छ्पी-अनछपी: “आठ साल में 55 लाख करोड़ जीएसटी वसूला गया”, फ़लसतीन को ब्रिटेन की मान्यता

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। जीएसटी कम करने के सरकार के कथित बचत उत्सव पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि 55 लाख करोड़ वसूलने के बाद बचत उत्सव गहरे घाव पर बंद एड की तरह है। ब्रिटेन और कनाडा ने फ़लसतीन को मान्यता देने का एलान किया है। सीवान में लोजपा (रा) के नेता व खान ब्रदर्स के नाम से चर्चित रईस खान समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के विकास मित्रों को टैबलेट के लिए ₹25000 देने का ऐलान किया है।
और, जानिएगा कि अमेरिका के नए वीजा नियमों से भारत के कितने छात्र विद्यार्थी प्रभावित होंगे।
पहली खबर
जागरण के अनुसार कांग्रेस ने जीएसटी सुधारो के लागू होने की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन पर प्रहार किया है। पार्टी ने कहा कि 8 साल में 55 लाख करोड रुपए वसूलने के बाद सुधारो का यह कदम उठाया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 900 चूहे खाकर बिल्ली हज को चली के टंस के साथ सरकार से इसके लिए माफी मांगने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह एक बंद ऐड है जो गहरे घाव पर लगाया गया है। करके ने एक पर पोस्ट करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने कांग्रेस के सरल जीएसटी के बजाय गब्बर सिंह टैक्स लागू किया और जनता से भारी वसूली की। अब 2.5 लाख करोड़ रुपए के बचत उत्सव की बात कर रहे हैं। जनता कभी नहीं भूलेगी कि आपने उनके दाल चावल अनाज पेंसिल किताबें इलाज किसानों के ट्रैक्टर सबसे जीएसटी वसूला था।
जीएसटी में कमी को मोदी ने बताया बचत उत्सव
जागरण ने लिखा है कि वर्ष 2017 के जुलाई महीने में जीएसटी प्रणाली लागू होने के 8 वर्ष बाद 22 सितंबर से अप्रत्यक्ष कर में सबसे बड़ा बदलाव होने जा रहा है। इस बड़े बदलाव की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर अभियान के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहा है। नवरात्र के पहले 22 सितंबर को सूर्योदय के साथ ही अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार लागू हो जाएंगे। इसके साथ ही देश में बचत उत्सव शुरू होने जा रहा है। लोगों की बचत बढ़ेगी वह अपनी पसंद की चीजें ज्यादा आसानी से खरीद सकेंगे। बताया जा रहा है कि जीएसटी में कमी से लगभग 295 सामान सस्ते होने जा रहे हैं।
सीवान में रईस खान गिरफ्तार
हिन्दुस्तान के अनुसार सीवान के सिसवन थाने के ग्यासपुर गांव में रविवार को दिनभर चली पटना एसटीएफ और जिला पुलिस की संयुक्त छापेमारी में लोजपा (रा) के नेता व खान ब्रदर्स के नाम से चर्चित रईस खान समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया। पकड़े गए लोगों में मुन्ना खान, अफताब और शाह आलम शामिल हैं। डीआईजी नीलेश कुमार ने बताया कि सूचना मिली थी कि आपराधिक तत्वों का जमावड़ा ग्यासपुर गांव में है। वहां हथियार भी जमा किया जा रहा है। इसके बाद डीआईजी और सीवान एसपी मनोज तिवारी के नेतृत्व में स्थानीय पुलिस और एसटीएफ ने संयुक्त रूप से रविवार की सुबह ग्यासपुर में रईस खान के आवास और बैठका में छापेमारी की।
फ़लस्तीन को एक राष्ट्र के तौर पर मान्यता
प्रभात खबर के अनुसार ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने रविवार को औपचारिक रूप से फलस्तीन को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दे दी है। यह कदम अमेरिका और इसराइल के कड़े विरोध के बावजूद उठाया गया है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर ने फ़लस्तीन को एक राष्ट्र के तौर पर मान्यता दे दी है। रविवार को स्टार्मर ने इस बारे में बयान जारी किया। उन्होंने कहा, “आज फ़लस्तीनियों और इसराइलियों के लिए शांति की उम्मीद और दो-राष्ट्र समाधान को फिर से ज़िंदा करने के लिए ब्रिटेन ने औपचारिक रूप से फ़लस्तीन को एक देश के रूप में मान्यता दी है।” पीएम स्टार्मर का कहना है कि इस घोषणा को हमास से नहीं जोड़ना चाहिए और यह समाधान हमास को किसी तरह का इनाम नहीं है। उन्होंने कहा, “ग़ज़ा में लाखों लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें वे लोग भी शामिल हैं जो खाना और पानी लेने जा रहे थे। वहां हो रही भूख और तबाही असहनीय हैं।” ब्रिटेन के अलावा कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने भी फ़लस्तीन को मान्यता देने की औपचारिक घोषणा की है।
विकास मित्रों को टैबलेट के लिए मिलेंगे ₹25000
भास्कर के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में विकास मित्रों का परिवहन भत्ता 1900 रुपए मासिक से बढ़कर ₹2500 करने की घोषणा की है। कम में सोशल मीडिया पर यह जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने सभी विकास मित्रों को टैबलेट के लिए एक मस्त ₹25000 देने का भी ऐलान किया पूर्ण राम वही स्टेशनरी भत्ता हर मां ₹900 से बढ़कर ₹1500 प्रतिमा करने की भी जानकारी दी।
अमेरिका जाने वाले छात्रों की संख्या में आ सकती है भारी कमी
हिन्दुस्तान के अनुसार अमेरिकी सरकार की बदली हुई नीतियों के कारण उच्च शिक्षा के लिए यूएस जाने वाले छात्रों की संख्या में 45-55 फीसदी तक की कमी का अनुमान है। हालिया गतिविधियों के बाद छात्रों ने अमेरिका की बजाय छोटे यूरोपीय देशों न्यूजीलैंड का रुख किया है। वीजा आवेदन घटने के चलते अमेरिकी दूतावास की तरफ से छात्र वीजा दिवस (डे) का आयोजन भी बंद कर दिया है। इसका आयोजन लंबित वीजा आवेदनों को निपटाने के लिए किया जाता था। विदेश मंत्रालय के अनुसार छात्र वीजा में देरी की शिकायतें नहीं मिली हैं, जबकि पिछले साल तक ऐसी शिकायतें आ रही थीं। सूत्रों के अनुसार अमेरिकी विश्वविद्यालयों में अक्तूबर से शुरू होने वाले सर्दियों के सत्र में एडमिशन के लिए प्रतिवर्ष 80-90 हजार छात्र अमेरिका जाते थे। हालांकि दूतावास को इससे कहीं ज्यादा आवेदन मिलते थे, जिनमें से सैकड़ों रद्द हो जाते थे, लेकिन दूतावास के सूत्रों का दावा है कि इसमें 55 फीसदी तक की कमी आई है। मुश्किल से 40-42 हजार छात्र ही अमेरिका जा पाएंगे।
कुछ और सुर्खियां:
* सारण के मकेर में स्कूली ऑटो और ट्रक में टक्कर, दो बच्चों समेत तीन की मौत

* न्यायमूर्ति पवन कुमार भीमप्पा बजन्थरी ने पटना हाई कोर्ट के 46 वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली
* भारत में एशिया कप क्रिकेट के सुपर 4 के मैच में पाकिस्तान को 6 विकेट से हराया
* दिल्ली के पूर्व क्रिकेट कप्तान मिथुन मन्हास का भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) का अध्यक्ष बनना तय
अनछपी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी में कमी को जिस तरह बचत उत्सव बताया है, अखबारों में उसे हू ब हू उतारा गया है। 2017 में जब जीएसटी लागू किया गया था तो व्यापारियों और आम लोगों पर टैक्स का भारी बोझ माना गया था। उसके बाद 8 साल तक सरकार जीएसटी के तहत लोगों से भारी टैक्स वसूलते रही और आम लोग महंगाई की मार से त्रस्त रहे। अब जीएसटी में जो सुधार बताया जा रहा है उसे बचत उत्सव के तौर पर मानना दरअसल लोगों को इस बात के लिए तैयार करना है कि वह पिछले 8 साल से टैक्सों के बोझ तले जितने दब चुके थे उसे भूल जाएं। आसान शब्दों में कहा जाए तो दरअसल सरकार ने किया यह है कि ₹100 के सामान पर ₹50 टैक्स लेने के बाद अब उसे कम कर ₹25 कर दिया है और लोगों से यह कह रही है कि इसका जश्न मनाया जाए। इस तरह सरकार ने पिछले 8 सालों में लोगों से जो भारी टैक्स वसूल किया उसका जवाब देने के बजाय सरकार इसे अपना एहसान बता रही है। मगर क्या आम आदमी सरकार की इस चालाकी को समझ नहीं रहा होगा? मेनस्ट्रीम मीडिया को जब गोदी मीडिया बताया जाता है तो बहुत से लोगों को ऐतराज होता है लेकिन अगर गोदी मीडिया कहने के लिए सबूत इकट्ठा किए जाएं तो जीएसटी भी एक बड़ा सबूत होगा जिसमें टैक्स बढ़ाए जाने पर तो अखबारों ने लोगों की चिताओं को सामने नहीं लाया लेकिन जब उसमें कुछ कमी आई तो लोगों को मानसिक गुलामी में डालने की कोशिश कर उनसे जश्न मनाने के लिए कहा जा रहा है। एक बार फिर वही सवाल किया जा सकता है कि क्या लोग ‘गब्बर सिंह टैक्स’ के 8 सालों को इतनी आसानी से भूल जाएंगे और वह इस बात पर बिल्कुल गौर नहीं करेंगे? आज के अखबारों ने जिस तरह कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान को अंडरप्ले किया है उससे भी यह बात साबित होती है कि जहां तक आम आदमी के मुद्दे का सवाल है तो अखबार उनका ध्यान नहीं रखते बल्कि वह सरकार की हां में हां मिलाना ही जानते हैं। जीएसटी में कमी पर इस तथाकथित बचत उत्सव की एक वजह बिहार का चुनाव भी है। उम्मीद है बिहार के लोग चुनाव में अपने दुख दर्द का इस्तेमाल उनके खिलाफ जरूर करेंगे जो इसके लिए जिम्मेदार हैं।

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