छपी-अनछपी: नगरपालिका संशोधन क़ानून का भारी विरोध, हमास प्रमुख इस्माइल हनिया की हत्या

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार में लाए गए नगरपालिका संशोधन विधेयक का नगर निकाय के अध्यक्षों ने भारी विरोध किया है। हमास के लीडर इस्माइल हनिया की ईरान में हत्या कर दी गई है। सुपौल में नर्सरी के छात्र ने तीसरी क्लास के छात्र को गोली मार दी। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है।

आज के अखबारों की यह अहम खबरें हैं।

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर के अनुसार बिहार नगरपालिका संशोधन विधेयक के बाद नगर निकायों की स्वायत्ता पर सरकार और मुख्य पार्षद महासंघ में ठन गई है। नगर विकास मंत्री नितिन नवीन ने कहा है कि निकायों की स्वायत्तता कम नहीं होने दी जाएगी। वहीं, बिहार राज्य मुख्य पार्षद महासंघ ने मंत्री के साथ हुई वार्ता को विफल बताते हुए अधिकारों की लड़ाई जारी रखने का ऐलान किया है। सभा के दौरान पटना मेयर सीता साहू ने कहा कि इसके खिलाफ हमारी लड़ाई सड़क पर धरना- प्रदर्शन करने के साथ न्यायालय में भी कानून को रद्द करने के लिए चुनौती दी जाएगी। बिहियां नगर परिषद के मुख्य पार्षद सचिन कुमार गुप्ता ने कहा कि कानून को किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने दिया जाएगा। मुंगेर नगर निगम की मेयर कुमकुम देवी और मुजफ्फरपुर नगर परिषद की मेयर निर्मला साहू ने कहा कि नगर अध्यक्ष के कार्यों एवं दायित्वों के निर्वहन में कार्यपालक पदाधिकारी अंदरूनी हस्तक्षेप एवं प्रस्ताव को मनमाने तरीक से सुविधानुसार लागू कराना बंद करे।

हनिया की हत्या

जागरण के अनुसार ग़ज़ा पट्टी में प्रभावशाली हमास के सर्वोच्च नेता इस्माइल हनिया की बुधवार तड़के ईरान की राजधानी तेहरान में हत्या कर दी गई। 62 वर्षीय हनिया राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए ईरान आए थे। इसी दौरान जब वह अपने ठहरने के स्थान पर आराम कर रहे थे तभी मिसाइल हमले में उनकी हत्या कर दी गई। हमले में एक अंगरक्षक भी मारा गया है। इस हमले की जिम्मेदारी फिलहाल किसी ने नहीं ली है लेकिन शक इसराइल पर है। इसराइल ने हनिया की मौत पर कोई प्रतिक्रिया नहीं की है लेकिन इसराइल के विरासती मामलों के मंत्री अमिचय एलीयाहू ने हत्या पर खुशी जाहिर की है। हमास प्रमुख की हत्या से पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ाने की आशंका है। साथ ही ग़जा में युद्ध विराम के प्रयासों को झटका लगने के आसार हैं। रूस, चीन, तुर्किये, इराक और कतर ने हनिया की हत्या की निंदा की है। ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई ने कहा कि हमला ईरान में हुआ है, इसलिए जवाब देने की जिम्मेदारी भी ईरान की है। हनिया की मौत पर ईरान में 3 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है।

नर्सरी के छात्र ने तीसरी के छात्र को गोली मारी

भास्कर के अनुसार सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज में सेंट जॉन बोर्डिंग स्कूल में एलकेजी के छात्र ने तीसरी कक्षा के छात्र को गोली मार दी। गोली छात्र की बाईं हथेली पर लगी। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां वह खतरे से बाहर है। बुधवार सुबह 7:30 बजे तीसरी कक्षा का छात्र आसिफ प्रार्थना के बाद कक्षा में लौटा था तभी एलजी का 7 वर्ष का छात्र कक्षा में आया और 11 वर्ष के आसिफ पर गोली चला दी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक फायरिंग से पिस्तौल झुक गई थी, इसलिए आसिफ बच गया। फायरिंग की आवाज सुनकर आसपास के लोग जमा हो गए और उन्होंने घटना की जानकारी पुलिस को दी। आरोपी छात्र स्कूल के पूर्व गार्ड का बेटा है। डीएसपी विपिन कुमार ने बताया कि आरोपी छात्र बैग में पिस्टल लाया था। पीड़ित और आरोपी परिवार पड़ोसी हैं। स्कूल के संचालक संतोष झा को हिरासत में ले लिया गया है।

पीएम मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस

हिन्दुस्तान के अनुसार कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। पार्टी सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने प्रधानमंत्री के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को यह नोटिस दिया। चन्नी का आरोप है कि प्रधानमंत्री ने पूर्व मंत्री अनुराग ठाकुर का वह वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसके कुछ अंश सदन की कार्यवाही से हटा दिए गए थे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपे नोटिस में चन्नी ने प्रस्ताव स्वीकार करने का आग्रह करते हुए इसे सदन में लाने की अनुमति देने की मांग की। दरअसल, अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में बजट पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर तीखे प्रहार किए थे। ठाकुर ने कहा था कि जिसकी जाति का पता नहीं, वह गणना की बात करता है। विपक्ष ने इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया जताई थी। राहुल गांधी ने कहा था कि पूर्व केंद्रीय मंत्री ने मेरा अपमान किया। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी आपत्ति जताई थी। इसके बाद ठाकुर के भाषण के कुछ अंश कार्यवाही से हटा दिए गए। बाद में प्रधानमंत्री ने अनुराग ठाकुर के भाषण को सोशल मीडिया मंच पर साझा करते हुए कहा था कि इसे अवश्य सुनना चाहिए। पार्टी नेता जयराम रमेश ने सोशल साइट एक्स पर पोस्ट कर कहा कि अनुराग ठाकुर के जिस भाषण को प्रधानमंत्री सुनने वाला बता रहे हैं, उसमें कई अपमानजनक और असंवैधानिक बातें हैं।

जेवीएल एग्रो की 814 करोड़ की संपत्ति जब्त

प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर के अनुसार ईडी ने वनस्पति और सीमेंट बनाने वाली कंपनी जीवीएल एग्रो की 814 करोड़ की संपत्ति जब्त की है। ईडी के अनुसार जेवीएल एग्रो की बिहार के रोहतास के अलावा यूपी और दिल्ली के पालम एरिया तथा महाराष्ट्र के रायगढ़ में स्थित 521 एकड़ जमीन पर जेवीएल इंफ्रा हाई लिमिटेड, जेवीएल मेगा फूड पार्क लिमिटेड, जेवीएल सीमेंट लिमिटेड और प्रीमियम प्रेशर वेसेल्स नाम की संपत्ति ज़ब्त की गई है। इन सभी कंपनियों के मालिक सत्यनारायण झुनझुनवाला और आदर्श झुनझुनवाला हैं। झुनझुनवाला परिवार भागलपुर का रहने वाला है।

कुछ और सुर्खियां

  • बिहार विधानसभा की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी पशुपति कुमार पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी
  • झारखंड विधानसभा में धरने पर बैठे भाजपा विधायक को मार्शलों ने निकाला बाहर
  • आईएएस अधिकारी संजीव हंस के साले और सीए के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी
  • प्रीती सूदन बनीं यूपीएससी की नई अध्यक्ष
  • भारत के पूर्व टेस्ट क्रिकेटर अंशुमन गायकवाड़ का निधन
  • वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 7 करोड़ इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल किए गए
  • ट्रेनी आईएएस ऑफिसर पूजा खेडकर का यूपीएससी ने चयन रद्द किया

अनछपी: हमास के सर्वोच्च नेता इस्माइल हनिया की तेहरान में की गई हत्या के बाद अक्सर लोग यह मान रहे हैं कि यह इसराइल की हरकत है लेकिन यह बात भी अपनी जगह सच है कि ईरान दरअसल ऐसे हमलों को रोकने में नाकाम रह रहा है। इसमें कोई दो राय नहीं कि इस्माइल हनिया इसराइल के निशाने पर थे लेकिन उनकी हत्या तेहरान की इतनी सुरक्षित जगह में कैसे हुई, इसका शायद ही पता चल पाए। ईरान ने यह जरूर कहा है कि उनके प्रिय मेहमान की हत्या का बदला लिया जाएगा लेकिन वह इससे पहले भी अपने कई नेताओं की हत्या का बदला लेने की बात कर चुका है। इसके बावजूद इस तरह की कार्रवाई रुक नहीं रही है। इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती कि ईरान की शीर्ष एजेंसियों में ऐसे लोग मौजूद हैं जो ईरान के दोस्तों के दुश्मन हैं या ईरान के दोस्तों के दुश्मनों से मिले हुए हैं। इस्माइल हनिया की हत्या से हमास को झटका जरूर लगा है लेकिन वह इस तरह के झटकों को पहले भी झेल कर उबर चुका है। अगर यह मान भी लिया जाए कि इसराइल ने ही हत्या कराई है तो भी ईरान से यह सवाल तो हो ही सकता है कि आखिर उसकी सुरक्षा व्यवस्था किस काम की है। हमास और उस जैसे दूसरे संगठनों के लिए भी यह संदेश है कि उनका ईरान में सुरक्षित ठिकाना नहीं है। लेकिन क्या इस्माइल हनिया की मौत के बाद फलस्तीन से इसराइल को किसी प्रतिरोध का सामना नहीं करना पड़ेगा? यह बात इसराइल भी समझ रहा होगा कि किसी एक व्यक्ति के न रहने से फलस्तीन का प्रतिरोध खत्म नहीं होगा। इस मौके पर भारत की नीति की चर्चा करना भी जरूरी है क्योंकि भारत हमेशा से फलस्तीन की आजादी का समर्थक रहा है लेकिन यह सच्चाई भी अपनी जगह है कि उसके राजनयिक संबंध इसराइल से हैं और उसे मजबूत करने पर बल दिया जाता है। इस नाजुक मोड़ पर अगर भारत इसराइल को यह समझने में कामयाब रहे कि क्षेत्र की शांति इसी बात में है कि फलस्तीन को भी आजादी दी जाए और वहां के नागरिकों के मानव अधिकारों की रक्षा की जाए तो काफी बेहतर होगा।

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