छ्पी-अनछपी: बिहार में वोटर का घर-घर वेरिफिकेशन आज से, ईरान-इसराइल सीजफायर पर सवाल
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार विधानसभा 2025 के मद्देनजर आज से घर-घर जाकर वोटर का वेरिफिकेशन शुरू होगा। ईरान और इसराइल के बीच सीज़फायर पर कुछ सवाल खड़े हुए हैं। ग़ज़ा में भोजन लेने के लिए खड़े लोगों पर गोलीबारी में 44 लोगों की मौत हो गई। बिहार में 1.11 करोड़ लोगों को हर महीने ₹1100 की सामाजिक सुरक्षा पेंशन इसी माह से मिलेगी।
और, जानिएगा कि आंगनबाड़ी केंद्रों के 91 लाख बच्चों को खाने के लिए मिलेगी नई थाली।
पहली खबर
हिन्दुस्तान के अनुसार विधानसभा चुनाव को लेकर बुधवार से बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान शुरू हो जाएगा। भारत निर्वाचन आयोग ने इसके लिए कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। आयोग के कैलेंडर के मुताबिक, 25 जून से 26 जुलाई 2025 तक बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं का नाम जोड़ने, हटाने या संशोधित किए जाने से संबंधित आवेदन निर्धारित प्रपत्रों में स्वीकार करेंगे। इसके आधार पर एक अगस्त 2025 को मतदाता सूची का ड्राफ्ट प्रकाशित होगा। 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन कर दिया जाएगा।
ईरान-इसराइल सीजफायर पर सवाल
ईरान- इसराइल के बीच चल रही जंग 12वें दिन थम गई। मंगलवार तड़के करीब साढ़े चार बजे संघर्ष विराम हुआ पर दोनों देश करीब ढाई घंटे तक एक-दूसरे पर हमले करते रहे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, इसराइल बम न बरसाए। यदि ऐसा हुआ तो यह संघर्ष विराम का उल्लंघन है। इसके बाद दोनों देशों के बीच लगभग शांति के हालात रहे। भारत समेत दुनिया के कई देशों ने संघर्ष विराम का स्वागत किया है। ईरानी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, संघर्ष विराम मंगलवार सुबह करीब साढ़े सात बजे शुरू हुआ लेकिन हमले जारी रहे। वहीं, इसराइल ने कहा, संघर्ष विराम के ऐलान के बाद ईरान ने तड़के मिसाइलों से हमला किया। इसमें चार लोगों की मौत हो गई जबकि आठ घायल हैं। उधर, संघर्ष विराम पर संशय बना रहा। इसराइल ने संघर्ष विराम की पुष्टि नहीं की, लेकिन यह जरूर कहा कि मंगलवार सुबह चार बजे के बाद तेहरान पर कोई हमला नहीं किया गया। वहीं ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराग़ची ने कहा कि इसराइल हमले रोक दे तो ईरान कोई हमला नहीं करेगा।
कतर ने सीजफायर में मदद की
जागरण के अनुसार इसराइल और ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष पर विराम लगाने में कतर की अहम भूमिका सामने आ रही है। इस खाड़ी देश ने ईरान को संघर्ष विराम के लिए मनाया। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम की घोषणा की। ट्रंप ने पहले इसराइल को संघर्ष विराम के लिए राजी किया और फिर कतर के अमीर को ईरान को मनाने के लिए कहा। समाचार एजेंसी रायटर के अनुसार कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी ने संघर्ष विराम के लिए ईरान को राजी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
ग़ज़ा में भोजन लेने के लिए खड़े लोगों पर गोलीबारी, 44 की मौत
भास्कर के अनुसार ग़ज़ा में इसराइली सेना की कार्रवाई थमने का नाम नहीं ले रही है। 23 जून को दिनभर चले ताजा हमले में 45 फ़लस्तीन नागरिकों की मौत हो गई। इनमें से अधिकतर लोग खाना लेने के लिए पहुंचे थे। मेडिकल सूत्रों के अनुसार युद्ध शुरू होने से अब तक मारे गए फलस्तीनियों की संख्या 56000 हो गई है जबकि 1.31 लाख से ज्यादा लोग घायल हैं। इस मामले में इसराइली सेना की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है। ग़ज़ा में नुसरत शरणार्थी शिविर के आबिदा अस्पताल और चश्मदीदों के अनुसार बड़ी संख्या में फलस्तीनी ग़ज़ा में भोजन सामग्री वाले ट्रकों का इंतजार कर रहे थे। इस दौरान इसराइली सैनिकों ने ट्रकों के करीब पहुंच रहे लोगों पर गोलियां बरसा दीं।
हर महीने ₹1100 की पेंशन राशि इसी महीने से मिलेगी
प्रभात खबर के अनुसार बिहार के एक करोड़ 11 लाख 22825 लोगों को इसी महीने से सामाजिक सुरक्षा पेंशन की बढ़ी हुई राशि मिलेगी। मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने कैबिनेट की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सरकार ने जून से सभी प्रकार के सामाजिक सुरक्षा के पेंशनभोगियों को ₹1100 प्रतिमा देने की स्वीकृति दी है। जुलाई में मिलने वाली पेंशन की बढ़ी हुई राशि मिलेगी।
हर पंचायत में 50 लाख रुपए से बनेगा विवाह मंडप
बिहार के मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने बताया कि राज्य की 8053 ग्राम पंचायतों में कन्या विवाह मंडप का चरणवार निर्माण होगा। कैबिनेट ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह मंडप योजना की स्वीकृति दे दी है। इस पर 40.26 अरब रुपए खर्च होंगे। हर विवाह मंडप पर 50 लाख रुपए खर्च होंगे।
91 लाख बच्चों को मिलेगी नई थाली
हिन्दुस्तान के अनुसार बिहार के आंगनबाड़ी केंद्रों के 91 लाख 59 हजार 689 बच्चों को अब नई थाली और कटोरा में खाना परोसा जाएगा। इसकी तैयारी समेकित बाल विकास सेवाएं (आईसीडीएस) निदेशालय ने शुरू कर दी है। तीन से छह साल तक के बच्चों को नए बर्तन में खाना मिलेगा। इसमें तीन साल तक के 39 लाख 73 हजार 374 और छह साल तक के 51 लाख 86 हजार 315 बच्चे शामिल हैं। इसके अलावा राज्य के सभी एक लाख 15 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों में खाना बनाने के लिए बर्तन की खरीद होगी। बता दें कि नौ साल पहले आंगनबाड़ी केंद्रों में खाना बनाने और बच्चों के भोजन करने के लिए बर्तन दिये गये थे।
कुछ और सुर्खियां:
- लालू प्रसाद 13वीं बार राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए
- इंग्लैंड ने लीड्स में खेले गए पहले टेस्ट में भारत को पांच विकेट से हराया
- बिहार विधानसभा का चुनाव अक्टूबर के पहले हफ्ते में हो सकता है घोषित
- हवाई क्षेत्र खुलने के बाद पश्चिम एशिया के लिए भारत से उड़ानें फिर से शुरू
- ऑपरेशन सिंधु के तहत ईरान से 2295 भारतीय लौटे
अनछपी: बिहार विधानसभा चुनाव का वक्त जैसे-जैसे करीब आ रहा है, एनडीए और चिराग पासवान के बीच का मामला उलझता जा रहा है। खुद को मोदी का हनुमान बताने वाले चिराग पासवान इस समय तो यह कह रहे हैं कि वह पूरी ईमानदारी और दृढ़ता के साथ एनडीए में हैं लेकिन उनके और उनकी पार्टी के बयानों से एनडीए के अंदर खटपट की बात उजागर होती है। यह बात तो सबको याद होगी कि 2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने एनडीए में रहते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के उम्मीदवारों के खिलाफ किस तरह उम्मीदवार खड़े किए थे। इसके बाद जनता दल यूनाइटेड की सीटों की संख्या घटकर 43 हो गई और लगभग सब लोगों ने यह माना कि इसकी वजह चिराग पासवान के उम्मीदवार थे। उस समय भी यह माना जा रहा था कि दरअसल चिराग पासवान की इस रणनीति के पीछे भारतीय जनता पार्टी का मौन समर्थन है और अब भी यही समझा जा रहा है की ताजा बयान भी भारतीय जनता पार्टी की मंजूरी के बाद ही दिए जा रहे हैं। अब लोजपा (रामविलास) के बिहार प्रभारी और सांसद अरुण भारती ने अपने बयान में बिहार के जाति आधारित सर्वे को बहुजन समाज के साथ धोखा और साजिश बताया है। ध्यान रहे कि अरुण भारती चिराग पासवान के बहनोई हैं और उनका बयान चिराग पासवान की सहमति के बिना नहीं दिया गया होगा। दिलचस्प बात यह है कि इस जातिगत सर्वे को धोखा बताने के लिए अरुण भारती ने नेता प्रतिक्ष तेजस्वी यादव पर हमला किया है लेकिन सबको पता है कि दरअसल यह सर्वे तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने करवाया है। अरुण का कहना है कि वह सर्वेक्षण महागठबंधन सरकार के दौरान हुआ था और उस समय तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री थे। एक और दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने भी इस सर्वे की आलोचना की थी और अब अरुण भारती ने भी इसे नकार दिया है और इस आधा अधूरा जातीय सर्वे बताया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि नीतीश कुमार और उनकी पार्टी इस ताजा हमले का क्या जवाब देती है।
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