छ्पी-अनछपी: ट्रंप ने दुनिया को बताया- सीज़फायर, बिहार समेत 8 राज्यों में सीबीआई के छापे
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया को भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की पहली जानकारी दी लेकिन इस बात को नजरअंदाज करते हुए आज के अखबारों की पहली खबर यह है कि पाकिस्तान ने संघर्ष विराम को तोड़ा है। फर्जी दस्तावेज पर फोन सिम बेचने के खिलाफ सीबीआई ने बिहार समेत 8 राज्यों में छापेमारी की है। भारत ने कहा है कि किसी भी आतंकी हमले को युद्ध माना जाएगा। जम्मू में पाकिस्तानी गोलाबारी में सारण के बीएसएफ जवान इम्तियाज अहमद की जान चली गई। भारतीय जनता पार्टी के एक वीडियो पर आपत्ति जताते हुए कांग्रेस ने पूछा है कि क्या आतंक पर राजनीति का वक्त आ गया है।
और, जानिएगा कि साइबर अपराधी कैसे फर्जी वेबसाइट से चुरा रहे हैं डेटा।
पहली ख़बर
अखबारों के पटना संस्करण में सीज़फायर की जानकारी दब गई है और इसके उल्लंघन की खबर को ही सबसे बड़ी सुर्खी बनाया गया है। इसलिए हमने हिन्दुस्तान के गोपालगंज संस्करण से यह खबर ली है जिसके अनुसार चार दिन तक चली तनातनी और संघर्ष के बाद भारत-पाकिस्तान शनिवार की शाम संघर्ष विराम पर सहमत हो गए। शाम पांच बजे से इसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक ने शनिवार को शाम 3:35 बजे भारत के डीजीएमओ को फोन किया। उनके बीच यह सहमति बनी कि दोनों पक्ष आज शाम पांच बजे से भूमि वायु और समुद्र में सभी प्रकार की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद कर देंगे। दोनों पक्षों को इसे लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। यह निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। दोनों देशों की सेनाओं को इस बारे में निर्देश जारी कर दिए गए हैं। दोनों देशों के डीजीएमओ 12 मई को 12 बजे इस मुद्दे पर आगे की वार्ता करेंगे।
ट्रंप ने किया पहला एलान
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम का ऐलान करते हुए दोनों देशों को बधाई दी थी। उसके बाद पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इसहाक़ डार ने भी संघर्ष विराम की घोषणा को दोहराया। बाद में भारत की तरफ से विदेश सचिव मिस्री ने यह ऐलान किया।
सीज़फायर तोड़ने का इल्ज़ाम
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने शनिवार देर रात प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि समझौते के कुछ ही घंटों के भीतर पाकिस्तान की तरफ से इसका घोर उल्लंघन होने के बाद भारतीय सेना की ओर से गोलीबारी का भी मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है। मिस्री ने कहा, ‘पिछले कुछ घंटों से पाकिस्तान बार-बार सैन्य संचालन महानिदेशकों के बीच बनी सहमति का उल्लंघन कर रहा है। हमारे सशस्त्र बल इनका पर्याप्त और उचित जवाब दे रहे हैं। हम इन्हें बहुत गंभीरता से लेते हैं।’ उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान से इन उल्लंघनों को खत्म करने के लिए उचित कदम उठाने और स्थिति की गंभीरता और जिम्मेदारी के साथ निपटने की अपील करते हैं।
आतंकी हमला अब युद्ध माना जाएगा: केंद्र
जागरण के अनुसार केंद्र सरकार ने आतंकवाद से मुकाबला को लेकर ऐतिहासिक फैसला किया। इसके तहत अब आतंकी हमले को युद्ध माना जाएगा और उसी के मुताबिक जवाब दिया जाएगा। शनिवार को दोनों पक्षों की ओर से सीजफायर पर सहमति बनने से कुछ समय पहले केंद्र ने यह निर्णय लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने इस निर्णय के माध्यम से आतंकी घटनाओं के खिलाफ एक सख्त रेखा खींची है और यह स्पष्ट कर दिया है कि अगर पाकिस्तान से जुड़े आतंकी भारत को फिर निशाना बनाते हैं तो पहलगाम हमले के बाद की गई सैनिक कार्रवाई जैसी ही प्रतिक्रिया दी जाएगी।
पाकिस्तानी गोलाबारी में बीएसएफ जवान की जान गई
जम्मू जिले के आरएस पुरा इलाके में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की ओर से की गई फायरिंग में शनिवार को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज बलिदानी हो गए हैं। वह सारण जिले के गढ़खा प्रखंड के नारायणपुर बसंत जलाल गांव निवासी हामिद मियां के पुत्र हैं। सीमा पर पाकिस्तान की तरफ से गोलीबारी में आगे बढ़कर वीरता पूर्वक नेतृत्व करने के दौरान वह बलिदान हो गए। उनके बलिदान की खबर से गांव में शोक की लहर दौड़ पड़ी। रविवार की शाम तक उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचने की सूचना है। बताया जाता है कि सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज के परिवारवाले दिल्ली में रहते हैं। वे सभी जम्मू कश्मीर के लिए रवाना हो गए हैं।
फर्जी दस्तावेज पर सिम बिक्री के खिलाफ सीबीआई की बड़ी छापेमारी
हिन्दुस्तान के अनुसार कई टेलीकॉम ऑपरेटरों के प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) पर फर्जी दस्तावेज के माध्यम से सिम कार्ड की डिलिवरी हो रही है। इन सिम का इस्तेमाल साइबर अपराध में किया जा रहा है। शनिवार को सीबीआई के ऑपरेशन चक्र के तहत बिहार सहित आठ राज्यों में डिजिटल अरेस्ट व साइबर अपराध के विरुद्ध की गयी कार्रवाई में यह जानकारी सामने आयी है। पटना सहित सीमावर्ती जिलों में टेलीकॉम एजेंटों के परिसरों में जांच की सूचना है, लेकिन सीबीआई ने इसकी पुष्टि नहीं की है। सूत्रों के मुताबिक सीबीआई की अबतक हुई जांच में सामने आया है कि कुछ टेलीकॉम एजेंट साइबर अपराधियों से मिलकर फर्जी दस्तावाजों के आधार पर सिम कार्ड जारी कर रहे थे।
कांग्रेस ने बीजेपी से पूछा, क्या आतंक पर राजनीति का वक्त आ गया?
हिन्दुस्तान के अनुसार भाजपा के पूर्व की यूपीए सरकार पर निष्क्रियता से काम करने के आरोपों पर पलटवार किया है। पार्टी ने सवाल किया है कि भाजपा को यह साफ करना चाहिए कि क्या एकता का संदेश देने के बजाय आतंकवाद के मुद्दे पर राजनीति करने का समय आ गया है। भाजपा ने पाकिस्तान से निपटने में यूपीए सरकार के दृष्टिकोण को लेकर निशाना साधा है। भाजपा ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि दुश्मनों के लिए संदेश जोरदार और स्पष्ट है। हमारे साथ खिलवाड़ मत करो। यूपीए सरकार की निष्क्रियता के विपरीत, नए भारत के पास व्यर्थ शांति वार्ता के लिए कोई धैर्य नहीं है। सत्तारूढ़ भाजपा ने एक वीडियो जारी कर कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दौरान आतंकवादी हमलों के बाद बातचीत हुई थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तहत यह बदल गया है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने इस पोस्ट पर भाजपा को घेरते हुए कहा कि क्या अब हमें राजनीति करनी है।
फर्जी वेबसाइट से साइबर अपराधी चुरा रहे हैं डेटा
जागरण के अनुसार साइबर अपराधी पटना हाई कोर्ट समेत बिहार सरकार के विभागों से जुड़ी फर्जी वेबसाइट बनाकर निजी जानकारी और डेटा चुरा रहे हैं। गृह विभाग ने आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) को पत्र लिखकर ऐसी फर्जी वेबसाइट को बंद करने का निर्देश दिया है। ईओयू ने इस बाबत जांच शुरू भी कर दी है। गृह विभाग ने अपने पत्र में कहा है कि पटना हाई कोर्ट और बिहार सरकार के नाम से कई फर्जी वेबसाइट संचालित हैं जो सरकारी भर्ती रिजल्ट और कर्मचारियों के लोगों पोर्टल के नाम पर नहीं जानकारी और बैंक डेटा चुराने का काम कर रही हैं। ईओ के अनुसार सरकार से जुड़ी फर्जी वेबसाइट के डोमेन की जांच की जा रही है। यह डोमेन कैसे और किस तरह हासिल हुआ यह भी जानता जा रहा है। इन वेबसाइट का एक्सेस रोक दिया गया है।
कुछ और सुर्खियां:
- जहानाबाद के कड़ौना में बारातियों से भरी बस ट्रक से टकराई, तीन की मौत
- बिहार के सभी विधानसभा क्षेत्रों में जातीय सम्मेलन करेगी भारतीय जनता पार्टी
- पटना के नौबतपुर में बनेगा इंडस्ट्रियल पार्क, एक लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद
- केंद्र सरकार ने मीडिया चैनलों को हवाई हमले के सायरन की आवाज का इस्तेमाल नहीं करने की हिदायत दी
- बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाया
अनछपी: इस बात को समझना मुश्किल है कि आखिर अखबारों ने भारत पाकिस्तान के सीजफायर की खबर को अहमियत ना देते हुए छोटे मोटे उल्लंघन को क्यों अहमियत दी। यह सही है कि भारत के विदेश मंत्री ने भी इस उल्लंघन की चर्चा की है लेकिन इस सीजफायर के सबसे बड़े किरदार डोनाल्ड ट्रंप की बात को बिल्कुल दबा देना किस बात की ओर इशारा करता है? अखबारों की शायद कोशिश यह है कि जो लोग यह सवाल कर रहे हैं कि सीजफायर की घोषणा सबसे पहले दूसरे देश के राष्ट्रपति ने क्यों की, इस सवाल को जनता के बीच से हटा दिया जाए। उम्मीद यह है कि आने वाले दिनों में मोदी सरकार इसका जवाब देगी लेकिन फिलहाल अखबारों ने इस कवरेज से बहुत निराश किया। यह जानना मुश्किल है कि यह किसी ऊपरी आदेश के तहत हुआ या संपादकों ने खुद से यह निर्णय लिया। जहां तक सीजफायर के उल्लंघन की बात है तो कुछ लोगों का कहना है कि जैसे कमान से निकले तीर को वापस नहीं किया जा सकता उसी तरह बहुत सारे ड्रोन ऐसे हैं जिनकी प्रोग्रामिंग पहले से की गई होती है उन्हें रोकना मुश्किल होता है। जैसे भारत में यह कहा जा रहा है कि पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन किया है, उसी तरह पाकिस्तान में यह आरोप भारत पर लग रहा है। मीडिया की जिम्मेदारी तो यह थी और अब भी है कि लोगों को सही जानकारी दें कि आखिर यह जानबूझकर किया गया उल्लंघन है या तकनीक की अपनी सीमाएं हैं जिसकी वजह से ऐसा हुआ है। लेकिन जो मीडिया उन्माद फैलाने में ही अपनी और एक खास पार्टी की भलाई समझता है उससे तो यह उम्मीद नहीं की जा सकती। यह जरूर है कि स्वतंत्र मीडिया को इस बारे में लोगों को जागरूक करना चाहिए। दरअसल इस सीजफायर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बहुत सारे व्यक्तिगत समर्थक भी निराश हुए हैं। अब उन्हें यह बात कौन समझाए कि भड़काऊ भाषण देना नेताओं का काम है लेकिन रक्षा, कूटनीति और विदेश विभाग संभालने वाले अधिकारी हालात का सही आकलन कर फैसला लेते हैं। भारतीय जनता पार्टी युद्ध के इस उन्माद को बिहार चुनाव में इस्तेमाल करने की कोशिश जरूर करेगी लेकिन उसके पीछे यह सवाल भी खड़ा रहेगा कि आखिर भारत ने डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता क्यों स्वीकार की। भारत ने आधिकारिक रूप से डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता की बात स्वीकार नहीं की है लेकिन बहुत से लोग ऐसा ही मानते हैं ।
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