बिहार के मुसहर बच्चे पढ़ाई से दूर चूहे पकड़ने को मजबूर
बिहार के मुसहर बच्चे पढ़ाई से दूर चूहे पकड़ने को मजबूर
समी अहमद, बिहार लोक संवाद डाॅट नेट
बिहार में कोरोना काल में बच्चों की दुनिया में कितना अंतर है, इसका अंदाजा मुसहर बच्चों की जिंदगी से लगाया जा सकता है।
वैसे तो लाखों बच्चे पढ़ाई से इसलिए महरूम हैं कि उनके पास स्मार्टफोन या लैपटॉप नहीं। यहां तक कि घर में टीवी सेट भी नहीं। बहुत से गांव में समय पर बिजली भी नहीं मिलती। लेकिन उन बच्चों में भी मुसहर परिवार के बच्चों की हालत सबसे बदतर है।
आप जिन बच्चों को देख रहे वे पटना एम्स के पास के हैं। इस वक़्त जबकि लॉक डाउन में अधिकतर बच्चे घरों में ऑनलाइन पढ़ाई में व्यस्त हैं, ये चूहे पकड़ रहे हैं क्योंकि यह उनके आहार में शामिल है।
खेलने-खाने की उम्र में ये बच्चे इसलिए चुहे पकड़ रहे हैं क्योंकि उनके परिवार के लिए पढ़ाई से ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि किसी तरह पेट भरा जाए।
बिहार में 2011 कई जनगणना के हिसाब से मुसहर समुदाय की आबादी करीब ढाई लाख है। लेकिन उनकी साक्षरता दर काफी कम बताई जाती है।
सवाल यह है कि सरकार गिराने और बनाने के बारे में रणनीति बना रहे लोग इन बच्चों के बारे में कब सोचेंगे।
समी अहमद, बिहार लोक संवाद डाॅट नेट, पटना।
बिहार के मुसहर बच्चे पढ़ाई से दूर चूहे पकड़ने को मजबूर
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समी अहमद, बिहार लोक संवाद डाॅट नेट
बिहार में कोरोना काल में बच्चों की दुनिया में कितना अंतर है, इसका अंदाजा मुसहर बच्चों की जिंदगी से लगाया जा सकता है।
वैसे तो लाखों बच्चे पढ़ाई से इसलिए महरूम हैं कि उनके पास स्मार्टफोन या लैपटॉप नहीं। यहां तक कि घर में टीवी सेट भी नहीं। बहुत से गांव में समय पर बिजली भी नहीं मिलती। लेकिन उन बच्चों में भी मुसहर परिवार के बच्चों की हालत सबसे बदतर है।
आप जिन बच्चों को देख रहे वे पटना एम्स के पास के हैं। इस वक़्त जबकि लॉक डाउन में अधिकतर बच्चे घरों में ऑनलाइन पढ़ाई में व्यस्त हैं, ये चूहे पकड़ रहे हैं क्योंकि यह उनके आहार में शामिल है।
…………चूहा पकड़ने वाले बच्चे के साथ बातचीत…………..
खेलने-खाने की उम्र में ये बच्चे इसलिए चुहे पकड़ रहे हैं क्योंकि उनके परिवार के लिए पढ़ाई से ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि किसी तरह पेट भरा जाए।
बिहार में 2011 कई जनगणना के हिसाब से मुसहर समुदाय की आबादी करीब ढाई लाख है। लेकिन उनकी साक्षरता दर काफी कम बताई जाती है।
सवाल यह है कि सरकार गिराने और बनाने के बारे में रणनीति बना रहे लोग इन बच्चों के बारे में कब सोचेंगे।
समी अहमद, बिहार लोक संवाद डाॅट नेट, पटना।https://youtu.be/TWS39spsq6k
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