छपी-अनछपीः फुलवारी मामले में पांच जिलों में एनआईए का धावा, राष्ट्रपति-राष्ट्पत्नी मामले में घमासान
बिहार लोक संवाद डाॅट नेट, पटना। हिन्दी के कुछ शब्द ऐसे हैं जो हैं तो पुरुषों के लिए लेकिन उनका इस्तेमाल महिलाओं के लिए भी होता है, हालांकि इससे गैर-हिन्दी भाषियों को परेशानी होती है। ऐसा ही एक शब्द है राष्ट्रपति। अभी द्रौपदी मुर्मू के इस पद पर चुने जाने के बाद यह बहस ताजा हो गयी थी जो पहली राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के चुने जाने के समय भी हुई थी। कांग्रेस के एक नेता हैं अधीर रंजन चैधरी जो पहले भी अपने गैर जिम्मेदाराना बयान से कांग्रेस पार्टी को परेशानी में डाल चुके हैं। ताजा मामला भी उनके ’राष्ट्रपत्नी’ कहने का है और इसपर मची घमासान की खबर सभी अखबारों में प्रमुखता से छपी है। इस मामले में सबसे ज्यादा आक्रामक तेवर केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के थे जिन्हें कांग्रेस ने गोवा के बार-बीफ मामले में घेर रखा है।
लेकिन आज के कई अखबारों की पहली खबर कथित फुलवारी आंतकी माड्यूल की है।
आज के अखबारों में यह खबर भी ध्यान देने की है जिसमें भाजपा नेता सुशील मोदी ने राजद के पूर्व विधायक अबू दोजाना की जमीन और उनकी संपत्ति की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। उन्हें लगता है कि भोला यादव के लेनदेन से अबू दोजाना का भी संबंध है।
हिन्दुस्तान की लीड हैः बिहार के पांच जिलों में एनआईए छापे। इसमें पटना से फुलवारी शरीफ, नालंदा से बिहारशरीफ, पूर्वी चंपारण से चकिया, दरभंगा से लहेरियासराय और सिंहवाड़ शामिल हैं लेकिन टाइम्स आॅफ इंडिया ने छठे जिले का नाम भी दिया है जो अररिया है। यही खबर प्रभात खबर और जागरण की लीड है। इसमें पूछताछ के दौरान कुछ जगहों से कथित आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त होने की खबर है।
भास्कर की पहली खबर शिक्षक भर्ती से संबंधित है जिसमें बताया गया है कि टीईटी-एसटीईटी अंक पर 60 प्रतिशत और एकेडमिक को 40 प्रतिशत वेटेज दिया जाएगा।
जागरण ने अपनी दूसरी सबसे बड़ी खबर की हेडलाइन लगायी हैः राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने की अभद्र टिप्पणी। हिन्दुस्तान की हेडलाइन हैः राष्ट्रपति मुर्मू पर अशोभनीय टिप्पणी से टकराव बढ़ा। इन अखबारों ने कांग्रेस के उस आरोप को दबा दिया है जिसमें कहा गया है कि 75 वर्षीय कांग्रेस अध्यक्ष को अपमानित किया गया और उनसे धक्का-मुक्की की गयी।
पटना में आवास बोर्ड की जमीन खरीद-बिक्री कर करोड़पति बने 15 भू-माफियाओं पर एफआईआर दर्ज कराये जाने की खबर भी प्रमुखता से छपी है।
हिन्दुस्तान ने जदयू नेता उपेन्द्र कुशवाहा के उस ट्वीट को अहम जगह दी है जिसमें उन्होंने बताया है कि संस्कृत के काॅलेजों में भी धार्मिक आधार पर हर महीने के प्रतिपदा और अष्टमी को छुट्टी होती है। भास्कर में आरएसएस के थिंक टैंक का हिस्सा माने जाने वाले राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा का बयान छपा हैः तुर्की इस्लामी देश, वहां भी जुमे को छुट्टी नहीं। अब श्री सिन्हा से यह कौन पूछे कि आप जो चालाकी से सिर्फ तुर्की का नाम ले रहे तो उन इस्लामी देशों का नाम क्यों नहीं ले रहे जहां जुमे को छुट्टी होती है।
प्रभात खबर में यह खबर प्रमुखता से छपी है कि भाजपा के 700 नेता 200 विधानसभा क्षेत्रों में डेरा डाले हैं जिन्हें 31 जुलाई को पटना वापस आकर उस कार्यक्रम में हिस्सा लेना है जिसके मुख्य अतिथि अमित शाह होंगे।
यह खबर भी सभी अखबारों में प्रमुखता से छपी है कि अगर बाल विवाह हुआ तो पंचायत के मुखिया व वार्ड सदस्य हटाये जाएंगे।
झारखंड की इस खबर को प्रमुखता दी गयी है जिसमें बताया गया है कि पिछले साल धनबाद में जज आनंद की हुई हत्या में आॅटो चालक समेत दो लोग दोषी करार दिये गये हैं। श्री आनंद को आॅटो से ऐसा धक्का मारा गया कि उनकी मौत हो गयी थी।
अनछपीः पिछले कई सप्ताह से राजीव नगर, पटना में आवास बोर्ड की जमीन की खरीद-बिक्री में धांधली और वहां अतिक्रमण किये जा रहे निर्माण और बाद में उन्हें तोड़ने की खबर अखबारों की सुर्खिया रही हैं। अब 15 लोगों पर एफआईआर की गयी है जिन्हें अखबार भू-माफिया लिख रहा है। इस सिलसिले में यह बात भी काबिल-ए-गौर है कि भू-माफिया क्या बिना सरकारी अधिकारी-कर्मी की मिलीभगत के कोई धंधा कर सकते हैं? क्या इस राज्य में एक आदमी भी ऐसा मिलेगा जो यह कह दे कि उसे दाखिल-खारिज के लिए अलग से पैसा नहीं देना पड़ा है? क्याा कोई वसीका नवीस यह कह देगा कि रजिस्ट्री आॅफिस में हर टेबल पर घूस दिये बिना कोई जमीन रजिस्ट्री हो जाएगी? एक वाक्य में कहा जाए तो सब मिले हुए हैं और यही व्यवस्था है।
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