छ्पी-अनछपी: सीएए इसी माह से हो सकता है लागू, ट्रांसपोर्ट हड़ताल फिलहाल वापस

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। विवादास्पद सीएए कानून को लागू करने की हलचल शुरू हो गई है और एक अखबार के मुताबिक यह इसी महीने से लागू हो सकता है। हिट एंड रन के नए कानून के खिलाफ में हड़ताल पर रहे ट्रांसपोर्टरों ने फिलहाल हड़ताल वापस ले ली है। इस खबर को सभी जगह अच्छी कवरेज मिली है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज इंडिया गठबंधन के संयोजक बनाए जा सकते हैं जिसकी खबर पहले पेज पर है।

भास्कर की पहली खबर है: सीएए इसी महीने से संभव। जागरण ने लिखा है: लोकसभा चुनाव के पहले लागू हो जाएगा सीएए। केंद्र सरकार ने 2024 में अपने पहले बड़े कदम के तौर पर नागरिकता संशोधन अधिनियम का लागू करने का फैसला किया है। गृह मंत्रालय के शीर्ष सूत्रों के अनुसार इस कानून के नियम कायदों को इसी महीने 26 जनवरी से पहले अधिसूचित कर दिया जाएगा। केंद्र सरकार का यह फैसला बांग्लादेश से आए हिंदू शरणार्थियों के बहुत काम आएगा। वहीं पाकिस्तान से आए हिंदू सिख शरणार्थियों को भी बड़ी राहत मिल जाएगी। आंकड़ों के मुताबिक 2014 तक पाकिस्तान व अफगानिस्तान से 32000 लोग भारत आए हैं। सीएए लागू होने के ठोस संकेत गृह मंत्री अमित शाह की बंगाल में 27 दिसंबर को हुई घोषणा से मेल खाते हैं।

इस मामले में जागरण ने लिखा है कि सरकार ने सीएए से जुड़े नियमों को तैयार कर लिया है और इन्हें एक दो महीने में अधिसूचित कर लिया जाएगा। ध्यान देने की बात है कि का के तहत अफगानिस्तान, पाकिस्तान व बांग्लादेश से 31 दिसंबर 2014 के पहले आने वाले 6 गैर मुस्लिम अल्पसंख्यक वर्गों (हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी) को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है। इसके लिए इन तीन देशों से आए विस्थापितों को कोई दस्तावेज देने की भी जरूरत नहीं है।

ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल खत्म

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: ट्रांसपोर्टरों ने वार्ता के बाद हड़ताल वापस ली। प्रभात खबर ने लिखा है: दूसरे दिन भी थमे रहे बस और ट्रकों के पहिए, हड़ताल खत्म करने पर सहमति। ‘हिट एंड रन’ मामलों के लिए नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत सख्त जेल और जुर्माना प्रावधानों के खिलाफ ट्रक-टैंकर, बस ऑपरेटरों की हड़ताल मंगलवार रात खत्म हो गई। केंद्र सरकार के साथ वार्ता के बाद ट्रांसपोर्टर्स ने देशव्यापी चक्का जाम वापस ले लिया। हालांकि हड़ताल के दूसरे दिन मंगलवार को बिहार समेत देशभर में ट्रक चालकों ने प्रदर्शन किया। राज्य में देर रात तक वाहनों का आवागमन बाधित रहा। देशभर में लगभग 2,000 पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल-डीजल का स्टॉक खत्म हो गया था।

कैसे वापस हुई हड़ताल

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। भल्ला ने कहा, ‘हमने अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस के प्रतिनिधियों से चर्चा की। सरकार ये बताना चाहती है कि हिट एंड रन मामलों के लिए नए कानून एवं प्रावधान अभी लागू नहीं हुए हैं। भारतीय न्याय संहिता की धारा 106(2) लागू करने से पहले अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस से विचार करने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा।

नीतीश बन सकते हैं इंडिया के संयोजक

प्रभात खबर की खबर है: नीतीश को ‘इंडिया’ का संयोजक बनने का आज आ सकता है प्रस्ताव। इंडिया गठबंधन की बुधवार को राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष नेताओं की वर्चुअल बैठक हो सकती है। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इंडिया का संयोजक बनाए जाने का प्रस्ताव आ सकता है। ऑनलाइन होने वाली बैठक की कांग्रेस समेत किसी भी सहयोगी दल ने पुष्टि नहीं की है लेकिन कांग्रेस की ओर से इसका खंडन भी नहीं किया गया है।

जाति सर्वे का ब्योरा

प्रभात खबर की दूसरी सबसे बड़ी खबर सुप्रीम कोर्ट का आदेश है: जाति सर्वे का पूरा विवरण सार्वजनिक करे राज्य ताकि निष्कर्ष को चुनौती दी जा सके। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बिहार सरकार से कहा कि वह जाति सर्वेक्षण का पूरा विवरण सार्वजनिक करे ताकि असंतुष्ट लोग निष्कर्ष को चुनौती दे सकें। साथ ही कोर्ट ने बिहार सरकार से सर्वे रिपोर्ट अदालत में पेश करने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपंकर दत्ता की पीठ ने उन याचिकाकर्ताओं को कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया जिन्होंने जाति सर्वेक्षण और इस तरह की कवायद करने के बिहार सरकार के फैसले को बरकरार रखने वाले पटना उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 5 फरवरी की तारीख निर्धारित की है।

भाजपा जलवाएगी ‘राम ज्योति’

जागरण की खबर है कि अयोध्या में श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर चल रही आस्था की बयार के बीच भाजपा भी इस पुण्य कार्य में सहयोग की पूर्णाहुति देना चाहती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान का अनुसरण करते हुए भाजपा संगठन ने घर-घर राम ज्योति प्रज्ज्वलन करने के लिए देशवासियों को प्रेरित करने का जिम्मा अपने कार्यकर्ताओं को सौंपा है। इसके लिए 14 से 22 जनवरी तक सभी राज्यों के धार्मिक स्थलों पर स्वच्छता अभियान चलाने का भी निर्देश राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दिया है।

ईवीएम और वीवीपैट का मुद्दा

लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी गठबंधन इंडिया ने एवं वीवीपैट से जुड़े अपने कुछ सवालों का स्पष्टीकरण हासिल करने के लिए चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है कांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश ने मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को पत्र लिखकर कहा है कि पारदर्शिता को लेकर कुछ सवाल है जिन पर स्थिति स्पष्ट की जानी चाहिए। लिहाजा इंडिया के प्रतिनिधिमंडल को मिलने के लिए जल्द समय दें। इंडिया गठबंधन के शीर्ष नेताओं की 19 दिसंबर को हुई चौथी बैठक में ईवीएम एवं वीवीपैट मुद्दे पर हुई चर्चा के बारे में जयराम रमेश ने मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखे पत्र में कहा है कि वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) से जुड़े कुछ सवालों के बारे में स्पष्टीकरण हासिल करने के लिए विपक्ष नेता चुनाव आयोग से मिलने का काफी वक्त से प्रयास कर रहे हैं।

कुछ और सुर्खियां

  • बेरूत में इसराइल के धमाके में हमास के उप प्रमुख सालेह अल अरूरी की मौत
  • देश में सबसे अधिक साइबर क्राइम तेलंगाना और महाराष्ट्र में, बिहार-झारखंड तीसरे नंबर पर
  • झारखंड में सत्ताधारी दलों की बैठक आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पत्नी को सत्ता सौंपने की बात खारिज की
  • बेगूसराय में घर में आग लगने से पति-पत्नी और दो बच्चे जिंदा जले
  • लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा का नारा- अबकी बार 400 पार
  • जापान में रनवे पर विमान में लगी आग, बाल-बाल बच्चे 379 लोग
  • बिहार में फरवरी तक नरेंद्र मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा व राजनाथ सिंह की 10 रैलियां

अनछपी: हिट एंड रन के मामले में सरकार से बातचीत के बाद ट्रांसपोर्टों की हड़ताल स्थगित होने की खबर से राहत मिली है लेकिन यह सवाल पैदा होता है कि आखिर यह स्थिति पैदा ही क्यों हुई? देश की सत्ता चला रही भारतीय जनता पार्टी के बारे में यह आरोप लगता है कि उसका विपक्ष से विचार विमर्श करने का बिल्कुल इरादा नहीं रहता। यही कारण है कि पिछले संसदीय सत्र में विपक्षी सांसदों के निष्कासन के बीच कई कानून पारित करा लिए गए और उसे पर कोई बहस नहीं हो पाई। क्या यह कहना सही नहीं होगा कि सरकार की अदूरदर्शिता और हठधर्मिता के कारण ऐसी स्थिति पैदा हुई के लाखों लोग और लाखों ट्रांसपोर्टर दो दिन तक परेशान रहे। अभी आगे क्या होगा यह भी नहीं कहा जा सकता। हालांकि अखबारों ने लिख दिया है कि ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल खत्म हुई है लेकिन सच्चाई यह है कि अभी इसका खतरा बरकरार है और यह फिलहाल टाली गई है। सरकारी अधिकारी ने ट्रांसपोर्टरों की मांग पर विचार विमर्श का आश्वासन दिया है लेकिन क्या आश्वासन के बाद सरकार उस कानून में बदलाव के लिए तैयार होगी जिसका विरोध हो रहा है? क्या यह बेहतर नहीं होता कि इस कानून को लागू करने से पहले ट्रांसपोर्टरों के साथ बातचीत कर ली जाती? आखिर सरकार को इस बात की इजाजत कैसे मिलती है कि वह बिना विचार विमर्श के कानून में ऐसे बदलाव लाती है जिसके कारण उसे बाद में परेशानी उठानी पड़ती है? ऐसे ही परेशानी नोटबंदी के कारण भी हुई थी लेकिन उसके बावजूद लोगों ने भारतीय जनता पार्टी को दोबारा सत्ता सौंप दी। सरकार के कानून का विरोध कर रहे ट्रांसपोर्टर क्या सरकार के खिलाफ वोट भी डालेंगे या यह महज उनका अभी का गुस्सा है? ऐसा लगता है कि भारतीय जनता पार्टी को पूरा भरोसा है कि वह चाहे जैसे कानून बना ले लोग उसे ही वोट डालेंगे। ऐसे में सरकार से शिकायत की बहुत गुंजाइश नहीं बनती। देखना यह है कि अगले कुछ हफ्तों में सरकार ट्रांसपोर्टरों की मांग मानते हुए कानून में बदलाव करती है या उन्हें बहलावा देती है।

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