छ्पी-अनछपी: कटिहार में मखाना के खेत में उतरे राहुल गांधी, अमेरिका के लिए डाक सेवा बंद

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। वोटर अधिकार यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने कटिहार में मखाना के खेत में उतरकर किसानों की परेशानी समझने की कोशिश की। भारत ने अमेरिका के लिए डाक सेवाएं बंद करने का ऐलान किया है। पटना के फतुहा में गंगा नहाने जा रहीं आठ महिलाओं की हादसे में जान चली गई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने करीबी को भारत में राजदूत बनाने की घोषणा की है।

और, जानिएगा कि मुकेश अंबानी के भाई अनिल अंबानी के घर पर सीबीआई की छापेमारी हुई है।

पहली ख़बर

हिन्दुस्तान के अनुसार कांग्रेस नेता राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा शनिवार सुबह 8.30 बजे भागलपुर से कटिहार के कटरिया में पहुंची। राहुल गांधी, तेजस्वी यादव समेत नेताओं का काफिला वहां से सीधे कुरसेला, समेली, डुमर, फुलवरिया होते हुए गेड़ाबाड़ी पहुंचा। इस दौरान समर्थकों ने राहुल गांधी को टी-शर्ट और टोपी में देखकर खुशी का इजहार करते हुए महागठबंधन के समर्थन में जमकर नारे लगाए। गेड़ाबाड़ी एनएच-31 से गुजरते वक्त राहुल ने मखाना की खेती देखी। अचानक अजय भगत के मखाना फोड़ी के पास राहुल गांधी का काफिला रुक गया। इस दौरान उन्होंने दरभंगा, मधुबनी से आकर मखाना फोड़ी का काम कर रहे मजदूरों और व्यापारियों से उनकी परेशानी पूछा। मजदूरों ने कहा कि विदेश में बढ़िया मखाना 5 से 6 हजार प्रति किलो बिकता है और यहां मेहनतकश किसान-मजदूर मात्र 600 रुपए प्रति किलो की दर से मखाना बेचने पर विवश हो रहे हैं। उनकी परेशानी को राहुल ने बड़ी आत्मीयता और पूरी संवेदना के साथ सुना और उन्हें भरोसा दिलाया कि मखाना के क्षेत्र में बेहतर काम किया जाएगा ताकि किसान और व्यापारियों की आय में वृद्धि हो। राहुल गांधी के साथ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव, दीपांकर भट्टाचार्य, वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी सहित कई नेता व कार्यकर्ता मौजूद थे। इस दौरान राहुल गांधी को मखाना का लावा भी भेंट किया गया।

मखाना मजदूरों के बीच पहुंचे राहुल

मखाना फोड़ियों की समस्या जानने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी का काफिला आगे बढ़ा। इसी बीच उनकी नजर मखाना के खेत में (तालाब में) काम कर रहे मजदूरों पर पड़ी। उनका काफिला चरखी के पास रुक गया। वे गाड़ी से उतरे, पैंट घुटनों तक मोड़ी और जा पहुंचे तालाब में मखाना के पौधों के बीच। उन्होंने वहां मौजूद किसान और मजदूरों से बातचीत की। उन्होंने न सिर्फ मजदूरों की समस्या को जाना बल्कि पौधे से मखाना निकाला और चखकर देखा। यहां मौजूद किसान मो. खुर्शीद आलम, मो. सुल्तान, मो. शरीफ, मो. महमूद ने राहुल गांधी को बताया कि उन्हें पानी में खड़े होकर काफी समय तक काम करना पड़ता है। इसके बावजूद मात्र 40 रुपए प्रति किलो की मजदूरी मिलती है, जबकि उनकी मजदूरी 70 रुपए प्रति किलो तक होनी चाहिए। राहुल ने उन्हें भी बेहतरी का आश्वासन दिया और मखाना खेती की पूरी प्रक्रिया समझी।

अमेरिका के लिए डाक सेवा निलंबित

प्रभात खबर के अनुसार अमेरिका से टैरिफ विवाद के बीच भारत ने अमेरिका के लिए डाक सेवा निलंबित कर दी है। शनिवार को संचार मंत्रालय ने बताया कि अमेरिकी सीमा शुल्क विभाग द्वारा जारी नए मानदंड स्पष्ट नहीं हैं। अमेरिकी प्रशासन ने 30 जुलाई 2025 को एक कार्यकारी आदेश जारी कर कहा था कि 100 अमेरिकी डॉलर से अधिक मूल्य के समान पर 29 अगस्त से अमेरिका में सीमा शुल्क लागू होगा। ऐसे में भारत ने वहां के लिए डाक सेवाओं को निलंबित कर दिया है। 25 अगस्त से भारत से अमेरिका के लिए $100 मूल्य से ज्यादा की कोई डाक नहीं भेजी जा सकेगी। 100 अमेरिकी डॉलर तक के पत्रों दस्तावेजों और उपहार के सामान के लिए सेवाएं जारी रहेंगी। ट्रंप के इस शुल्क से प्रभावित होने वाले यूरोपीय देश जर्मनी, डेनमार्क, स्वीडन और इटली की डाक सेवाओं ने तुरंत प्रभाव से, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया ने सोमवार से और ब्रिटेन ने मंगलवार से डाक सेवाएं निलंबित करने की घोषणा कर दी है। ग्राहक अगर पहले से अमेरिका के लिए सामान बुक कर चुके हैं तो वह पोस्टेज रिफंड ले सकते हैं।

जिन्हें भारत से तेल खरीदने में दिक्कत है, वे न खरीदें: विदेश मंत्री

हिन्दुस्तान की ख़बर है कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को दो टूक कहा कि जिन्हें भारत से तेल खरीदने में दिक्कत है, वे न खरीदें। उन्हें कोई मजबूर नहीं कर रहा। उन्होंने यह बात ट्रंप प्रशासन के उन आरोपों पर कही, जिसमें दावा किया गया था कि भारत रूस से रियायती दरों पर कच्चा तेल खरीदकर यूरोप और अन्य स्थानों पर ऊंची कीमतों पर बेच रहा है। विदेश मंत्री ने आश्चर्य जताया कि भारत को निशाना बनाने के लिए जिन तर्कों का इस्तेमाल किया गया, वे सबसे बड़े तेल आयातक, चीन और सबसे बड़े एलएनजी आयातक, यूरोपीय संघ पर लागू नहीं किए गए हैं।

गंगा नहाने जा रहीं आठ महिलाओं की हादसे में जान गयी

भास्कर के अनुसार फतुहा में शनिवार सुबह सड़क हादसे में लोगों की जान चली गई। इनमें आठ महिलाएं और एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर है। चार महिलाएं घायल हैं। यह सभी महिलाएं हिलसा से गंगा स्नान करने फतुहा के त्रिवेणी घाट जा रही थीं। घटना शनिवार सुबह 7:45 की है। सिगरियावां रेलवे स्टेशन के पास ऑटो रिक्शा को हाईवे ट्रक ने सामने से टक्कर मार दी। ट्रक में ऑटो रिक्शा फंस गया। करीब 100 मीटर तक घिसटता चला गया। मौके पर आठ लोगों की मौत हो गई। एक घायल ने अस्पताल जाते समय दम तोड़ दिया। 8 महिलाओं की मौत से 32 बच्चों के सर से मां का साया उठ गया। हादसे के बाद गुस्साए गांव वालों ने सड़क जाम कर दी। पुलिस मौके पर पहुंची और ट्रक को जब्त कर लिया। लोगों को समझा कर जाम हटवाया। 6 घंटे तक सड़क जाम रही।

ट्रंप ने अपने करीबी को भारत में राजदूत बनाया

जागरण के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सहयोगियों में से एक सर्जियो गोर को भारत में अमेरिका का अगला राजदूत नियुक्त किया गया है। व्हाइट हाउस कर्मियों के निदेशक की जिम्मेदारी संभाल रहे गोर ने मेक अमेरिका ग्रेट अगेन यानी ‘मागा’ कार्यक्रम को बनाने और उसके क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 39 वर्षीय गोर को भारत के राजदूत के साथ-साथ अमेरिका के दक्षिण एशिया और मध्य एशिया के विशेष दूत के रूप में भी नामित किया गया है। इन नियुक्तियों को लेकर जारी संदेश की भाषा के जरिए ट्रंप ने भारत को लेकर अपनी बदलती नीति का भी संकेत दिया है।

ईडी के बाद अनिल अंबानी पर अब सीबीआई का छापा

भास्कर के अनुसार सीबीआई ने रिलायंस कम्युनिकेशन आरकॉम और उसके निर्देशक अनिल अंबानी के खिलाफ 29 करोड़ के बैंक फ्रॉड मामले में एफआईआर दर्ज की है। शनिवार को एजेंसी ने मुंबई के कफ परेड स्थित अंबानी के आवास सी विंड और कंपनी के दफ्तर में तलाशी ली। यह कार्रवाई एसबीआई की शिकायत पर हुई जिसने 2018 के आंकड़ों के अनुसार अपना 2929 करोड़ रुपए का नुकसान बताया है जबकि आरकॉम पर कुल 40 हजार 413 करोड़ रुपए कर्ज है। सीबीआई ने कहा कि आरोपियों ने फर्जी कागजों पर एसबीआई से कर्ज लिया। अनिल अंबानी मुकेश अंबानी के भाई हैं जिनके पिता धीरूभाई अंबानी के 2005 में निधन के बाद दोनों भाइयों को 49.5-49.5 करोड़ रुपए की संपत्ति मिली थी। वर्ष 2008 तक अनिल अंबानी बड़े भाई मुकेश को पीछे छोड़कर दुनिया के सबसे अमीर शख्स बन गए। उनकी संपत्ति 42 अरब डालर यानी 1.68 लाख करोड रुपए तक पहुंच गई लेकिन गलत फैसलों, मंदी और 2G स्पेक्ट्रम जैसे विवादों ने उन्हें संकट में ला दिया।

कुछ और सुर्खियां:

  • छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में गया निवासी सीआरपीएफ कांस्टेबल ने ड्यूटी के दौरान खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली
  • भारत ने अपने हवाई क्षेत्र में पाकिस्तानी विमान पर लगी पाबंदी 24 सितंबर तक के लिए बढ़ाई
  • पटना से रांची पहुंची बस से 2 करोड़ के बच्चों के बैंक वाले नकली नोट निकले, दो गिरफ्तार
  • ईडी ने कर्नाटक के चित्रदुर्ग से कांग्रेस विधायक के सी वीरेंद्र पप्पी को शुक्रवार को सिक्किम की राजधानी गंगटोक से गिरफ्तार किया

अनछपी: फतुहा के सड़क हादसे में नौ लोगों की जान जाने के बाद फिर वही पुराना सवाल सबसे पहले दिमाग में आता है कि आखिर इतने लोग एक ऑटो रिक्शा में कैसे सवार हुए। लेकिन यह सवाल हमारे समाज में बहुत दिनों तक नहीं पूछा जाएगा क्योंकि सड़क हादसे में हुई मौत को हम बहुत ज्यादा गंभीरता से नहीं लेते हैं। यह बात भी सोचने की है कि जिन महिलाओं की मौत इस हादसे में हुई वह किस वर्ग की रही होंगी क्योंकि गंगा स्नान के लिए कोई अमीर परिवार तो ऑटो रिक्शा से सफर नहीं करेगा। शायद यह भी एक वजह है कि ऐसे सड़क हादसों के बाद कुछ दिनों के लिए तो पुलिस अचानक सक्रिय हो जाती है लेकिन उसके बाद मामला ठंडा पड़ जाता है और हमें फिर एक और हादसे का इंतजार रहता है। इसके नतीजे में होता यह है कि ऑटो रिक्शा वाले सवारी कम लेने के नाम पर किराया बढ़ा देते हैं और कुछ दिनों के बाद किराया तो बढ़ा ही रह जाता है लेकिन ऑटो में ओवरलोडिंग कम नहीं होती। इस समय 16 अप्रैल 2024 को हुई वह दुर्घटना याद आती है इसमें कंकड़बाग थाना क्षेत्र में राम लखन पथ मोड़ पर एक ओवरलोडेड ऑटो रिक्शा पलट गया था जिसमें सात लोगों की मौत हो गई थी। उसके बाद पटना में बड़े पैमाने पर ऑटो रिक्शा की जांच पड़ताल शुरू हुई। ऑटो रिक्शा पर अगली सीट पर सवारी लेने से सख्ती से रोका गया जिसकी वजह से ऑटो रिक्शा वालों ने किराया बढ़ा दिया। लेकिन कुछ ही हफ्तों के बाद यह सख्ती खत्म हो गई, किराया बढ़ा रह गया और ऑटो पर अगली सीट पर भी लोग आसानी से बैठाए जाने लगे। ऐसे में ट्रैफिक पुलिस पर सवाल उठना लाजिमी है लेकिन इससे आगे की बात यह है कि हर सड़क पर हर वक्त ट्रैफिक पुलिस खड़ी नहीं रह सकती। इसलिए लोगों को भी यह सोचना होगा कि ऑटो पर इतनी बड़ी संख्या में सफर न किया जाए। ऑटो वालों को भी इस बात के लिए तैयार करना होगा कि वह इसके खतरे को समझें। इस सिलसिले में यह बात भी बहुत अहम है कि जिस ट्रक ने इस ऑटो को टक्कर मारी, उसके ड्राइवर ने आखिर क्या गलती की कि नौ लोगों की जान चली गई। अगर ऐसे हादसों को रोकना है तो सरकार और समाज दोनों को इस बारे में गंभीरता से सोचना होगा क्योंकि थोड़े समय के लिए सख्ती करने से हादसे नहीं रुकेंगे।

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