छ्पी-अनछपी: बेतहाशा जीएसटी को कुछ कम करने का ऐलान, दिल्ली में बाढ़ विकराल

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बेतहाशा जीएसटी लगाए जाने की लंबी शिकायतों के बाद केंद्र सरकार ने अब इसे कुछ हद तक घटाने का फैसला सुनाया है। दिल्ली में यमुना की बाढ़ की वजह से परेशानी बहुत बढ़ गई है। कर्मा त्योहार के दौरान बिहार में डूबने से 21 लोगों की मौत हो गई। पटना के पास परसा बाजार में ट्रक में टक्कर मारने से कार सवार 5 लोगों की मौत।

और, जानिएगा कि आखिर शिक्षक बनने 12 हजार उर्दू-बांग्ला उम्मीदवार 10 वर्षों से क्यों आंदोलन कर रहे हैं।

पहली ख़बर

जागरण के अनुसार इनकम टैक्स में राहत देने के बाद मोदी सरकार ने अपने वादे के मुताबिक जीएसटी की दरों में बदलाव कर आम आदमी से लेकर किसान और छोटे उद्यमियों के इस्तेमाल में आने वाली सैकड़ों वस्तुओं को सस्ता कर दिया है। अब जीएसटी की सिर्फ दो दरें पांच और 18% होंगी। जीएसटी की दरों में इस बदलाव से ब्रेड पराठा और दूध से लेकर एसी और कार तक सस्ते होंगे। पिछले 1 साल से लंबित स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा पर लगने वाले 18% जीएसटी को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है। छोटी कर तिपहिया और 350 सीसी से कम क्षमता वाली बाइक पर अब 28% की जगह 18% जीएसटी लगेगा। जीएसटी परिषद ने मौजूदा कर किस जगह दो टैक्स स्लैब लगाने का फैसला लिया। परिषद के सभी फैसले 22 सितंबर यानी नवरात्र के पहले दिन से लागू होंगे।

दिल्ली में बाढ़ विकराल

हिन्दुस्तान के अनुसार दिल्ली में यमुना का पानी बुधवार रात को आईटीओ तक पहुंच गया। लगातार हो रही बारिश, हथिनी कुंड बैराज से छोड़े जा रहे पानी और बहादुरगढ़ स्थित मंगेशपुर नाले का तटबंध टूटने से यमुना ऊफान पर है। नदी का जलस्तर बुधवार रात आठ बजे 207.40 मीटर पर पहुंच गया। दिल्ली में ऐसा तीसरी बार है जब यमुना के जल ने इस ऊंचाई को छुआ है। निचले इलाकों से आठ हजार लोगों को हटाया जा चुका है। वर्ष 2023 की तरह नालों में यमुना का पानी आने की आशंका को देखते हुए 12 नालों को बंद किया गया है।  आईटीओ, कश्मीरी गेट, मजनूं का टीला, यमुना बाजार, यमुना पुश्ता, मयूर विहार, बुराड़ी, बदरपुर में पानी भर गया है। सदर बाजार समेत प्रमुख बाजार भी बाढ़ की चपेट में हैं। कई स्थानों पर राहत शिविरों तक पानी पहुंच गया।

कर्मा त्योहार के दौरान डूबने से 21 की मौत

कर्मा एकादशी व्रत को लेकर विभिन्न आहरों और नदियों में स्नान के दौरान डूबने से मनेर के दो किशोरों समेत 21 लोगों की मौत हो गयी। पुनपुन, बाढ़ और मोकामा में डूबने से एक-एक की जान चली गई। नवादा में छह, मुंगेर में तीन, नालंदा व सहरसा मेंं दो-दो और बगहा, भागलपुर व बांका में एक-एक की डूबने से जान चली गयी। नवादा के पकरीबरावां में कर्मा एकादशी पर आहर में नहाने गयी दो सगी बहनों और मां-बेटी की डूबने से मौत हो गयी। पटना के मनेर की खासपुर पंचायत के छितनावा गांव के समीप बुधवार शाम दनाइया नाला में डूबने से दो किशोर की मौत हो गई। दोनों कर्मा पर्व के लिए दनाइया नाला के पास झुर लाने गए थे।

परसा बाजार में ट्रक में टक्कर मारने से कार सवार पांच लोगों की मौत

पटना से भास्कर की ख़बर है कि परसा बाजार थाना के महोली फ्लाईओवर के नीचे चलती ट्रक को पीछे से तेज रफ्तार से आ रही कार ने टक्कर मार दी। बुधवार की रात लगभग 12:30 बजे हुई इस घटना में कार पर सवार पांच लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में गोपालपुर के राजेश कुमार, संजय कुमार, सिपारा के कमल किशोर प्रकाश चौरसिया और मुजफ्फरपुर के सुनील कुमार शामिल हैं। सभी लोग फतुहा से परसा बाजार होते हुए पटना की ओर आ रहे थे। इसी बीच फ्लाईओवर के नीचे आगे जा रहे ट्रक को कार ने पीछे से टक्कर मार दी। गैस कटर से कार को काटकर सभी लोगों को निकाला गया। सभी की हालत गंभीर थी। पुलिस ने सभी को पीएमसीएच भेजा। रास्ते में ही सभी पांच कार सवारों ने दम तोड़ दिया।

12 हजार उर्दू- बांग्ला उम्मीदवार शिक्षकों को टीईटी रिजल्ट का 10 वर्षों से इंतजार

प्रभात खबर के अनुसार लंबे समय से अटके उर्दू टीईटी का मुद्दा बुधवार को फिर गर्मा गया। इसका रिजल्ट जारी करने की मांग को लेकर सैकड़ों अभ्यर्थियों ने जदयू कार्यालय पर जमकर हंगामा किया। इस दौरान पुलिस से तीखी झड़प और मारपीट भी हुई। प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं। आक्रोशित उम्मीदवारों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर 10 दिनों में रिजल्ट पर कोई ठोस फैसला नहीं हुआ तो वह जदयू कार्यालय के गेट पर आत्मदाह करेंगे। उर्दू बांग्ला टेट संघ के प्रदेश अध्यक्ष मुफ्ती हसन रजा अमजदी ने आरोप लगाया कि करीब 12000 अभ्यर्थी पिछले 10 वर्षों से धरना, प्रदर्शन, रैली और भूख हड़ताल कर रहे हैं। कई बार रिजल्ट जारी करने का आश्वासन दिया गया। शिक्षा विभाग ने पत्र भी जारी किया लेकिन अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने कहा कि विधानसभा में दर्जनों बार यह मुद्दा उठाया गया और मुख्यमंत्री व शिक्षा विभाग को कई ज्ञापन दिये गये। इसके बावजूद रिजल्ट नहीं निकल गया। संघ का कहना है कि सामान्य टीईटी में 50% पर पास घोषित किया गया जबकि उर्दू टीईटी के लिए 60% अंक अनिवार्य कर दिए गए।

कुछ और सुर्खियां:

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां पर अभद्र टिप्पणी के मुद्दे पर आज भारतीय जनता पार्टी का बिहार बंद
  • जहानाबाद के पूर्व सांसद अरुण कुमार जदयू में शामिल होंगे
  • हड़ताल से नहीं लौटने वाले 7480 कांट्रेक्चुअल विशेष सर्वे कर्मियों की सेवा समाप्त
  • जीतन राम मांझी ने एनडीए से मांगी विधानसभा की 20 सीटें
  • राजधानी एक्सप्रेस और संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस ट्रेनों का अब दानापुर में भी ठहराव
  • अरवल में ड्रग इंस्पेक्टर शैलेंद्र नारायण को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने ₹40000 रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा

अनछपी: झारखंड के गोड्डा से भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे कई बार अपने मुस्लिम विरोधी बयानों के लिए चर्चा में रहे हैं  लेकिन बुधवार को उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर जो बयान जारी किया वह बेहद चौंकाने वाला और खौफनाक है। यह मामला अपने आप में चौंकाने वाला नहीं है लेकिन निशिकांत दुबे की बात लिख रहे हैं इसलिए इस चौंकाने वाला माना जा सकता है। दुबे ने लिखा है, “मुझे जान से मारने की धमकी कुंदन कुमार दास ग्राम कुमारडीह,मेहरमा, गोड्डा जिला के निवासी ने आज से 7 साल पहले दी थी, दिल्ली पुलिस की जॉंच में यह साबित हुआ कि कुछ मुस्लिम लड़कों को फँसाने के लिए कुंदन ने यह साज़िश रची थी, मुहम्मद गुलफाम के नाम पर यह मोबाइल फ़ोन ख़रीदा गया था। आज दिल्ली हाईकोर्ट में खुद ही उपस्थित होकर मैंने माननीय न्यायालय से यह केस ख़ारिज करने का आग्रह किया। माननीय उच्च न्यायालय ने 10 हजार का जुर्माना तथा भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो के आदेश के साथ केस को रद्द किया।” यह हूं बहू निशिकांत दुबे के शब्द हैं और इसमें उन्होंने साफ तौर पर माना है कि कुछ मुस्लिम लड़कों को फंसाने के लिए उन्हें धमकी दी थी और यह धमकी देने वाला एक हिंदू लड़का कुंदन कुमार दास था। निशिकांत दुबे के इस सोशल मीडिया पोस्ट पर कई लोगों ने यह सवाल किया है कि अगर धमकी देने वाला वाकई मुस्लिम होता तो क्या वह उसे इसी तरह माफ कर देते और केवल ₹10000 के जमाने पर उसे छोड़ दिया जाता? एक सोशल मीडिया यूज़र ने कमेंट किया कि 2014 के बाद से यह चलन शुरू हुआ है…। “आप यूपी में देखे या दूसरे राज्यों की घटना पर नजर डालेंगे तो पता चलेगा कि हिंदू युवकों ने या हिन्दू संगठन के लोगों ने कभी मंदिर में मांस फेंक कर मुसलमानों को फंसाने या आपसी सौहार्द खराब करने का कोशिश की है…।” हालांकि ऐसी घटनाएं पहले भी होती थी लेकिन अब इसमें काफी ज्यादा वृद्धि हो गई है। कोई आम मुसलमान अगर इसकी शिकायत करता तो बहुत से लोगों को शायद भरोसा नहीं होता लेकिन अब खुद निशिकांत दुबे ने इस बात को उजागर किया है तो इसे रिकॉर्ड किया जाना चाहिए।

 252 total views

Share Now