छ्पी-अनछपी: मोदी ले आए मुस्लिम लीग की बात, कांग्रेस बोली- श्यामा प्रसाद को भूल गए

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के घोषणा पत्र पर मुस्लिम लीग की छाप होने का आरोप लगाया है। जवाब में कांग्रेस ने कहा कि मोदी यह बात भूल रहे हैं कि जनसंघ के अध्यक्ष श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने मुस्लिम लीग के साथ सरकार बनाई थी। आज के अखबारों में इस बहस को अच्छी जगह मिली है।

जागरण की पहली खबर है: कांग्रेस के घोषणा पत्र पर मुस्लिम लीग की छाप। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यूपी के सहारनपुर और राजस्थान के पुष्कर में जनसभा को संबोधित किया। दोनों जनसभाओं में पीएम के निशाने पर कांग्रेस और उसकी घोषणा पत्र रहा। सहारनपुर में कहा- आज के भारत से कट चुकी कांग्रेस के घोषणा पत्र में मुस्लिम लीग की सोच की गहरी छाप नजर आई। जो हिस्सा बचा उसमें वामपंथी हावी हैं।

कमीशन और मिशन की तुकबंदी

हिन्दुस्तान की पहली खबर है: उन्हें कमीशन का लालच, हमें मिशन प्यारा: मोदी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को चुनावी सभाओं में विपक्ष पर तीखे प्रहार किए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जितने साल सत्ता में रही, उसने सिर्फ कमीशन को प्राथमिकता दी। विपक्षी दलों का गठबंधन ‘इंडिया’ का लक्ष्य सत्ता में आने के बाद ‘कमीशन’ कमाना है, जबकि भाजपा नीत एनडीए एक ‘मिशन’ पर है। प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को यूपी के सहारनपुर और राजस्थान के पुष्कर में जनसभा की जबकि गाजियाबाद में रोड शो कर जनसमर्थन जुटाया।

कांग्रेस ने श्याम प्रसाद की याद दिलाई

जागरण की सुर्खी है: श्यामा प्रसाद ने मुस्लिम लीग से किया था गठबंधन: कांग्रेस। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र पर मुस्लिम लीग की छाप होने के आरोपों पर पलटवार किया है। इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी को गंभीरता से लेते हुए कांग्रेस ने कहा कि वह अपने इतिहास से परिचित नहीं हैं। कंग्रेस ने कहा- वह कोई और नहीं बल्कि जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी थे जो 1940 की शुरुआत में लीग के साथ बंगाल में गठबंधन सरकार का हिस्सा थे। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भाजपा पर विभाजन की राजनीति करने का भी आरोप लगाया।

लोकतंत्र खतरे में: सोनिया

हिन्दुस्तान के अनुसार कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने शनिवार को भाजपा पर लोकतंत्र को तार-तार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि आज देश का लोकतंत्र खतरे में है, इसे बचाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विपक्षी नेताओं को भाजपा में शामिल होने को मजबूर किया जा रहा है, इसके लिए विभिन्न हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। “यह तानाशाही है और हम सभी इसका जवाब देंगे।” कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी जयपुर में एक चुनावी सभा को संबोधित कर रहीं थी।

एनआईए की कार्रवाई

जागरण की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: भारत विरोधी नक्सली साजिश मामले में बिहार-उत्तर प्रदेश में एनआईए की छापेमारी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने शनिवार को बिहार के कैमूर और उत्तर प्रदेश के बलिया में 11 ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई सीपीआई माओवादियों की कथित भारत विरोधी साजिश से जुड़े कांड में की गई है। इस दौरान एनआईए की टीम ने मोबाइल फोन, सिम कार्ड समेत कई डिजिटल उपकरण, नक्सलियों की वर्दी और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए हैं।

एनआईए टीम पर हमले का आरोप

हिन्दुस्तान के अनुसार पश्चिम बंगाल में शनिवार को एनआईए की टीम पर भीड़ ने हमला कर दिया। पथराव में एक अधिकारी घायल हो गया। इसे लेकर टीएमसी और भाजपा आमने-सामने आ गई हैं। इससे पहले बंगाल में ईडी की टीम पर हमला हुआ था। एनआईए टीम पूर्वी मेदिनीपुर जिले के भूपतिनगर में 2022 में हुए विस्फोट के मामले में दो प्रमुख साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार करने पहुंची। विस्फोट में तीन लोगों की मौत हो गई थी। हमले के बावजूद एनआईए ने दोनों को दबोच लिया। इधर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि ग्रामीणों ने नहीं, बल्कि एनआईए ने उन पर हमला किया था। एनआईए पटाखे फोड़ने की घटना की जांच के लिए घरों में घुसी थी।

25 करोड़ की नक़ली किताब ज़ब्त

प्रभात खबर के अनुसार पटना के रामकृष्ण नगर थाने के जकरियापुर, बाईपास इलाके के पांच प्रिंटिंग प्रेस में छापेमारी कर पुलिस ने भारतीय भवन, एनसीईआरटी और अन्य प्रकाशकों की करीब 25 करोड़ रुपए की नकली किताबें, काफी संख्या में कवर पेज और होलोग्राम आदि ज़ब्त किया है। भारती भवन के अधिकारी अखिलेश कपूर ने बताया कि कई दिनों से किताबों के खराब क्वालिटी होने की जानकारी मिल रही थी। इसके बाद बाजार में उपलब्ध किताबों की जांच कराई गई तो करीब 40 फ़ीसदी किताबें नकली मिलीं।

ग़ज़ा पर इसराइली हमले के छह माह

हिन्दुस्तान के अनुसार ग़ज़ा में इसराइल के हमले शनिवार को भी जारी रहे। बीते 24 घंटे में 47 फलस्तीनियों की मौत हो चुकी है। युद्ध को छह महीने पूरे हो चुके हैं। इतने दिनों में पहली बार है जब दैनिक मृतकों की संख्या सबसे कम है। अंतरराष्ट्रीय तनाव और दबाव के बीच इजरायल-हमास में रविवार को युद्ध विराम को लेकर नए दौर की वार्ता शुरू हो सकती है। ग़ज़ा में लगातार बरसते बम और मिसाइल, हर तरफ चीख पुकार। न लोगों के सिर पर छत न बिजली, न भोजन न पानी। युद्ध के साथ भूखे मरने को मजबूर गजावासी। पूरी गाजा पट्टी मलबे के ढेर में तब्दील हो चुकी है। 24 लाख की आबादी में से 75 फीसदी विस्थापित हैं। 100 के करीब बंधक अब भी हमास के पास हैं।

कुछ और सुर्खियां

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नवादा में रैली को संबोधित करेंगे
  • बिहार के मेडिकल कॉलेज में इसी सत्र से हिंदी में होगी पढ़ाई
  • जेईई मेन के वायरल पेपर टेलीग्राम पर 5000 में बिके
  • खरमास 14 अप्रैल को खत्म होगा, 18 अप्रैल से शहनाई बजने लगेगी
  • जरूरत पड़ी तो चिराग के पक्ष में प्रचार करेंगे: पशुपति कुमार पारस
  • चुनावी बॉन्ड सबसे बड़ा घोटाला: राहुल गांधी
  • तीन लाख का इनामी गैंगस्टर राकेश कुमार उर्फ चुन्नू ठाकुर नेपाल में पकड़ा गया
  • मंत्री सुमित सिंह के बड़े भाई अजय प्रताप सिंह राजद में शामिल

अनछपी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चुनावी भाषण में हिंदू-मुसलमान करने का जरिया ढूंढ ही लिया। उन्होंने कांग्रेस के घोषणा पत्र पर मुस्लिम लीग की छाप होने का आरोप लगाकर क्या संदेश देने की कोशिश की है? वह शायद अपने उस बयान को मजबूती देना चाहते हैं जिसमें वह कांग्रेस पर सनातन विरोधी होने का आरोप लगाते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब बिहार आए थे तो उनके भाषण में राम मंदिर का जिक्र जरूर था लेकिन हिंदू-मुसलमान करने का स्पष्ट संकेत नहीं मिला था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नवादा में होंगे और यह वही जगह है जब उन्होंने 2014 के चुनावी सभा में प्रधानमंत्री बनने से पहले पिंक रिवॉल्यूशन की बात कह कर हिंदू-मुसलमान करने की कोशिश की थी। पिंक रिवॉल्यूशन से उनका मतलब गोकशी का आरोप लगाना था। उस समय वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे और तब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भारतीय जनता पार्टी से अलग होकर चुनाव लड़ रहे थे। यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नवादा की सभा में हिंदू-मुसलमान करने वाले आरोपों को दोहराते हैं या उनसे बचते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आरोप के जवाब में कांग्रेस ने यह उन्हें यह याद दिलाया है कि भारतीय जनता पार्टी के प्रेरणा स्रोत और जनसंघ के अध्यक्ष श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने मुस्लिम लीग के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। भारतीय लोकतंत्र की अजीब स्थिति है कि जब कांग्रेस धर्मनिरपेक्षता की बात करने की कोशिश करती है तो भारतीय जनता पार्टी उस पर सनातन विरोधी होने और मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाना शुरू कर देती है। इसका असर कांग्रेस पर भी पड़ता है और वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह याद दिलाने से बचती है कि उनके मुख्यमंत्री काल में गुजरात में कैसा भयानक दंगा हुआ था। भारतीय लोकतंत्र के लिए यह बेहद निराशाजनक बात है कि प्रधानमंत्री जैसे शीर्षक पद पर बैठा व्यक्ति भी चुनावी लाभ की खातिर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण वाली बात करने में हिचकिचाता नहीं है। अफसोस की बात है कि इस समय ऐसा चुनाव आयोग है जो प्रधानमंत्री के ऐसे विभाजनकारी भाषणों का नोटिस नहीं लेता।

 

 1,280 total views

Share Now

Leave a Reply