छ्पी-अनछपी: रील बनाने में पांच लड़कों की मौत, 16 साल में इंजीनियर की करोड़ों की अवैध कमाई
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। गया जिले के ख़िज़रसराय में नदी में छलांग लगाते हुए रील बनाने के चक्कर में पांच बच्चों की डूबने से मौत हो गई। समस्तीपुर के इलेक्ट्रिक एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के खिलाफ करोड़ों की अवैध कमाई का पता चला है। लद्दाख में आंदोलन और हिंसा के बाद सरकार ने सोनम वांगचुंग के एनजीओ का एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिया है जबकि उन्होंने कहा है कि उन्हें जेल में डालने से समस्याएं बढ़ेंगी। चुनाव आयोग ने कहा है कि पोस्टल बैलट की गिनती के बाद ईवीएम के अंतिम दो राउंड की गिनती होगी।
और, जनिएगा कि सुप्रीम कोर्ट ने क्यों याद दिलाया कि शादी के बाद हिंदू महिलाओं का गोत्र बदल जाता है।
पहली ख़बर
जागरण ने गया जिले के खिज़रसराय से खबर दी है कि इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म पर स्टंट करता वीडियो अपलोड कर मशहूर होने की ललक में रील बनाने की सनक ने पांच जिंदगियां छीन लीं। सभी बच्चे बेला थाना क्षेत्र के छोटी मस्जिद मोहल्ले के बताए गए हैं। घटना में डूबने वाले किशोरों में 17 वर्षीय मो. कैफ, 18 वर्षीय मो. शाहनवाज, 17 वर्षीय मो. सारिक, 16 वर्षीय मोहम्मद अनस, 16 वर्षीय मो. सुफियान शामिल हैं। उनमें से कई अपने-अपने घर से बाजार जाने की बात कह कर निकले थे। गुरुवार को एक ही मोहल्ले के 12 लड़के खिज़रसराय थाना क्षेत्र के केनी घाट पर फल्गु नदी में नहाने के लिए पहुंचे। वहां पुल के पिलर से छलांग लगाते हुए रील बनाने लगे। इसी दौरान सभी गहराई में तेज धार में फंस गए। इनमें पांच की डूबने से मौत हो गई। पांच बच्चे किसी तरह तैयार कर किनारे आए। किनारे खेल रहे एक लड़के ने दो लड़कों को डूबते देखा तो नदी में छलांग लगा दी और एक-एक कर दो को बाहर निकलने में कामयाब रहा।
करोड़ों की अवैध कमाई वाला इंजीनियर
प्रभात खबर के अनुसार आर्थिक अपराधी इकाई (ईओयू) ने समस्तीपुर के इलेक्ट्रिक एग्जीक्यूटिव इंजीनियर विवेकानंद के खिलाफ भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग का बड़ा मामला सामने लाया है। दो दिनों की छापेमारी और जांच में सामने आया कि विवेकानंद ने अपनी ज्ञात आय 2.74 करोड रुपए के मुकाबले करीब 4.87 करोड़ रुपए मूल्य की संपत्ति अर्जित की है जबकि बाजार मूल्य लगभग 25 से 30 करोड़ रुपए के बीच अनुमानित है। ईओयू ने 24 और 25 सितंबर को दानापुर पटना समस्तीपुर और सिवान में विवेकानंद के 6 आवासीय और ठिकानों और कार्यायलयों पर छापेमारी की थी। तलाशी में जमीन के दस्तावेज बैंक खातों की जानकारी लॉकर से 30 लाख रुपए मूल्य के जेवर बरामद हुए। ईओयू से मिली जानकारी के अनुसार विवेकानंद और उसकी पत्नी बॉबी के नाम बिहार और उत्तर प्रदेश में कुल 21 अचल संपत्तियां पाई गई हैं। इनमें फ्लैट, अपार्टमेंट, प्लॉट और व्यावसायिक भूखंड शामिल हैं।
सोनम वांगचुक के एनजीओ का एफसीआरए लाइसेंस रद्द
हिन्दुस्तान के अनुसार गृह मंत्रालय ने जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के एनजीओ स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (एसईसीएमओएल) का एफसीआरए लाइसेंस गुरुवार को रद्द कर दिया। यह कार्रवाई संगठन के खातों में पाई गई कथित विसंगतियों पर आधारित थी, जिसमें स्वीडन से प्राप्त फंड ट्रांसफर भी शामिल था। इसे राष्ट्रीय हित के विरुद्ध पाया गया। एसईसीएमओएल को इससे पहले कारण बताओ नोटिस जारी कर लेनदेन में पाई गई अनियमितताओं पर स्पष्टीकरण मांगा गया था। लद्दाख में हिंसा के लिए सरकार ने वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया है। सीबीआई ने वांगचुक के संस्थान के खिलाफ विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम के कथित उल्लंघन की जांच शुरू कर दी है।
मुझे जेल में डालने से समस्याएं बढ़ेंगीं: सोनम वांगचुक
सोनम वांगचुक ने गुरुवार को कहा कि उनका जेल में रहना सरकार के लिए उनकी आजादी से ज्यादा समस्याएं पैदा कर सकता है। वांगचुक ने लद्दाख में हाल ही में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के लिए गृह मंत्रालय द्वारा उन्हें जिम्मेदार ठहराए जाने को बलि का बकरा बनाने की रणनीति बताया। गृह मंत्रालय के उस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए वांगचुक ने कहा कि वह कड़े जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत गिरफ्तारी के लिए तैयार हैं। उन्होंने न्यूज एजेंसी से फोन पर बातचीत में कहा, मैं देख रहा हूं कि वे कुछ ऐसा मामला बना रहे हैं ताकि मुझे जन सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार करके दो साल के लिए जेल में डाल सकें। मैं इसके लिए तैयार हूं, लेकिन सोनम वांगचुक को आजाद रखने के बजाय जेल में डालने से समस्याएं और बढ़ सकती हैं।
पोस्टल बैलट की गिनती के बाद ईवीएम के अंतिम दो राउंड की गिनती होगी
जागरण के अनुसार बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने वोटों की गिनती के नियमों में अहम बदलाव किया है। डाक मतपत्र (पोस्टल बैलेट) की गिनती पूरी होने में अब अगर देरी होती है तो ईवीएम के अंतिम दो राउंड से पहले मतों की गिनती रोक दी जाएगी और वह तब तक नहीं होगी जब तक पोस्टल बैलट की गिनती पूरी ना हो जाएगी। वोटों की गिनती की मौजूदा व्यवस्था में ईवीएम के मतों की गणना को पोस्टल बैलेट की गिनती की तरफ ध्यान दिए बगैर ही पूरा किया जा सकता था। वोटों की गिनती की यह व्यवस्था बिहार विधानसभा चुनाव से लागू होगी।
शादी के बाद हिंदू महिलाओं का गोत्र बदल जाता: सुप्रीम कोर्ट
जागरण के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराधिकार कानून (सक्सेशन लॉ) के तहत हिंदू महिला से जुड़े प्रावधानों पर सुनवाई करते हुए बुधवार को कहा कि हिंदू सक्सेशन लॉ सामाजिक परंपराओं से गहराई से जुड़ा है। कोर्ट ने उदाहरण देते हुए कहा कि कैसे शादी के बाद महिला का गोत्र बदल जाता है। यह भी कहा कि वह केवल अपने पति से ही नहीं बल्कि अपने ससुराल वालों से भी भरण पोषण का दावा करने की हकदार होती है। यह मामला हिंदू सक्सेशन लॉ की धारा 15 और 16 से जुड़ा हुआ है जिसमें बिना वसीयत के मरने वाली हिंदू महिलाओं के उत्तराधिकार की बात की गई है।
कुछ और सुर्खियां:
- एशिया कप क्रिकेट के फाइनल में पाकिस्तान से होगी भारत की भिड़ंत
- रोजगार के लिए मिलेंगे 10-10 हज़ार रुपए
- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज से बिहार के दो दिन के दौरे पर
- भाजपा ने धर्मेंद्र प्रधान को बनाया बिहार का चुनाव प्रभारी
- कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी आज मोतिहारी में, भारतीय जनता पार्टी के मजबूत क्षेत्र में करेंगी सभा
अनछपी: गया जिले के खिज़रराय में नदी में छलांग लगाने के दौरान रील बनाने के चक्कर में छात्रों के डूबने और मरने की खबर हमें एक बार फिर इस बात की याद दिलाती है कि हमारा समाज मोबाइल फोन और सोशल मीडिया के खतरनाक इस्तेमाल को काबू करने में नाकाम चल रहा है। वैसे तो मोबाइल फोन इस्तेमाल करने में हमारे बच्चों के साथ बड़ों को भी इसकी लत लग चुकी है लेकिन रील बनाने और उसे सोशल मीडिया पर डालकर वाहवाही लूटने की ज्यादा परेशानी कम उम्र के लोगों के साथ है। जैसे यह बहस हमारे समाज में बरसों बरस से चल रही है कि विज्ञान वरदान है या अभिशाप, उसी तरह मोबाइल फोन के बारे में भी यह सवाल पुराना हो रहा है कि बच्चों को स्मार्टफोन देना चाहिए या नहीं। परेशानी की बात यह है कि आजकल इंटरनेट की वजह से स्मार्टफोन से पढ़ाई और नोटिस वगैरा की जानकारी भी मिलती है। ऐसे में बच्चों को स्मार्टफोन देना घर वालों की मजबूरी बन जाती है। लेकिन जिस तरह स्मार्टफोन की वजह से परेशानियां बढ़ रही हैं और लोगों की मौत भी हो जा रही है उसके बाद इसके इस्तेमाल के बारे में गंभीरता से सोचने की जरूरत है। इससे पहले हमने कई बार यह खबर सुनी है कि रेलवे ट्रैक पर स्मार्टफोन से रील बनाने के दौरान युवाओं की मौत हुई है। इन सब वजहों से ऐसा लगता है कि जिस तरह बंदूक और पिस्तौल का लाइसेंस देने में बहुत जांच परख और कड़ाई की जाती है, उसी तरह बच्चों को स्मार्टफोन देने में भी कोई ऐसा तरीका अपनाया जाना चाहिए जिससे एक तो इनके इस्तेमाल की जरूरत कम से कम पड़े, और दूसरा यह कि इसके इस्तेमाल पर बच्चों की निगरानी की जाए। यही वजह है कि गूगल प्ले स्टोर से ऐप डाउनलोड करने के दौरान जीमेल में यह व्यवस्था दी गई है कि गार्जियन को इसकी जानकारी मिले ताकि वह इस पर नजर रख सकें कि बच्चे किसी खतरे में तो नहीं फंसने वाले हैं। समाज के साथ-साथ सरकार को भी इस गंभीर होती समस्या के बारे में सोचना होगा।
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