छपी-अनछपी: बिहारशरीफ में वाट्सऐप ग्रुप बनाकर फैलाई गई नफरत व हिंसा, 64 हज़ार युवाओं को मिलेगी ट्रेनिंग

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहारशरीफ में हिंसा फैलाने में व्हाट्सऐप ग्रुप ने भी खतरनाक भूमिका निभाई है। यह अहम खबर कहीं पहले तो कहीं अंदर के पेज पर है। अल्पसंख्यक वर्ग के 64 हज़ार युवाओं को स्किल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग दी जाएगी, आज की अहम खबरों में  है। झारखंड के कुड़मी आंदोलन वापस लिये जाने से ट्रेनों का चलना कुछ नॉर्मल हुआ है, यह खबर भी पहले पेज पर है।

“व्हाट्सऐप ग्रुप बनाकर फैलाया गया उन्माद”, यह जागरण की सबसे बड़ी सुर्खी है। भास्कर में इससे जुड़ी खबर में लिखा गया है: फेक व हेट न्यूज़ के जरिए नालंदा में फैलाई गई हिंसा, पांच गिरफ्तार। जागरण के अनुसार नालंदा जिले के बिहारशरीफ में शोभायात्रा के दौरान एवं इसके बाद हुई हिंसा की घटना में आर्थिक अपराध इकाई की विशेष टीम भी जांच कर रही है। जांच में ईओयू को कई डिजिटल साक्षात लगे हैं। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद पटना में भी एक केस दर्ज किया गया है जिसमें 15 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है। एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि बिहारशरीफ हिंसा मामले में पहले 15 केस में 271 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था। इनमें 40 को गिरफ्तार किया गया जिसमें 100 नामजद और 40 नामजद है। जांच में यह बात सामने आई कि एक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया गया था जिसमें 456 लोग जुड़े हैं। इसके दो एडमिन हैं- एक कुंदन कुमार और दूसरा कृष्ण कुमार। एडमिन के साथ 14 सदस्यों के नाम सामने आए हैं जिनकी भूमिका भड़काऊ कंटेंट पोस्ट करने में मिली।

हिन्दुस्तान ने इस खबर को अंदर धकेल दिया है। इसकी सुर्खी है: उन्माद फैलाने में सोशल मीडिया की रही भूमिका। बिहारशरीफ में रामनवमी के मौके पर उन्माद फैलाने के लिए सुनियोजित साजिश की गई थी। पूरे मामले की सघन जांच आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) से कराई गई, जिसमें इससे जुड़े कई तथ्य उजागर हुए हैं। यह जानकारी एडीजी (मुख्यालय) जितेंद्र सिंह गंगवार ने रविवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में दी। एडीजी ने कहा कि साइबर स्पेस पर उन्माद फैलाने में कई तरह के पोस्ट की अहम भूमिका रही है। हालांकि बाद में इंटरनेट सेवा को बंद करने से स्थिति को नियंत्रित करने में काफी हद तक सहायता मिली।

पांच गिरफ्तार

उन्माद फैलाने से जुड़े मामले में ईओयू ने दो एफआईआर दर्ज कर 15 नामजद और 140 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इसमें अब तक पांच अभियुक्तों मनीष कुमार, तुषार कुमार तांती, धर्मेंद्र मेहता, भूपेंद्र सिंह राणा उर्फ चंदन सिंह और निरंजन पांडेय को गिरफ्तार किया गया है। दो अन्य अभियुक्तों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। इनके पास से 5 मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं, जिनका प्रयोग सोशल मीडिया पर कंटेंट अपलोड करने के लिए किया गया था।

ट्रेनों का चलना नॉर्मल हो रहा

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: राहत: कुड़मी आंदोलन से रद्द कई ट्रेनें पटरी पर लौटीं। झारखंड में पांचवें दिन रविवार को कुड़मी समाज के आंदोलन वापसी के बाद ट्रेनों के पुनर्बहाल होने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। लेकिन, भारी गर्मी में ट्रेनें बाधित होने से रेलयात्रियों की फजीहत बरकरार है। रविवार को पटना रांची जनशताब्दी, राजेन्द्रनगर दुर्ग, आरा रांची, वनांचल एक्सप्रेस समेत दर्जन भर से अधिक ट्रेनें दोनों छोर से रद्द रहीं, जिससे यात्रियों को दिनभर भागदौड़ करनी पड़ी। पूमरे के सीपीआरओ वीरेन्द्र कुमार ने बताया कि रद्द ट्रेनों का परिचालन धीरे-धीरे बहाल किया जा रहा है। फिलहाल आठ ट्रेनों को पुनर्बहाल किया गया है।

64 हज़ार को मिलेगी ट्रेनिंग

जागरण की अहम खबर है: 64 हज़ार युवाओं को मिलेगा कौशल विकास प्रशिक्षण। अख़बार लिखता है कि राज्य में अल्पसंख्यक वर्ग के 64000 युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की ओर से कार्य योजना बनाई गई है। साथ ही, अल्पसंख्यक वर्ग की स्नातक पास तीन हजार लड़कियों को निशुल्क कोचिंग देकर विभिन्न सिविल सेवा की प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कराई जाएगी। इसके लिए अगले सप्ताह अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने सभी 38 जिलों के नोडल अफसरों की बैठक बुलाई है।

कितने बाघ

जागरण की दूसरी सबसे बड़ी सुरती है 4 साल में बढ़े 20 बाघ, मोदी बोले- यह गर्व का पल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को बाघों की संख्या का नया आंकड़ा जारी किया। इसके अनुसार, वर्ष 2022 में बाघों की संख्या बढ़कर 3,167 हो गई है। वर्ष 2018 में यह संख्या 2,967 थी। प्रधानमंत्री ने कहा, यह गर्व की बात है कि एक तरफ हमने आजादी के 75 वर्ष पूरे किए और आज भारत में दुनिया की 75 फीसदी (तीन चौथाई) बाघ आबादी है। वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फंड के अनुसार, दुनियाभर में 3890 बाघ हैं।

कुछ और सुर्खियां

  • पीएफआई के दो भगोड़े पर इनाम की घोषणा जल्द
  • राजद के इफ्तार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत छोटे महागठबंधन के नेता
  • जमशेदपुर में दो पक्षों में पथराव और फायरिंग
  • डुमरांव स्टेशन पर मालगाड़ी बेपटरी हुई, लगभग 4 घंटे बंद रही ट्रेनों की आवाजाही
  • अपनी ही सरकार के विरुद्ध कल जयपुर में अनशन करेंगे सचिन पायलट
  • बिहार में 3 दिन बाद बढ़ेगी गर्मी, 40 डिग्री पर जाएगा पारा
  • सिक्सर किंग रिंकू…आखिरी 5 बॉल में 5 छक्के लगाकर गुजरात से छीनी जीत
  • भागलपुर में खुलेगी बिहार की पहली बैडमिंटन अकादमी
  • चिराग पासवान का नाम सुनते ही भड़क गए पशुपति पारस, कहा- वह मेरा भतीजा नहीं है, उसके बारे में उसे नहीं पूछिए
  • करोना की नई लहर का खतरा: डब्ल्यूएचओ

अनछपी: अल्पसंख्यक युवाओं को स्किल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग देने की खबर बहुत राहत देने वाली है और जरूरत इस बात की है कि इस मौके का फायदा उठाया जाए। यह बात भी साफ नहीं कि इतने युवाओं को कितने समय में ट्रेनिंग मिलेगी। अगर हर साल इतने युवाओं को ट्रेनिंग मिलती है तो संतोष की बात है लेकिन अगर यह लक्ष्य पांच साल का है तो बहुत ही कम है। आबादी के लिहाज से 64000 अल्पसंख्यकों को ट्रेनिंग देना कोई बड़ी संख्या नहीं होती लेकिन जब कहीं कुछ नजर नहीं आता हो तो ऐसे में यह पहल निश्चित रूप से स्वागत के योग्य है। यह कहा जा सकता है कि इस संख्या को बढ़ाया जाए लेकिन फिलहाल जरूरत इस बात की है कि इस मौके के बारे में युवाओं को बताया जाए। इस बारे में जो खबर दी गई है उसमें यह डिटेल नहीं है कि किस-किस फील्ड में स्किल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग दी जाएगी। उम्मीद की जानी चाहिए कि यह सभी फील्ड रोजगार से जुड़े होंगे और स्किल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग लेने के बाद युवा अपने पैरों पर खड़े होने के लायक बनेंगे। ट्रेनिंग का शेड्यूल तैयार करने वाले लोगों को भी यह ध्यान रखना होगा कि ट्रेनिंग के बाद ट्रेनिंग लेने वाले कहीं रोजगार पाने लायक बन सकें। यह बात भी ध्यान देने लायक है कि जो ट्रेनिंग दी जाए वह सही हो और इसकी सिर्फ खानापूर्ति नहीं की जाए। कई बार युवा ऐसी ट्रेनिंग में इसलिए शामिल नहीं होना चाहते कि उनका सिर्फ वक्त जाया होता है और वह कुछ सीख नहीं पाते। जिन युवाओं को ऐसी ट्रेनिंग की जरूरत है या जिनके घर के लोग चाहते हैं कि उनके युवा को ऐसी ट्रेनिंग मिले उनके लिए जरूरी है कि इसके बारे में जानकारी पर नजर बनाए रखें।

 

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