छ्पी-अनछ्पी: नए कानून के खिलाफ हड़ताल पर रहे लाखों ड्राइवर, झारखंड में सियासी संकट की आहट

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। हिट एंड रन के लिए नए कानून के विरोध में लाखों बस और ट्रक वालों ने साल के पहले दिन हड़ताल की। इस खबर को अच्छी जगह मिली है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक सरफराज अहमद के विधायकी से इस्तीफ़े के बाद वहां की राजनीति गरमा गई है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी से लगातार समन मिलने के बाद राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा तेज हो गई है। यह खबर सभी अखबारों में है। जापान में भूकंप की खबर भी सभी जगह है।

भास्कर की सबसे बड़ी सुर्खी है: नए कानून से डरे ड्राइवर, देश में 30 लाख ट्रकों के पहिए थम गए। प्रभात खबर की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: ट्रांसपोर्टरों व ड्राइवरों की हड़ताल से राजभर में हलकान रहे यात्री। हिट एंड रन मामले में कानून के नए प्रावधानों के विरोध में देश के सभी राज्यों में ट्रक ड्राइवरों ने वाहन चलाने से इनकार कर दिया है। नतीजा जगह-जगह भारी वाहन सड़कों पर खड़े हो गए हैं। इसके चलते पेट्रोल-डीजल जैसी अति आवश्यक वस्तुओं का परिवहन भी प्रभावित हुआ है। कई राज्यों से पेट्रोल-डीजल पंप ड्राई होने की खबरें हैं। फल, सब्जी, दूध व कृषि उत्पादन का परिवहन प्रभावित हो रहा है।

विरोध किसलिए?

संसद से पारित और कानून बनी भारतीय न्याय संहिता में हिट एंड रन के मामले में लापरवाही से मौत में विशेष प्रावधान किए गए हैं। इसके अनुसार यदि चालक के तेज और लापरवाही से गाड़ी चलाने से मौत होती है और ड्राइवर पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचना दिए बिना भाग जाता है तो 10 साल तक की कैद और सात लाख रुपये तक जुर्माना होगा। अब तक इस मामले में 2 साल की सजा का प्रावधान है। ड्राइवरों की चिंता यह है कि दुर्घटना के बाद वे मौके पर रहे तो उन्हें भीड़ के गुस्से का सामना करना पड़ सकता है।

झारखंड सरकार पर सवाल

प्रभात खबर की खबर है: झारखंड: नेतृत्व बदलाव संभव, गांडेय के विधायक ने छोड़ा पद। झारखंड में आने वाले एक वर्ष के लिए नई सरकार के गठन का प्लॉट तैयार हो रहा है। ईडी की कार्रवाई में घिरी हेमंत सरकार अब नेतृत्व बदल कर सरकार चलाने की रणनीति पर काम कर रही है। ईडी की ओर से दिए गए सातवें व अंतिम समन के बाद बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच गिरिडीह जिले के गांडेय से झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक डॉ सरफराज अहमद ने अपनी सीट छोड़ दी है। डॉक्टर सरफराज ने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो को भेजा जिन्होंने उसे स्वीकार कर लिया है। राजनीतिक हल्कों में चर्चा है कि वर्तमान हेमंत सोरेन सरकार पर ईडी की कार्रवाई के बाद मुसीबत बढ़ी तो मुख्यमंत्री सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन नेतृत्व संभालेंगी। वह गांडेय से चुनाव लड़ेंगी।

जापान में भूकंप

हिन्दुस्तान के अनुसार जापान में सोमवार को पश्चिमी समुद्री क्षेत्र में भूकंप के तेज झटके लगे। इसमें चार लोगों की मौत होने की खबरें हैं। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने बताया कि स्थानीय समयानुसार शाम चार बजे इशिकावा के समुद्र तटों और आसपास के प्रांतों में भूकंप के कई झटके आए। जापान में भूकंप कितना चिंताजनक है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 30 हजार से अधिक घरों में बिजली सप्लाई बाधित हुई है। मध्य जापान में कई प्रमुख राजमार्ग बंद करने पड़े हैं, क्योंकि भूकंप के कारण सड़कों में बड़ी दारारें पड़ गई हैं। इशिकावा प्रांत में कई जगह आग लगने की भी सूचना आ रही है।

भगोड़े शिक्षक सस्पेंड होंगे

जागरण की सबसे बड़ी खबर है: भगोड़े शिक्षकों को निलंबित करने का आदेश। नए साल में सरकारी विद्यालयों के भगोड़े शिक्षकों पर सरकार कड़ी कार्रवाई करने जा रही है। बिहार लोक सेवा आयोग से अनुशंसित एवं नवनियुक्त उन शिक्षकों के मामले में यह कार्रवाई होने जा रही है जो विद्यालयों में योगदान देकर भगोड़े बन चुके हैं। ऐसे शिक्षकों को अब तत्काल निलंबित किया जाएगा। साथ ही उन पर विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी। वही कोचिंग संस्थानों में पढ़ाने वाले शिक्षकों पर भी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए जिले में ऐसे शिक्षक चिन्हित किए जाएंगे।

तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती

प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर है: तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा 24 अगस्त को। बिहार लोक सेवा आयोग ने नए साल में आयोजित होने वाले विभिन्न परीक्षाओं का संशोधित वार्षिक कैलेंडर सोमवार को जारी किया है। संशोधित कैलेंडर में बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा का जिक्र किया गया है। शिक्षक भर्ती परीक्षा 24 अगस्त को आयोजित किए जाएगी। रिजल्ट 24 सितंबर को जारी कर दिया जाएगा।

हर जिले में ड्रोन पुलिस

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: बिहार के हर जिले में अब ड्रोन पुलिस। बिहार में अपराध की जड़ पर चोट के लिए मिशन सुरक्षा के तहत हर जिले में अब ड्रोन पुलिस यूनिट की स्थापना होगी। सभी जिलों में आवश्यकता के अनुसार ड्रोन की खरीद की जाएगी। इसका प्रयोग अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई के क्रम में अभियान (ऑपरेशन) के संचालन, रेकी व सर्विलांस के लिए किया जाएगा।

रेप में गिरफ्तार, भाजपा का प्रचार

भास्कर की खबर है: दुष्कर्म के बाद तीनों ने मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार किया, भाजपा की बैठक में शिरकत की। बीएचयू में 1 नवंबर की रात आईआईटी की छात्रा से दरिंदगी करने वाले तीनों आरोपियों भाजपा आईटी सेल का जिला संयोजक कुणाल पांडे, सहसंयोजक सक्षम पटेल और कार्य समिति सदस्य अभिषेक चौहान तीनों शातिर हैं। वे वारदात के बाद मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार करने चले गए थे। पुलिस सर्विलांस टीम को लोकेशन मध्य प्रदेश में मिली थी। फिर तीनों वाराणसी लौटे और यहां सिगरा स्थित भाजपा कार्यालय में हुई बैठकों में भी शामिल हुए। दूसरी ओर पीड़िता ने 5 दिन बाद ही वीडियो फुटेज में आरोपियों की पहचान कर ली थी, इसके बावजूद पुलिस ने उन्हें ढूंढने में 60 दिन लगा दिए।

कुछ और सुर्खियां

  • तेज पछुआ हवा से 24 घंटे में 5 डिग्री तक लुढ़का तापमान
  • भारत और पाकिस्तान ने अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची साझा की
  • बिहार में प्राइमरी में 7.15 और सेकेंडरी स्कूलों में अब हर दिन 8.35 घंटे की पढ़ाई अनिवार्य
  • उत्तराखंड में कोई भी बाहरी व्यक्ति अब खेती या बागवानी की जमीन नहीं खरीद सकेगा
  • नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी को ‘नैक’ से मिला सी ग्रेड
  • बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस को 6 माह कैद की सजा
  • उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी की 31 करोड़ की संपत्ति
  • कनाडा में रह रहे गैंगस्टर गोल्डी बराड़ आतंकवादी घोषित

अनछपी: आईआईटी बीएचयू की छात्रा से गैंग रेप में गिरफ्तार तीनों मुलज़िम भारतीय जनता पार्टी से जुड़े निकले मगर इसपर मीडिया में जैसी चर्चा होनी चाहिए, वह नहीं हो रही। बनारस पुलिस की आखिर क्या मजबूरी रही होगी कि मुलजिमों की पहचान पांचवें दिन होने के बाद भी उनकी गिरफ्तारी में 60 दिन लगा दिए? बनारस पुलिस पर यह सवाल इसलिए भी उठना है कि गैंग रेप की शिकायत के बाद तीनों मुलजिमों ने मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा का प्रचार किया था। पुलिस को सर्विलांस में उनकी लोकेशन भी मिली थी। यही नहीं मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार के बाद बनारस लौट तीनों ने भाजपा कार्यालय में हुई बैठकों में भी हिस्सा लिया। ऐसा लगता है कि उन तीनों की गिरफ्तारी टालने में सरकारी नेताओं की भूमिका रही लेकिन जब मामला सर से ऊपर चला गया तो हार कर उन्हें गिरफ्तार किया गया। अगर ऐसा नहीं है तो पुलिस को यह बताना चाहिए की लोकेशन मिलने के बावजूद इतने दिनों तक उनकी गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई। भारतीय संस्कृति और संस्कार का सबसे ज्यादा दम भरने वाली भारतीय जनता पार्टी की ओर से इस मामले में चुप्पी साथ ली गई है। भारतीय जनता पार्टी के लिए प्रचार का काम करने वाले कई मीडिया संस्थानों ने इस खबर को नजरअंदाज कर दिया है। भाजपा की आईटी सेल ने भी इसके बारे में कोई सफाई पेश नहीं की है। ऐसा लगता है कि भारतीय जनता पार्टी की रणनीति यह है कि उनकी चर्चा न कर इस मामले को दबा दिया जाए। इस तरह के मामले में कांग्रेस या किसी अन्य विपक्षी दल का कोई आदमी पकड़ा जाता तो अब तक मीडिया में हंगामा मच चुका होता। इसलिए जरूरी है कि वैकल्पिक मीडिया में इसकी चर्चा की जाए और यह सवाल खड़ा किया जाए कि संस्कार की बात करने वाली भारतीय जनता पार्टी के लोग रेप जैसे मामलों में क्यों पकड़ गए हैं। कायदे की बात तो यह थी कि भारतीय जनता पार्टी इस मामले में माफी मांगती और मुलजिमों को कड़ी सजा दिलाने की बात कहती। यह काम अब विपक्ष और वैकल्पिक मीडिया के ज़िम्मे रह गया है।

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