छपी-अनछपी: दीपंकर बोले- बिहार में भी एनडीए को रोकेंगे, मलबे के बीच अडिग फलस्तीनियों का रोज़ा

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। भाकपा माले के महासचिव दीपंकर ने ऐलान किया कि झारखंड में एनडीए को रोकने के बाद बिहार में भी रोकेंगे। इसराइल की बमबारियों से पूरी तरह तबाह फलस्तीन के ग़ज़ा में पहले रोज़े की तस्वीर वायरल है। यूरोप ने ट्रंप के सामने दम दिखाने की कोशिश की है और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के लिए खजाना खोलने का ऐलान किया है

और, जानिएगा कि बेगूसराय में एक दारोगा को थाने से कार चोरी करने के इल्जाम में गिरफ्तार किया गया है।

हिन्दुस्तान के अनुसार भाकपा माले की ओर से गांधी मैदान में रविवार को आयोजित महाजुटान में बिहार में बदलाव का संकल्प लिया गया। पार्टी महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कार्यकर्ताओं से कहा कि गांव-गांव जाकर लोगों को प्रेरित करें। बिहार में 2025 में बदलाव जरूर होगा। हमने एकजुट होकर झारखंड में एनडीए को रोका है। बिहार के लोग भी भाजपा को रोकने में पीछे नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार को 20 साल का मौका दिया। “यह समय कम समय नहीं है। तब भी हत्याएं, लूट, गरीबों का दमन बंद नहीं हुआ है। दावा किया कि न्याय यात्रा में सर्वे के दौरान पता चला कि जनता ने बदलाव का मन बना लिया है।”

ग़ज़ा में मलबे के बीच रोज़ा

प्रभात खबर के अनुसार रमज़ान के पहले दिन शनिवार को फलस्तीनी लोगों ने इसराइली हमले में खंडहर बने घरों के बीच रोजा इफ्तार किया। सैकड़ों लोग शाम की ढलती रौशनी में ढह चुकी इमारतों के मलबे के बीच रोजा खोलने के लिए इकट्ठा हुए। एक रोजेदार मोहम्मद अबू अल जिदयान का कहना था कि हम यहां तबाही और मलबे के बीच है। “हम दर्द और घाव के बावजूद अडिग हैं। हम यहां अपनी जमीन पर इफ्तार कर रहे हैं और हम इस जगह को नहीं छोड़ेंगे।” शनिवार को इसराइल और हमास के बीच युद्ध विराम समझौते का पहला चरण खत्म हो गया। इस बीच इसराइल ने ग़ज़ा पट्टी में राहत सामग्री की आपूर्ति और सहायता पर रोक लगा दी है। हालांकि भास्कर ने लिखा है कि संघर्ष विराम के पहले चरण को रमजान तक बढ़ाया गया है। इससे हिंसा में थोड़ी राहत मिली है और खाद्य आपूर्ति में सुधार हुआ है।

ट्रंप के सामने यूरोप में दिखाया दम

भास्कर के अनुसार व्हाइट हाउस में ट्रंप-जेलेंस्की की चर्चित बहस के बाद यूरोप ने रविवार को एकजुटता दिखाई। यूक्रेन की सुरक्षा के लिए बुलाई गई लंदन समिट में सभी नेताओं ने कहा कि यूरोप अब अपनी सुरक्षा अपने बूते करेगा। ब्रिटेन के पीएम कीर स्टार्मर की पहल पर जुटे यूरोपीय नेताओं ने रक्षा बजट बढ़ाने पर सहमति जताई। एक बड़े घटनाक्रम में ब्रिटेन ने यूक्रेन को हथियारों की खरीद के लिए 40 हजार करोड़ रुपए की मदद की। साथ ही भरोसा दिलाया कि यूक्रेन को आगे भी मदद दी जाएगी। स्टार्मर ने यह भी कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए शांति प्रस्ताव बनाया जा रहा है। इसमें ब्रिटेन, फ्रांस व यूक्रेन को शामिल किया गया है। यह प्रस्ताव अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी भेजा जाएगा।

50 करोड़ आबादी वाले यूरोप की गुहार …

पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने कहा कि 50 करोड़ यूरोपीय 30 करोड़ अमेरिकियों से गुहार लगा रहे हैं कि 14 करोड़ रूसियों से हमारी रक्षा करो। “वह इसलिए नहीं कि हम आर्थिक तौर पर कमजोर हैं। क्योंकि हमें अपने आप पर भरोसा नहीं है। हमें अपनी क्षमता को पहचान कर आगे बढ़ना होगा।” टस्क ने कहा यूरोप रूसी राष्ट्रपति पुतिन के सामने सरेंडर नहीं करेगा।

ग्रेटर पटना बनेगा, 14 प्रखंड शामिल होंगे

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर के अनुसार पटना शहर के विस्तारीकरण और बढ़ती आबादी के अनुरूप नागरिक सुविधाएं विकसित करने के लिए ग्रेटर पटना प्राधिकरण बनेगा। प्राधिकरण में पटना के चार अनुमंडलों के 14 प्रखंडों को शामिल करने की योजना है। जिला प्रशासन की ओर से नगर विकास एवं आवास विभाग को प्राधिकरण के गठन का प्रस्ताव भेजा गया है। डीएम चंद्रशेखर सिंह ने रविवार को बताया कि ग्रेटर पटना में पटना सदर अनुमंडल के पटना सदर, संपतचक, फुलवारीशरीफ, पटना सिटी अनुमंडल के फतुहा, दनियावां, खुसरुपुर, मसौढ़ी अनुमंडल के मसौढ़ी पुनपुन, धनरूआ और दानापुर अनुमंडल के दानापुर, मनेर, बिहटा, नौबतपुर और बिक्रम शामिल होंगे। बाढ़ और पालीगंज अनुमंडल क्षेत्र को ग्रेटर पटना से अलग रखा गया है।

सेबी की पूर्व अध्यक्ष माधबी पर धोखाधड़ी का मुकदमा होगा

सेबी की पूर्व अध्यक्ष माधबी पुरी बुच की मुश्किलें बढ़ गई हैं। मुंबई की एक विशेष अदालत ने शेयर बाजार में कथित धोखाधड़ी और नियामक उल्लंघनों के आरोप में बुच और पांच अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को दिया है। अदालत खुद जांच की निगरानी करेगी और 30 दिन के भीतर स्थिति रिपोर्ट मांगी है।

थाने से कार चोरी के आरोप में दारोगा गिरफ्तार

प्रभात खबर के अनुसार बेगूसराय के मटिहानी थाना परिसर में जब्त कमांडर जीप को दारोगा, ड्राइवर और अन्य लोगों ने वहां से गायब कर दिया और उसकी जगह कबाड़ जीप लाकर खड़ी कर दी। जांच के बाद मामले का पता चला। इसके बाद दरोगा सुजीत कुमार के साथ मटिहानी निवासी मुकुंद कुमार सिंह, अमित कुमार और प्राइवेट ड्राइवर मोहम्मद जाकिर को गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में थानाध्यक्ष से स्पष्टीकरण मांगा गया है। 8 फरवरी को मटिहानी के बदलपुरा चौक के पास जीप की ठोकर से साइकिल सवार एक छात्रा की मौत हो गई थी। इस मामले में इस जीप को जब्त कर थाने में लगाया गया था। कार चोरी की यह घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी

कुछ और सुर्खियां:

  • चैंपियंस ट्रॉफी में भारत ने न्यूजीलैंड को 44 रनों से हराया, सेमीफाइनल में कल ऑस्ट्रेलिया से भिड़ंत
  • आज पेश होगा बिहार का बजट, 3.15 लाख करोड़ रुपए का हो सकता है आकार
  • उत्तराखंड के चमोली में लापता चार और मजदूरों की मौत, चार शव पहले मिले थे
  • पटना के श्री हरि ज्वेलर्स के यहां सर्वे में इनकम टैक्स ने 6 करोड़ की गड़बड़ी पकड़ी
  • बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी और उत्तराधिकारी पद से हटाया
  • लखीसराय जिले के कजरा में भारत का सबसे बड़ा बैटरी सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट तैयार हो रहा

अनछपी: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुशासन के दावे के बीच यह मानना कितना आसान होगा कि बिहार में पिछले 5 वर्षों में कम से कम 10 लाख अपराधियों का डेटाबेस तैयार हुआ है? इन 10 लाख अपराधियों का डेटाबेस बिहार के 1380 पुलिस थानों में तैयार किया गया है। यानी हर थाने पर लगभग 725 अपराधी हैं। इसके बारे में जो रिपोर्ट सामने आई है उससे यह पता नहीं चलता कि इन 10 लाख अपराधियों में कितने आम लोग हैं और कितने ऐसे लोग हैं जिनका पेशा ही अपराध है। इन आंकड़ों का पता सीसीटीएनएस यानी क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम से चला है। रिपोर्ट में बताया गया है कि इस सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए अब तक 12 लाख से अधिक एफआईआर दर्ज की गई है। अपराधियों का जो डेटाबेस तैयार किया गया है उसके बारे में बताया गया है कि यह चेहरे की पहचान और गिरोह के विश्लेषण के आधार पर तैयार हुआ है। इस आंकड़े से जहां यह पता चलता है कि बिहार में अपराध का क्या आलम है, इसी के साथ यह बात संतोष की लगती है कि अपराध को अब इस तरह वैज्ञानिक तरीके से देखा जा रहा है और कंप्यूटर के इस्तेमाल से चीजों को समझने की कोशिश की जा रही है। अपराधियों के वैज्ञानिक विश्लेषण को और बढ़ाने और पुलिस कर्मियों को इससे आगाह करने की कोशिश जारी रखनी चाहिए। इस तरह के विश्लेषण से पुलिस को अपराध नियंत्रण में काफी मदद मिल सकती है लेकिन एक बात याद रखने की होगी कि बिहार में अपराध नियंत्रण बहुत हद तक राजनीतिक हस्तक्षेप होने या ना होने पर निर्भर करता है। ऐसे उदाहरण आसानी से मिल सकते हैं जब एक ही व्यक्ति को सरकार बदलने पर अपराधी से निरपराधी घोषित किया जा सकता है। हमने यह भी देखा है कि किसी व्यक्ति को किसी अपराध में पकड़े जाने के बाद पार्टी बदलने पर पुलिस कैसे उसके खिलाफ सबूत नहीं देती और ऐसा आदमी अदालत से बरी हो जाता है। मोकामा के पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह के अलावा भी कई मामले हमारे सामने हैं। दूसरी अहम बात यह है कि पुलिस में भ्रष्टाचार को रोके बिना अपराध को नियंत्रित नहीं किया जा सकता चाहे जितना भी वैज्ञानिक अध्ययन कर लिया जाए। इन सब के बावजूद अपराध और अपराधकर्मियों का वैज्ञानिक विश्लेषण पुलिस की कामयाबी के लिए बेहद जरूरी है।

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