छ्पी-अनछपी: राहुल बोले- बिहार चुनाव चुराने की साज़िश, राधाकृष्णन एनडीए के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महागठबंधन की वोटर अधिकार यात्रा के पहले दिन आरोप लगाया कि बिहार चुनाव चुराने की साजिश की जा रही है। एनडीए ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है। चुनाव आयोग ने वोट चोरी के आरोप लगाने वालों से कहा है कि वह या तो 7 दिन में हलफनामा दें या माफी मांगें। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आज यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेन्स्की और यूरोपीय नेताओं से वार्ता करेंगे।

और, जनिएगा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 10 लाख लोगों को पैसे क्यों नहीं मिल रहे।

पहली खबर

बिहार में विपक्षी गठबंधन की वोटर अधिकार यात्रा की शुरुआत रविवार को रोहतास जिले के डेहरी से हुई। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कार्यक्रम में केंद्र की भाजपा सरकार और चुनाव आयोग पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा एसआईआर (विशेष मतदाता पुनरीक्षण) के जरिए बिहार विधानसभा चुनाव में धांधली की तैयारी कर रही है। औरंगाबाद के रमेश चौक पर भी राहुल गांधी ने सभा की। कहा कि नरेंद्र मोदी वोट चोरी कर सत्ता हासिल करने में लगे हुए हैं लेकिन हम सभी बिहार में वोट चोरी नहीं होने देंगे। डेहरी में राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा लगातार मताधिकार की चोरी कर सत्ता हासिल कर रही है। महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, “लोकसभा चुनाव जीतने के चार महीने बाद भाजपा ने वहां विधानसभा चुनाव भी जीत लिया। उस समय ओपिनियन पोल हमारे पक्ष में था लेकिन हर सीट पर लाखों नए वोटर जोड़े गए। अब वही कारनामा बिहार में एसआईआर के जरिए हो रहा है।” राहुल ने सवाल किया कि भाजपा हर चुनाव कैसे जीत जाती है? फिर खुद ही जवाब दिया, “यह चुनाव चोरी है। गरीबों का वोट छीना जा रहा है।” सभा में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद भी थे। उन्होंने अपने पारंपरिक अंदाज में लोगों को संबोधित किया और बोले, “राहुल और तेजस्वी यादव के बुलावे पर यहां आए हैं। गरीबों के हक की लड़ाई में जनता को एकजुट होना होगा।” राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि यह सिर्फ वोट की चोरी नहीं है बल्कि डाका है। जो आज आपका वोट छीन रहे हैं, वही कल आपकी पेंशन और राशन भी छीन लेंगे।

राधाकृष्णन एनडीए के उप राष्ट्रपति उम्मीदवार

हिन्दुस्तान के अनुसार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने उपराष्ट्रपति पद के लिए रविवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को अपना प्रत्याशी घोषित किया। भाजपा के केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक में उनके नाम पर मुहर लगाई गई। बैठक के बाद पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, राजग के सभी दलों की सहमति के बाद उनका नाम तय किया गया है। जानकारों के अनुसार, राधाकृष्णन को प्रत्याशी बनाकर भाजपा ने संघ से लेकर कई सामाजिक, राजनीतिक, क्षेत्रीय समीकरण साधे हैं। राधाकृष्णन के नाम पर एनडीए के सहयोगी दलों से भी सहमति ली गई। खासकर आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू और बिहार सीएम नीतीश कुमार से। तमिलनाडु के तिरप्पुर में 20 अक्तूबर 1957 को जन्मे राधाकृष्णन पिछड़ा वर्ग से आते हैं। उन्होंने दक्षिण भारत में भाजपा के विकास में अहम भूमिका निभाई। वह कोयंबटूर से 1998 और 1999 में लोकसभा के लिए चुने गए थे। फरवरी 2023 में उन्हें झारखंड और जुलाई 2024 में महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया गया था।

चुनाव आयोग ने राहुल से फिर कहा, हलफनामा दें या माफी मांगें

जागरण के अनुसार कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित दूसरे विपक्षी दलों की ओर से वोट चोरी जैसे आरोपों और बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर किए जा रहे विरोध पर मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने रविवार को बगैर किसी का नाम लिए पलटवार किया। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची को लेकर लगाए गए आरोप पूरी तरह से झूठ और निराधार हैं। प्रेजेंटेशन में जो सूची दिखाई गई थी वह आयोग की नहीं है। ऐसे लोग या तो सात दिनों के भीतर इन आरोपों को लेकर हलफनामा दें या फिर देश से माफी मांगे, कोई तीसरा विकल्प नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि 7 दिनों के भीतर अगर इन आरोपों को लेकर हलफनामा नहीं दिया गया तो उनके सभी आरोपों को निराधार मान लिया जाएगा।

हटाए गए मतदाताओं की सूची चुनाव आयोग ने की सार्वजनिक

सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश पर अमल करते हुए बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय ने रविवार की देर रात एक महत्वपूर्ण पहल की है। एसोसिएशन फ़ॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स बनाम भारत निर्वाचन आयोग के मामले में 14 अगस्त को कोर्ट द्वारा जारी आदेश पर अमल करते हुए मृत, स्थानांतरित, अनुपस्थित या दोहरी प्रविष्टि वाले मतदाताओं की सूची सार्वजनिक कर दी है। सीईओ विनोद सिंह गुंजियाल ने एक आदेश जारी कर सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों, सीईओ एवं बिहार सरकार की वेबसाइट पर मृत, स्थानांतरित, अनुपस्थित या दोहरी प्रविष्टि वाले मतदाताओं की सूची सार्वजनिक कर दी है। जिन 65 लाख 64 हजार 75 मतदाताओं के नाम ड्राफ्ट लिस्ट से बाहर किए गए हैं उनमें 22 लाख 34000 को मृत बताया गया है। साथ ही 36 लाख 28 हजार लोग स्थाई रूप से अपने स्थान को छोड़कर चले गए हैं जबकि 7 लाख मतदाताओं के नाम एक से अधिक क्षेत्र की मतदाता सूची में दर्ज बताया गया है।

जेलेन्स्की और यूरोपीय नेताओं से ट्रंप की वार्ता आज

यूक्रेन में शांति के लिए चल रही वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेन्स्की सोमवार को वाशिंगटन पहुंचेंगे। उनके साथ फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैकरों, जर्मनी के कुलपति फ्रेडरिक मर्ज, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, फिनलैंड के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर स्टब और यूरोपीय संघ की प्रमुख उर्सुला वान डेर लिएन भी व्हाइट हाउस में ट्रंप से मुलाकात करेंगे। यह सभी यूक्रेन में युद्ध खत्म करने के लिए ट्रंप के शांति समझौते के सुझाव और उससे जुड़े बिंदुओं पर बात करेंगे।

पीएम आवास योजना के 10 लाख लोगों को पैसों का इंतजार

हिन्दुस्तान के अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की किस्त का भुगतान बंद हो गया है। इससे राज्य के 10 लाख से अधिक चयनित परिवारों के सामने परेशानी खड़ी हो गई है। वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2025-26 के तहत स्वीकृत आवासों का निर्माण पहले ही धीमा चल रहा था। अब किस्त का भुगतान रुकने से आवास निर्माण का कार्य और अधिक प्रभावित होगा। ग्रामीण विकास ‌विभाग के अनुसार, केंद्र सरकार ने इस योजना में राशि भुगतान की व्यवस्था में बदलाव कर दिया है। इस कारण करीब दो सप्ताह से राशि का भुगतान नहीं हो पा रहा है। इसको लेकर वित्त विभाग भी नई व्यवस्था के अनुरूप कार्रवाई कर रहा है, ताकि राशि का भुगतान शुरू किया जा सके। नई व्यवस्था के तहत अब राशि का भुगतान सीधे आरबीआई के माध्यम से होगा। पहले राशि की निकासी कर बैंक में जमा की जाती थी। फिर लाभुकों के खाते में राशि भुगतान की कार्रवाई होती थी। यह प्रक्रिया अब बंद कर दी गई है। इस कारण आवास सॉफ्ट को नई व्यवस्था के साथ टैग किया जा रहा है। पदाधिकारी बताते हैं कि इसमें 10 से 15 दिनों का समय लग सकता है।

कुछ और सुर्खियां:

  • जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में बादल फटने और जमीन धंसने की अलग-अलग घटनाओं में सात लोगों की मौत
  • बिहार कर्मचारी चयन आयोग के ग्रेजुएट लेवल 1481 पोस्ट के लिए एप्लीकेशन आज से
  • मुजफ्फरपुर जिले में एक नहर में नहाने के दौरान डूब रहे साथी को बचाने की कोशिश में चार और बच्चे डूब गए
  • हड़ताल पर गए बिहार के 8000 अमीन हटाए जाएंगे
  • राजगीर में होने वाले हॉकी एशिया कप के लिए शुभंकर व ट्रॉफी का अनावरण

अनछपी: यह इत्तेफाक नहीं बल्कि एक राजनेता की तरह सोची समझी रणनीति थी कि मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने ठीक उसी दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिस दिन राहुल गांधी और महागठबंधन के दूसरे नेता बिहार में वोटर अधिकार यात्रा निकालकर चुनाव आयोग की मनमानियों और अनियमितताओं के बारे में लोगों को बता रहे थे। बहुत से लोगों की राय यह है कि मुख्य चुनाव आयुक्त में राहुल गांधी के सवालों का जिस तरह जवाब दिया वह चुनाव आयोग का जवाब न होकर किसी राजनीतिक पार्टी के नेता का जवाब लग रहा था। इसके अलावा ज्ञानेश कुमार ने वरिष्ठ पत्रकारों के बहुत से महत्वपूर्ण सवालों का जवाब भी नहीं दिया। दिलचस्प बात यह है कि ज्ञानेश कुमार की प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म होते ही भारतीय जनता पार्टी के समर्थक सोशल मीडिया के यूजर्स ने यह प्रचार करना शुरू कर दिया कि चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के तमाम आरोपों को ध्वस्त कर दिया। दूसरी तरफ सामाजिक कार्यकर्ता और चुनाव विश्लेषक योगेंद्र यादव ने कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग की इससे ज्यादा शर्मनाक प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं देखी। सच्चाई यह लगती है कि चुनाव आयोग ठीक वैसे ही बातें कर रहा है जो भारतीय जनता पार्टी को पसंद आती हो। चुनाव आयोग ने अभी इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि उसने इतनी हड़बड़ी में मतदाताओं के विशेष गहन पुनरीक्षण का फैसला क्यों किया। चुनाव आयोग ने इस बात का भी कोई ठोस जवाब नहीं दिया कि 6 महीने में 22 लाख लोगों की मौत का पता कैसे चला और क्या इससे पहले उन लोगों को वोट देने का अधिकार दिया गया जिन्हें चुनाव आयोग अब मरा हुआ बता रहा है। ज्ञानेश कुमार का यह कहना भी हास्यास्पद है कि अगर हलफनामा नहीं दिया गया तो सभी आरोपों को निराधार माना जाएगा। भारतीय जनता पार्टी के समर्थक भले ही यह डींग हांकें कि चुनाव आयोग ने वोट चोरी के आरोपों को गलत साबित कर दिया है, सच्चाई यह है कि उसने जनता के और आम मतदाताओं की आशंकाओं और सवालों का कोई जवाब नहीं दिया। विपक्ष की भूमिका यही है कि वह आम लोगों की ऐसे आशंकाओं और सवालों को आवाज दे और उसे चुनावी मुद्दा बनाए रखे।

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