छ्पी-अनछपी: 8 जून तक बच्चों के लिए स्कूल बंद, शरजील इमाम को जमानत

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। भारी गर्मी और सोशल मीडिया पर विरोध के बाद बिहार में स्कूलों को 8 जून तक बच्चों के लिए बंद करने की घोषणा की गई है। शाहीन बाग के सीएए विरोधी आंदोलन से चर्चा में आए शरजील इमाम को लंबे समय के बाद हाई कोर्ट से जमानत मिली है। शिक्षक भर्ती परीक्षा के तीसरे चरण पर फिलहाल हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान पर विवाद खड़ा हो गया है जिसमें उन्होंने कहा कि गांधी फिल्म बनने से पहले महात्मा गांधी को कम ही लोग जानते थे। आज के अखबारों की यह प्रमुख खबरें हैं।

प्रभात खबर की सबसे बड़ी सुर्खी है: 389 विद्यार्थी बेहोश, 8 लोगों की मौत, सीएम के आदेश पर आठ तक स्कूल बंद। भास्कर की पहली खबर है: 19 जिलों में गर्मी से 350 से अधिक बच्चे हुए बेहोश। जागरण की मेन हेडलाइन है: गर्मी से 14 लोगों ने दम तोड़ा, 337 बच्चे बीमार। हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर के अनुसार भीषण गर्मी को देखते हुए राज्य के सभी सरकारी-निजी स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र और कोचिंग संस्थानों में 30 मई से आठ जून तक शिक्षण कार्य नहीं होंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने सभी डीएम को यह आदेश जारी किया है। मुख्य सचिव ने बुधवार को शिक्षा विभाग और समाज कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव को भी इस संबंध में पत्र भेजा है। वहीं, विभाग ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे 8 तक स्कूलों में प्रशासनिक आदि कार्यों के लिए अपने स्तर से दिशा-निर्देश जारी करेंगे।

गर्मी से सैकड़ों बीमार, 14 की मौत

बिहार में बढ़ते तापमान और हीट वेव की वजह से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कुछ हिस्सों में तापमान 48 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो गया। बुधवार को राज्य में औरंगाबाद में सर्वाधिक 48.2 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। बुधवार को राजभर में लू लगने से बिहार पुलिस के एक दारोगा व अरुणाचल प्रदेश के एक हवलदार समेत 14 लोगों की मौत होने की सूचना है। इसके अलावा लगभग 350 बच्चे स्कूलों में गर्मी से बीमार हो गए।

शरजील इमाम को ज़मानत

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को जहानाबाद के शरजील इमाम को देशद्रोह और गैरकानूनी गतिविधियों के मामले में जमानत दे दी। इमाम ने निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें बेल से इनकार कर दिया गया था। शरजील ने अपील की थी, दोषसिद्धि की स्थिति में अधिकतम सजा की आधी से अधिक अवधि वह जेल में काट चुके हैं। ऐसे में उन्हें जमानत दी जाए। इमाम 2020 के दिल्ली दंगों से जुड़े कई मामलों में आरोपी हैं। ऐसे में जमानत मिलने के बाद भी उन्हें जेल में रहना होगा।

गांधी को फ़िल्म से पहले दुनिया कम जानती थी: मोदी

जागरण के अनुसार कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान पर तीखा हमला किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि फिल्म गांधी बनने तक दुनिया को महात्मा गांधी के बारे में नहीं पता चला था। कांग्रेस का कहना है कि उनके आदर्शवादी पूर्वजों का भी नाम महात्मा की हत्या में आया था। “जो उनकी हत्या में शामिल थे वह कभी भी महात्मा के पथ पर नहीं चल सकते।” कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को एक पर हिंदी में की गई पोस्ट में कहा, “आदर्शवादी पूर्वजों ने नाथूराम गोडसे के साथ मिलकर महात्मा गांधी की हत्या की थी, वह बापू के बताए सत्य के मार्ग पर कभी नहीं चल पाएंगे। उनका यह झूठ अब उनका बोरिया बिस्तर समेट कर उन्हें चलता करने वाला है।” कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा, केवल संपूर्ण राजनीति शास्त्र के छात्र को ही महात्मा गांधी को जानने के लिए फिल्म देखने की जरूरत होगी।

ज़मीन के बदले नौकरी: सीबीआई 7 जून तक दे चार्जशीट

जागरण की दूसरी सबसे बड़ी सुर्खी है: नौकरी के बदले जमीन घोटाले में सात तक आरोप पत्र दाखिल करने का आदेश। रेलवे में नौकरी के बदले जमीन के कथित घोटाले से जुड़े मामले में रोज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई को फटकार लगाते हुए आगामी 7 जून तक अंतिम आरोप पत्र दाखिल करने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई भी उसी दिन होगी। इस मामले में पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्य भी आरोपित हैं।

रेमल से नॉर्थ ईस्ट में 43 मौत

भास्कर के अनुसार नॉर्थ ईस्ट के 6 राज्यों में रेमल तूफान के बाद आई बाढ़ से बुधवार तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है। मणिपुर में लगातार बारिश से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। यहां की अधिकतम नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं। इंफाल में बाढ़ है और वहां 31 मई तक स्कूल बंद करने की घोषणा की गई है। मेघालय के चेरापूंजी में 48 घंटे में 35 इंच बारिश दर्ज की गई है। सिक्किम में तीस्ता नदी में तूफान है और इसके कारण कई इलाके खाली कराए गए हैं। असम में बाढ़ से चार लोगों की मौत हो चुकी है और 30 से ज्यादा गांव डूब गए हैं।

कुछ और सुर्खियां

  • मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में एक व्यक्ति ने परिवार के आठ लोगों की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या की, मारने वाले का शव पेड़ पर लटका मिला।
  • बिहार में भीषण गर्मी और हीट वेव (लू) के मद्देनजर सभी अस्पतालों को अलर्ट रहने का आदेश
  • अंतरिम जमानत एक सप्ताह के लिए बढ़ाने की अरविंद केजरीवाल की अर्जी सूचीबद्ध नहीं हुई, 2 जून को करना होगा सरेंडर
  • बिहार के मेडिकल कॉलेज में शिक्षकों की 75% हाज़िरी जरूरी
  • मोबाइल फोन से टेली मार्केटिंग मैसेज किया तो कट जाएगा कनेक्शन
  • बीमा कंपनियों को कैशलेस इलाज का अनुरोध मिलने पर 1 घंटे में फैसला लेना होगा

अनछपी: इसमें कोई दो राय नहीं के बिहार का जो विभाग सबसे चर्चित रहता है वह शिक्षा विभाग है। और इस चर्चा की वजह है शिक्षा विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी केके पाठक के काम करने का ढंग। विपक्षी दल के नेता केके पाठक पर हमले करते ही हैं, जो पार्टियां सरकार में हैं, वह भी केके पाठक की आलोचना से नहीं चूकतीं लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का समर्थन होने के कारण केके पाठक अब तक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव बने हुए हैं। यह बात भी है कि कुछ ही दिनों के बाद केके पाठक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने वाले हैं। केके पाठक पर ताजा हमले का कारण यह है कि सरकारी स्कूल चालू रहने के कारण वहां पहुंचे बच्चे बीमार पड़ रहे थे और यह मांग की जा रही थी कि स्कूलों को बंद कर दिया जाए। शिक्षा विभाग ने स्कूल बंद करने की बजाय स्कूल का समय घटा दिया लेकिन इससे उसकी आलोचना बंद नहीं हुई। याद रखने की बात है कि बिहार सरकार के स्कूलों में अप्रैल-मई में गर्मी की छुट्टी दी गई थी हालांकि शिक्षकों के लिए और कमजोर बच्चों के लिए स्कूलों को खुला रखा गया था। इसमें कोई शक नहीं कि गर्मी से परेशानी है लेकिन इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि गर्मी के कारण काम बंद नहीं होता और आम लोगों को छुट्टी नहीं मिलती। अक्सर लोग बिना एसी में और बहुत से लोग खुले में काम करते हैं। यह बात भी ध्यान में रखने की है कि अगर बच्चे घर पर रहते हैं तब भी गर्मी के कारण बीमार पड़ सकते हैं। स्कूलों में गर्मी के अलावा जाड़े में भी छुट्टियां दी जाती हैं और यह बात अपनी जगह सही है कि ज्यादा छुट्टियां मिलने से पढ़ाई प्रभावित होती है। ऐसे में यह जरूरी मालूम होता है कि स्कूल बंद करने के बदले स्कूलों को इस तरह बनाया जाए कि वहां गर्मी और जाड़े में भी बच्चे पढ़ सकें। स्कूल पहुंच कर बीमार पड़ने वाले कई बच्चों के बारे में यह बात सामने आई है कि वह खाली पेट स्कूल गए थे और पानी नहीं पीने के कारण वह बीमार पड़े। इसलिए गर्मी से बचने के लिए जागरुकता और तेज करने की जरूरत है। 8 जून के बाद जब स्कूल खुलेंगे तब भी गर्मी कम नहीं रहेगी तो क्या उसके बाद भी स्कूलों को बंद किया जाएगा? स्कूलों को बंद करने का फैसला बेहद सोच समझ कर करने की जरूरत है।

 1,283 total views

Share Now