छ्पी-अनछपी: कांग्रेस बोली- मोदी सरकार का अंत बिहार से, महागठबंधन की नज़र अति पिछड़ों पर
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। पटना में हुई कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार के अंत की शुरुआत बिहार से होने की बात कही गई है। महागठबंधन ने म्युनिसिपालिटी के पोस्ट्स में अति पिछड़ों के लिए ज्यादा आरक्षण का वादा किया है। प्रशांत किशोर ने कहा है कि जहां मुस्लिम प्रत्याशी होंगे वहां वह मुस्लिम उम्मीदवार नहीं देंगे। सीमांचल की यात्रा कर रहे असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि आरजेडी से गठबंधन नहीं हुआ तो पता चल जाएगा कि कौन बीजेपी के साथ है।
और, जानिएगा की लद्दाख की राजधानी लेह में अलग राज्य की मांग को लेकर आंदोलन हिंसक हुई जिसमें चार लोगों की मौत हो गई।
पहली ख़बर
जागरण के अनुसार आजादी के बाद बिहार में पहली बार हुई कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की विस्तारित बैठक के माध्यम से कांग्रेस ने चुनावी बिगुल फूंक दिया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में हुई विस्तारित बैठक में नेताओं ने राष्ट्र के मूल आदर्श के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। संकल्प लिया गया कि संविधान को पुनर्स्थापित करने, सबके लिए न्याय गरिमा और और समानता सुनिश्चित की जाएगी और भ्रष्ट अक्षम और निरंकुश सरकार को उखाड़ फेंका जाएगा। बिहार का चुनाव केंद्र की मोदी सरकार का राजनीतिक भविष्य तय कर देगा। सीडब्ल्यूसी की बैठक के हवाले से यह बात निकली कि बिहार में काउंटडाउन शुरू हो गया है और अगले दो महीने में बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने जा रही है। ऐतिहासिक सदाकत आश्रम के प्रांगण में हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, कैसी वेणुगोपाल के साथ ही पार्टी की कार्य समिति के अधिकांश सदस्य कई राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
खड़गे बोले:
- 2025 विधानसभा चुनाव’ न सिर्फ बिहार के लिए बल्कि पूरे देश के लिए मील का पत्थर साबित होगा। यहीं से मोदी सरकार के भ्रष्ट शासन की उलटी गिनती और अंत की शुरुआत होगी ।
- बिहार की जनता भाजपा का धार्मिक ध्रुवीकरण नहीं, विकास-केंद्रित राजनीति चाहती है।
- बिहार राज्य का शासन और प्रशासन लंबे समय से छुट्टी पर है। हर दिन लूट-पाट और हत्या की घटनाएँ होती हैं।
- मैं प्रधानमंत्री जी से पूछना चाहता हूँ कि क्या मजबूरी है कि बिहार की जनता को सरकार द्वारा पारित 65% आरक्षण को संवैधानिक सुरक्षा नहीं दिलवा पाये?
महागठबंधन के संकल्प पत्र में अतिपिछड़ों को निकायों में 30% कोटा
हिन्दुस्तान के अनुसार महागठबंधन ने अतिपिछड़ा न्याय संकल्प बुधवार को जारी किया। चुनावी घोषणा पत्र के आंशिक हिस्से को दस सूत्री संकल्प में पेश करते हुए महागठबंधन के नेताओं ने आरक्षण की सीमा (50 फीसदी) को तोड़ने की बात कही। अतिपिछड़ों के लिए पंचायत तथा नगर निकायों में वर्तमान 20 % को बढ़ा कर 30% करने का वादा किया है। इसके अलावा इस संकल्प पत्र में यह बातें भी कही गई हैं:
- आबादी के अनुपात में आरक्षण की 50 फीसदी की सीमा बढ़ाने को विधान मंडल से पारित कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा *
- नियुक्तियों की चयन प्रक्रिया में नॉट फाउंड सूटेबल (एनएफएस) जैसी अवधारणा को अवैध घोषित किया जाएगा
- अतिपिछड़ा वर्ग की सूची में अल्प या अति समावेशन (अंडर- और ओवर-इंक्लूजन) से संबंधित सभी मामलों को एक कमेटी बनाकर निष्पादित किया जाएगा
- अतिपिछड़ा, अनुसूचित जाति, जनजाति तथा पिछड़ा वर्ग के सभी आवासीय भूमिहीनों को शहरी क्षेत्रों में तीन डिसमिल तथा ग्रामीण क्षेत्रों में पांच डिसमिल आवासीय भूमि उपलब्ध कराई जाएगी
- 25 करोड़ तक के सरकारी ठेकों और आपूर्ति कार्यों में अतिपिछड़ा, अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ी जाति के लिए 50 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया जाएगा
गठबंधन नहीं हुआ तो पता चल जाएगा: ओवैसी
भास्कर के अनुसार एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी न्याय यात्रा के तहत सीमांचल के चार दिवसीय दौरे पर हैं। उनका मकसद पार्टी कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा भरना है। विपक्ष का आरोप है कि ओवैसी मुस्लिम बहुल क्षेत्र में उम्मीदवार उतार कर वोटो का बंटवारा करते हैं जिससे भाजपा को फायदा मिलता है। इस पर ओवैसी ने कहा कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को पत्र लिखा है। हमने भी मीडिया के माध्यम से एलायंस की पेशकश की है। हमें छह सीटें चाहिए। अब फैसला उन्हें करना है। अगर वे एलाइंस नहीं करेंगे तो जनता जान लेगी कि कौन बीजेपी को कामयाब करना चाहता है और कौन रोकना।
मुसलमान उम्मीदवारों को एक दूसरे से ना लड़ाएं: पीके
जागरण के अनुसार गया जिले के चेरकी बाजार स्थित एक होटल में बुधवार को जन सुराज पार्टी की ओर से बिहार बदलाव इजलास का आयोजन किया गया। इसस को संबोधित करते हुए जैन स्वराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने मीडिया कर्मियों के सामने आरजेडी समेत महा गठबंधन पर मुसलमान को चलने का आरोप लगाया। पीके ने कहा कि खुद को मुसलमान का रहनुमा बताने वाली पार्टियों से हमारा कहना है कि उनके मुसलमान उम्मीदवार के सामने हम मुसलमान को नहीं उतरेंगे। शर्त यह है कि वह भी जनसुरज पार्टी के मुसलमान उम्मीदवार के सामने मुसलमान प्रत्याशी ना दें। अगर भाजपा को हराने की इतनी ही चिंता है तो मुसलमान की हितैषी पार्टियों को इसकी सार्वजनिक घोषणा करनी चाहिए। इसके साथ ही पीके ने यह भी कहा कि हालांकि वह जानते हैं कि ऐसी पार्टियां इस तरह की कोई घोषणा नहीं करेंगी।
लद्दाख में अलग राज्य की मांग को लेकर आंदोलन, हिंसा- चार मरे
हिन्दुस्तान के अनुसार लद्दाख को अलग राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची के विस्तार की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन बुधवार को हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारियों ने लेह में भाजपा कार्यालय समेत कई वाहनों में आग लगा दी। इस दौरान सुरक्षाकर्मियों के साथ हुई झड़प में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 22 पुलिसकर्मियों सहित 59 लोग घायल हो गए। प्रशासन ने हिंसा रोकने के लिए लेह जिले में कर्फ्यू लगा दिया है। दरअसल, पूर्ण राज्य के दर्जे समेत अन्य मांगों को लेकर 10 सितंबर से भूख हड़ताल पर बैठे 15 लोगों में से दो की मंगलवार शाम हालत बिगड़ गई थी, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद लद्दाख एपेक्स बॉडी ने बंद का आह्वान किया था। पुलिस के अनुसार, बुधवार को लेह शहर में बंद रहा और एनडीएस स्मारक मैदान में बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए, जिन्होंने नारेबाजी करते हुए मार्च निकाला। स्थिति तब और बिगड़ गई जब कुछ युवकों ने भाजपा व हिल काउंसिल के मुख्यालय पर पथराव किया।
कुछ और सुर्खियां:
- नालंदा जिले के चंडी इंजीनियरिंग कॉलेज के हॉस्टल से कूद कर छात्रा ने जान दी, रैगिंग से परेशानी की चर्चा
- झारखंड के गुमला जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में तीन नक्सलियों को मार गिराने का दावा
- भारत एशिया कप क्रिकेट के फाइनल में पहुंचा, सुपर 4 में बांग्लादेश को 41 रनों से हराया
- भारत के चीफ़ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान का कार्यकाल 30 मई 2026 तक बढ़ाया गया
अनछपी: इसमें कोई दो राय नहीं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस समय अपने राजनीतिक जीवन के सबसे निचले स्तर पर चल रहे हैं और उनके साथ भारतीय जनता पार्टी सरकार बचाने की जी तोड़ कोशिश करने को मजबूर हुई है लेकिन महागठबंधन की कुछ ऐसी बातें हैं जिनसे यह कहना मुश्किल लगता है कि वह 2020 की चूक से उबरते हुए इस बार सरकार बना लेंगे। नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी के साथ चल रही सरकार के तहत पिछले दो महीनों में मुफ्त पैसे बांटने वाली योजनाओं की जितनी घोषणाएं की हैं, उन्हें सरकार की बेचैनी का नतीजा माना जा रहा है और ऐसा लगता है कि नीतीश कुमार और भारतीय जनता पार्टी को सरकार के जाने का खतरा है। दूसरी तरफ महागठबंधन के सबसे बड़े घटक दल आरजेडी में पारिवारिक कला की वजह से तेजस्वी यादव के पिछले प्रदर्शन को बेहतर करने और कम से कम उसे दोहराने पर सवाल खड़े हो रहे हैं। लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप और उन्हें किडनी देने वाली उनकी बेटी रोहिणी आचार्य जिस तरह की तकरार वाली बातें कर रही हैं, उनकी वजह से जेडीयू और भारतीय जनता पार्टी को तेजस्वी यादव और राजद पर हमले करने का मौका मिल रहा है। इसका कुछ ना कुछ असर तो आम आदमी पर भी पड़ सकता है हालांकि बहुत से लोग उत्तर प्रदेश का उदाहरण देते हैं कि ऐसे ही पारिवारिक झगड़ों के बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने वहां कामयाबी हासिल की है। लेकिन उत्तर प्रदेश में भी अखिलेश यादव को उसकी वजह से नुकसान तो उठाना पड़ा था। दूसरी तरफ आम आदमी यह समझने की कोशिश कर रहा है कि कांग्रेस पार्टी आखिर तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का चेहरा बताने से परहेज क्यों कर रही है। इसकी वजह से भी भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड तेजस्वी यादव पर हमलावर हैं। कुछ लोगों का मानना है कि कांग्रेस तेजस्वी यादव को सीएम चेहरा घोषित करने से इसलिए बच रही है ताकि लालू प्रसाद की सरकार के बहाने तेजस्वी को निशाना बनाते हुए एनडीए कांग्रेस और महागठबंधन पर ज्यादा हमले ना करे। जाहिर है अगर यह रणनीति है तो कांग्रेस पार्टी इसे सार्वजनिक तौर पर नहीं बताएगी लेकिन महागठबंधन और विशेष कर आरजेडी को अपने घर और परिवार से ऐसे संदेशों को निकलने से रोकना होगा जिनसे उन्हें राजनीतिक घाटा हो सकता है।
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