं। दोनों बहनें घर की पहली मंजिल पर अपने कमरे में थीं जबकि उनके मां-बाप नीचे के कमरे में सोये थे। इस मामले में पुलिस का कोई खास बयान सामने नहीं आया है और उसका कहना है कि पुलिस के पहुंचने से पहले ही दोनों बहनों का अंतिम संस्कार कर दिया गया था। इस मामले की जितनी जानकारी दी गई है वह बहुत कम है और अगर वाकई दोनों बहनें इस वजह से फंदे पर लटक गईं कि उनका मोबाइल फोन के लिए झगड़ा हो रहा था तो इस पर यकीन करना बहुत मुश्किल लग रहा है। सामाजिक दृष्टिकोण से यह बात जानना और समझना जरूरी है कि आखिर ऐसी क्या बात हुई कि दोनों ने एक साथ जान दे दी। अभी अंतिम रूप से कोई बात कहना मुश्किल है लेकिन यह दुखद और क्रूर सत्य है कि दोनों बहनें अब इस दुनिया में नहीं हैं। पुलिस को इस बात की गहराई से पड़ताल करनी चाहिए कि मौत की वजह केवल मोबाइल फोन के लिए झगड़ा होना है या मोबाइल फोन पर कोई ऐसा कार्यक्रम देखना है जिसकी वजह से दोनों ने सामूहिक रूप से यह सर्वाधिक दुर्भाग्यपूर्ण कदम उठाया। यह भी जांच का विषय है कि क्या दोनों ने किसी और के कहने पर या किसी और कारण से ऐसा क़दम उठाया। बरहाल, हर मां-बाप के लिए इस बात पर ध्यान देना जरूरी है कि उनके बच्चे मोबाइल फोन पर क्या कर रहे हैं।
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