छ्पी-अनछपी: थानाध्यक्ष ने छीन लिए 64 लाख- गिरफ्तार, बैंक घोटाले में पांच गिरफ्तार

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। सारण जिले के मकेर थानाध्यक्ष को व्यवसायी से 64 लाख रुपए छीनने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। वैशाली कोऑपरेटिव बैंक के करोड़ों रुपए के घोटाला मामले में ईडी ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। उत्तर प्रदेश के कन्नौज रेलवे स्टेशन पर शटरिंग ढहने से 30 से अधिक लोग दब गए। बिहार खेल विश्वविद्यालय को यूजीसी से मान्यता मिल गयी है।

यह हैं आज के अखबारों की अहम खबरें।

जागरण की सबसे बड़ी खबर के अनुसार सारण जिले के मकेर थानाध्यक्ष रवि रंजन कुमार ने छपरा से मुजफ्फरपुर जा रहे कार सवार स्वर्ण व्यवसायी से मारपीट के बाद उन्हें बंधक बनाकर 64 लाख रुपए लूट लिए। सारण पुलिस ने थानाध्यक्ष को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। गिरफ्तार थानाध्यक्ष नालंदा जिले के इस्लामपुर थाना क्षेत्र के कोविल गांव के रहने वाले हैं। एसएसपी कुमार आशीष ने बताया कि नगर थाना क्षेत्र के रोजा निवासी रोहन कुमार कारोबार के सिलसिले में 64 लाख रुपए कैश लेकर मुजफ्फरपुर जा रहे थे। इसी दौरान मकेर थाने की गाड़ी ने ओवरटेक का रोक लिया। गाड़ी में शराब होने की सूचना की बात कह कर चेक करने लगे। चेकिंग के दौरान ही थैली में रखे 64 लाख रुपए ले लिए। थोड़ी देर बाद 32 लख रुपए वापस कर दिए और धमकी देते हुए कहा कि अगर तुम लोगों ने किसी को बताया तो गांजा और शराब के केस में फंसा देंगे।

बैंक घोटाले में सीईओ समेत पांच गिरफ्तार

प्रभात खबर के अनुसार वैशाली शहरी विकास कोऑपरेटिव बैंक के करोड़ों रुपये के घोटाला मामले में ईडी ने छापेमारी के बाद पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। जांच एजेंसी ने वाराणसी में छापेमारी कर बैंक के सीईओ विपिन तिवारी और यूपी के गाजीपुर से विपिन के ससुर रामबाबू शांडिल्य को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा दिल्ली से नितिन मेहरा और कोलकाता से संदीप सिंह को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में पंकज तिवारी की भी गिरफ्तारी हुई है। नितिन मेहरा, रामबाबू और पंकज को एजेंसी ने शनिवार को ईडी के कोर्ट में पेश किया जहां से तीनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

पूर्व मंत्री आलोक मेहता को जारी होगा समन

वैशाली कोऑपरेटिव बैंक घोटाला मामले में राज्य के पूर्व मंत्री आलोक कुमार मेहता को भी समन जारी किया जा रहा है। इन्हें भी पटना स्थित ईडी कार्यालय बुलाकर पूछताछ की जाएगी। इसे लेकर केंद्रीय जांच एजेंसी ने कवायद तेज कर दी है। इस मामले में अभी इस बैंक के अध्यक्ष संजीव कुमार फरार चल रहे हैं। इनकी तलाश ईडी कर रही है। उन्हें आलोक मेहता का बेहद करीबी बताया जाता है।

कन्नौज रेलवे स्टेशन पर शटरिंग गिरी, 30 दबे

यूपी के कन्नौज रेलवे स्टेशन पर शनिवार दोपहर एक निर्माणाधीन भवन की शटरिंग गिर गई। हादसे में 30 से अधिक लोग मलबे में दब गए। बचाव अभियान में देर शाम तक 24 मजदूरों को मलबे से निकाला गया। अब भी कई मजदूरों के दबे होने की आशंका है। अमृत योजना के तहत स्टेशन पर नई इमारत का निर्माण चल रहा है। श्रमिक करीब 40 फीट की ऊंचाई पर शटरिंग डाल रहे थे। दोपहर तीन बजे अचानक शटरिंग भरभराकर ढह गई। बताया जा रहा है कि 44 श्रमिक इसमें लगे थे। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि घटना की जांच शुरू की गई है।

बिहार खेल विश्वविद्यालय को यूजीसी की मान्यता

हिन्दुस्तान के अनुसार राजगीर स्थित बिहार खेल विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से विधिवत मान्यता मिल गई है। यह उपलब्धि राज्य के खेल और शिक्षा क्षेत्र के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यूजीसी की मान्यता के साथ ही खेल विश्वविद्यालय को शारीरिक शिक्षा और खेल विज्ञान में स्नातक और डिप्लोमा, स्नातकोत्तर डिप्लोमा (पीजीडी) जैसे शैक्षणिक पाठ्यक्रमों को प्रारंभ करने का अधिकार प्राप्त हो गया है। विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 से तीन पाठ्यक्रम प्रस्तावित किये हैं। इसके तहत पहला कोर्स स्पोर्ट्स कोचिंग में डिप्लोमा, स्नातकोत्तर डिप्लोमा (पीजीडी) है। यह पाठ्यक्रम दो या तीन प्रमुख खेलों में विशेषज्ञता प्रदान करेगा। इसके अलावा दूसरा महत्वपूर्ण कोर्स योग में डिप्लोमा, स्नातकोत्तर डिप्लोमा (पीजीडी) है। यह पाठ्यक्रम योग को प्रोत्साहित करने और पेशेवर शिक्षा प्रदान करने के लिए है। एक अन्य महत्वपूर्ण पाठ्यक्रम शारीरिक शिक्षा से जुड़ा है। इसके तहत चार वर्षीय बैचलर डिग्री ऑफ फीजिकल एजुकेशन (बीपीएड) है।

कुशेश्वरस्थान का विकास होगा: नीतीश

भास्कर की सबसे बड़ी खबर के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि दरभंगा के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल कुशेश्वरस्थान को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। साथ ही मिथिला शोध संस्थान का आधुनिकीकरण और संरक्षण कर मिथिला की संस्कृति और भाषा को बढ़ावा दिया जाएगा। यह घोषणा मुख्यमंत्री ने शनिवार को प्रगति यात्रा के दौरान दरभंगा में की। मुख्यमंत्री ने दरभंगा को 1497 करोड़ रुपए की योजनाओं की सौगात दी।

कुछ और सुर्खियां

  • बीपीएससी ने परीक्षा में भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के मामले में कोचिंग संचालक खान सर और गुरु रहमान को भी भेजा नोटिस
  • मोहम्मद शमी की भारतीय टीम में 14 माह बाद वापसी, इंग्लैंड के खिलाफ टी 20 सीरीज के लिए चुने गए
  • सड़क हादसों में घायल लोगों का जान बचाने वालों को मिलने वाला केंद्र सरकार का पुरस्कार हो सकता है ₹25000 का
  • व्हाट्सऐप पर अब टेक्स्ट के साथ फोटो से भी पोल कराया जा सकेगा
  • बिहार में आज और कल बारिश होने का अनुमान

अनछपी: एक जमाना था जब नौकरी को 9 से 5 तक काम कर आरामदेह जिंदगी गुजारने का माध्यम माना जाता था। नई तकनीक आने के बाद से लोगों को कई मामलों में आसानी हुई है लेकिन कुल मिलाकर उनकी नौकरी का तनाव बढ़ा ही है। लोगों को नौकरी न मिलना एक अलग बहस है लेकिन नौकरी मिलने के बाद भी वर्क-लाइफ बैलेंस को लेकर बहस अक्सर होती रहती है। आठ घंटे की ड्यूटी में भी आधे घंटे के लिए लंच इंटरवल हुआ करता था लेकिन आजकल के कुछ सीईओ कहते हैं कि हफ्ते में 70 से 90 घंटे काम करना चाहिए। इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी की नामी कंपनी इन्फोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति ने हफ्ते में 70 घंटे काम करने पर जोर दिया था। उस समय भी इस पर काफी वह बहस हुई थी और इसके लिए नारायण मूर्ति की काफी आलोचना हुई थी। हाल ही में लार्सन ऐंड टुब्रो (एल ऐंड टी) के अध्यक्ष एसएन सुब्रह्मण्य ने कहा कि सप्ताह में 90 घंटे का वर्क आवर होना चाहिए। इतना ही नहीं उन्होंने इसके साथ यह भी जोड़ दिया कि पत्नी को कितनी देर निहारोगे। दूसरी बातों के अलावा इस बयान की आलोचना इसलिए भी हुई कि इसे स्त्री विरोधी बयान माना गया। इसकी वजह यह है कि आजकल केवल पति ही नहीं बल्कि पत्नी भी काम करती हैं। अब इस मामले में नामी उद्योगपति आनंद महिंद्रा का भी बयान सामने आया है और उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, “मैं उस प्लेटफार्म (एक्स) पर इतना ऐक्टिव हूं तो इसका मतलब यह नहीं कि मैं अकेला हूं, मेरी पत्नी बहुत प्यारी है, मुझे उसे निहारते रहना अच्छा लगता है।” आनंद महिंद्रा ने यह बयान भले ही मजाक में दिया हो लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि कोई अपनी पत्नी को कितनी देर निहारेगा इसका फैसला किसी कंपनी का सीईओ कैसे कर सकता है? आनंद महिंद्रा ने एक और अहम बात यह कही कि काम के घंटे पर नहीं बल्कि उसकी गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर (हफ्ते में) 10 घंटे भी काम करते हैं तो आप आउटपुट क्या दे रहे हैं, यह अहम है और आप 10 घंटे में दुनिया बदल सकते हैं। नारायण मूर्ति हों या सुब्रमण्यम, उन्होंने जो बयान दिया है वह दरअसल नौकरीपेशा लोगों के शोषण को बढ़ावा देने की मांग है। नौकरी के लिए 8 घंटे ही काफी है बल्कि यूरोपीय देशों में तो इससे भी कम काम लिया जाता है। वर्क-लाइफ बैलेंस को ध्यान में रखते हुए यह कहा जाए कि 24 घंटे में 8 घंटे सोने के लिए, 8 घंटे नौकरी के लिए और बाकी 8 घंटे परिवार और अन्य कामों के लिए होना चाहिए।

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